काव्य की शोभा बढ़ाने वाले शब्दों को अलंकार कहते है। जिस प्रकार नारी के सौन्दर्य को बढ़ाने के लिए आभूषण होते है,उसी प्रकार भाषा के सौन्दर्य के उपकरणों को अलंकार कहते है। इसीलिए कहा गया है - 'भूषण बिना न सोहई -कविता ,बनिता मित्त।'
मानव समाज सौन्दर्योपासक है ,उसकी इसी प्रवृत्ति ने अलंकारों को जन्म दिया है। शरीर की सुन्दरता को बढ़ाने के लिए जिस प्रकार मनुष्य ने भिन्न -भिन्न प्रकार के आभूषण का प्रयोग किया ,उसी प्रकार उसने भाषा को सुंदर बनाने के लिए अलंकारों का सृजन किया। काव्य की शोभा बढ़ाने वाले शब्दों को अलंकार कहते है। जिस प्रकार नारी के सौन्दर्य को बढ़ाने के लिए आभूषण होते है,उसी प्रकार भाषा के सौन्दर्य के उपकरणों को अलंकार कहते है। इसीलिए कहा गया है - 'भूषण बिना न सोहई -कविता ,बनिता मित्त।'
१.शब्दालंकार २.अर्थालंकार ३.उभयालंकार
१.शब्दालंकार :- जिस अलंकार में शब्दों के प्रयोग के कारण कोई चमत्कार उपस्थित हो जाता है और उन शब्दों के स्थान पर समानार्थी दूसरे शब्दों के रख देने से वह चमत्कार समाप्त हो जाता है,वह पर शब्दालंकार माना जाता है। शब्दालंकार के प्रमुख भेद है - १.अनुप्रास २.यमक ३.शेष
१.अनुप्रास :- अनुप्रास शब्द 'अनु' तथा 'प्रास' शब्दों के योग से बना है । 'अनु' का अर्थ है :- बार- बार तथा 'प्रास' का अर्थ है - वर्ण । जहाँ स्वर की समानता के बिना भी वर्णों की बार -बार आवृत्ति होती है ,वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है । इस अलंकार में एक ही वर्ण का बार -बार प्रयोग किया जाता है । जैसे -
जन रंजन मंजन दनुज मनुज रूप सुर भूप ।
विश्व बदर इव धृत उदर जोवत सोवत सूप । ।
विश्व बदर इव धृत उदर जोवत सोवत सूप । ।
अनुप्रास अलंकार के तीन भेद होते हैं -
१ . छेकानुप्रास - जहाँ एक या अनेक वर्णों की आवृति केवल दो बार होती हैं जैसे छेकानुप्रास कहते हैं . जैसे -
"राधा के बर बैर सुनि ,चीनी चकित सुभाय .
दास दुखी मिशरी मुरी ,सुधा रही सकुचाय . "
२. वृत्यानुप्रास - जहाँ एक या अनेक वर्णों की समता बार - बार हो वह वृत्यानुप्रास होता है . जैसे -
"तरनि - तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाये ."
यहाँ "त" शब्द की आवृति बार - बार होने से वृत्यानुप्रास हुआ .
३. लाटानुप्रास - जहाँ शब्द या वाक्यों की आवृति हो तथा प्रत्येक स्थान पर अर्थ भी वही पर अन्वय करने पर भिन्नता आ जाय वहाँ लाटानुप्रास होता है. जैसे -
लाली मेरे लाल की जित देख तित लाल .
लाली देखन मैं चली मैं भी हो गयी लाल .
यहाँ पर दोनों स्थानों में लाल और लाली शब्दों को देखने से एक ही प्रतीत होते हैं पर दोनों में अन्वय करने पर भिन्नता आ जाती है .
