बात अठन्नी की कहानी का उद्देश्य बात अठन्नी की कहानी का सारांश baat ki athani पात्रों baat athani ki summary baat athani ki characters baat athani ki characters in hindi बात अठन्नी की शीर्षक की सार्थकता सुदर्शन की कहानियाँ
बात अठन्नी की कहानी का सारांश उद्देश्य चरित्र चित्रण प्रश्न उत्तर
बात अठन्नी की कहानी भ्रष्टाचार और ईमानदारी के बीच के संघर्ष को दर्शाती है। यह कहानी यह भी दिखाती है कि कैसे गरीब और ईमानदार लोग अक्सर शक्तिशाली और भ्रष्ट लोगों द्वारा शोषित किए जाते हैं।
कहानी का मुख्य पात्र, रसीला, एक ईमानदार और मेहनती व्यक्ति है जो अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए संघर्ष करता है। वह अपनी ईमानदारी के लिए एक उच्च मूल्य रखता है, भले ही इसका मतलब है कि उसे कष्ट सहना पड़े।बाबू जगतसिंह, कहानी का विरोधी पात्र, एक भ्रष्ट अधिकारी है जो अपनी शक्ति का उपयोग दूसरों का शोषण करने के लिए करता है। वह रसीला की ईमानदारी को समझने में असमर्थ है और उसे भ्रष्ट होने का आरोप लगाता है।
"बात अठन्नी की" एक प्रासंगिक कहानी है जो आज भी उतनी ही सच है जितनी पहले थी। यह हमें ईमानदारी के महत्व और भ्रष्टाचार के खतरों के बारे में सोचने पर मजबूर करती है।
बात अठन्नी की कहानी का सारांश
बात अठन्नी की, कहानी में कथाकार श्री सुदर्शन ने कहानी के माध्यम से समाज के कड़वे सच का परिचय करवाया है ।बाबू जगत सिंह पेशे से इंजिनियर थे .रसीला इनके यहाँ नौकर का काम करता था . एक बार रसीले को अपने बच्चे के बीमार होने की सूचना मिली। उसके पास रुपये नहीं थे।मालिक इंजिनियर साहब उसे जो वेतन देते थे ,वह उसी से अपना घर चलाता था . अपने बीमार बच्चों के इलाज़ के लिए रसीला ने अपने मालिक से रुपये मांगे ,परन्तु उन्होंने साफ़ - साफ़ इनकार कर दिया । रसीले ने पड़ोसी के चौकीदार रमज़ान से कुछ रुपये उधार लिए और अपने बच्चों के इलाज़ के लिए पैसे भेज दिए । बच्चे स्वस्थ हो गए ।
कुछ समय बीतने पर रसीला ने रमज़ान को पैसे लौटा दिए परन्तु आठ आना शेष रह गया .क़र्ज़ के बोझ से वह शर्मिंदा होकर रमज़ान से आँखें नहीं मिलाता था .एक दिन बाबू जगत सिंह ने रसीला को पाँच रुपये की मिठाई खरीद कर लाने को कहा . रसीले ने पाँच रुपये की जगह साढ़े चार रुपये की मिठाई खरीदी और रमज़ान को अठन्नी लौटाकर समझा की क़र्ज़ उतर गया .लेकिन अपनी इस चालाकी को वह इंजिनियर साहब के नज़रों से छिपा नहीं पाया . रसीला की चोरी पकड़ी गयी . जगत सिंह ने उसे बहुत पीटा और पुलिस को पाँच रुपये देकर कहा की कबुलवा लेना .इंजिनियर साहब के पड़ोसी शेख सलीमुद्दीन थे जो कि पेशे से जिला मजिस्ट्रेट थे . उन्ही की कचहरी में रसीला पर मुकदमा चलाया गया जहाँ शेख साहब ने उसे छह महीने की सज़ा सुनाई . यह फैसला सुनकर रमज़ान को बहुत क्रोध आया ,उसने कहा की यह दुनिया न्याय नगरी नहीं अंधेर नगरी है क्योंकि अठन्नी की चोरी पर इतनी कठोर सज़ा सुनाई गयी ,जबकि बड़े - बड़े अपराधी पकडे नहीं जाते है ।अतः गरीबों पर ही न्याय का शासन चलता है।
बात अठन्नी कहानी के शीर्षक की सार्थकता
साहित्य ही समाज का दर्पण होता है ."बात अठन्नी की" कहानी में कथाकार श्री सुदर्शन ने कहानी के माध्यम से समाज के कड़वे सच का परिचय करवाया है . पूरी कहानी अठन्नी पैसे के इर्द -गिर्द घूमती दिखाई देती है .
