अलंकार

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काव्य की शोभा बढ़ाने वाले शब्दों को अलंकार कहते है। जिस प्रकार नारी के सौन्दर्य को बढ़ाने के लिए आभूषण होते है,उसी प्रकार भाषा के सौन्दर्य के उपकरणों को अलंकार कहते है। इसीलिए कहा गया है - 'भूषण बिना न सोहई -कविता ,बनिता मित्त।'

मानव समाज सौन्दर्योपासक है ,उसकी इसी प्रवृत्ति ने अलंकारों को जन्म दिया है। शरीर की सुन्दरता को बढ़ाने के लिए जिस प्रकार मनुष्य ने भिन्न -भिन्न प्रकार के आभूषण का प्रयोग किया ,उसी प्रकार उसने भाषा को सुंदर बनाने के लिए अलंकारों का सृजन किया। काव्य की शोभा बढ़ाने वाले शब्दों को अलंकार कहते है। जिस प्रकार नारी के सौन्दर्य को बढ़ाने के लिए आभूषण होते है,उसी प्रकार भाषा के सौन्दर्य के उपकरणों को अलंकार कहते है। इसीलिए कहा गया है - 'भूषण बिना सोहई -कविता ,बनिता मित्त।'



अलंकार के भेद - इसके तीन भेद होते है -
१.शब्दालंकार २.अर्थालंकार ३.उभयालंकार

१.शब्दालंकार :- जिस अलंकार में शब्दों के प्रयोग के कारण कोई चमत्कार उपस्थित हो जाता है और उन शब्दों के स्थान पर समानार्थी दूसरे शब्दों के रख देने से वह चमत्कार समाप्त हो जाता है,वह पर शब्दालंकार माना जाता है। शब्दालंकार के प्रमुख भेद है - १.अनुप्रास २.यमक ३.शेष


१.अनुप्रास :- अनुप्रास शब्द 'अनु' तथा 'प्रास' शब्दों के योग से बना है । 'अनु' का अर्थ है :- बार- बार तथा 'प्रास' का अर्थ है - वर्ण । जहाँ स्वर की समानता के बिना भी वर्णों की बार -बार आवृत्ति होती है ,वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है । इस अलंकार में एक ही वर्ण का बार -बार प्रयोग किया जाता है । जैसे -

जन रंजन मंजन दनुज मनुज रूप सुर भूप
विश्व बदर इव धृत उदर जोवत सोवत सूप । ।



अनुप्रास अलंकार के तीन भेद होते हैं -
१ . छेकानुप्रास - जहाँ एक या अनेक वर्णों की आवृति केवल दो बार होती हैं जैसे छेकानुप्रास कहते हैं . जैसे - 

 "राधा के बर बैर सुनि ,चीनी चकित सुभाय .
 दास दुखी मिशरी मुरी ,सुधा रही सकुचाय . "

२. वृत्यानुप्रास - जहाँ एक या अनेक वर्णों की समता बार - बार हो वह वृत्यानुप्रास होता है . जैसे - 
  "तरनि - तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाये ." 

यहाँ "त" शब्द की आवृति बार - बार होने से वृत्यानुप्रास हुआ .

३. लाटानुप्रास - जहाँ शब्द या वाक्यों की आवृति हो तथा प्रत्येक स्थान पर अर्थ भी वही पर अन्वय करने पर भिन्नता आ जाय वहाँ लाटानुप्रास होता है.  जैसे -
 लाली मेरे लाल की जित देख तित लाल . 
 लाली देखन मैं चली मैं भी हो गयी लाल . 

यहाँ पर दोनों स्थानों में लाल और लाली शब्दों को देखने से एक ही प्रतीत होते हैं पर दोनों में अन्वय करने पर भिन्नता आ जाती है .