२.यमक अलंकार :- जहाँ एक ही शब्द अधिक बार प्रयुक्त हो ,लेकिन अर्थ हर बार भिन्न हो ,वहाँ यमक अलंकार होता है। उदाहरण -
कनक कनक ते सौगुनी ,मादकता अधिकाय ।
वा खाये बौराय नर ,वा पाये बौराय। ।
यहाँ कनक शब्द की दो बार आवृत्ति हुई है जिसमे एक कनक का अर्थ है - धतूरा और दूसरे का स्वर्ण है ।
३.श्लेष अलंकार :- जहाँ पर ऐसे शब्दों का प्रयोग हो ,जिनसे एक से अधिक अर्थ निलकते हो ,वहाँ पर श्लेष अलंकार होता है । जैसे -
चिरजीवो जोरी जुरे क्यों न सनेह गंभीर ।
को घटि ये वृष भानुजा ,वे हलधर के बीर। ।
यहाँ वृषभानुजा के दो अर्थ है - १.वृषभानु की पुत्री राधा २.वृषभ की अनुजा गाय । इसी प्रकार हलधर के भी दो अर्थ है - १.बलराम २.हल को धारण करने वाला बैल
अर्थालंकार
जहाँ अर्थ के माध्यम से काव्य में चमत्कार उत्पन्न होता है ,वहाँ अर्थालंकार होता है । इसके प्रमुख भेद है - १.उपमा २.रूपक ३.उत्प्रेक्षा ४.दृष्टान्त ५.संदेह ६.अतिशयोक्ति
१.उपमा अलंकार :- जहाँ दो वस्तुओं में अन्तर रहते हुए भी आकृति एवं गुण की समता दिखाई जाय ,वहाँ उपमा अलंकार होता है । उदाहरण -
सागर -सा गंभीर ह्रदय हो ,
गिरी -सा ऊँचा हो जिसका मन।
उपमा अलंकार के भेद -
उपमा के दो भेद होते हैं - १. पूर्णोपमा और लुप्तोपमा
१.पूर्णोपमा - इसमें उपमा के सभी अंग जैसे - उपमेय ,उपमान ,साधारण धर्म और औप्मय उपस्थित होते हैं ,अतः यह कहलाती हैं . जैसे - सागर सा गंभीर ह्रदय हो , गिरी - सा ऊँचा हो जिसका मन .
२.लुप्तोपमा - जहाँ उपमा के चारों अंगों में से किसी एक ,दो या तीनों का लोप लो वहाँ लुप्तोमा होती है . जैसे - कल्पना सी अतिशय कोमल . इसमें उपमेय लुप्त हैं .इसमें कल्पलता उपमान है ,अतिशय कोमल साधारण धर्म .
इसमे सागर तथा गिरी उपमान ,मन और ह्रदय उपमेय सा वाचक ,गंभीर एवं ऊँचा साधारण धर्म है।
उपमा अलंकार के भेद -
उपमा के दो भेद होते हैं - १. पूर्णोपमा और लुप्तोपमा
१.पूर्णोपमा - इसमें उपमा के सभी अंग जैसे - उपमेय ,उपमान ,साधारण धर्म और औप्मय उपस्थित होते हैं ,अतः यह कहलाती हैं . जैसे - सागर सा गंभीर ह्रदय हो , गिरी - सा ऊँचा हो जिसका मन .
२.लुप्तोपमा - जहाँ उपमा के चारों अंगों में से किसी एक ,दो या तीनों का लोप लो वहाँ लुप्तोमा होती है . जैसे - कल्पना सी अतिशय कोमल . इसमें उपमेय लुप्त हैं .इसमें कल्पलता उपमान है ,अतिशय कोमल साधारण धर्म .
२.रूपक अलंकार :- जहाँ उपमेय पर उपमान का आरोप किया जाय ,वहाँ रूपक अलंकार होता है , यानी उपमेय और उपमान में कोई अन्तर न दिखाई पड़े । उदाहरण -
बीती विभावरी जाग री।
अम्बर -पनघट में डुबों रही ,तारा -घट उषा नागरी ।'
यहाँ अम्बर में पनघट ,तारा में घट तथा उषा में नागरी का अभेद कथन है।
रूपक अलंकार के तीन भेद होते हैं -
१. सम रूपक - इसमें उपमेय एवं उपमान में समता दिखाई जाति है . जैसे
बीती विभावरी जाग री .
अम्बर - पनघट में डुबा रही ,तारघट उषा - नागरी ..
