मेरा हिन्दुस्तान है ये विश्व की पहचान है ये पर्वतों की चोटियों पे चमकता बर्फ का ताज है ये भोर की लाली यहाँ सिन्दुरी केसरी शाम है हरि हरी धरा पे पीले पीले लहलहाते गुनगुनाते खेत खलिहान है ये
काले खेतों में
मेरा हिन्दुस्तान है ये
विश्व की पहचान है ये
पर्वतों की चोटियों पे
चमकता बर्फ का ताज है ये
भोर की लाली यहाँ
सिन्दुरी केसरी शाम है
हरि हरी धरा पे पीले पीले
लहलहाते गुनगुनाते
खेत खलिहान है ये
अठखेलियों में झूमती
मुस्कुराती नदियाँ यहाँ
नृत्य करती ,हवाओं में बिजलियाँ
मेघों का शंख नाद है ये
राम कृष्ण की धरती पर यहाँ
गीता और कुरान है ये
गूंजती आरतियां शुभ वेला में
मिले यहाँ मधुर अजान है
गुरू गोबिन्द के शबद में
सर्व शक्तिमान है ये
आन बान शान में
विश्व में महान ये
लहराये तिरंगा प्यारा
धरती आसमान में ये
खेल , कला धर्म , इतिहास विज्ञान
संस्कृति सभ्यता का
विश्व में कीर्तिमान है ये
मानवता की पूर्ण पहचान में
हीरे मोती रत्नों की खान है ये
रौशनी के जलते चिरागों संघ
सर्वत्र उड़ता परवान हैं ये
काले काले खेतों में
तारों की फसल का
उग रहा नया चाँद है ये
नीले नीले समन्दरी तट पे
खूबसूरत बांहे फैला कर
आमन्त्रित कर रहा सर्व जहान ये
धरती अम्बर ब्रमाह्ण्ड में
स्वमेव गुणगान है ये
मेरा प्यारा भारत महान
धानी धरती पूर्ण अन्न धन धान
उज्जवल श्वेत परिधान
केसरिया पगड़ियों की शान में
विश्व शांति का पैगाम है ये
देख कर स्वर्णिम रशमियां
रोशन सारा जहान है
जय जवान जय किसान जय विज्ञान
सफल सुफल मिले सब अभियान
सारे जग में जिसका डंका बजे
जय जय जय हिन्दुस्तान है ये
राजेश गोसाईं
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2.. तिरंगा
आओ मिल के लहरायें तिरंगा
राजेश गोसाईं |
हंस हंस के फहराये यह झण्डा
लाल हरे रंग ना होंवे कहीं पे
झूमे मेरे देश की हर एक छत पे
सदा हंसे मुस्कुराये
लहराये यहाँ एक ही तिरंगा
देश की आन बान शान में
सदा अमर ऊंचा लहराये
नील गगन में हवाओं संग गाये
हरी धरती का मान बढ़ाये
ना हो लहु की कोई धारा
माटी के पुतलों में बढ़ जाये
सदा प्रेम शांति भाईचारा
ना हो धर्म मजहब की दीवारें कहीं पे
इंसानों में बह जाये अमन गंगा
सारे जहां से हो यह न्यारा
केवल एक ही यह झण्डा हमारा
हिन्द के देश में सारे विश्व को
प्यारा लगे यह तिरंगा
राजेश गोसाईं
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3. थोड़ी देर के लिये
वतन की मिट्टी में
मैं कुछ देर खेल आऊं
थोड़ी देर के लिये