२.यमक अलंकार :- जहाँ एक ही शब्द अधिक बार प्रयुक्त हो ,लेकिन अर्थ हर बार भिन्न हो ,वहाँ यमक अलंकार होता है। उदाहरण -
कनक कनक ते सौगुनी ,मादकता अधिकाय
वा खाये बौराय नर ,वा पाये बौराय। ।
यहाँ कनक शब्द की दो बार आवृत्ति हुई है जिसमे एक कनक का अर्थ है - धतूरा और दूसरे का स्वर्ण है ।



३.श्लेष अलंकार :- जहाँ पर ऐसे शब्दों का प्रयोग हो ,जिनसे एक से अधिक अर्थ निलकते हो ,वहाँ पर श्लेष अलंकार होता है । जैसे -
चिरजीवो जोरी जुरे क्यों सनेह गंभीर
को घटि ये वृष भानुजा ,वे हलधर के बीर। ।
यहाँ वृषभानुजा के दो अर्थ है - १.वृषभानु की पुत्री राधा २.वृषभ की अनुजा गाय । इसी प्रकार हलधर के भी दो अर्थ है - १.बलराम २.हल को धारण करने वाला बैल


अर्थालंकार
जहाँ अर्थ के माध्यम से काव्य में चमत्कार उत्पन्न होता है ,वहाँ अर्थालंकार होता है । इसके प्रमुख भेद है - १.उपमा २.रूपक ३.उत्प्रेक्षा ४.दृष्टान्त ५.संदेह ६.अतिशयोक्ति


१.उपमा अलंकार :- जहाँ दो वस्तुओं में अन्तर रहते हुए भी आकृति एवं गुण की समता दिखाई जाय ,वहाँ उपमा अलंकार होता है । उदाहरण -
सागर -सा गंभीर ह्रदय हो ,
गिरी -सा ऊँचा हो जिसका मन
इसमे सागर तथा गिरी उपमान ,मन और ह्रदय उपमेय सा वाचक ,गंभीर एवं ऊँचा साधारण धर्म है।

उपमा अलंकार के भेद -
उपमा के दो भेद होते हैं - १. पूर्णोपमा और लुप्तोपमा

१.पूर्णोपमा -  इसमें उपमा के सभी अंग जैसे - उपमेय ,उपमान ,साधारण धर्म और औप्मय उपस्थित होते हैं ,अतः यह कहलाती हैं . जैसे - सागर सा गंभीर ह्रदय हो , गिरी - सा ऊँचा हो जिसका मन . 

२.लुप्तोपमा -  जहाँ उपमा के चारों अंगों में से किसी एक ,दो या तीनों का लोप लो वहाँ लुप्तोमा होती है . जैसे - कल्पना सी अतिशय कोमल . इसमें उपमेय लुप्त हैं .इसमें कल्पलता उपमान है ,अतिशय कोमल साधारण धर्म .


२.रूपक अलंकार :- जहाँ उपमेय पर उपमान का आरोप किया जाय ,वहाँ रूपक अलंकार होता है , यानी उपमेय और उपमान में कोई अन्तर न दिखाई पड़े । उदाहरण -
बीती विभावरी जाग री
अम्बर -पनघट में डुबों रही ,तारा -घट उषा नागरी ।'
यहाँ अम्बर में पनघट ,तारा में घट तथा उषा में नागरी का अभेद कथन है।


रूपक अलंकार के तीन भेद होते हैं - 

१. सम रूपक - इसमें उपमेय एवं उपमान में समता दिखाई जाति है . जैसे
 बीती विभावरी जाग री . 
अम्बर - पनघट में डुबा रही ,तारघट उषा - नागरी .. 

२. अधिक रूपक - जहाँ उपमेय में उपमान की तुलना में कुछ न्यूनता का ही बोध हो वहाँ रूपक होता है . 

३. न्यून रूपक - इसमें उपमान की तुलना में उपमेय को न्यून दिखाया जाता है . जैसे -

जनम सिन्धु विष बन्धु पुनि ,दीन मलिन सकलंक 
सिय मुख समता पावकिमि चन्द्र बापुरो रंक .. 