२. अधिक रूपक - जहाँ उपमेय में उपमान की तुलना में कुछ न्यूनता का ही बोध हो वहाँ रूपक होता है .
३. न्यून रूपक - इसमें उपमान की तुलना में उपमेय को न्यून दिखाया जाता है . जैसे -
जनम सिन्धु विष बन्धु पुनि ,दीन मलिन सकलंक
सिय मुख समता पावकिमि चन्द्र बापुरो रंक ..
३.उत्प्रेक्षा अलंकार :- जहाँ उपमेय को ही उपमान मान लिया जाता है यानी अप्रस्तुत को प्रस्तुत मानकर वर्णन किया जाता है। वहा उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। यहाँ भिन्नता में अभिन्नता दिखाई जाती है। उदाहरण -
सखि सोहत गोपाल के ,उर गुंजन की माल
बाहर सोहत मनु पिये,दावानल की ज्वाल । ।
१. वस्तुप्रेक्षा - जहाँ प्रस्तुत में अप्रस्तुत की संभावना प्रकट की जाय , उसे वस्तुप्रेक्षा कहते हैं .जैसे -
२. हेतुप्रेक्षा - जहाँ अहेतु में हेतु की संभावना की जाती है अर्थात वहाँ वास्तविक कारण को छोड़कर अन्य हेतु को मान लिया जाता है .
३. फलोत्प्रेक्षा - इनमें वास्तविक फल के न होने पर भी उसी को फल मान लिया जाता है . जैसे -
बाहर सोहत मनु पिये,दावानल की ज्वाल । ।
यहाँ गूंजा की माला उपमेय में दावानल की ज्वाल उपमान के संभावना होने से उत्प्रेक्षा अलंकार है।
उत्प्रेक्षा अलंकार के तीन भेद होते हैं -
"सखि सोहत गोपाल के ,उर गुंजन की माल .
बाहर लसत मनो पिये ,दावानल की ज्वाल ."
२. हेतुप्रेक्षा - जहाँ अहेतु में हेतु की संभावना की जाती है अर्थात वहाँ वास्तविक कारण को छोड़कर अन्य हेतु को मान लिया जाता है .
३. फलोत्प्रेक्षा - इनमें वास्तविक फल के न होने पर भी उसी को फल मान लिया जाता है . जैसे -
खंजरीर नहीं लखि परत कुछ दिन साँची बात .
बाल दृगन सम हीन को करन मनो तप जात ..
४.अतिशयोक्ति अलंकार :- जहाँ पर लोक -सीमा का अतिक्रमण करके किसी विषय का वर्णन होता है । वहाँ पर अतिशयोक्ति अलंकार होता है। उदाहरण -
हनुमान की पूंछ में लगन न पायी आगि ।
सगरी लंका जल गई ,गये निसाचर भागि। ।
५.संदेह अलंकार :- जहाँ प्रस्तुत में अप्रस्तुत का संशयपूर्ण वर्णन हो ,वहाँ संदेह अलंकार होता है। जैसे -
यहाँ हनुमान की पूंछ में आग लगते ही सम्पूर्ण लंका का जल जाना तथा राक्षसों का भाग जाना आदि बातें अतिशयोक्ति रूप में कहीं गई है।
५.संदेह अलंकार :- जहाँ प्रस्तुत में अप्रस्तुत का संशयपूर्ण वर्णन हो ,वहाँ संदेह अलंकार होता है। जैसे -
'सारी बिच नारी है कि नारी बिच सारी है ।
कि सारी हीकी नारी है कि नारी हीकी सारी है । '
इस अलंकार में नारी और सारी के विषय में संशय है अतः यहाँ संदेह अलंकार है ।
६.दृष्टान्त अलंकार :- जहाँ दो सामान्य या दोनों विशेष वाक्य में बिम्ब -प्रतिबिम्ब भाव होता है ,वहाँ पर दृष्टान्त अलंकार होता है। इस अलंकार में उपमेय रूप में कहीं गई बात से मिलती -जुलती बात उपमान रूप में दूसरे वाक्य में होती है। उदाहरण :-
'एक म्यान में दो तलवारें ,
कभी नही रह सकती है ।
किसी और पर प्रेम नारियाँ,
पति का क्या सह सकती है । । '
इस अलंकार में एक म्यान दो तलवारों का रहना वैसे ही असंभव है जैसा कि एक पति का दो नारियों पर अनुरक्त रहना । अतः यहाँ बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव दृष्टिगत हो रहा है।
उभयालंकार
जहाँ काव्य में शब्द और अर्थ दोनों का चमत्कार एक साथ उत्पन्न होता है ,वहाँ उभयालंकार होता है । उदाहरण - 'कजरारी अंखियन में कजरारी न लखाय।'
इस अलंकार में शब्द और अर्थ दोनों है।
भ्रांतिमान अलंकार - जहाँ उपमान एवं उपमेय दोनों को एक साथ देखने पर उपमान का निश्चयात्मक भ्रम हो जाय अर्थात जहाँ एक वस्तु को देखने पर दूसरी वस्तु का भ्रम हो जाए ,वहाँ भ्रांतिमान अलंकार होता है .जैसे -
इसमें नायिका की लाल एड़ियों को देखर नाईन महावर समझकर रगड़ती है .
