आत्‍मकथ्‍य जयशंकर प्रसाद

SHARE:

आत्‍मकथ्‍य जयशंकर प्रसाद Aatmkathya by jaishankar prasad atmakatha class 10 solutions summary of atmakatha class 10 class 10 hindi atmakatha solution atmakatha class 10 ncert solutions class 10 hindi atmakathya utsah class 10 atmakatha by jaishankar prasad meaning summary of atmakatha by jaishankar प्रसाद आत्मकथ्य summary आत्मकथ्य का सारांश आत्मकथ्य का अर्थ आत्मकथ्य कविता का सार आत्मकथ्य explain कवि आत्मकथा लिखने से क्यों बचना चाहता है मधुप गुनगुना कर कह जाता

आत्‍मकथ्‍य जयशंकर प्रसाद 
Aatmkathya by jaishankar prasad


मधुप गुन-गुना कर कह जाता कौन कहानी यह अपनी,
मुरझाकर गिर रहीं पत्तियाँ देखो कितनी आज घनी।
इस गंभीर अनंत नीलिमा में असंख्य जीवन इतिहास
यह लो, करते ही रहते हैं अपना व्यंग्य मलिन उपहास
तब भी कहते हो कह डालूँ दुर्बलता अपनी बीती।
तुम सुनकर सुख पाओगे, देखोगे यह गागर रीती।
किंतु कहीं ऐसा न हो कि तुम ही खाली करने वाले
अपने को समझो, मेरा रस ले अपनी भरने वाले।

व्याख्या - कवि कहता है कि मन रूपी भंवरा गुनगुनाकर कह रहा है कि अपनी जीवन गाथा कैसे कहूँ ? कवि के जीवन की इच्छाएं एक एक करके पत्तियों की तरह मुरझाकर गिर गयी . उन्होंने एक एक करके अपने जीवन के सपनों को मरते देखा है . दुःख झेला है .इस विशाल नीले आकाश में रहने वाले कितने महापुरषों ने अपने जीवन का इतिहास लिखा है .उन्हें पढ़कर ऐसा लगता है कि मानों वह अपना ही उपहास कर रहे हैं . कवि का जीवन अभावों और कठिनाइयों से भरा पड़ा है . अब कवि के मित्र कहते हैं कि वह अपने जीवन की गाथा लिखे .कवि की कहानी जानकार उन्हें क्या सुख मिलेगा . वह तो खाली गागर के समान है . उसके जीवन के खालीपान को देखकर किसी को कोई सुख नहीं मिलेगा . 

यह विडंबना! अरी सरलते तेरी हँसी उड़ाऊँ मैं।
भूलें अपनी या प्रवंचना औरों को दिखलाऊँ मैं।
उज्ज्वल गाथा कैसे गाऊँ, मधुर चाँदनी रातों की।
अरे खिल-खिलाकर हँसते होने वाली उन बातों की।
मिला कहाँ वह सुख जिसका मैं स्वप्न देखकर जाग गया।
आलिंगन में आते-आते मुसक्या कर जो भाग गया।

व्याख्या - कवि कहता है कि मैं अपने सरलमन की हँसी नहीं उदौंगा .मैं मन की कमजोरियों को सबके सामने क्यों प्रकट करूँ . मेरे जीवन में जो भी मधुर चाँदनी राते आई थी ,वे सब चली गयी .वे सब मेरे जीवन की निजी अनुभूतियां है . अपनी प्रियतमा के साथ निजी क्षणों को क्यों सबके सामने प्रकट करूँ .कवि कहता है कि वह स्वप्न देखकर जो जागा था ,वह प्रियतम कहाँ मिला . जिस प्रियतमा का आलिंगन करने के लिए उसने बाहें आगे बढ़ाई थी ,वह प्रियतम दूर भाग गया . वह प्रियतम कवि को कभी नहीं मिला . 

