चलना हमारा काम है

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चलना हमारा काम है Chalna Hamara Kaam Hai


१. गति प्रबल पैरों में भरी
फिर क्यों रहूँ दर दर खड़ा
जब आज मेरे सामने
है रास्ता इतना पड़ा
जब तक न मंज़िल पा सकूँ, 
तब तक मुझे न विराम है, चलना हमारा काम है।

कुछ कह लिया, कुछ सुन लिया
कुछ बोझ अपना बँट गया
अच्छा हुआ, तुम मिल गईं
कुछ रास्ता ही कट गया
क्या राह में परिचय कहूँ, राही हमारा नाम है,
चलना हमारा काम है।

व्याख्या - कवि कहते हैं कि मनुष्य चुनौतियों का सामना करने के लिए पैदा हुआ है . जीवन में जब तक कर्म करने के लिए मार्ग खुला हुआ है तब तक हार मान कर रुकना नहीं चाहिए .कवि कहता है कि जब तक हमें जीवन में सफलता न मिल जाए , तब तक कर्म करना छोड़ना नहीं चाहिए .जब तक हम अपने गंतव्य तक नहीं पहुँचते है तब तक आराम करने की जरुरत नहीं है . अतः चलना हमारा काम है इसीलिए हमें सदा कर्म में लगा रहना चाहिए .कवि कहते हैं कर्म करते हुए कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो हमें घबराना नहीं चाहिए . जीवन में कर्मपथ पर चलते रहना चाहिए . हमें अपने दुःख - सुख को भूलकर मन को हल्का कर लेना चाहिए . हम सब जीवन पथ के पथिक है . कवि कहते हैं कि मनुष्य को अपने लक्ष्य प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहना चाहिए .इसी तरह हमें रास्ते में अनेक साथी मिलते हैं परन्तु सभी का साथ लेकर अपने लक्ष्य को हासिल करना चाहिए . 

२. जीवन अपूर्ण लिए हुए
पाता कभी खोता कभी
आशा निराशा से घिरा,
हँसता कभी रोता कभी
गति-मति न हो अवरुद्ध, इसका ध्यान आठो याम है,
चलना हमारा काम है।

इस विशद विश्व-प्रहार में
किसको नहीं बहना पड़ा
सुख-दुख हमारी ही तरह,
किसको नहीं सहना पड़ा
फिर व्यर्थ क्यों कहता फिरूँ, मुझ पर विधाता वाम है,
चलना हमारा काम है।

व्याख्या - कवि का मानना है कि मनुष्य जीवन में कुछ भी पूर्ण नहीं है . मनुष्य कभी पाता है तो कभी कुछ खोता है . अतः कभी वह तो प्रसन्नता से झूम उठता है और असफलता मिलने पर निराश होकर आँसू बहाने लगता है . जीवन में सब दिन एक सामान नहीं रहते हैं . कभी सुख मिलता तो कभी दुःख .अतः कवि ईश्वर से प्रार्थना करता है कि न कभी उसकी गति रुके न कभी उसके विचारों में कोई बाधा हो . कवि का कहना है कि सभी के जीवन में सुख दुःख सामान गति से आते रहते है . सुख और दुःख सभी के जीवन के अनिवार्य अंग है .एक हम ही नहीं है जो अकेले हमारे जीवन में सिर्फ दुःख नहीं है . कवि जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है . जीवन पथ की कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करते हुए हमें आगे बढ़ने रहना चाहिए . अतः कवि के अनुसार जीवन में कर्म पथ आगे बढ़ते हुए अगर कठिनाइयों का सामना करना पड़े तो डट कर मुकाबला करना चाहिए .

३. मैं पूर्णता की खोज में
दर-दर भटकता ही रहा
प्रत्येक पग पर कुछ न कुछ
रोड़ा अटकता ही रहा
निराशा क्यों मुझे? जीवन इसी का नाम है,
चलना हमारा काम है।

साथ में चलते रहे
कुछ बीच ही से फिर गए
गति न जीवन की रुकी
जो गिर गए सो गिर गए
रहे हर दम, उसीकी सफलता अभिराम है,
चलना हमारा काम है।

व्याख्या - कवि कहता है कि मनुष्य जीवन में कुछ पूर्ण नहीं होता है . हर आदमी में गुण और अवगुण दोनों का समावेश होता है .हर व्यक्ति में कुछ न कुछ दोष जरुर होते हैं . कवि कहते है कि वह सम्पूर्ण मानव बनना चाहते हैं .इस पूर्णता को पाने के लिए आदमी में कई कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ता है . कवि के अनुसार , हमें समस्याओं से घबराना नहीं चाहिए . सुख के साथ दुःख ही जीवन का नाम है . हमें अपने लक्ष्य या मंजिल को पाने के लिए निरंतर चलना चाह्हिये .मार्ग में कुछ ऐसे साथी मिले जिन्होंने सदा साथ दिया . कुछ निराश होकर लौट कर  गए . जीवन में  बहुत से साथी मिलते रहे हैं . अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए उन्ही पर निर्भर नहीं रहा जा सकता है . जीवन की सफलता का सुख उसे ही प्राप्त होता है जो जीवन पथ पर सदा चलता रहे ,अपने कर्म पर लगा रहे . 