क्या आपको यह लेख पसंद आया? अगर हां, तो 'हिन्दी कुंज ' के प्रशंसक बनिए ना !!भ्रांतिमान अलंकार - जहाँ उपमान एवं उपमेय दोनों को एक साथ देखने पर उपमान का निश्चयात्मक भ्रम हो जाय अर्थात जहाँ एक वस्तु को देखने पर दूसरी वस्तु का भ्रम हो जाए ,वहाँ भ्रांतिमान अलंकार होता है .जैसे -
पायें महावर देन को नाइन बैठी आय ।
फिरि-फिरि जानि महावरी, ऐड़ी भीड़त जाय ।
बहुत आभार भाई!!
जवाब देंहटाएंमानवी करण अलंकार ?
हटाएंManvikaran means personified. e.g. daudti ghadi . But ghadi asap mean daud nhi sakti.
हटाएंGet lost
हटाएंउपयोगी जानकारी के लिये धन्यवाद
जवाब देंहटाएंBahut accha
हटाएंBahut accha
हटाएंAp rupak alankar or utpreksha alankar ki paribhasa ek dusre se badle. Paribhasa galat likhi h
हटाएंDono paribhasaye ek dusre se badle
हटाएंbahut khub
हटाएंबहुत उपयोगी जानकारी है आपके ब्लाग को आब नियमित रूप से पढना पढेगा और पिछली पोस्टज़ भी बहुत उपयोगी हैं बहुत बहुत धन्यवाद्
जवाब देंहटाएंBAHOOT HI UPYOGI ....... GYAANVARDHAK JAANKAARI UPLABDH KARATE HAIN AAP .....SHUKRIYA
जवाब देंहटाएंchup be paka mat ...
हटाएंnice
जवाब देंहटाएंaacha h ji
हटाएंउपमा अलंक़ार क़े भेद
जवाब देंहटाएंkripa kar ke batay ki upma alankar ke bhed kitne hote hai aur kya hote hai???
ya jitni bhi jankari ho sake bhejne ka kast kare
thank you
cinjul27@gmail.com
it is really a good site. thx for this sincere effort
जवाब देंहटाएंupma alankar ke kitna bhed hote hai. Kripya batayen.
जवाब देंहटाएंjankari aur bhi hoti to aur bhi jyad behtar hota saath hi vishtaarpurvak jankari honi chahiye thi.MUKESH
जवाब देंहटाएंkya aap aur udharan hote to accha hota
जवाब देंहटाएंmanvikaron ke udharan toh he hi nahi.
जवाब देंहटाएंaap kripya manvikaran ke udharan bata ne kaa kast kare.
जवाब देंहटाएंthank you
it wassss relly helpfull sweetuy.......who so evr made it.....thnxxxx a lotttttttttttttttt...........keep it uppp....n thnxxxxxx again......
जवाब देंहटाएंlove yaa.....tc .....
