अपना अपना भाग्य अपना अपना भाग्य कहानी - शीर्षक की सार्थकता गरीब लड़के का चरित्र चित्रण apna apna bhagya summary in hindi जैनेंद्र कुमार की कहानियाँ apna apna bhagya by jainendra kumar summary in hindi apna apna bhagya uddeshya apna apna bhagya moral apna apna bhagya characters apna apna bhagya workbook answers apna apna bhagya sahitya sagar hindi sahitya sagar guide apna apna bhagya in english
अपना अपना भाग्य /Apna Apna Bhagya
अपना अपना भाग्य, जैनेन्द्र कुमार जी द्वारा लिखित एक प्रसिद्ध कहानी है ,जिसमें उन्होंने बड़े ही मार्मिक ढंग से एक गरीब बच्चे का चित्रण किया है . कहानी नैनीताल की भयंकर सर्दी से प्रारंभ होती है जहाँ पर एक १० -११ साल का बच्चा भूख और ठण्ड से मर जाता है . इस रचना के माध्यम से लेकाहक ने बड़े ही व्यंगपूर्ण ढंग से यह बताया है की समाज में अमीर वर्ग गरीब और वंचितों की सहताया नहीं करते हैं . अमीर लोग गरीबों की अनदेखी कर देते हैं . उनकी सहायता के लिए आगे नहीं आते हैं , उनकी संदेद्नाएं ,भावनाएं मर चुकि होती हैं और जब गरीब आदमी गरीबी से लड़का हुआ मर जाता है तो वे अपना - अपना भाग्य कह कर स्वयं से सान्तवना देते हैं . प्रस्तुत कहानी में भी एक गरीब ठण्ड व सर्दी के कारण ठिठुरकर केवल इसीलिए मर जाता है क्योंकि किसी अमीर वर्ग ने उसके प्रति संवेदना नहीं दिखाई ,उसकी सहायता नहीं की .इसी सवेंदान्हीनता के कारण व्यंग किया गया है . एक गरीब बच्चा भूख और ठण्ड से दम तोड़ देता और हम उसे अपना भाग्य मान लेते हैं . इसी प्रकार सामाजिक विषमता तथा अमीर और गरीब के बीच गढ़री खायी को कहानी में दिखाया गया है . कहानी दुखांत है जोकि पाठकों को सामाजिक परिस्थिति पर सोचने के लिए मजबूर कर देता है .
अपना अपना भाग्य कहानी - शीर्षक की सार्थकता
प्रस्तुत कहानी अपना अपना भाग्य एक गरीब लड़के के ऊपर केन्द्रित है जो अभाव के कारण उपेक्षित जीवन जीने के लिए मजबूर है .सहायता न मिलने पर अपना जान गँवा बैठता है . इस कहानी में लेखक जैनेन्द्र जी ने अमीरों के द्वारा गरीबों उपेक्षित और निर्दयी व्यवहार को दर्शाया गया है . समाज के अमीर लोग सिर्फ बड़ी -बड़ी बातें करते हैं लेकिन किसी उपेक्षित वर्ग की सहायता नहीं करते हैं . गरीबों के भाग्य को दोषी ठहराकर तथा उन्हें अपने भाग्य के सहारे छोड़ कर वे अपने कर्तव्य को पूरा मान लेते हैं और अपने सामाजिक जिम्मेदारी से दूर भागते हैं . अमीर वर्ग के मन में गरीब वर्ग के लिए कोई सहानुभूति नहीं है . अतः अपना -अपना भाग्य शीर्षक को लेखक ने व्यंग के रूप में प्रयोग किया है जो की कथा के अनुसार उचित एवं सार्थक है .
गरीब लड़के का चरित्र चित्रण
कहानी अपना अपना भाग्य में एक गरीब लड़का प्रमुख पात्र बन कर उभरता है .पूरी कहानी उसी के इर्द- गिर्द घूमती है और अत्यंत असहाय ,दिन दुखी बालक क्योंकि कोई भी उसकी सहायता नहीं करता है .वह तमाम गरीब भारतवासियों का प्रतिनिधित्व करता है जो अपने अपने भाग्य के सहारे जीवित है .
- मेहनती - गरीब लड़का मेहनती है. भूखा रहने पर भी वह किसी के आगे हाथ नहीं फैलता और नह ही कहीं चोरी -चकारी करने का पर्यंत करता है . उसे काम की तलाश है .वह स्वाभिमानी है .वह भावुक और संवेदनशील भी है .
