काकी कहानी

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काकी सियारामशरण गुप्त kaki uddeshya sahitya sagar kaki summary kaki story by siyaram sharan gupt summary kaki kahani ka uddeshya kaki summary in hindi काकी कहानी का सारांश काकी उद्देश्य .श्यामू बचपन में ही अपनी माँ को खो देता है .जब उसकी माँ की मौत हुई थी तब वह एक नादान बालक था .

काकी कहानी

काकी कहानी श्री सियारामशरण गुप्त जी द्वारा लिखी गयी एक प्रसिद्ध कहानी है।जिसमें उन्होंने बालमनोविज्ञान का चित्रण किया है। सियारामशरण गुप्त की कहानी "काकी" एक ऐसी कहानी है जो पाठकों के हृदय को छू लेती है। यह कहानी एक बच्चे के नजरिए से लिखी गई है, जो अपनी काकी के अचानक निधन से स्तब्ध है। कहानी में बच्चे के मन की उलझन, दुःख और असहायता को बड़ी ही मार्मिकता से चित्रित किया गया है।

काकी कहानी का सारांश

एक सवेरे श्यामू जगा तो उसने देखा कि उसकी माँ एक कपड़े से ढकी जमीन पर सो रही है घर के सब उसके चारों तरफ बैठे रो रहे हैं। कुछ देर बाद जब लोग उसकी माँ को उठाकर श्मशान ले जाने लगे तो श्यामू ने माँ को ले जाने से रोकने के लिए बहुत उपद्रव मचाया। लोगों ने उसे विश्वास दिलाया कि उसकी माँ मामा के यहाँ गई है पर थोड़े ही दिनों में उसे पता चल गया कि उसकी काकी (माँ) ऊपर राम के यहाँ गई है।
 
कुछ दिनों बाद श्यामू के आँसू तो थम गए, परन्तु उसका दुःख कम न हुआ। वह अक्सर अकेला बैठा आकाश की ओर ताका करता। एक दिन दूर आकाश में पतंग उड़ती देख उसने पतंग के सहारे काकी को राम के यहाँ से वापस नीचे बुलाने की सोची। पिता से पतंग मँगाने की कहने पर उन्होंने टाल दिया। तब श्यामू ने पिता के कोट से एक चवन्नी चुरा कर सुखिया दासी के बेटे भोला से पतंग मँगा ली। पतंग में डोर बाँधते समय श्यामू ने भोला को अपना हमराज बनाते हुए बताया कि इस पतंग के सहारे काकी राम के यहाँ से नीचे उतर आएगी।भोला श्यामू से अधिक समझदार था। उसने कहा बात तो अच्छी है। लेकिन यह डोर पतली है इसके टूटने का डर है। अगर मोटी रस्सी होती तो काकी आराम से नीचे उतर आती । श्यामू को सुझाव पसंद आया लेकिन रस्सी खरीदने के लिए पैसे नहीं थे इसलिए श्यामू ने पिता को कोट से एक रुपया चुरा लिया और भोला से दो अच्छी मजबूत रस्सियाँ मँगायी। जवाहर भैया से एक कागज पर 'काकी' भी लिखवा लिया, जिससे पतंग सीधे काकी के पास ही जाये।



जब वे दोनों पतंग में रस्सी बाँध रहे थे तभी श्यामू के पिता विश्वेश्वर आ गए और उन्होंने दोनों को धमकाकर पूछा कि तुमने हमारे कोट रुपया निकाला है? भोला ने एक ही डाँट में बता दिया कि श्यामू भैया ने रस्सी और पतंग मँगाने के लिए निकाला था।विश्वेश्वर ने श्यामू के कई तमाचे जड़े और पतंग फाड़ डाली। रस्सियों के बारे में पूछने पर भोला ने श्यामू के पतंग तानकर काकी को नीचे उतारने की बात बता दी। विश्वेश्वर हतबुद्धि होकर खड़े रह गये। जब उन्होंने फटी पतंग उठायी तो उस पर चिपके कागज पर लिखा था - काकी। 