इस जानकारी कॆ लिए आपका शुक्रिया।
जवाब देंहटाएंकृपया करके मानवीकरण के उदहारण दीजिए|
जवाब देंहटाएंKIVITA ME MANVIKARAN
जवाब देंहटाएंpankaj hamara raya ya hai ki aapka laikhanch bhauth shahi hai
जवाब देंहटाएंhey what about manvikaran?????????????????pls give information about it........i beagg u...........wil u do that????????????????
जवाब देंहटाएंacha hai
जवाब देंहटाएंbahut achha
जवाब देंहटाएंvery helpful in exam pls give examples
जवाब देंहटाएंwhere iss anyokti alankar
जवाब देंहटाएंjankari k liye thx sabhi alankaro ki jankari vishleshan sahit uplabdh krayen siromprakash@gmail.com
जवाब देंहटाएंjaankari k liye dhanyavaad....
जवाब देंहटाएंthanxxx
जवाब देंहटाएंa grt jaankari
जवाब देंहटाएंkripya mujhe Bhashan ke mukhya bhag ke barein me batane ka kast karein.
जवाब देंहटाएंDhanyavad
Nitin Chadda from Delhi
chalo ho gays
जवाब देंहटाएंsimply awesome to find this. thanks
जवाब देंहटाएंbahut achcha
जवाब देंहटाएंmujhe bahut madat mili
thanks !!!!!!!!!
muje internet kee maded se mary school ke sary kam ho jaty he thanks (179)
जवाब देंहटाएंTHANKS internet aaj net ke maded sy me apny kan karta ho
जवाब देंहटाएंquite nice one....
जवाब देंहटाएंउपयोगी जानकारी के लिये धन्यवाद
जवाब देंहटाएंकृपया करके और अलंकार दीजिए
.
yery nice information
जवाब देंहटाएंteri maa ki..................
जवाब देंहटाएंgood one thanks for information
जवाब देंहटाएंbahut acchi jaankari hai.... bahut hi upyogi aur atyant saral bhasha.
जवाब देंहटाएंThanks
figure of speech
जवाब देंहटाएंanyokti alankar kya hai?????
जवाब देंहटाएंanyokti alankar kya hai?????
जवाब देंहटाएंit really helps me to understand alankar
जवाब देंहटाएंThankyou so much
जवाब देंहटाएंisme baaki k alankar b add karo
जवाब देंहटाएंIt's a great job!This article really helped me a lot..Thank you very much...plz explain ubhayalankar and utpreksha alankar with some more examples.....
जवाब देंहटाएंthanks
जवाब देंहटाएंit is really helpful. the knowledge is receivable in compact and short form.
जवाब देंहटाएंthank u soooo much fr dis valueable help
जवाब देंहटाएंITS WONDERFUL
जवाब देंहटाएंapne jp gyan batan hai uska mujhe bhut phle se intjaar tha. apko tahe dil se dhanybad. agar hindi grammer ki koi online quiz ka site ho yo pls bataye mujhe. my email id-deepak070573@gmail.com
जवाब देंहटाएंthank you vasudev joshi
जवाब देंहटाएंबेहद उपयोगी लेख है... साधुवाद !!!
जवाब देंहटाएंअलंकार प्रस्तुत करने और समझाने का आपका बहुत बहुत धन्यवाद ! कृपया, समास की भी जानकारी देने का कष्ट करें!!
जवाब देंहटाएंthanks sir ji i like
जवाब देंहटाएंअन्योक्ति और मानवीकरण
जवाब देंहटाएंye konse अलंकार hai
Its not good
जवाब देंहटाएं..
..
..
..
..
..
..
..
......
But the best of the bests
i m happy i m indian and hindi our language bez only hidni is one of the greatest language that give us these type of goodness
जवाब देंहटाएंHindi hai NADEE KI DHARA
जवाब देंहटाएंRUKNA USKA KAAM NAHI.
HINDI HINDUSTAN KI HI NAHI
VARAN SARE SANSAR KI BHASHA BAN GAI H.