चलना हमारा काम है केंद्रीय भाव / मूल भाव 

चलना हमारा काम है , नामक कविता शिवमंगल सिंह सुमन जी द्वारा लिखित प्रसिद्ध कविता है . कवि का मानना है कि मनुष्य को सदा कर्म पथ पर चलते रहना चाहिए . उसे कभी रुकना नहीं चाहिए . लक्ष्य को प्राप्त करना ही जीवन में एकमात्र अवलम्ब होना चाहिए . सुख दुःख ,सफलता -असफलता ,आशा - निराशा उसके कर्म को न रोक पाए . मार्ग में अनेक राही या साथी मिलते है .कुछ साथ देते है कुछ बीच में ही छोड़कर चले जाते हैं .मान -अपमान ,सुख दुःख जीवन के दो पहलु है .हमें सभी को सहते हुए आगे बढ़ना चाहिए . जीवन में हो सकता है कि कभी पूर्ण रूप से सुख - शान्ति न मिले लेकिन हमें फिर भी साहस औए लगन के साथ सफलता पाने के लिए कर्म करते रहना चाहिए . यही हमारा जीवन है . 

प्रश्न उत्तर 


प्र.१. कवि ने जीवन पथ पर चलते रहने के लिए क्या सलाह दी है ?

उ . कवि का कहना है कि हमें सभी का साथ लेकर चलना चाहिए . हमें दुःख -सुख का वहां करते हुए कामयाबी प्राप्त करनी चाहिए . 

प्र.२. कवि कब तक रुकना नहीं चाहता है ?

उ . कवि तब तक रुकना नहीं चाहता है जब तक लक्ष्य प्राप्ति न हो जाए . कवि अपने आप को आराम नहीं देना चाहता है ,जब तक उसे मंजिल न प्राप्त हो जाए . 

प्र. ३.कवि के अनुसार जीवन क्या है ?

उ. कवि का कहना है कि जीवन में सफलता के साथ असफलता ,सुख के साथ दुःख और सहजता के साथ बाधाएँ आती रहती है . यही जीवन है . 

प्र. ४.चलना हमारा काम है कविता के माध्यम से कवि ने क्या सन्देश दिया है ?

उ . चलना हमारा काम है , नामक कविता शिवमंगल सिंह सुमन जी द्वारा लिखित प्रसिद्ध कविता है . कवि का मानना है कि मनुष्य को सदा कर्म पथ पर चलते रहना चाहिए . उसे कभी रुकना नहीं चाहिए .जीवन में हो सकता है कि कभी पूर्ण रूप से सुख - शान्ति न मिले लेकिन हमें फिर भी साहस औए लगन के साथ सफलता पाने के लिए कर्म करते रहना चाहिए . यही हमारा जीवन है . हमें मार्ग में आने वाली बाधाओं का डटकर सामना करना चाहिए . कर्मशील मनुष्य ही जीवन में आगे बढ़ते है . यही सन्देश कवि ने दिया है .

प्र. ५. घोर निराशा के क्षणों में भी हमें यह क्यों नहीं कहना चाहिए ,कि विधाता वाम है ?

उ. घोर निराशा के क्षणों में भी हमें भगवान् से शिकायत नहीं करनी चाहिए .जीवन में आदमी में कई कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ता है . कवि के अनुसार , हमें समस्याओं से घबराना नहीं चाहिए . सुख के साथ दुःख ही जीवन का नाम है . हमें अपने लक्ष्य या मंजिल को पाने के लिए निरंतर चलना चाह्हिये .

प्र.6. राह में चलने वालों का क्या परिचय है ?

उ. राह में चलने वालों का परिचय राही के रूप में होता है .राही का जीवन में निरंतर उन्नति के पथ में चलना काम होता है .

प्र.७. कवि दर दर भटकने का क्या कारण बताया है ?

उ. कवि जीवन में पूर्णता की खोज में दर दर भटकता रहता है .यह पूर्णता कभी न खत्म होने वाली खोज है .मनुष्य की इच्छाएँ अनंत है ,इसीलिए उसकी खोज कभी न ख़त्म होगी .अतः वह दर दर भटकता रहता है .

प्र.८. कवि कब तक विराम नहीं लेना चाहता है ?

उ. कवि को जब तक मंजिल नहीं मिल जायेगी ,तब तक वह विराम नहीं लेगा .मंजिल प्राप्त होने पर ही वह विश्राम लेगा .

प्र.9. कवि ने किस बात का ध्यान रखने को कहा है ?

उ. कवि में जीवन रूपी राह में चलने वाले राहियों को सलाह दी है कि जीवन में हो सकता है कि कभी पूर्ण रूप से सुख - शान्ति न मिले लेकिन हमें फिर भी साहस औए लगन के साथ सफलता पाने के लिए कर्म करते रहना चाहिए . यही हमारा जीवन है .

प्र.१०. कवि ने बोझ बाँटने की सलाह क्यों दी है ?

उ. राह चलने वाले राहियों को  आपस में मन की बात कर लेनी चाहिए ,जिससे उनका मन का बोझ हल्का हो जाए ,इससे आपस में स्नेह व प्रेम की वृद्धि होती है .जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है .



विडियो के रूप में देखें -



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COMMENTS

Leave a Reply: 18
  1. the best site I to know the summary for class 10th icse (sahitya sagar)

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  2. उत्तर
    1. बेनामीमई 05, 2022 10:43 pm

      Kyuki jeevan mei kuch bhi sthayee nahi rehta. Jeevan mei kabhi manushya kabhi sukhi rehta hai toh kabhi dukhi. Atah; jeevan mei kuch paane ke liye kuch khona padhta hai. Elaborate this more

      हटाएं
    2. Kyunki yadi zindagi me sukh hai to dukh bhi hai. Jeevan me hum chah ke bhi sab kuch nahi pasakte. Ye jeevan ki apurti hai

      हटाएं
  3. Please provide the answers of workbook

    जवाब देंहटाएं
  4. बेनामीमई 17, 2023 3:57 pm

    Iss kavita ka bhumika ke liye best site koi bata do ????

    जवाब देंहटाएं
  5. Kavi ne baar baar chalna humara kaam hai kyun kaha hai iska arth spasht kare .

    जवाब देंहटाएं
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