परेश ने कार्टून प्रतियोगिता में वर्ष 2000 के लिए संयुक्त राष्ट्र संवाददाता संघ राना लूरी राजनीतिक कार्टून पुरस्कार के विजेता के रूप में अपने काम के लिए दुनिया भर में मान्यता अर्जित की है . उन्हें दुनिया भर में पेशेवर राजनीतिक कार्टूनिस्ट के बीच प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था .
बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं परेश नाथ
परेश नाथ (जन्म 1970) कार्टून दुनिया में अपनी बहुमुखी प्रतिभा और रेंज के लिए जाने जाते हैं. राष्ट्रीय , अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य , राजनीति , पर्यावरण , फिल्मों और से खेल संबंधी मुद्दों पर वह काम कर चुके हैं. वह एक विपुल कार्टूनिस्ट हैं और दुनिया भर में उनकी कार्टूनें प्रकाशित की गई है.
शिक्षा
परेश ने अपने विशेष पेपर के रूप में अमेरिकी साहित्य के साथ कटक के रावेनशॉ कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की . वह अपने स्कूल के दिनों से ड्राइंग और चित्रण के आदी थे . एक स्वयं प्रशिक्षित कलाकार परेश अपने कार्टून और चित्र अपने कॉलेज के दिनों में समाचार पत्रों में प्रकाशित होते थे. परेश ने ओडिया दैनिक समाज के साथ अपने पेशेवर जिंदगी की शुुरुआत की. 1990 के दशक में नेशनल हेराल्ड में शामिल होने से पहले वह दिल्ली स्थित इंडियन एक्सप्रेस के लिए फ्री लांसिंग करते थे.
फ्री लांस कार्टूनिस्ट परेश
फिलहाल परेश मुम्बई से प्रकाशित होने वाली बंबई समाचार, ( यूएनएफपीए , भारत की राष्ट्रीय सहकारी संघ द्वारा प्र्रकाशित पाक्षिक पत्रिका को-आप हारिजन, पांच शहरी महानगरीय और राजनीतिक मुद्दों पर दिल्ली से प्रकाशित नाइबरहूड फ्लैस के फ्री लांसिंग की. उनकी व्यंग्यात्मक तथा हास्यरस से भरपूर न्यूयॉर्क टाइम्स , इंटरनेशनल हेराल्ड ट्रिब्यून ( पेरिस ) , लॉस एंजिल्स टाइम्स , वर्ल्ड प्रेस, रिव्यू, द गार्डियन, आॅएस्ट फ्रांस , टाइम, कौरियर इंटरनेशनल आदि के साथ जुड़ कर वह विभिन्न आन लाइन प्रोजेक्ट के लिए काम कर रहे हैं तथा अपनी कार्टूनों को दुनिया भर के विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों में प्रकाशित कर रहे हैं . भारत में वह फाइंनाशियल एक्सप्रो, इंडिया टुडे, इलीस्ट्रटेड विक्ली आफ इंडिया, द सन जिरो आवर, समयुक्त कर्नाटक, द इस्टर्न टाइम्स आदि के लिए भी काम कर रहे हैं. वह 2005 के बाद से दुबई और संयुक्त अरब अमीरात से प्रकाशित अंग्रेजी दैनिक समाचार पत्र खलीज टाइम्स के लिए भी काम कर रहे हैं.
प्रतिभा ने दिलाया सम्मान
परेश ने कार्टून प्रतियोगिता में वर्ष 2000 के लिए संयुक्त राष्ट्र संवाददाता संघ राना लूरी राजनीतिक कार्टून पुरस्कार के विजेता के रूप में अपने काम के लिए दुनिया भर में मान्यता अर्जित की है . उन्हें दुनिया भर में पेशेवर राजनीतिक कार्टूनिस्ट के बीच प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था . इसके अलावा अपने कार्टून के लिए उन्हेंने क्रमश: 1987 और 1991 में यूथ फेडरेशन पुरस्कार और दिल्ली साहित्य कला परिषद पुरस्कार जीता. उन्होंने कहा कि वर्ष 1992 और 2000 में यूएनएफपीए के अंतरराष्ट्रीय पोस्टर प्रतियोगिता के लिए जूरी सदस्यों के पैनल का एक सदस्य है . वह अपने कार्टूनों के अलावा व्यंग्यात्मक कालम भी लिखा करते थे. उन्होंने निकट भविष्य में योग और रहस्यवाद पर किताबें लिखने की योजना बना रहा है . वह अपने दो बच्चों और पत्नी के साथ दिल्ली में रहते हैं.
Translated from original English by Itishree Singh Rathaur.E-mail: itishree.singhrathaur@gmail.com)About the Author: A journalist turned media academician Dr. Mrinal Chatterjee presently heads the Eastern India campus of Indian Institute of Mass Communication (IIMC), located at Dhenkanal in Odisha. Besides writing on media and communication, he also writes fiction and column in English and Odia in several publications and websites. E-mail: mrinalchatterjee@ymail.com
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