KIRAN
PANIPAT
HARAYANA
Ati sundar. Suresh
जवाब देंहटाएंkripa krke alankaron ki kuch or udharane shamil ki jaye. poonam sharma
जवाब देंहटाएंYE SARAL BASHA ME HONE KE KARAN SAMAJENA AASAN HAI.THANKS TO HINDIKUNJ.........................
जवाब देंहटाएंprayash accha hai. hindi ke baare me samajhne me madad milegi .
जवाब देंहटाएंworld education day
agar hindi ko suru se vistrit roop me samjhaya jaye to behatar hoga
जवाब देंहटाएंaapne sahi se spast nahi kiya
जवाब देंहटाएंaapne sahi se nahi samjaya
जवाब देंहटाएंआपने बहोत अच्छे काम किया,
जवाब देंहटाएंउपयोगी जानकारी के लिये धन्यवाद
कृपया करके और अलंकार दीजिए
mai hindi se bahut pyar karta hu , lakin pata nahi kyon hum log aajkal english ko mehatwa dene lage hai
जवाब देंहटाएंhume hindi ko or bhi sakriya karna hoga
dhanyavad
जवाब देंहटाएंIn sabhi mitra gano ne apke forum ki badai me ATISHYOKTI alankar ka prayog kiya hai....just kidding hehe...Pankaj Nayal.
जवाब देंहटाएंthanks plz ....or alankar bataiye.....
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबहोत आभार
जवाब देंहटाएंhindi is best literature for second year of ctu sylabush
जवाब देंहटाएंhindi is best literature for second year of ctu sylabush
जवाब देंहटाएंवाह भाई कमाल कर दिया हिन्दी एक वैज्ञानिक भाषा है
जवाब देंहटाएंapke dwara di gaie jankari bahut opyogi hai.................... acchi kosis ke liye dhanyawad.....
जवाब देंहटाएंThanku for information
जवाब देंहटाएंkoi meri chut maro
जवाब देंहटाएं;p
जवाब देंहटाएंmaine socha nahi tha ki ukt jankari net se mil ta hai, bahut hi madadgar hai
जवाब देंहटाएंgud information :)
जवाब देंहटाएंvery good but i don't know why you don't give more examples so that we can understand more plz give more examples of alankar.
जवाब देंहटाएंbut very very very very very very very very very very very very very very very very very very very
thaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaankkk uuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuu.
किताबी ज्ञान से हटकर समझायेंगे और बेहत्तर होगा ःधन्यवाद
जवाब देंहटाएंकिताबी ज्ञान से हटकर समझायेंगे और बेहत्तर होगा ःधन्यवाद
जवाब देंहटाएंdhanyabad aap ka karya santosh janak hai.
जवाब देंहटाएंAap aalankaro k udaharan aur likhe.
जवाब देंहटाएंThanks
s
अबे एक दम मस्त
जवाब देंहटाएंJust come to know about your web,It's really helpful .
जवाब देंहटाएंYour notes are very helpful to me.thx a lot
जवाब देंहटाएंi like it very much.
जवाब देंहटाएंcharan bando hari rai me kon sa alankaar he.....
जवाब देंहटाएंthanx, for ur so good help!!!
जवाब देंहटाएंFentastic
जवाब देंहटाएंbahut sahe
जवाब देंहटाएंBAHUT HI VISTAAR SE JAANKARI DI HUI HAI..... AAPKA BAHUT BAHUT DHANYAWAAD...... AISE HI JAANKARIYAAN UPDATE KARTE RAHIYE AUR HUM JAISE BACHCHON KO AAPKE LEKHAN KA LAABH UTHANE DIJIYE....
जवाब देंहटाएंRashmi Bhat
h
हटाएंthanks for this page
जवाब देंहटाएंmeri jankari clear ho gayi
thanks again
king.............
thanks for this page
जवाब देंहटाएंalankar clear ho gaye
thoda aur detail me hona tha
but enough for me
king.....