- स्पष्टवादी - अपने परिवारवालों की मदद करने के लिए वाह घर छोड़कर काम की तलाश में घर से निकला है .उसे स्पष्टवादी भी कहा जा सकता है .क्योंकि लेखक और उसके मित्र ने उस लड़के से जो भी सवाल किये वादक बेधड़क व स्पष्ट उत्तर देता गया . उसने अपनी गरीबी का बखान नहीं किया वह सरल शब्दों में अपनी बात कहता गया .
उसका दर्दनाक अंत होता है .बर्फ की चादर उसकी लाश पर पड़ गयी थी. वह लावारिस की मौत करता है . उसके चरित्र को देखते हुए कहा जा सकता है की वह गरीब बच्चा अपनी सरलता ,स्पष्टवादिता ,परिश्रमी व्यक्तिव के कारण पाठकों के ह्रदय पर गहरी छाप छोड़ता है .
प्रश्न उत्तर
प्र.१. लेखक ने अपने मित्र से क्या कहा ?
उ .लेखक और उसका मित्र सड़क किनारे एक बेंच पर बैठे हुए थे .लेखक को वहां चुपचाप अच्छा नहीं लग रहा था .अतः उसने अपने मित्र को वापस चलने के लिए कहा .
प्र.२. लेखक ने जिस लड़के को देखा ,वह कैसा था ?
उ. लेखक ने जिस लड़के को देखा वह तीन गज की दूरी पर आ रहा था . सर के बड़े - बड़े बेतरतीब बालों को वह खुजला रहा था .उसके पैरों में जूते ,चप्पल कुछ भी नहीं थे . नंगे पैर उसने सिर्फ एक मैली से कमीज़ पहनी थी .
प्र. ३. लड़के के अपने गाँव से भाग आने का क्या कारण था ?
उ . लड़का बहुत गरीब था .घर पर कई भाई बहन थे .वहाँ काम का अभाव था . माता पिता भूखों रखते थे . अपनी गरीबी से परेशान काम - धंधे के लिए वह भाग आया था .
प्र. ३. लड़के के अपने गाँव से भाग आने का क्या कारण था ?
उ . लड़का बहुत गरीब था .घर पर कई भाई बहन थे .वहाँ काम का अभाव था . माता पिता भूखों रखते थे . अपनी गरीबी से परेशान काम - धंधे के लिए वह भाग आया था .
प्र.४. वकील साहब ने बच्चे को नौकर क्यों नहीं रखा ?
उ. वकील साहब ने बच्चे को नौकर नहीं रखा क्योंकि उनका मानना था कि किसी भी अनजान आदमी को नौकर नहीं बनाया जा सकता है .अगर कल को वह चोरी करके भाग जाए तो कौन जिम्मेदारी लेगा .
प्र.५. दूसरे दिन मोटर पर बैठते ही लेखक को क्या समाचार मिला ?
उ . दूसरे दिन मोटर पर बैठते ही लेखक को यह समाचार मिला कि पिछली रात को एक पहाड़ी बालक सड़क के किनारे पेड़ के नीचे ठिठुरता हुआ मर गया .
उ . दूसरे दिन मोटर पर बैठते ही लेखक को यह समाचार मिला कि पिछली रात को एक पहाड़ी बालक सड़क के किनारे पेड़ के नीचे ठिठुरता हुआ मर गया .
प्र. ६. लोगों ने लेखक को लड़के की मौत के बारे में क्या बताया ?
उ. लोगों से लेखक को समाचार मिला की उस लड़के का कल रात ,सड़क के किरणे ,पेड़ के नीचे ठण्ड से ठिठुरकर मर गया .
प्र.७. अपना - अपना भाग्य कहने का क्या अर्थ है ?
उ . अपना -अपना भाग्य कहने का अर्थ है कि बालक के भाग्य में इन्ही परिस्थितियों में इस प्रकार की मृत्यु ही लिखी थी . यदि उसके भाग्य में सुख लिखा होता तो उसका जीवन अच्छा होता ,और उसे ऐसे जीवन को नहीं देखना पड़ता .उसका जीवन अच्छा होता और न ही वह रात को ठिठुरता हुआ मरण को प्राप्त करता .
प्र. ८. अपना अपना भाग्य कहानी के माध्यम से लेखक ने क्या सन्देश दिया है ?