मैं बच्चा बन जाऊं
थोडी देर के लिये
बच्चे जो भी आते है
दुश्मनी पूरी निभाते हैं
घुसपैठ में वो हमसे
छुप्पा छुप्पी खेल जाते हैं
मैं भी जरा थप्पा कर
उनको आउट कर आऊं
थोड़ी देर के लिये
मैं बच्चा बन जाऊं
थोड़ी देर के लिये
वो चोर की माफिक आते हैं
फिर गोलियों से खेल जाते हैं
मैं चोर सिपाही खेल आऊं
उनको जेल दिखला आऊं
थोड़ी देर के लिये
मैं बच्चा बन जाऊं
थोड़ी देर के लिये
वतन की मिट्टी में
उनसे खो खो कब्बडी खेलुं
फिर धाराशाही कर
यहां की धूल मिट्टी चटाऊं
अपनी धरती अपना है वतन
ताकत इस मिट्टी की दिखा
उनकी औकात बता आऊं
थोड़ी देर के लिये
मैं बच्चा बन जाऊं
थोड़ी देर के लिये
राजेश गोसाईं
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4. केसर घाटी * * *
हम राष्ट्र गान भी गायेंगे
हम राष्ट्र गीत भी गायेंगे
केसर घाटी में मिल कर
हम तिरंगा नया फहरायेंगे
पी ओ के को आजाद कर
हम कश्मीर नया बनायेंगे
हम राष्ट्र गान भी गायेंगे
हम राष्ट्र गीत भी गायेंगे
केसर घाटी में मिल कर
हम तिरंगा नया फहरायेंगे
खूब हो गई खून की होली
खूूब हो गई बम की दिवाली
केसर चन्दन की खुशबु से
हम स्वर्ग नया बनायेंगे
डल झील चिनाब रावी
हम फिर निर्मल सजायेंगे
हम राष्ट्र गान भी गायेंगे
हम राष्ट्र गीत भी गायेंगे
केसर घाटी मे मिल कर
हम तिरंगा नया फहरायेंगे
मुस्कायेगी हरी धरती फिर
केसर तिलक लगा कर
हिम ताज पर्वत ऊपर
हम नया आज पहनायेंगे
गले लगा कर हर बन्धु
मन्दिर -मस्जिद फिर सजायेंगे
अमन-चैन की घाटी में
मिल कर अजान-शंख बजायेंगे
हम राष्ट्र गीत भी गायेंगे
हम राष्ट्र गान भी गायेंगे
केसर घाटी में मिल कर
हम तिरंगा नया फहरायेंगे
राजेश गोसाईं
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5. चरण वन्दन
जय जय भारत माता
हम वन्दन करते हैं
हे सुख करनी हे जगजननी
हे वरदानी भाग्य विधाता
तू है सबकी पालन कर्ता
सर्व धर्म सर्व भाषाा
तुझमे ही है बसती रसधारा
हर प्रदेश की प्रेम गाथा
हर संस्कृति की दाता
हर त्यौहार हर जन मनाता
ऐक बन कर नेक बन कर
गीत मिलन के है गाता
आशाओं के पंख पाकर
सपनों की उड़ान भरे
भारत वर्ष विश्वगुरू महान बने
हो सुखमय हिन्द माता
मिटा कर सब द्वेष झगड़े
है मजबूत दिल का नाता
लाल हरे रंग छोड़ कर
एक तिरंगा है यहाँ लहराता
चहुं दिशा पर्वत सागर
धरती अम्बर तेरी कृपा पाता
चरण वन्दन है स्वर्ग दायिनी
नमन तुझे हे विश्व विधाता
राजेश गोसाईं
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6.. जय गीत
( हवा )........