रसीला को अपने बीमार बच्चों के इलाज़ के लिए अपने मित्र जो की पड़ोसी का चौकीदार रमज़ान है ,से पैसे लेकर भेजता है . बच्चों के ठीक हो जाने पर थोड़े -थोड़े करके पैसे चुका देता है ,लेकिन सिर्फ आठ आने बकाया रह जाते है .एक दिन अपने मालिक जगत सिंह द्वारा पाँच रुपये की मिठाई मगएं जाने पर वह आठ आने की हेरा -फेरी पर अपना उधार रमज़ान को चुका देता है .लेकिन उसकी यह चोरी मालिक द्वारा पकड़ ली जाती है और बहुत मार पड़ती है तथा वह पुलिस को सौंप दिया जाता है . अदालत में उसे ६ महीने की सज़ा सुना दी जाती है . इस प्रकार उसके साथ बहुत अन्याय हुआ था .
कहानी रसीला के कम वेतन के साथ प्रारंभ होती है। रसीला द्वारा की गई अठन्नी की चोरी से कहानी में गति आती है। उस अठन्नी की चोरी का कारण, रसीला को छह महीने की सजा के साथ ही न्याय-व्यवस्था पर चोट करते हुए कहानी का अंत हो जाता है। इस तरह मुख्य रूप से अठन्नी की बात ही कही गई है। अतः कहानी का शीर्षक 'बात अठन्नी की' पूर्णतः सार्थक है।
इस दुनिया में गरीबों पर अमीरों द्वारा सिर्फ अपने स्वार्थ सिद्धि करने के लिए अत्याचार किये जाते है .सिर्फ आठ आने के लिए रसीला को मार भी खानी पड़ी तथा ६ माह की सज़ा भी दी गयी है . पूरी कहानी आरंभ से अंत तक अठन्नी के चारों घूमती है . अतः बात अठन्नी की शीर्षक ,पूरी तरह से सार्थक एवं उचित है ।
बात अठन्नी की कहानी का उद्देश्य
बात अठन्नी की कहानी का मुख्य उद्देश्य देश की न्याय व्यवस्था पर व्यंग्य है, जिसमें कहानीकार पूर्णतः सफल रहे हैं। लेखक ने गरीब रसीला से चोरी करवाई। बाबू जगतसिंह के द्वारा उसे पिटवाकर उच्च वर्ग की हृदय हीनता को दर्शाया और रिश्वतखोर मजिस्ट्रेट शेख सलीमुद्दीन द्वारा रसीला को सजा दिलवा कर न्याय-व्यवस्था पर करारा व्यंग्य किया है। लेखक ने न्याय प्रक्रिया में गरीबों और अमीरों के बीच जो भेदभाव है, वह भली प्रकार दर्शाया है।
इनकी पहली कहानी 'हार की जीत' थी ,जो सन १९२० में सरस्वती में प्रकाशित हुई थी . 'पुष्पलता ,सुप्रभात ,सुदर्शन सुधा ,पनघट' इनके प्रसिद्ध कहानी संग्रह तथा परिवर्तन ,भागवंती ,राजकुमार सागर प्रसिद्ध उपन्यास है .
सुदर्शन की भाषा सहज ,स्वाभाविक ,प्रभावी तथा मुहावरेदार है .सुदर्शन जी को गद्य और पद्य दोनों में महारत हासिल थी .आपने अनेक फिल्मों की पटकथा और गीत भी लिखे .