३.उत्प्रेक्षा अलंकार :- जहाँ उपमेय को ही उपमान मान लिया जाता है यानी अप्रस्तुत को प्रस्तुत मानकर वर्णन किया जाता है। वहा उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। यहाँ भिन्नता में अभिन्नता दिखाई जाती है। उदाहरण -
सखि सोहत गोपाल के ,उर गुंजन की माल
बाहर सोहत मनु पिये,दावानल की ज्वाल । ।


यहाँ गूंजा की माला उपमेय में दावानल की ज्वाल उपमान के संभावना होने से उत्प्रेक्षा अलंकार है।

उत्प्रेक्षा अलंकार के तीन भेद होते हैं -

१. वस्तुप्रेक्षा - जहाँ प्रस्तुत में अप्रस्तुत की संभावना प्रकट की जाय , उसे वस्तुप्रेक्षा कहते हैं .जैसे -

"सखि सोहत  गोपाल के ,उर गुंजन की माल .
बाहर लसत मनो पिये ,दावानल की ज्वाल ."

२. हेतुप्रेक्षा - जहाँ अहेतु में हेतु की संभावना की जाती है अर्थात वहाँ वास्तविक कारण को छोड़कर अन्य हेतु को मान लिया जाता है .

३. फलोत्प्रेक्षा - इनमें वास्तविक फल के न होने पर भी उसी को फल मान लिया जाता है . जैसे -

खंजरीर नहीं लखि परत कुछ दिन साँची बात .
बाल दृगन सम हीन को करन मनो तप जात ..



४.अतिशयोक्ति अलंकार :- जहाँ पर लोक -सीमा का अतिक्रमण करके किसी विषय का वर्णन होता है । वहाँ पर अतिशयोक्ति अलंकार होता है। उदाहरण -
हनुमान की पूंछ में लगन पायी आगि
सगरी लंका जल गई ,गये निसाचर भागि। ।
यहाँ हनुमान की पूंछ में आग लगते ही सम्पूर्ण लंका का जल जाना तथा राक्षसों का भाग जाना आदि बातें अतिशयोक्ति रूप में कहीं गई है।

५.संदेह अलंकार :- जहाँ प्रस्तुत में अप्रस्तुत का संशयपूर्ण वर्णन हो ,वहाँ संदेह अलंकार होता है। जैसे -

'सारी बिच नारी है कि नारी बिच सारी है
कि सारी हीकी नारी है कि नारी हीकी सारी है । '
इस अलंकार में नारी और सारी के विषय में संशय है अतः यहाँ संदेह अलंकार है ।


६.दृष्टान्त अलंकार :- जहाँ दो सामान्य या दोनों विशेष वाक्य में बिम्ब -प्रतिबिम्ब भाव होता है ,वहाँ पर दृष्टान्त अलंकार होता है। इस अलंकार में उपमेय रूप में कहीं गई बात से मिलती -जुलती बात उपमान रूप में दूसरे वाक्य में होती है। उदाहरण :-
'एक म्यान में दो तलवारें ,
कभी नही रह सकती है
किसी और पर प्रेम नारियाँ,
पति का क्या सह सकती है । । '
इस अलंकार में एक म्यान दो तलवारों का रहना वैसे ही असंभव है जैसा कि एक पति का दो नारियों पर अनुरक्त रहना । अतः यहाँ बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव दृष्टिगत हो रहा है।


उभयालंकार
जहाँ काव्य में शब्द और अर्थ दोनों का चमत्कार एक साथ उत्पन्न होता है ,वहाँ उभयालंकार होता है । उदाहरण - 'कजरारी अंखियन में कजरारी लखाय।'

इस अलंकार में शब्द और अर्थ दोनों है।

भ्रांतिमान अलंकार - जहाँ उपमान एवं उपमेय दोनों को एक साथ देखने पर उपमान का निश्चयात्मक भ्रम हो जाय अर्थात जहाँ एक वस्तु को देखने पर दूसरी वस्तु का भ्रम हो जाए ,वहाँ भ्रांतिमान अलंकार होता है .जैसे -

 पायें महावर देन को नाइन बैठी आय ।
 फिरि-फिरि जानि महावरी, ऐड़ी भीड़त जाय ।  

इसमें नायिका की लाल एड़ियों को देखर नाईन महावर समझकर रगड़ती है .