हवा इधर चली हवा उधर चली
तुफानो का शोर बहुत हुआ
कुछ पेड़ कटे कुछ डाल टूटे
पंछियों का लहु बहुत गिरा
जो फूल गिरा मैदान मे
कोई तस्वीर बना कोई हार हुआ
कयामत का जब शोर थमा
आजाद फिर ये चमन हुआ
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ए मेरे प्यारे प्यारे वतन
तुझपे कुर्बान ये तन ओ मन
मैं तो कुर्बान कुर्बान कुर्बान
तुझपे कुर्बान प्यारे वतन
कौटि कौटि है दिल से नमन
ए मेरे प्यारे प्यारे वतन
याद कर लूं मैं उनको जरा सा
जो थे आजादी के दीवाने
चूम लूं मैं उस धरा को
जिस पे गाये थे मस्त तराने
झेल कर सीने पे वो गोली
सो गये दे के हमको चमन
ए मेरे प्यारे प्यारे वतन
झूमे गाये हरियाली पवन ये
नाच लूं मैं भी खुशी में
हो पागल उठा के बन्दूक बम
ए मेरे प्यारे प्यारे वतन
कौटि कौटि है दिल से नमन
सेवा तेरी ही करते रहेंगे
तेरी खातिर ही मरते रहेंगे
मूरत तेरी ये मन में सजाये
क्या फर्क जीयें मर जायें
पूजा तेरी करेंगे सदा ही
संकट तेरा ही हरते रहेंगे
ए मेरे प्यारे प्यारे वतन
कौटि कौटि है दिल से नमन
जप जप के माला तेरी ए वतन
तोड़ देंगे हम यहाँ पे ही दम
अब वतन की लगी है जो अगन
ले आयेंगे यहाँ चैन ओ अमन
ए मेरे प्यारे प्यारे वतन
कौटि कौटि है दिल से नमन
तेरी पूजा की थाली सजा कर
तिलक अपने लहु का लगा कर
तेरी शान में हे मातृभूमि
सर अपना चढ़ा देंगे हम
हमको तेरी है ये कसम
धार खडग की बन जायेंगे हम
ए मेरे प्यारे प्यारे वतन
कौटि कौटि है दिल से नमन
हिन्द की जय में जय हिन्द बोल के
जयगीत तेरा ही लिख जायेंगे हम
गीत " राजेश " का ये गाकर
" राज-ऐश " वतन पे फिदा कर जायेंगे हम
ए मेरे प्यारे वतन
ए मेरे प्यारे मधुबन
रंग बसन्ती लहु में मिला कर
हिन्द की बगिया सजा जायेंगे हम
कुर्बान ये जीवन , कदमोंं में तन मन
कर देंगे श्रृंगार युक्त ये चमन
ए मेरे प्यारे प्यारे वतन
कौटि कौटि है दिल से नमन
राजेश गोसाईं
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7. नया देश
बिछुड़ गया है लय से जो आज
वो गीत नया फिर गाना है
आओ मिलकर अब हमको इक
नया देश बनाना है
बिखर गये हैं मनके जो आज
इस गौरवमयी देश के माला के
चुन इक इक मोती फिर से
सुख चैन का हार फिर बनाना है
एक एक सितारे तोड़ नभ से आज
हर आँगन मे फिर अपने साथ
हर दीप नया फिर जलाना है
एकता प्रेम दया भाव से
इस तमस को हमे मिटाना है
नई उमंगों नव तरंगों से
इक नवयुग का निर्माण कराना है
आओ मिलकर अब हमको
इक नया देश बनाना है
खत्म करके आतंकवाद को आज
फिर नूतन राज्य बनाना है
मिटा कर दूरियां आपस में
हर भाई को गले लगाना है
जिन सुमनों से महकती थी
बगिया हमारे देश की
उनकी कलियों से पनपे
हर आतंक को मिटाना है
तिनका तिनका चुन कर
प्रेम का नीढ़ नया बनाना है
आओ मिल कर अब हमको
इक नया देश सजाना है
राजेश गोसाईं
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8... जशन ए आजादी
लहु से सींच कर......
दे गये जो वतन.......
उन शहीदों को है नमन.....
आजादी की नई हवा में.....
अपनी धरती अपना है गगन....
याद कर उनकी कुर्बानियां....
मेरे वीरो---सम्भालो ये वतन....
खुली बहारें , खुली सांसें....
खुली हवाओं में.....
गीत देश का भी....कुछ .. गा.. लो......
आज खुल के ....जशन मना लो.....
* * * *
मेरा रंग दे बसंती चोला....२
माये रंग दे बसंती चोला
आजादी का दिन है...
इस चोले को पहन के नाचे
हम मस्तों का टोला
मेरा रंग दे बसंती चोला
रंग बसंती में ......