लेखक सुदर्शन का जीवन परिचय
सुदर्शन जी का वास्तविक नाम बदरीनाथ था .इनका जन्म सियालकोट (वर्तमान पाकिस्तान ) में सन १८९५ में हुआ था .इन्होने उर्दू में प्रकाशित होने वाले दैनिक पत्र आर्य गजट के संपादक के रूप में कार्य किया .मुम्बई में १६ दिसम्बर १९६७ को इनका निधन हो गया .इनका दृष्टिकोण सुधारवादी था .इनकी पहली कहानी 'हार की जीत' थी ,जो सन १९२० में सरस्वती में प्रकाशित हुई थी . 'पुष्पलता ,सुप्रभात ,सुदर्शन सुधा ,पनघट' इनके प्रसिद्ध कहानी संग्रह तथा परिवर्तन ,भागवंती ,राजकुमार सागर प्रसिद्ध उपन्यास है .
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पाठ्यपुस्तक से संकलित
बात अठन्नी की रसीला का चरित्र चित्रण
बात अठन्नी कहानी का मुख्य पात्र रसीला है . वह एक गरीब व्यक्ति है .वह बाबू जगत सिंह के यहाँ नौकर है .सिर्फ दस रुपये के मासिक वेतन पर वह कई बर्षों से जगत सिंह के यहाँ काम कर रहा है . बार बार आग्रह करने पर भी उसका वेतन मालिक नहीं बढ़ाते है ,कहते है कहीं और ज्यादा मिले तो तुरंत चले जाओ .रसीला को लगता है कि यहाँ उसको बहुत सम्मान मिलता है ,इसीलिए यहाँ रहना उचित है .
- कर्तव्यनिष्ठ - वह एक ईमानदार ,कर्तव्यनिष्ठ नौकर है जिसके काम से उसके मालिक जगत सिंह संतुष्ट हैं . उसके स्वभाव में सरलता और सादगी है. उसके यही स्वभाव के कारण पड़ोसी का चौकीदार रमज़ान उसका मित्र बन जाता है . उसके साथ वह दुःख - सुख साझा करता है . यही कारण है की बच्चों के बीमार पड़ने पर रमज़ान ने उसकी पैसों से मदद की .
- सीधा व सरल - रसीला, स्वभाव से सीधा व सरल है . कमजोरी के क्षणों में वह आठ आने की चोरी करता है .लेकिन मालिक द्वारा दबाव डालने पर वह अपना अपराध स्वीकार कर लेता है . लेकिन मालिक को उस पर दया नहीं आती है . अदालत में ही वह अपना अपराध स्वीकार कर लेता है . वह चाहता तो कह सकता था कि जगत सिंह उसे फँसा रहे है .लेकिन उसने सच्चाई का ही सहारा लिया .
अतः यह कहा जा सकता है कि रसीला एक ईमानदार ,कर्तव्यनिष्ठ ,परिश्रमी ,सरल तथा संकोची स्वभाव का व्यक्ति है . उसकी ईमानदारी एवं मिलनसार व्यक्तित्व पाठकों पर एक गहरा प्रभाव छोडती है .
बात अठन्नी की रमजान का चरित्र चित्रण
रमजान जिला मजिस्ट्रेट शेख सलीमुद्दीन के यहाँ चौकीदार है। उसकी रसीला से मैत्री थी। वह दयालु स्वभाव का था । वह रसीला का चेहरा देखकर उसके मन की बात समझ जाता था। रसीला को छह महीने की सजा होने पर वह बहुत क्रोधित होता है पर कुछ कर नहीं पाता।
बात अठन्नी की बाबू जगत सिंह का चरित्र चित्रण
बाबू जगत सिंह इंजीनियर हैं। वे रिश्वत लेकर काम करते हैं। वे लालची भी हैं। रसीला की एक गलती पर वे उसकी बुरी तरह पिटाई करते हैं। वे हृदयहीन हैं। वे मिठाई के शौकीन हैं। वे रिश्वत लेते ही नहीं देते भी हैं। तभी तो सिपाही को पाँच रुपये देकर रसीला से बात मनवाने की कहते हैं।
बात अठन्नी की शेख सलीमुद्दीन का चरित्र चित्रण
शेख सलीमुद्दीन जिला मजिस्ट्रेट हैं। वे जगतसिंह के पड़ोसी तथा रिश्वतखोर हैं। वे फलों के शौकीन हैं। वे अपने लाभ के अनुसार न्याय करते हैं। अपने विवेक और बुद्धि का प्रयोग न्याय के समय नहीं करते हैं, इसलिए रसीला के माफी माँगने पर भी और उसकी पहली गलती होने पर भी उसे छह महीने की सजा सुना देते हैं।
साहित्य सागर बात अठन्नी की प्रश्न उत्तर
प्र.रसीला नौकरी छोड़कर कहीं और क्यों नहीं जाना चाहता था ?