काकी कहानी का शीर्षक उद्देश्य

किसी भी कहानी का शीर्षक उस कहानी का सबसे महत्त्वपूर्ण हिस्सा होता है। कहानी का तथ्य उसके शीर्षक के आस-पास घूमता रहता है। कहानी के सभी पात्र तथा उनके चरित्र का ताना-बाना भी उसी कहानी के शीर्षक के आस-पास घूमता रहता है। इस दृष्टि से यह शीर्षक समुचित प्रतीत होता है। इस कहानी के आरम्भ में काकी के देहान्त के बाद श्यामू 'काकी' के शोक में डूबा रहता है, वह दिन-रात इसी दुख में रहता है। उसकी 'काकी' के पास पतंग भेजने की योजना और भोला के साथ उस योजना पर काम करना, काकी के प्रेम में अपने पिता के पॉकेट से रुपया निकालना, दूसरे की मदद से पतंग पर 'काकी' लिखना और पतंग को काकी के पास भेजने के लिए रस्सी का इंतजाम करना और काकी के प्रेम में विश्वेश्वर का क्रोधित होकर श्यामू को मारना और उसकी पतंग फाड़ देना जिस पर लिखा था- 'काकी'। उक्त बातों से यह स्पष्ट हो जाता है कि यह कहानी भी शुरू से लेकर अन्त तक 'काकी' शीर्षक की सार्थकता को स्पष्ट करती है।

काकी कहानी का उद्देश्य

सियारामशरण गुप्त की मार्मिक कहानी "काकी" पाठकों के हृदय को छू लेती है और उन्हें जीवन के कुछ गहरे सत्यों से रूबरू कराती है। यह कहानी एक छोटे से बच्चे के नजरिए से लिखी गई है जो अपनी माँ (काकी) के अचानक निधन से स्तब्ध है। कहानी में बच्चे की मासूमियत, दुःख और असहायता को बड़ी मार्मिकता से चित्रित किया गया है।

इस कहानी का मुख्य उद्देश्य पाठकों को मृत्यु, जीवन और रिश्तों के बारे में गहराई से सोचने पर मजबूर करना है। कहानी हमें बताती है कि मृत्यु जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है और इसे स्वीकार करना कितना कठिन हो सकता है, खासकर बच्चों के लिए। यह कहानी हमें यह भी बताती है कि मातृ प्रेम कितना अमूल्य होता है और मातृ वियोग का दर्द कितना गहरा होता है।कहानी के माध्यम से लेखक बच्चों की मासूमियत और उनकी दुनिया को समझने की कोशिश करते हैं। वे यह दिखाना चाहते हैं कि बच्चे कैसे मृत्यु को समझते हैं और वे इस कठिन परिस्थिति से कैसे निपटते हैं। यह कहानी हमें यह भी याद दिलाती है कि हमें बच्चों के साथ धैर्य और समझदारी से पेश आना चाहिए।

इसके अलावा, यह कहानी हमें जीवन के मूल्य को समझने में भी मदद करती है। यह हमें बताती है कि हमें अपने प्रियजनों के साथ समय बिताना चाहिए और उन्हें अपना प्यार दिखाना चाहिए। क्योंकि जीवन अनमोल है और यह कभी भी खत्म हो सकता है।कहानी "काकी" एक ऐसी कहानी है जो न केवल बच्चों बल्कि बड़ों को भी प्रभावित करती है। यह कहानी हमें भावुक करती है, हमें सोचने पर मजबूर करती है और हमें जीवन के मूल्यों को समझने में मदद करती है।

काकी कहानी का चरित्र चित्रण

सियारामशरण गुप्त की कहानी "काकी" एक मार्मिक कहानी है जो एक बच्चे के नजरिए से लिखी गई है। इस कहानी में कुछ प्रमुख पात्र हैं जो कहानी को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।कहानी के प्रमुख चरित्रों का वर्णन निम्नलिखित है -