ये चोला आज सजा लो
रंगोली खूब सजा लो
इस चोले को पहन के....
तिरंगा ये लहरा लो
जशन मना लो.......२
आजादी का दिन
बड़ा शुभ दिन....
खुशियां आज मना लो....
गा लो मुस्कुरा लो
जशन मना लो....
ना जाने कितनी जाने गंवा के
आजादी ये पाई
गा लो आज बधाई......
मिल जुल के सारे भाई
आज ...गले सबको ..लगा लो
गा लो ...मुस्कुरा लो...
महफिलें सजा लो...
आजदी की वेला में ,कर लो ये शुभ काम
जीवन की शाम ... देश के नाम
शहीदों को कर सलाम
दीप श्रद्धा के आज जला लो....
यारो... मुबारक दिन बना लो.....
.....* * * -------
( बड़ा मजा आ रहा है इस मिट्टी में खेलने का
मेरे शहीदों के फूलों मे खुशबु बहुत है )
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इस माटी का तिलक कर
चन्दन आज लगा लो
मस्ती में झूमो , मस्ती में नाचो गा लो,.....
वीरों की अमानत को ....२
मेरे वीरो आज सम्भालो
मिल जुल के ..गीत देश के भी गा लो
गा लो ...मुस्कुरा लो
महफिलें सजा लो
आजादी का है दिन....
जशन खूब मना लो
मेरा रंग दे बसन्ती चोला
माये रंग दे बसन्ती चोला.....
ओये ....रंग दे ...बस़न्ती चोला
आजादी का दिन ये चोला आज सजा लो
.....* * * ........
( कितना खूबसूरत वो नजारा होगा
धरती आकाश हवा में
जब बसंती रंग के संग मिलकर
नाचता तिरंगा हमारा होगा )
.....* * * .......
इस चोले को पहन के
नाचे हम मस्तों का टोला
रंग बसंती में......
तिरंगा ये लहरा लो ...गा...लो...मुस्कुरा लो.....
महफिले सजा लो
चोला ये सजा लो........
मेरे देश की भक्ति....ई......
नाचो गा लो कर लो खूब मस्ती....
मेरे देश की भक्ति......
चोला आज सजा लो ..ये देश की भक्ति
रंगोली खूब सजा लो... ये देश की भक्ति
तिरंगा ये लहरा लो ......ये देश की भक्ति
इस देश की भक्ति में आज....
जयहिन्द जय हिन्द गा लो....
ये देश की भक्ति..….
गा लो मुस्कुरा लो......
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राजेश गोसाईं
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9. ( चाह )
वतन की राह में , कुर्बान लिख देना
इसकी चाह में , मेरी जान लिख देना
कोई पूछे.....दीवाने का पता.....
तिरंगा है जहाँ .....बता देना........
हो जाऊं खाक ...इस सर जमीं....
इक चुटकी अस्थि राख मेरी....
वहाँ पे सजा देना.....
सेवा में इक बार ....
जय हिन्द कह देना
राजेश गोसाईं
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10. बधाई
आज हवा गुनगुनाई
वन्दे मातरम
कलि कलि मुस्काई
वन्दे मातरम
थमा शोर तुफानों का
बादलों ने ली विदाई
बजी धूप की शहनाई
वन्दे मातरम
ऊषा की पहली किरण
शंख, घंटे, शबद
अजान मधुर आई
वन्दे मातरम
हँसी केसर क्यारी
शुभ्र उज्जवल धर ताज
हरित वसुधा नृत्य मग्न
पायल छन छनाई आज
वन्दे मातरम
माँ भारती बहुत दिन बाद
सोई चैन की नींद आज
वन्दे मातरम
चाँद तारों ने एक चक्र में
अमन की गंगा बहाई
लाल - हरे रंगों ने मिल कर
तिरंगे की शान बढ़ाई
वन्दे मातरम
वतन की राज-ऐश में
राजेश ने दी है यह बधाई
वन्दे मातरम
राजेश गोसाईं
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