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COMMENTS

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  1. उपयोगी जानकारी के लिये धन्यवाद

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  2. बहुत उपयोगी जानकारी है आपके ब्लाग को आब नियमित रूप से पढना पढेगा और पिछली पोस्टज़ भी बहुत उपयोगी हैं बहुत बहुत धन्यवाद्

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  3. BAHOOT HI UPYOGI ....... GYAANVARDHAK JAANKAARI UPLABDH KARATE HAIN AAP .....SHUKRIYA

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  4. उपमा अलंक़ार क़े भेद
    kripa kar ke batay ki upma alankar ke bhed kitne hote hai aur kya hote hai???
    ya jitni bhi jankari ho sake bhejne ka kast kare
    thank you
    cinjul27@gmail.com

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  5. it is really a good site. thx for this sincere effort

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  6. upma alankar ke kitna bhed hote hai. Kripya batayen.

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  7. बेनामीजून 03, 2010 5:12 pm

    jankari aur bhi hoti to aur bhi jyad behtar hota saath hi vishtaarpurvak jankari honi chahiye thi.MUKESH

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  8. kya aap aur udharan hote to accha hota

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  9. manvikaron ke udharan toh he hi nahi.

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  10. aap kripya manvikaran ke udharan bata ne kaa kast kare.
    thank you

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  11. बेनामीजून 16, 2010 12:54 am

    it wassss relly helpfull sweetuy.......who so evr made it.....thnxxxx a lotttttttttttttttt...........keep it uppp....n thnxxxxxx again......
    love yaa.....tc .....

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  12. इस जानकारी कॆ लिए आपका शुक्रिया।

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  13. कृपया करके मानवीकरण के उदहारण दीजिए|

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  14. pankaj hamara raya ya hai ki aapka laikhanch bhauth shahi hai

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  15. hey what about manvikaran?????????????????pls give information about it........i beagg u...........wil u do that????????????????

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  16. very helpful in exam pls give examples

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  17. jankari k liye thx sabhi alankaro ki jankari vishleshan sahit uplabdh krayen siromprakash@gmail.com

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  18. kripya mujhe Bhashan ke mukhya bhag ke barein me batane ka kast karein.

    Dhanyavad
    Nitin Chadda from Delhi

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  19. muje internet kee maded se mary school ke sary kam ho jaty he thanks (179)

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  20. THANKS internet aaj net ke maded sy me apny kan karta ho

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  21. उपयोगी जानकारी के लिये धन्यवाद

    कृपया करके और अलंकार दीजिए

    .

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  22. good one thanks for information

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  23. bahut acchi jaankari hai.... bahut hi upyogi aur atyant saral bhasha.

    Thanks

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  24. it really helps me to understand alankar

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  25. isme baaki k alankar b add karo

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  26. It's a great job!This article really helped me a lot..Thank you very much...plz explain ubhayalankar and utpreksha alankar with some more examples.....

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  27. it is really helpful. the knowledge is receivable in compact and short form.

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  28. thank u soooo much fr dis valueable help

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  29. apne jp gyan batan hai uska mujhe bhut phle se intjaar tha. apko tahe dil se dhanybad. agar hindi grammer ki koi online quiz ka site ho yo pls bataye mujhe. my email id-deepak070573@gmail.com

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  30. बेहद उपयोगी लेख है... साधुवाद !!!