काकी कहानी में श्यामू का चरित्र चित्रण

मुख्य पात्र श्यामू एक अबोध बालक है। वह माँ से बहुत प्यार करता है। वह मृत्यु के सच से अनजान है। माँ को भूमि पर नीचे से ऊपर तक कपड़ा ओढ़े सोते देखकर उसे आभास नहीं हुआ कि उनकी मृत्यु हो गई है। वह भावुक और संवेदनशील है। अपनी उम्र और समझ के अनुसार उसने माँ को राम के घर से वापस लाने की योजना भी बना ली थी। श्यामू के चरित्र की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं - 
  • भावुक बालक - श्यामू अत्यंत भावुक बालक है . सबेरे जब श्यामू की नींद खुली तो उसने देखा की घर के लोग उसकी काकी को घेर कर बैठे थे और करुण श्वर में विलाप कर रहे हैं. जब लोग काकी को शमशान ले जाने लगे तो वह काकी को नहीं जाने देता .बड़ी कठिनाई से उसे रोका जा सका.
  • दृढ़ बालक - श्यामू बहुत दृढ़ता से काम लेता है . पतंग देखकर वह पतंग को आसमान में भेजकर काकी को नीचे उतरना चाहता है .इसके लिए पिता के जेब से पैसे चोरी करने पर भी नहीं डरता .वह अपने मित्र भोला से मिलकर योजना बनायीं ,रस्सी ,पतंग तथा काकी के नाम का चिट सभी चीजों का प्रबंध किया .
  • सीधा और सरल - श्यामू सीधा व सरल बच्चा है .यही कारण है कि वह काकी को वापस पाने के लिए पतंग का सहारा लेता है .काकी पतली डोर पर नहीं आ पाएंगी इसीलिए वह मोती रस्सी का इंतजाम करता है .काकी अपना नाम पढ़कर वापस आये ,इसीलिए वह काकी के नाम का चिट लगाकर भेजता है .

अतः उपयुक्त बातों से यह पता चलता है कि श्यामू एक नादान बालक है जो की अपनी माँ से बहुत प्रेम करता है और उन्हें हर हाल में पाना चाहता है .उसकी भोलापन ,नादानी पाठकों के मन में गहरा प्रभाव डालती है .

काकी कहानी में विश्वेश्वर का चरित्र चित्रण

विश्वेश्वर श्यामू के पिता हैं। पत्नी की असमय मृत्यु से वे उदास और अन्यमनस्क, रहते हैं। उदासी के कारण वे श्यामू की पतंग लाने वाली बात को टाल जाते हैं। वह पुत्र के प्रति जिम्मेदारी भी समझते हैं, जब उन्हें पता चलता है कि श्यामू ने उनके कोट से पैसे चुराये हैं, तब वह क्रोधित होकर उसे तमाचे लगाकर डाँटते भी हैं। पतंग लाने का कारण पता चलने पर वे हतबुद्धि होकर खड़े रह जाते हैं। 

काकी कहानी में भोला का चरित्र चित्रण

भोला, श्यामू की दासी सुखिया का लड़का है और श्यामू का हमउम्र है। भोला श्यामू से अधिक समझदार है। पतंग मँगवाने का कारण जब श्यामू बताता है, तो वह सुझाव देता है कि पतंग में मोटी रस्सी बाँधना चाहिए, क्योंकि पतली डोरी पकड़कर काकी नीचे आएँगी, तो डोरी टूट सकती है। वह डरपोक भी है। विश्वेश्वर की एक डाँट से डरकर वह सारा सच उगल देता है। 


काकी कहानी के प्रश्न उत्तर


प्रश्न . सुबह जब श्यामू की नींद खुली तो उसने क्या देखा ?