उ. रसीला स्वभाव से ही संकोची स्वभाव का था . वह बाबू जगत सिंह के यहाँ कई बर्षों से नौकर के रूप में काम कर रहा था .उसने कई बार मालिक से तनख्वाह बढ़ाने की बात कही ,लेकिन मालिक हमेशा उसे इनकार कर देते ,कहते कहीं और नौकरी कर ले. रसीला को लगता कि उसे यहाँ अधिक सम्मान मिलता है अतः यदि वह कहीं और गया तो २ - ३ रुपये उसे अधिक मिल जाएँ ,लेकिन जितना सम्मान यहाँ मिलता है उसे वह नहीं मिल पायेगा . अतः वह अपने काम से खुश है और कहीं अन्य जगह काम नहीं करने जाता .
प्र.रमज़ान कौन है और रसीला के साथ उसके कैसे सम्बन्ध है ?
उ. रमज़ान, एक नेकदिल इंसान है .वह इंजिनियर जगत सिंह के पड़ोसी जिला मजिस्ट्रेट शेख सलीमुद्दीन के यहाँ चौकीदार है . रमज़ान और रसीला इस प्रकार पड़ोसी भी और उन दोनों में गहरी मित्रता है .
प्रश्न . रसीला की बात सुन रमजान ने क्या कहा ?
उत्तर- रसीला की बात सुन रमजान ने कहा कि बस इतनी सी बात । हमारे शेख साहब तो रिश्वत लेने के मामले में इंजीनियर साहब के भी गुरु हैं। आज भी उन्होंने एक व्यक्ति से कम से कम हजार रुपये रिश्वत के तय किए हैं।
प्र.रसीला की परेशानी सुनकर रमज़ान ने उसकी किस प्रकार सहायता की ?
उ. रसीला के घर से बच्चों के बीमार होने का पत्र आया था .मालिक से मदद मागने पर उन्होंने साफ़ इनकार कर दिया .रसीला का उदास चेहरा देखकर ,रमज़ान के बहुत बार पूछने पर रसीला ने अपनी समस्या बताई ,तो वह तुरंत पैसों की एक थैली लाकर रसीला के हाथों पर रख दिया . रमज़ान गरीब होने पर भी रसीला की मदद की .
प्र. रसीला को कितने माह की कैद हुई ?फ़ैसला सुनकर रमज़ान की क्या प्रतिक्रिया हुई ?
उ. रसीला को छ : माह की कैद हो गयी . फैसला सुनकर रमज़ान की आँखों में खून उतर आया क्योंकि सिर्फ आठ आने की चोरी के लिए रसीला को ६ महीने की सज़ा हो गयी ,जबकि बड़े - बड़े चोर आराम से घूम रहे है .
प्रश्न .हमें अपने नौकरों से कैसा व्यवहार करना चाहिए ? कहानी के आधार पर उदाहरण देकर समझाइए ।
उत्तर- हमें अपने नौकरों के साथ भी सलीके से पेश आना चाहिए। उन पर विश्वास करना चाहिए। नौकरों के दुःख में उनका साथ देना चाहिए। बाबू जगतसिंह अपने नौकर रसीला पर विश्वास तो करते थे लेकिन मुसीबत में कभी उसकी सहायता नहीं की। यदि वे रसीला की मदद करते तो रसीला को बेइमानी न करनी पड़ती।
प्रश्न . कहानी में लेखक ने समाज की कौनसी बुराई को प्रकट करने का प्रयास किया है ? क्या वे अपने प्रयास में सफल हुए ? समझाकर लिखिए।
उत्तर- इस कहानी में लेखक ने समाज की न्यायिक व्यवस्था पर व्यंग्य किया है। यह दुनिया न्याय की नगरी नहीं वरन् अन्धेर नगरी है जहाँ बड़े-बड़े अपराधी ईमानदारी का मुखौटा पहने आराम से जीते हैं, उनकी चोरी कभी पकड़ी नहीं जाती, जबकि रसीला जैसे गरीब लोगों को छोटी सी गलती के लिए भी सजा भुगतनी पड़ती है। लेखक अपने प्रयास में पूरी तरह सफल हुए हैं।
प्रश्न. रमजान ने काली कमाई वालों व मेहनती लोगों की तुलना करते हुए क्या कहा?