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  31. गुरजीत सिंह बदोहलअप्रैल 07, 2012 5:25 am

    अलंकार प्रस्तुत करने और समझाने का आपका बहुत बहुत धन्यवाद ! कृपया, समास की भी जानकारी देने का कष्ट करें!!

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  32. अन्योक्ति और मानवीकरण
    ye konse अलंकार hai

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  33. Its not good
    ..
    ..
    ..
    ..
    ..
    ..
    ..
    ..
    ......
    But the best of the bests

    जवाब देंहटाएं
  34. बेनामीमई 06, 2012 12:58 pm

    i m happy i m indian and hindi our language bez only hidni is one of the greatest language that give us these type of goodness

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  35. बेनामीमई 16, 2012 11:17 pm

    Hindi hai NADEE KI DHARA

    RUKNA USKA KAAM NAHI.

    HINDI HINDUSTAN KI HI NAHI

    VARAN SARE SANSAR KI BHASHA BAN GAI H.

    KIRAN
    PANIPAT
    HARAYANA

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  36. kripa krke alankaron ki kuch or udharane shamil ki jaye. poonam sharma

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  37. YE SARAL BASHA ME HONE KE KARAN SAMAJENA AASAN HAI.THANKS TO HINDIKUNJ.........................

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  38. prayash accha hai. hindi ke baare me samajhne me madad milegi .
    world education day

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  39. agar hindi ko suru se vistrit roop me samjhaya jaye to behatar hoga

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  40. आपने बहोत अच्छे काम किया,

    उपयोगी जानकारी के लिये धन्यवाद

    कृपया करके और अलंकार दीजिए

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  41. mai hindi se bahut pyar karta hu , lakin pata nahi kyon hum log aajkal english ko mehatwa dene lage hai
    hume hindi ko or bhi sakriya karna hoga

    जवाब देंहटाएं
  42. In sabhi mitra gano ne apke forum ki badai me ATISHYOKTI alankar ka prayog kiya hai....just kidding hehe...Pankaj Nayal.

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  43. thanks plz ....or alankar bataiye.....

    जवाब देंहटाएं
  44. इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.

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  45. hindi is best literature for second year of ctu sylabush

    जवाब देंहटाएं
  46. hindi is best literature for second year of ctu sylabush

    जवाब देंहटाएं
  47. वाह भाई कमाल कर दिया हिन्दी एक वैज्ञानिक भाषा है

    जवाब देंहटाएं
  48. apke dwara di gaie jankari bahut opyogi hai.................... acchi kosis ke liye dhanyawad.....

    जवाब देंहटाएं
  49. maine socha nahi tha ki ukt jankari net se mil ta hai, bahut hi madadgar hai

    जवाब देंहटाएं
  50. very good but i don't know why you don't give more examples so that we can understand more plz give more examples of alankar.

    but very very very very very very very very very very very very very very very very very very very
    thaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaankkk uuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuu.

    जवाब देंहटाएं
  51. किताबी ज्ञान से हटकर समझायेंगे और बेहत्तर होगा ःधन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  52. किताबी ज्ञान से हटकर समझायेंगे और बेहत्तर होगा ःधन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  53. dhanyabad aap ka karya santosh janak hai.

    जवाब देंहटाएं
  54. Aap aalankaro k udaharan aur likhe.
    Thanks
    s

    जवाब देंहटाएं
  55. Just come to know about your web,It's really helpful .

    जवाब देंहटाएं
  56. Your notes are very helpful to me.thx a lot

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  57. charan bando hari rai me kon sa alankaar he.....

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  58. बेनामीमई 19, 2013 10:41 am

    thanx, for ur so good help!!!