उ.बड़े सबरे जब श्यामू की नींद खुली तो उसने देखा की उसकी माँ काकी कम्बल ओढ़े भूमि शयन  कर रही है और लोग उसे घेर कर रो रहे है . जब लोग काकी को शमशान ले जाने लगे तो श्यामू ने बड़ा उपद्रव मचाया .उसने कहा की "काकी सो रही है ,उन्हें इस तरह उठाकर कहा ले जा रहे हो ? मैं न जाने दूंगा .बड़ी मुस्किल से उसे रोका जा सका.

प्रश्न . श्यामू की मनोदशा कैसे हो गयी थी ?

उ. श्यामू की मनोदशा अच्छी नहीं थी . वह एक ५-६ बर्ष का सरल ह्रदय बालक था . अचानक माँ के देहांत हो जाने पर वह संभल नहीं पाया . दिन भर माँ के लिए रोया करता और रोना बंद हो जाने के बाद वह उदास रहने लगा . उसका मन उदास ,दुखी ,परेशान और शोक से भरा हुआ था .

प्रश्न . श्यामू के उत्पात मचाने का क्या कारण था ? 
उत्तर- लोगों के श्यामू की माँ को उठाकर ले जाने पर श्यामू अपनी माँ के ऊपर जा गिरा और बोला काकी (माँ) सो रही है मैं उसे ले जाने नहीं दूँगा। उसे लगा कि उसकी काकी को लोग जबरदस्ती कहीं ले जा रहे हैं। क्योंकि श्यामू अभी अबोध बालक था वह माँ की मृत्यु की खबर को सहन करने में असमर्थ था । 

प्रश्न. श्यामू अकेला बैठा आकाश को क्यों ताकता रहता ?
उत्तर- श्यामू को जब पता चला कि उसकी काकी ऊपर राम के यहाँ गई है तो वह शून्य मन से अकेला बैठा इस आशा में आकाश की ओर ताकता कि शायद काकी नजर आ जाए। 

प्रश्न .भोला, श्यामू से अधिक समझदार क्यों  है ?

उ. भोला ,सुखिया दासी का लड़का है और श्यामू का हम उम्र ही है . वह थोडा अधिक समझदार है तभी तो वह पतंग की पतली डोर को मना करता है .तथा श्यामू से मोती रस्सी लाने के लिए कहता है ,जिसपर बैठकर काकी राम के यहाँ से नीचे आ सके . श्यामू और भोला दोनों ही अबोध है तथा नादानी में ही सही काकी को आसमान से नीचे उतरने के लिए पतंग का सहारा लेना चाहता है .

प्रश्न .काकी कौन थी ?

उ. काकी, विश्वेश्वर की पत्नी और श्यामू की माँ थी। श्यामू उसका बेटा था जो, उसके बहुत करीब था।काकी की अचानक मृत्यु हो जाती है। श्यामू अपनी माँ की कमी को बहुत महसूस करता है और प्रायः अकेला बैठा-बैठा शून्य मन से आकाश की ओर ताका करता था।

प्रश्न .श्यामू का ह्रदय क्या सोचकर खिल गया ?

उ .
एक दिन श्यामू ने आसमान में पतंग उड़ती देखी . यह देखकर उसका ह्रदय खिल उठा क्योंकि काकी को राम के यहाँ से  नीचे लाने की योजना उसके दिमाग में आ गयी .

प्रश्न .विश्वेश्वर अन्यमनस्क क्यों रहा करते थे ?

उ .
पत्नी उमा की मृत्यु के बाद वे प्रायः उदास रहा करते थे .

प्रश्न .श्यामू ने मोटी रस्सी का प्रबंध कैसे किया ? विश्वेश्वर ने पतंग क्यों फाड़ दी ?

उ .
श्यामू ने काकी को राम के यहाँ से नीचे उतारने के लिए विश्वेश्वर अर्थात अपने पिता के कोट से एक रूपया चोरी करके भोला को दिया ताकि वह अच्छी अच्छी दो रस्सियाँ ला सके . जब श्यामू के पिता को चोरी का पता चला तो उन्होंने गुस्से में आकर श्यामू को तमाचे जड़े और पतंग फाड़ दी .