उ. अपना अपना भाग्य कहानी श्री जैनेन्द्र जी द्वारा लिखित एक प्रसिद्ध कहानी है .इस कहानी में उन्होंने बड़े ही मार्मिक ढंग से एक गरीब लड़के का चित्रण किया है . समाज में आदमी को आदमी के प्रति भी सहानुभूति नहीं है . वह सिर्फ अपने वर्गगत स्वार्थ के तरफ़ ही ध्यान देता है . एक अभावपूर्ण जीवन के कारण गरीब बच्चे ही मौत हो गयी . यदि लोगों ने उसकी मदद की होती ,तो उसकी जान बचायी जा सकती थी तथा उसे समाज का एक जिम्मेदार नागरिक बनाया जा सकता था . हमारी एक छोटी से मदद भी किसी की जान बचा सकती है .इसीलिए हमें एक अच्छा इंसान बन कर परोपकारी होना चाहिए .यदि सन्देश देने का प्रयास लेखक ने किया है .
प्र. ९. लेखक व उसके मित्र ने नैनीताल में क्या देखा ?
उ . प्रस्तुत कहानी अपना अपना भाग्य में लेखक व उसका मित्र नैनीताल घूमने गए थे .वहां पर संध्या समय वे एक पार्क की बेंच पर बैठे हुए थे .वर्फ गिर रही थी .रुई के रेशों से ,भाप के बादल की तरह उड़ रही थी .तभी लेखक ने घने कुहरे की सफेदी में एक काली सी मूर्ति को अपनी तरफ आते हुए देखा .वह काली सी सूरत व लम्बे बिखरे बालों वाला एक गरीब लड़का था .
प्र .१०. बालक की सूनी आँखों से लेखक का क्या तात्पर्य है ?
उ. बालक की सूनी आँखों से लेखक का यह तात्पर्य है कि वह लड़का अत्यंत गरीब है .वह दर - दर की ठोकरे खा रहा है .ठण्ड के कारण वह ठिठुर रहा है .भोजन ,वस्त्र व आवास की सुविधा उसके पास नहीं है .उसकी सहायता करने वाला कोई नहीं है .वह दुनिया में निसहाय है .अतः वह एक लावारिस बच्चे की तरह है जो भुखमरी से मर रहा है .
विडियो के रूप में देखें :-
प्र. ९. लेखक व उसके मित्र ने नैनीताल में क्या देखा ?
उ . प्रस्तुत कहानी अपना अपना भाग्य में लेखक व उसका मित्र नैनीताल घूमने गए थे .वहां पर संध्या समय वे एक पार्क की बेंच पर बैठे हुए थे .वर्फ गिर रही थी .रुई के रेशों से ,भाप के बादल की तरह उड़ रही थी .तभी लेखक ने घने कुहरे की सफेदी में एक काली सी मूर्ति को अपनी तरफ आते हुए देखा .वह काली सी सूरत व लम्बे बिखरे बालों वाला एक गरीब लड़का था .
प्र .१०. बालक की सूनी आँखों से लेखक का क्या तात्पर्य है ?
उ. बालक की सूनी आँखों से लेखक का यह तात्पर्य है कि वह लड़का अत्यंत गरीब है .वह दर - दर की ठोकरे खा रहा है .ठण्ड के कारण वह ठिठुर रहा है .भोजन ,वस्त्र व आवास की सुविधा उसके पास नहीं है .उसकी सहायता करने वाला कोई नहीं है .वह दुनिया में निसहाय है .अतः वह एक लावारिस बच्चे की तरह है जो भुखमरी से मर रहा है .
विडियो के रूप में देखें :-
नैन्ीताल की सरदी वणॉ ििकजीय
जवाब देंहटाएंok
हटाएं"नैनीताल स्वर्ग के किसी काले गुलाम पशु के दुलार का वह बेटा" कृपया पंक्ति का अर्थे दीजिए |
जवाब देंहटाएंNainitaal ko swarg ki sangya Di gayi hai aur hindustaaniyon ko gulam Kaha Gaya hai.
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जवाब देंहटाएंBalak ki suni ankho se lakak ka kya tatparya h
जवाब देंहटाएंBalak ki suni ankho se lekhak ka kya tatparya h
जवाब देंहटाएंNenital me lekhak orr unkke mitra ne kya dekha?
जवाब देंहटाएंLadke ne apne mitra ke baare mein yeh bataya ki vo dono gao se saath mein bhag kar aaye the aur uski mitra ki mrityu ho gayi kyonki unke purva maalik ne use bohot maara
हटाएं(h)
जवाब देंहटाएंGood ☺☺
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंYes
हटाएंLadke ne aapne mitra ke baare meh kya banaya
जवाब देंहटाएंBatt Athani ki saree idions
जवाब देंहटाएंLadka kon tha?aske pass kon sa uphar or kisne chodha tha
जवाब देंहटाएंKuch samajh Mai nhi aa raha hai sbse easy tarika batayein jaise bhaak s yaad ho jaai
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