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  59. बेनामीजून 17, 2013 10:05 am

    BAHUT HI VISTAAR SE JAANKARI DI HUI HAI..... AAPKA BAHUT BAHUT DHANYAWAAD...... AISE HI JAANKARIYAAN UPDATE KARTE RAHIYE AUR HUM JAISE BACHCHON KO AAPKE LEKHAN KA LAABH UTHANE DIJIYE....
    Rashmi Bhat

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  60. बेनामीजून 29, 2013 7:51 am

    thanks for this page
    meri jankari clear ho gayi
    thanks again
    king.............

    जवाब देंहटाएं
  61. बेनामीजून 29, 2013 7:53 am

    thanks for this page
    alankar clear ho gaye
    thoda aur detail me hona tha
    but enough for me
    king.....

    जवाब देंहटाएं
  62. can i get more examples of each alankar
    tanisha joshi
    ... joshi9081@rediffmail.com

    जवाब देंहटाएं
  63. charan dharat sanka karat,shravan na chahat shor\ suvaran ko dhundhat phire kavi kami aru chor

    जवाब देंहटाएं
  64. धन्यवाद यह अलंकरण हिंदी की शिक्षक तैयारी करने वालो के लिए सर्वोत्तम हैं

    जवाब देंहटाएं
  65. mahesh prajapat Toltex sanganer tonk road jaipur

    hindi kung is a very good for hindi teaching students and teacher

    very very thank you


    mahesh M.A HINDI subject

    जवाब देंहटाएं
  66. hindi kung La-javb hai
    mahesh M.A hindi

    जवाब देंहटाएं
  67. सब गुरुजन को बुरा बतावै ,अपनी खिचड़ी अलग पकावे
    उपरोक्त पंकित में कौन सा अलंकार है कृपया बताने का कष्ट करें ?

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर


    1. यह अलंकृत कविता न होकर कदाचित कहावती कविता है.....

      हटाएं
  68. इन शबदो के ईसतीरिलिगं बताओ 1 मुगली 2 भगवान

    जवाब देंहटाएं
  69. chand ke baare me bhi jankari dene ki krapa kare.

    जवाब देंहटाएं
  70. yg.cse.iitk.ac.in/Hinduismनवंबर 13, 2013 6:42 am

    Bil Vichaari Ke Pravishan Lagyo, Vyaal Sund` Men Vyaal
    Taaoo Kari Ari Lakhhi, Liyo Uth`aaee Utaal

    Is Padya Men` BhraantiMaan Alankaar Hai Jo AapNe Naheen` Likhaa Hai, Kri`payaa IsKo Bhee Sammlit KarNe Kaa Kash`t` Karen`.

    बिल विचारि के प्रविशन लग्यो, व्याल सुण्ड मेन व्याल
    ताऊ करि अरि लख्हि, लियो उठाई उताल
    इस पद्य में भ्रान्तिमान अलङ्कार है जो आपने नहीं लिखा है, कृपया इसको भी सम्म्लित करने का कष्ट करें.

    जवाब देंहटाएं
  71. yg.cse.iitk.ac.in/Hinduismनवंबर 13, 2013 6:45 am

    बिल विचारि के प्रविशन लग्यो, व्याल सुण्ड में व्याल
    ताऊ करि अरि लखि, लियो उठाई उताल

    इस पद्य में भ्रान्तिमान अलङ्कार है जो आपने नहीं लिखा है, कृपया इसको भी सम्म्लित करने का कष्ट करें.

    जवाब देंहटाएं
  72. यह एक बहुत ही सदुपयोगी वैबसाइट है

    जवाब देंहटाएं
  73. बहुत ही अच्छा एवं सार्थक

    जवाब देंहटाएं
  74. बहुत ही अच्छा एवं सार्थक

    जवाब देंहटाएं
  75. बहुत ही अच्छा एवं सार्थक

    जवाब देंहटाएं
  76. manvikaran alankaar kaha hai bhai

    जवाब देंहटाएं
  77. Thanx ye samjhane k liye but kya apki koe aur b site h jisme aur achhe se smjhaya gya ho kyoki muje smj ni aate ache se kbi bi

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  78. aaj 44 ke umar me hindi sahitya me M A kare ke saunkh jag ge.
    bada nik lagis tor alankar ke giyan gaa.
    abhari rabo tor au karbo dhiyan gaa.