उत्तर- रमजान ने कहा कि गुनाह का फल मिलता है या नहीं यह भगवान ही जानता है पर रिश्वत आदि गलत तरह से काली कमाई करने वाले कोठियों में चैन से रहते हैं हम जैसे परिश्रमी व्यक्तियों के हाथ में कुछ नहीं रहता ।
प्रश्न . रसीला के बार-बार झूठ बोलने पर जगत बाबू ने क्या किया ?
उत्तर- रसीला के बार-बार झूठ बोलने पर जगतबाबू ने एक तमाचा मारा और हलवाई के पास चल सच व झूठ का पता लगाने की धमकी दी, जिससे डरकर रसीला सच बोल दे। रसीला ने भी कोई रास्ता न देख अपनी गलती मान ली।
प्रश्न. लेखक ने रुमाल का ज़िक्र क्यों किया है?
उत्तर- लेखक ने रुमाल का ज़िक्र इसलिए किया है, क्योंकि इसी रुमाल में बाँधकर उन्होंने किसी से हजार रुपये की रिश्वत ली थी। अब अठन्नी के चोर को सज़ा देते समय वे न्यायप्रिय बन रहे हैं। स्वयं की हजारों की चोरी उन्हें नज़र नहीं आ रही ।
प्र.रमज़ान ने दुनिया को अंधेर नगरी क्यों कहा है ?
उ. रमज़ान ने दुनिया को अंधेर नगरी इसीलिए कहा क्योंकि उसकी नज़रों में यह फैसला नहीं अंधेर था . बड़े - बड़े चोर नहीं पकडे जाते ,वे आराम से घूसखोरी,बेमानी करते रहते है ,जबकि सिर्फ आठ आने की चोरी करने वाला गरीब को ६ महीने की कड़ी सज़ा दे दी जाती है .
प्र.शेख साहब , कैसे आदमी थे ?
उ. शेख सलीमुद्दीन साहब जिला मजिस्ट्रेट थे . वे बहुत ही बड़े रिश्वतखोर और बेईमान थे . न्यायाधीश के पद पर बैठ कर भी वह न्याय नहीं करते थे . जिस प्रकार वह रसीला को एक मामूली गलती के लिए ६ मास की सज़ा सुना दी ,इससे उनके स्वार्थी और अन्यायी होने का पता चलता है .
प्रश्न . जगत सिंह कौन थे ? उनका परिचय दो ?
उ . बाबू जगत सिंह इंजीनियरिंग थे . वह रिश्वतखोर व भ्रष्टाचारी थे ,उनका स्वभाव निर्दयी व क्रोधी था .रसीला उनका नौकर था जिसकी उन्होंने कोई सहायता नहीं की बल्कि चोरी का आरोप लगा कर ,जेल भिजवा दिया .
प्रश्न . रसीला की किसने सहायता की और क्यों ?
उ. रसीला को पैसों की जरुरत थी ,उसे वेतन भी बहुत कम मिलता था ,जिससे उसके घर का गुज़ारा भी न चलता था .एक बार उसके बच्चे अवास्क्थ हो गए तब उसे पैसे चाहिए थे . उसने बाबू जगतसिंह से पैसे माँगे पर उन्होंने नहीं दिए तब रसीला के मित्र रमजान ने उसकी सहायता की .
प्रश्न . रसीला को अठन्नी का क़र्ज़ चुकाने का क्या तरीका सूझा ?
