कुछ कविताएँ के कोने लदे होते है दर्द के सलीबों से। कुछ कविताएँ भरी होती हैं भाग्य के नसीबों से।
कुछ कविताएँ
कुछ कविताएँ के कोने लदे होते है दर्द के सलीबों से।कुछ कविताएँ भरी होती हैं भाग्य के नसीबों से।
कुछ कवितायेँ अव्यक्त सा भाव देकर शांत हो जाती हैं।
कुछ कवितायेँ सब कुछ व्यक्त कर अन्तर्मन में उतर जाती हैं।
कुछ कवितायेँ शोरगुल के भंवर में डूब कर अधूरी रह जाती है।
कुछ कवितायेँ षोडशी सी सजी मन को लुभाती है।
कुछ कवितायेँ सुगन्धित सी कर देती है मन को आनंदित।
कुछ कवितायेँ कर देती हैं अंतर्मन को मुदित।
कुछ कविताओं में होते है उलाहने
कुछ कविताओं में होते है मायने।
कुछ कविताओं में होते हैं वर्तमान के प्रतिबिम्ब।
कुछ कविताओं में होते है भविष्य के बिम्ब।
कुछ कविताओं में खड़े होकर प्रश्न तलाशते है उत्तर।
कुछ कविताएँ सुलगती रहती हैं मन के भीतर।
कुछ कविताओं में होती है प्रभु की प्रार्थना।
कुछ कविताओं में होते हैं सत्य के संकेत और धर्म की भावना।
कुछ कविताएँ अश्लील कपडे पहननृत्य करती हैं बार बालाओं सी।
कुछ कविताएँ सजी धजी संस्कारित बहुओं की मुस्कान जैसी।
कुछ कविताएँ समेटे होती हैं भूत का दर्द वर्तमान की लंकाएँ।
कुछ कविताओं में होती है भविष्य की ख़ुशी और आशंकाएं।
कुछ कविताएँ बाल मन को टटोलती किलकारियां भरती हैं।
कुछ कविताएँ आम आदमी के दर्द का बखान करती हैं।
कुछ कविताओं में चाँद और प्रेम पर लेटेे शब्दों की शहनाइयां हैं|
कुछ कविताओं में रिसते दर्द की रुसवाईयाँ हैं।
कुछ कविताओं में राजनीति के सरोकार होते हैं।
कुछ कविताओं में चरण धोते साहित्यकार होते हैं।
कुछ कविताओं में जंगल की कराह और मरते जानवर होते हैं।
कुछ कविताओं में दूषित पर्यावरण और सूखते कुएँ रोते हैं।
कुछ कविताओं का स्तर भू जल से भी नीचे जाकर गिरता है।
कुछ कविताओं में विचारों का गन्दा पानी आ आकर मिलता है।
कुछ कविताएं श्रृंगार के नाम पर अश्लीलता का बखान करती हैं।
कुछ कविताएं सिर्फ महिला पुरुषों का बखान करती हैं।
कुछ कविताएं खुश्बू सी फैल कर मन पर छा जाती हैं।
कुछ कविताएं इत्र सी महक कर दिल में उतर जाती हैं।
कुछ कविताओं में देश भक्ति का स्वर होता है।
कुछ कविताओं से देश का नाम अमर होता है।
कुछ कविताएं खुद को लजाती हैं।
कुछ कविताएं वैमनष्यता फैलाती हैं
कुछ कविताएँ त्योहारों का गुणगान करती हैं।
कुछ कविताएँ प्रकृति का बखान करती हैं।
कुछ कविताएं किसी को समझ में नहीं आतीं हैं।
कुछ कविताएँ स्वयं का अर्थ समझाती हैं।
कुछ कविताओं में विज्ञान की कहानी होती हैं।
कुछ कविताओं में शिक्षा सयानी होती हैं।
कुछ कविताएं समाज का दर्पण होती हैं।
कुछ कविताएँ वृद्धों की दशा पर रोती हैं।
कविताएँ भाषाओँ के मायने हैं।
कविताएँ संस्कृतियों के आईने हैं।
कविताएँ शब्दों सुरों और भावों की आत्मा हैं।
कविताएँ सृष्टि के लिए साक्षात् परमात्मा है।
यह रचना सुशील कुमार शर्मा जी द्वारा लिखी गयी है . आप व्यवहारिक भूगर्भ शास्त्र और अंग्रेजी साहित्य में परास्नातक हैं। इसके साथ ही आपने बी.एड. की उपाधि भी प्राप्त की है। आप वर्तमान में शासकीय आदर्श उच्च माध्य विद्यालय, गाडरवारा, मध्य प्रदेश में वरिष्ठ अध्यापक (अंग्रेजी) के पद पर कार्यरत हैं। आप एक उत्कृष्ट शिक्षा शास्त्री के आलावा सामाजिक एवं वैज्ञानिक मुद्दों पर चिंतन करने वाले लेखक के रूप में जाने जाते हैं| अंतर्राष्ट्रीय जर्नल्स में शिक्षा से सम्बंधित आलेख प्रकाशित होते रहे हैं | अापकी रचनाएं समय-समय पर देशबंधु पत्र ,साईंटिफिक वर्ल्ड ,हिंदी वर्ल्ड, साहित्य शिल्पी ,रचना कार ,काव्यसागर, स्वर्गविभा एवं अन्य वेबसाइटो पर एवं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं।आपको विभिन्न सम्मानों से पुरुष्कृत किया जा चुका है जिनमे प्रमुख हैं :-
1.विपिन जोशी रास्ट्रीय शिक्षक सम्मान "द्रोणाचार्य "सम्मान 2012
2.उर्स कमेटी गाडरवारा द्वारा सद्भावना सम्मान 2007
3.कुष्ट रोग उन्मूलन के लिए नरसिंहपुर जिला द्वारा सम्मान 2002
4.नशामुक्ति अभियान के लिए सम्मानित 2009
इसके आलावा आप पर्यावरण ,विज्ञान, शिक्षा एवं समाज के सरोकारों पर नियमित लेखन कर रहे हैं |
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