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  79. very good (ye jankari competition k liye upyogi)

    जवाब देंहटाएं
  80. THANKS A LOTS FOR PRECIOUS KNOWLEDGE ABOUT ALANKAR AND RAS FOR HELP OF STUDENT OF HINDI LITERATURE

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  81. bahut hi mulayavan aur systemetic tarike se samjaya hai

    जवाब देंहटाएं
  82. bahut hi mulayavan aur systematic tarika se samjaya hai

    जवाब देंहटाएं
  83. vakrokti or vyaj stuti alankar ki jankari de

    जवाब देंहटाएं
  84. bhartiya kavya chintan ki prampra m ras sidhant k mhatav ko spast kare ? plz iska ans bta do or samja b do

    जवाब देंहटाएं
  85. महोदय,
    यदि उदहारण का अर्थ लिख कर फिर अलंकार समझते तो ज्यादा अच्छे से समझ में आता.
    धन्यवाद

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  86. बहुत ही अच्छी तरह से प्रस्तुत किया गया हैँ ।

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  87. rawansir saroj banchari chali raghuveer silimukhdhari
    isme kaun sa alankar hai explain karke bataiye

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  88. Realy toooo gud .bhlai ki suply jariiii rkhew

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  89. Bohot upayogi tha mere liye ... ish jankari ne bohot madad kara meri assingment pura krne main

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  90. सागर सरिस गभीर हो गिरी सरिस हो धीर..,
    तन पर जति सम चीर हो तासु नाउ रघुबीर.....

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  91. in muhavaro ke arth aasan hindi mein bhi likhe

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  92. Its vry nice bt pls give few more examples...

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  93. यहाँ पर हिंदी का सही और समुचित ज्ञान दिया गया है जिससे मै बहुत प्रसन हू और हिंदी कुन्ज का धन्यवाद करता हू और मै आप का बहुत आभारी हू

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  94. RUPAK aur MANVIKARAN is missing. aur संदेह अलंकार
    दृष्टान्त अलंकार Extra hain meri BOOK mein to nahi hain. meri book EVERGREEN PUBLICCATION se hain jiski WEBSITE ME LICKH RAHA HOON :-- WWW.EVERGREENPUBLICATIONS.CO.IN

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  95. Mai to matr mrttika hu me...kaun sa alankar hai?plz tell me....

    जवाब देंहटाएं
  96. बेनामीमई 15, 2017 11:20 am

    Rash alankar kise khete hai...kripa krke jabab dijiye pls.....

    जवाब देंहटाएं
  97. बेनामीमई 30, 2017 6:06 pm

    I impress it. Awesome

    जवाब देंहटाएं
  98. Bahut hi sundar dhang sealankaar samjhaneke liye dhanyavaad

    जवाब देंहटाएं
  99. Bahot achchha lava sir ye lekh mera bahot kaam aayega....
    Thanks sir....

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  100. अपनी टिप्पणी लिखें... यहाँ पर हिंदी का सही और समुचित ज्ञान दिया गया है जिससे मै बहुत प्रसन हू और हिंदी कुन्ज का धन्यवाद करता हू और मै आप का बहुत आभारी

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हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika: अलंकार
अलंकार
काव्य की शोभा बढ़ाने वाले शब्दों को अलंकार कहते है। जिस प्रकार नारी के सौन्दर्य को बढ़ाने के लिए आभूषण होते है,उसी प्रकार भाषा के सौन्दर्य के उपकरणों को अलंकार कहते है। इसीलिए कहा गया है - 'भूषण बिना न सोहई -कविता ,बनिता मित्त।'
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