प्रश्न. शुभ कार्य में विघ्न के समान कौन प्रकट हुआ तथा उसने क्या किया ? 

उत्तर- पतंग तानने के शुभ कार्य में विघ्न के समान विश्वेश्वर वहाँ आये वे बहुत क्रोधित थे। उन्होंने कोट से रुपया निकालने के बारे में उन दोनों से धमकाकर पूछा तो भोला ने डर कर सब बता दिया । 

प्रश्न. विश्वेश्वर हतबुद्धि होकर वहीं खड़े क्यों रह गए ?
उत्तर- जब भोला ने बताया कि श्यामू पतंग तानकर काकी को राम के यहाँ से नीचे उतारेंगे तो श्यामू की मासूमियत व माँ के प्रति उसका अगाध प्रेम देख विश्वेश्वर हतबुद्धि होकर वहीं खड़े रह गए तथा उन्हें स्वयं पर पछतावा होने लगा। 

प्रश्न .विश्वेश्वर हतबुद्धि क्यों रह गए ?

उ. विश्वेश्वर अपने जेब से पैसों की चोरी होने पर जब उन्हें पता चला तो वह श्यामू के पास गए और कहा की तुमने पैसे चुराए है .भोला एक ही डांट में मुखबिर बन गया .इस पर उन्होंने श्यामू को मारा . भोला ने बताया कि श्यामू ने कहा था कि पतंग उड़ाकर काकी को राम के यहाँ से उतरेंगे .इस बात पर विश्वेश्वर हतबुद्धि हो गए .अंत में पतंग उठाकर देखा तो उस पर लिखा था - काकी .



MCQ Questions with Answers Kaki Kahani


बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर 

प्र. १. काकी कहानी के लेखक कौन है ?
a. सियारामशरण गुप्त 
b. प्रेमचंद 
c. सुदर्शन 
d. शिवानी 

उ.a. सियारामशरण गुप्त 

२. सुधाकर पदक से किसे विभूषित किया गया ?
a. प्रेमचंद 
b. जयशंकर प्रसाद 
c. सियारामशरण गुप्त 
d. यशपाल 

उ. c. सियारामशरण गुप्त 

३. गुप्तजी की भाषा कैसी है ?
a. सरल 
b. सहज 
c. व्यवाहरिक 
d. उपयुक्त सभी 

उ. d. उपयुक्त सभी 

४. श्यामू ने सुबह उठ कर क्या देखा ?
a. घर में मेहमान आये हुए हैं ?
b. उसकी माँ खाना बना रही है . 
c. लोग सो रहे हैं . 
d. उसकी माँ उमा भूमि पर सो रही है . 

उ. d. उसकी माँ उमा भूमि पर सो रही है . 

५. श्यामू के पिता का क्या नाम है ?
a. रामेश्वर 
b. विश्वेसर 
c. दयाराम 
d. रामदीन 

उ. b. विश्वेसर 

६. घर के लोग कुहराम क्यों मचा रहे थे ?
a. श्यामू की माँ उमा मर गयी थी . 
b. लोग बीमार थे . 
c. भोला की मृत्यु 
d. उपयुक्त में से कोई नहीं . 

उ. a. श्यामू की माँ उमा मर गयी थी . 

७. श्यामू को किसने कहा की कि काकी मामा के पास गयी है ?
a. पिताजी ने 
b. भोला ने 
c. बुद्धिमान गुरुजनों ने 
d. दासी ने 

उ. c. बुद्धिमान गुरुजनों ने 

8. एक दिन श्यामू ने आसमान में क्या देखा ?
a. पक्षी 
b. तारे 
c. पतंग 
d. सूरज 

उ. c. पतंग 

९. श्यामू ने अपने पिता की कोट से क्या चुराया ?
a. चवन्नी 
b. दो रूपया 
c. आठ आने 
d. दस पैसा 

उ. a. चवन्नी 

१०. श्यामू का परम मित्र कौन था ?
a. भोला 
b. राधा 
c. रामदीन 
d. उपयुक्त में से कोई नहीं . 

