मल्लिका का चरित्र चित्रण आषाढ़ का एक दिन नाटक की नायिका मल्लिका है। ashadh ka ek din mallika ashad ka ek din characters मल्लिका अम्बिका की पुत्री है. वह कालिदास की प्रेयसी के रूप में सामने आती है।
मल्लिका का चरित्र चित्रण
आषाढ़ का एक दिन नाटक की नायिका मल्लिका है। वह भारतीय नारी का प्रतिनिधित्व करती है। वह नाटक का सबसे शक्तिशाली और मार्मिक चरित्र है। मल्लिका अम्बिका की पुत्री है. वह कालिदास की प्रेयसी के रूप में सामने आती है। यह कालिदास को भावनात्मक स्तर पर पवित्र और निस्वार्थ प्रेम करती है. मल्लिका के चरित्र को हम निम्न रूप में वर्णन कर सकते हैं -
१. स्वाभिमानी स्त्री -
कालिदास और राजकन्या का विवाह भी उसे विचलित नहीं करता है. वह सदैव कालिदास का उत्कर्ष चाहती है और इसीलिए उसने आग्रह करके कालिदास को उज्जयनी भेजा है। कालिदास के कश्मीर से शासकीय पद से विरक्त हो जाने के समाचार से वह विचलित हो जाती है। माता की मृत्यु तथा अन्य विवशं परिस्थितयाँ उसे विलोम के समक्ष आत्म - समर्पण करने के लिए विवश कर देती है। विलोम से उसे एक पुत्री हो जाती है। कालिदास कश्मीर से पलायन करके आते है।मल्लिका उनका स्वागत करती है।परन्तु कालिदास विलोम से उत्पन्न बच्ची को देखकर लौट जाते हैं. मल्लिका आँखों में आँसू भरे देखते रह जाती है। मल्लिका आदर्श प्रेमिका है। परिस्थितियां की विवशता ही उसे यथार्थ को स्वीकार करने के लिए विवशकर देती है।
२. आदर्श प्रेमिका -
मल्लिका आदर्श प्रेमिका है।वह कवि कालिदास को प्रेम करती है। वह कवि कालिदास के साथआषाढ़ का एक दिन नाटक में प्रथम दिवस की वर्षा में भीगकर आयी है। मल्लिका स्वभाव से जिद्दी है। अम्बिका जब भी मल्लिका से कालिदास की बुराई करती है ,मल्लिका को अच्छा नहीं लगता है और वह खीझ जाती है। जब भी माँ मल्लिका से उससे विवाह की बात करती है ,तब भी वह विवाह से इंकार करती है। मल्लिका की भावुकता का सबसे बड़ा उदहारण कालिदास के प्रति उसका प्रेम है। कालिदास की उपेक्षा के वावजूद वह सबके लिए हालत को ही दोषी मानती है। अपनी इसी कोमलता और भावुकता के कारण वह जीवन के यर्थार्थ से लड़ते - लड़ते टूट जाती है।
३. निःस्वार्थ जीवन -
आषाढ़ का एक दिन की नायिका के रूप में मल्लिका निश्चल ,निस्वार्थ और सच्ची प्रेमिका है. वह कालिदास से बहुत प्रेम करती है और अपने इस प्रेम में वह अपनी माँ ,समाज आदि किसी की परवाह नहीं करती है। उसका प्रेम निस्वार्थ है तभी तो वह अपनी चिंता न करके कालिदास के अच्छे भविष्य के उसे उज्जयनी जाने के विवश करती है। उसका कालिदास के प्रति प्रेम अमर है।
इस प्रकार हम देखते हैं कि मल्लिका के चरित्र में हम उदार हृदया,अहिंसा और करुणा की मूर्ति ,निस्वार्थ भाव से प्रेम करने वाली ,स्वाभिमानी युवती है।वह कालिदास को प्रेरणा देती है ,उसकी ही प्रेरणा से कालिदास जीवन में आगे बढ़ते हैं।
संक्षेप में हम आषाढ़ का एक दिन नाटक के अनुसार ,मल्लिका के चरित्र में निम्न बातें देख सकते हैं -
- मल्लिका कालिदास की प्रेमिका के रूप में नाटक में सामने आते हैं।
- वह कालिदास को भावनात्मक प्रेम करती है और किसी प्रकार का बदला नहीं चाहती है।
- वह यही चाहती है कि कालिदास का यश फैले। इसीलिए वह कालिदास को उज्जयनी भेजती है।
- मल्लिका यथार्थ से टक्कर लेती है और कालिदास के ग्रंथों को देखर प्रसन्न होती है।
- कालिदास के प्रियंगुमंजरी से विवाह की बात सुनकर उसे दुःख होता है।
- जीवन की वास्तविक आवश्यकताओं से विवश होकर वह विलोम के समक्ष आत्म - समर्पण करने को विवश होती है।
- मल्लिका अंतिम दृश्य में करुणा की मूर्ति बानी हुई सामने आती है।
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