can i get more examples of each alankar
जवाब देंहटाएंtanisha joshi
... joshi9081@rediffmail.com
charan dharat sanka karat,shravan na chahat shor\ suvaran ko dhundhat phire kavi kami aru chor
जवाब देंहटाएंधन्यवाद यह अलंकरण हिंदी की शिक्षक तैयारी करने वालो के लिए सर्वोत्तम हैं
जवाब देंहटाएंwah whah
जवाब देंहटाएंmahesh prajapat Toltex sanganer tonk road jaipur
जवाब देंहटाएंhindi kung is a very good for hindi teaching students and teacher
very very thank you
mahesh M.A HINDI subject
hindi kung La-javb hai
जवाब देंहटाएंmahesh M.A hindi
सब गुरुजन को बुरा बतावै ,अपनी खिचड़ी अलग पकावे
जवाब देंहटाएंउपरोक्त पंकित में कौन सा अलंकार है कृपया बताने का कष्ट करें ?
यह अलंकृत कविता न होकर कदाचित कहावती कविता है.....
इन शबदो के ईसतीरिलिगं बताओ 1 मुगली 2 भगवान
जवाब देंहटाएंchand ke baare me bhi jankari dene ki krapa kare.
जवाब देंहटाएंvery very very useful
जवाब देंहटाएंBil Vichaari Ke Pravishan Lagyo, Vyaal Sund` Men Vyaal
जवाब देंहटाएंTaaoo Kari Ari Lakhhi, Liyo Uth`aaee Utaal
Is Padya Men` BhraantiMaan Alankaar Hai Jo AapNe Naheen` Likhaa Hai, Kri`payaa IsKo Bhee Sammlit KarNe Kaa Kash`t` Karen`.
बिल विचारि के प्रविशन लग्यो, व्याल सुण्ड मेन व्याल
ताऊ करि अरि लख्हि, लियो उठाई उताल
इस पद्य में भ्रान्तिमान अलङ्कार है जो आपने नहीं लिखा है, कृपया इसको भी सम्म्लित करने का कष्ट करें.
बिल विचारि के प्रविशन लग्यो, व्याल सुण्ड में व्याल
जवाब देंहटाएंताऊ करि अरि लखि, लियो उठाई उताल
इस पद्य में भ्रान्तिमान अलङ्कार है जो आपने नहीं लिखा है, कृपया इसको भी सम्म्लित करने का कष्ट करें.
ati uttam...
जवाब देंहटाएंThankyou hindi kunji.
हटाएंThe best sir
हटाएंT
जवाब देंहटाएंbahut khoob
जवाब देंहटाएंT
जवाब देंहटाएंयह एक बहुत ही सदुपयोगी वैबसाइट है
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छा एवं सार्थक
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छा एवं सार्थक
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छा एवं सार्थक
जवाब देंहटाएंWhat is lakshna alankar?
जवाब देंहटाएंmanvikaran alankaar kaha hai bhai
जवाब देंहटाएंThanks for help me in hindi
जवाब देंहटाएंThanks for help me in hindi
जवाब देंहटाएंThanx ye samjhane k liye but kya apki koe aur b site h jisme aur achhe se smjhaya gya ho kyoki muje smj ni aate ache se kbi bi
जवाब देंहटाएंdhanyavad I hame alankar samjhane ke liye I
जवाब देंहटाएंBORRRRIIINGG
जवाब देंहटाएंKIS BAAT KI SVIKRITI
जवाब देंहटाएंABHI DAALO
जवाब देंहटाएंएक अच्छी व्याख्या
जवाब देंहटाएंउपयोगी व्याख्या
जवाब देंहटाएंVERY GOOD................THX.
जवाब देंहटाएंaaj 44 ke umar me hindi sahitya me M A kare ke saunkh jag ge.
जवाब देंहटाएंbada nik lagis tor alankar ke giyan gaa.
abhari rabo tor au karbo dhiyan gaa.
very good thxx
जवाब देंहटाएंbaht he achha gyan diya hai apne. thank you
जवाब देंहटाएंvery good (ye jankari competition k liye upyogi)
जवाब देंहटाएंTHANKS A LOTS FOR PRECIOUS KNOWLEDGE ABOUT ALANKAR AND RAS FOR HELP OF STUDENT OF HINDI LITERATURE
जवाब देंहटाएंbahut hi mulayavan aur systemetic tarike se samjaya hai
जवाब देंहटाएंbahut hi mulayavan aur systematic tarika se samjaya hai
जवाब देंहटाएंKhub.