उ. रसीला के ऊपर रमजान का अठन्नी का क़र्ज़ रह गया . एक दिन जगतसिंह ने ५ रुपये की मिठाई मँगाई तो रसीला ने साढ़े चार रुपये की मिठाई ली और अठन्नी रमजान को लौटाकर सोचने लगा क़र्ज़ उतर गया .
प्रश्न . रसीला की पिटाई किसने की और क्यों ?
उ. रसीला ने मिठाई में से अठन्नी बचाकर रमजान का आठ आने का क़र्ज़ चुका दिया .जगत सिंह ने उसकी चोरी पकड़ ली और रसीला की खूब पिटाई की .
प्रश्न . प्र. शेख साहब न्यायप्रिय आदमी थे .इस कथन को स्पष्ट कीजिये .
उ. प्रस्तुत कहानी में कहानीकार सुदर्शन जी ने व्यंगोक्ति के माध्यम से कहा है कि शेख सलीमुद्दीन न्यायप्रिय आदमी थे . वह एक गरीब आदमी रसीला को सिर्फ आठ आने की चोरी में ६ महीने की सजा सुनाते है ,जबकि वह स्वयं एक दिन पहले किसी से एक हज़ार रुपये रिश्वत लेते हैं .इसका अर्थ यह है कि छोटी - छोटी सी गलतियाँ करने वाले गरीबों को कड़ी सजा दी जाती है ,जबकि बड़े चोर आराम से जीवन व्यतीत करते हैं.यह वर्तमान न्यायपालिका व्यवस्था पर करारा व्यंग है .
प्रश्न . जगत सिंह कौन थे ? उनका परिचय दो ?
उ . बाबू जगत सिंह इंजीनियरिंग थे . वह रिश्वतखोर व भ्रष्टाचारी थे ,उनका स्वभाव निर्दयी व क्रोधी था .रसीला उनका नौकर था जिसकी उन्होंने कोई सहायता नहीं की बल्कि चोरी का आरोप लगा कर ,जेल भिजवा दिया .
प्रश्न . रसीला की किसने सहायता की और क्यों ?
उ. रसीला को पैसों की जरुरत थी ,उसे वेतन भी बहुत कम मिलता था ,जिससे उसके घर का गुज़ारा भी न चलता था .एक बार उसके बच्चे अवास्क्थ हो गए तब उसे पैसे चाहिए थे . उसने बाबू जगतसिंह से पैसे माँगे पर उन्होंने नहीं दिए तब रसीला के मित्र रमजान ने उसकी सहायता की .
प्रश्न . रसीला को अठन्नी का क़र्ज़ चुकाने का क्या तरीका सूझा ?
उ. रसीला के ऊपर रमजान का अठन्नी का क़र्ज़ रह गया . एक दिन जगतसिंह ने ५ रुपये की मिठाई मँगाई तो रसीला ने साढ़े चार रुपये की मिठाई ली और अठन्नी रमजान को लौटाकर सोचने लगा क़र्ज़ उतर गया .
प्रश्न . रसीला की पिटाई किसने की और क्यों ?
उ. रसीला ने मिठाई में से अठन्नी बचाकर रमजान का आठ आने का क़र्ज़ चुका दिया .जगत सिंह ने उसकी चोरी पकड़ ली और रसीला की खूब पिटाई की .
प्रश्न . प्र. शेख साहब न्यायप्रिय आदमी थे .इस कथन को स्पष्ट कीजिये .
उ. प्रस्तुत कहानी में कहानीकार सुदर्शन जी ने व्यंगोक्ति के माध्यम से कहा है कि शेख सलीमुद्दीन न्यायप्रिय आदमी थे . वह एक गरीब आदमी रसीला को सिर्फ आठ आने की चोरी में ६ महीने की सजा सुनाते है ,जबकि वह स्वयं एक दिन पहले किसी से एक हज़ार रुपये रिश्वत लेते हैं .इसका अर्थ यह है कि छोटी - छोटी सी गलतियाँ करने वाले गरीबों को कड़ी सजा दी जाती है ,जबकि बड़े चोर आराम से जीवन व्यतीत करते हैं.यह वर्तमान न्यायपालिका व्यवस्था पर करारा व्यंग है .