उ.a. भोला 

11. श्यामू ने चवन्नी क्यों चुरायी ?
a. मिठाई खाने के लिए 
b. आइसक्रीम खाने के लिए 
c. पतंग खरीदने के लिए 
d. कपडे खरीदने के लिए 

उ. c. पतंग खरीदने के लिए 

१२. "समवयस्क " शब्द का क्या अर्थ है ?
a. कम उम्र का . 
b. ज्यादा आयु का 
c. समान आयु का 
d. उपयुक्त में से कोई नहीं . 

उ. c. समान आयु का 

१३. पतंग की डोर कहाँ बाँधी जा रही थी ?
a. छत पर 
b. भोला के घर में 
c. खेत में 
d. अँधेरी कोठरी में 

उ. d. अँधेरी कोठरी में 

१४. श्यामू ने पतंग पर काकी शब्द किससे लिखवाया ?
a. स्वयं लिखा 
b. पिताजी से 
c. भोला से 
d. जवाहर भईया से 

उ. d. जवाहर भईया से 

१५. 'ओछी'  शब्द का क्या तात्पर्य है ?
a. बड़ी 
b. लम्बी 
c. छोटी 
d. मोटी 

उ. c. छोटी 

१६. श्यामू आसमान में पतंग क्यों उड़ाना चाहता है ?
a. उसे पतंगबाजी का शौक था .
b. दोस्तों को दिखाना चाहता था . 
c. वह पतंग के द्वारा अपनी काकी को राम जी के यहाँ से वापस लाना चाहता था .
d. उपयुक्त में से कोई नहीं . 

उ. c. वह पतंग के द्वारा अपनी काकी को राम जी के यहाँ से वापस लाना चाहता था .

१७. 'शुभ कार्य में विघ्न की तरह' कौन आ गया ?
a. श्यामू के पिता विस्श्वेसर 
b. जवाहर भईया 
c. पुलिस 
d. भोला की बहन 

उ. a. श्यामू के पिता विस्श्वेसर 

१८. हतबुद्धि शब्द का क्या अर्थ है ?
a. खुश हो जाना 
b. दुखी हो जाना 
c. सब कुछ जानने वाला 
d. जो कुछ सोच पाने की अवस्था में न हो . 

उ. d. जो कुछ सोच पाने की अवस्था में न हो . 

१९. मुखबिर शब्द का क्या अर्थ है ?
a. चोर 
b. ज्ञानी आदमी 
c. भेद खोलने वाला 
d. चुगली करने वाला 

उ. c. भेद खोलने वाला . 

२०. पतंग पर चिपके हुए कागज़ पर क्या लिखा हुआ था ?
a. काकी 
b. श्यामू 
c. भोला 
d. राम - राम 

उ. a . काकी 

COMMENTS

Leave a Reply: 15
  1. Shyamu Ne Pita Ke coat ki Jeb se 1 rupya Kyon nikala

    जवाब देंहटाएं
  2. उसने पतंग का प्रबंध कैसे किया।

    जवाब देंहटाएं
  3. बेनामीमई 17, 2022 9:00 am

    Kahani ko natak ke roop me bataye

    जवाब देंहटाएं
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हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika: काकी कहानी
काकी कहानी
काकी सियारामशरण गुप्त kaki uddeshya sahitya sagar kaki summary kaki story by siyaram sharan gupt summary kaki kahani ka uddeshya kaki summary in hindi काकी कहानी का सारांश काकी उद्देश्य .श्यामू बचपन में ही अपनी माँ को खो देता है .जब उसकी माँ की मौत हुई थी तब वह एक नादान बालक था .
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