जवाब देंहटाएंThnks..
जवाब देंहटाएंvakrokti or vyaj stuti alankar ki jankari de
जवाब देंहटाएंA GOOD & USEFUL DESCRIPTION
जवाब देंहटाएंgoiookkkl
जवाब देंहटाएंOutstanding ; excellent
जवाब देंहटाएंhey
जवाब देंहटाएंbhartiya kavya chintan ki prampra m ras sidhant k mhatav ko spast kare ? plz iska ans bta do or samja b do
जवाब देंहटाएंमहोदय,
जवाब देंहटाएंयदि उदहारण का अर्थ लिख कर फिर अलंकार समझते तो ज्यादा अच्छे से समझ में आता.
धन्यवाद
बहुत ही अच्छी तरह से प्रस्तुत किया गया हैँ ।
जवाब देंहटाएंrawansir saroj banchari chali raghuveer silimukhdhari
जवाब देंहटाएंrawansir saroj banchari chali raghuveer silimukhdhari
जवाब देंहटाएंisme kaun sa alankar hai explain karke bataiye
nyc (o)
जवाब देंहटाएंVery nice...
जवाब देंहटाएंRealy toooo gud .bhlai ki suply jariiii rkhew
जवाब देंहटाएंGuddddd
जवाब देंहटाएंBohot upayogi tha mere liye ... ish jankari ne bohot madad kara meri assingment pura krne main
जवाब देंहटाएंGood
जवाब देंहटाएंGood one
जवाब देंहटाएंसागर सरिस गभीर हो गिरी सरिस हो धीर..,
जवाब देंहटाएंतन पर जति सम चीर हो तासु नाउ रघुबीर.....
अधूरे
जवाब देंहटाएंVERY NICE AND DISSCREPTIVE
जवाब देंहटाएंin muhavaro ke arth aasan hindi mein bhi likhe
जवाब देंहटाएंIts vry nice bt pls give few more examples...
जवाब देंहटाएंvery good hindi
जवाब देंहटाएंgood
जवाब देंहटाएंयहाँ पर हिंदी का सही और समुचित ज्ञान दिया गया है जिससे मै बहुत प्रसन हू और हिंदी कुन्ज का धन्यवाद करता हू और मै आप का बहुत आभारी हू
जवाब देंहटाएंAlankar ratnakar ke rachayita
जवाब देंहटाएंAlankar ratnakar ke rachayita
जवाब देंहटाएंRUPAK aur MANVIKARAN is missing. aur संदेह अलंकार
जवाब देंहटाएंदृष्टान्त अलंकार Extra hain meri BOOK mein to nahi hain. meri book EVERGREEN PUBLICCATION se hain jiski WEBSITE ME LICKH RAHA HOON :-- WWW.EVERGREENPUBLICATIONS.CO.IN
:)
जवाब देंहटाएंMai to matr mrttika hu me...kaun sa alankar hai?plz tell me....
जवाब देंहटाएंअनुप्रास अलंकार
हटाएंVery disgusting answers
जवाब देंहटाएंRash alankar kise khete hai...kripa krke jabab dijiye pls.....
जवाब देंहटाएंI impress it .Awesome
जवाब देंहटाएंI impress it .Awesome
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जवाब देंहटाएंBahut hi sundar dhang sealankaar samjhaneke liye dhanyavaad
जवाब देंहटाएंBahot achchha lava sir ye lekh mera bahot kaam aayega....
जवाब देंहटाएंThanks sir....
अपनी टिप्पणी लिखें... यहाँ पर हिंदी का सही और समुचित ज्ञान दिया गया है जिससे मै बहुत प्रसन हू और हिंदी कुन्ज का धन्यवाद करता हू और मै आप का बहुत आभारी
जवाब देंहटाएंThanks beo
जवाब देंहटाएंSahi h������
जवाब देंहटाएंThanks bro tomorrow is my Hindi 's exam
जवाब देंहटाएंThanks
जवाब देंहटाएंAapke samuchit jankari ke liye dhanyavad.
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