MCQ Questions with Answers Baat Athani Ki
बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर
प्र. १. बात अट्ठन्नी की कहानी के लेखक कौन हैं ?
a. प्रेमचंद
b. सुदर्शन
c. शिवानी
d. जयशंकर प्रसाद
उ. b. सुदर्शन
२. सुदर्शन जी की सबसे प्रसिद्ध कहानी कौन सी है ?
a. नमक का दरोगा
b. कफ़न
c. गुंडा
d. हार की जीत
उ. d. हार की जीत
३. बात अठन्नी कहानी का मुख्य पात्र कौन है ?
a. रसीला
b. रमजान
c. जगत सिंह
d. शेख सलाउद्दीन
उ. a. रसीला
४. रसीला के वेतन कितनी थी ?
a. पाँच रुपये
b. दस रुपये
c. दो रुपये
d. बीस रुपये
उ. b. दस रुपये
५. रसीला किसके यहाँ नौकर था ?
a. बाबू जगत सिंह
b. रामदीन
c. हलवाई के यहाँ
d. रामदास
उ. a. जगत सिंह
६. रसीला की किससे मित्रता थी ?
a. रामदीन से
b. रमजान से
c. बाबू जगत सिंह से
d. पुलिस से
उ. b. रमजान से
७. शेख सलीमुद्दीन क्या काम करते थे ?
a. चौकीदार
b. दुकानदार
c. जिला मजिस्ट्रेट
d. इंजिनियर
उ. c. जिला मजिस्ट्रेट
8. रमजान रसीला को क्या खिलाता था ?
a. सब्जी
b. चाय
c. समोसा
d. फल
उ. d. फल
९. रसीला की आँखें क्यों भर आई ?
a. रमजान के दरियादिली को देखकर
b. ख़ुशी के कारण
c. दुखी होने के कारण
d. मार खाने के कारण
उ.a. रमजान के दरियादिली को देखकर
१०. "बाबू जगत सिंह की मैंने इतनी सेवा की ,पर दुःख में उन्होंने साथ न दिया ." यह बात किसने कही है ?
a. रसीला ने
b. रमजान से
c. शेख सलीमुद्दीन ने
d. किसी ने नहीं
उ. a. रसीला ने
11. रसीला पर रमजान का कितना उधार था ?
a. आठ आने .
b. एक रूपया
c. चवन्नी
d. दो रुपये
उ. a. आठ आने
१२. "बस पाँच सौ . इतनी सी रकम देकर , आप मेरा अपमान कर रहे हैं ." यह बात किसने कही ?
a. रमजान
b. रसीला
c. बाबू जगत सिंह
d. शेख सलीमुद्दीन
उ. c. बाबू जगत सिंह
१३. बाबू जगत सिंह कितने रुपये की मिठाई मंगवाते हैं ?
a. दस रूपया .
b. पाँच रूपया
c. दो रूपया
d. बीस रूपया
उ. b. पाँच रूपया
१४. रसीला कितने रुपये की मिठाई लाता है ?
a. दस रुपये
b. पाँच रुपये
c.. साढ़े चार रुपये
d. छ रुपये .
उ. c. साढ़े चार रुपये
१५. रसीला मिठाई खरीदने में कितने पैसे बचाता है ?
a. अठन्नी
b. एक रूपया
c. चार आना
d. दो रूपया
उ. a. अठन्नी
१६. "मनवा लेना . लातों के भूत बातों से नहीं मानते ." यह बात किसने कही ?
a. बाबू जगत सिंह
b. शेख सलीमुद्दीन
c. रमजान
d. रसीला
उ. a. बाबू जगत सिंह
१७. मुकदमा किसके न्यायलय में पेश हुआ ?
a. रोबर्ट दिकोस्ता
b. नबाब राय
c. रणजीत सिंह
d. शेख सलीमुद्दीन
उ. d. शेख सलीमुद्दीन
१८. शेख साहब कैसे आदमी थे ?
a. पद लोलुप
b. लालची
c. भोजन प्रिय
d. न्यायप्रिय
उ. d. न्यायप्रिय
१९. रसीला को कितने समय की सजा हुई ?
a. एक महीने
b. एक वर्ष की
c. छह महीने की
d. दो वर्ष की
उ. c. छह महीने की .
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