जिसके अरुण कपोलों की मतवाली सुंदर छाया में।
अनुरागिनि उषा लेती थी निज सुहाग मधुमाया में।
उसकी स्मृति पाथेय बनी है थके पथिक की पंथा की।
सीवन को उधेड़ कर देखोगे क्यों मेरी कंथा की?
छोटे से जीवन की कैसे बड़ी कथाएँ आज कहूँ?
सुनकर क्या तुम भला करोगे मेरी भोली आत्मकथा?
अभी समय भी नहीं, थकी सोई है मेरी मौन व्यथा।

व्याख्या - कवि अपनी प्रियतमा के सौन्दर्य का वर्णन करते हुए कहता है कि उसकी प्रेमिका के लाल कपोल उशाकालीन लालिका से भि अधिक मनोरम है . कवि उसकी यादों का सहारा लेकर जीवन के थकान को दूर करता है .कवि के जीवन में कभी सुख के पल कभी नहीं आये ,जिन्हें वह आमजनता को बता सके .आमलोग क्यों उसकी आत्मकथा क्यों जानना चाहते हैं .कवि कहता है कि उसके लिए यही अच्छा रहेगा कि वह दूसरे महान लोगों की गाथाएँ सुने और अपनी व्यथा को लेकर शांत बना रहे . मेरी भोली आत्मकथा को सुनकर कोई प्रेरणा प्राप्त नहीं करेगा .कवि का मन शांत है .उसने जीवन में ऐसी कोई महानता अर्जित नहीं की है ,जिसके बारे में लिखा जाय .अतः अभी कवि अपनी आत्मकथा को लिखना नहीं चाहता है . 

NCERT Solutions for Class 10th पाठ 4 आत्मकथ्य प्रश्न अभ्यास 


प्र.१. कवि आत्मकथा लिखने से क्यों बचना चाहता है?

उ.१. कवि का मानना है कि उसका जीवन अभावों और दुर्बलताओं से भरा हुआ है . उसने जीवन में ऐसी कोई उपलब्धि भि नहीं प्राप्त की है कि वह दुनिया को प्रेरणा दे सके .अतः वह निजी अन्तरंग क्षणों को सार्वजनिक नहीं करना चाहता है . यही कारण है कि वह आत्मकथा से बचना चाहता है . 

प्र.२. आत्मकथा सुनाने के संदर्भ में ‘अभी समय भी नहीं’ कवि ऐसा क्यों कहता है?

उ.२. कवि के जीवन के पुराने घाव फिर से हरे -भरे हो जायेंगे . उसकी मन की दुर्बलताओं ,भूलें और कमी किसी एनी को प्रेरणा देने के लिए प्रयाप्त नहीं है . अतः अब वह चुप रहकर अन्य व्यक्तियों के कथाओं को सुनकर चुप रहना चाहता है . 

प्र.३. स्मृति को ‘पाथेय’ बनाने से कवि का क्या आशय है?

उ.३. पाथेय का अर्थ मार्ग में मिलने वाले भोजन या संबल से है . अतः कवि अपनी प्रियतमा की यादों के सहारे अपने जीवन की थकान को दूरकर रहा है . 

प्र.४.भाव स्पष्ट कीजिए:
१.मिला कहाँ वह सुख जिसका स्वप्न देखकर मैं जाग गया।
आलिंगन में आते-आते मुसक्या कर के भाग गया।

उ.४. १. कवि कहता है कि जिसका स्वप्न देखर वह जागा था .वह कवि के आलिंगन में आने के पहले ही भाग गया . 
२.जिसके अरुण कपोलों की मतवाली सुंदर छाया में।
अनुरागिणी उषा लेती थी निज सुहाग मधुमाया में।

उ.२. कवि की प्रियतमा बहुत सुन्दर थी . उसकी प्रेमिका के लाल कपोल उषाकालीन लालिमा से भी अधिक मनोरम थे . 

प्र.५.‘उज्ज्वल गाथा कैसे गाऊँ, मधुर चाँदनी रातों की’ – कथन के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?

उ.५. कवि अपने जीवन के मधुर क्षण व अन्तरंग क्षणों को सबके सामने प्रकट नहीं करना चाहता है .उसकी प्रियतमा बाहों में आने के पहले ही उससे दूर हटकर चली गयी . अतः मधुर चाँदनी रातों को यादकर रोना उसके जीवन का प्रारब्ध बन गया है . 

प्र.६.‘आत्मकथ्य’ कविता की काव्यभाषा की विशेषताएँ उदाहरण सहित लिखिए।

उ.६. जयशंकर प्रसाद के छायावाद के प्रवर्तक कवि है . उन्होंने आत्मकथ्य कविता में सरल ,खड़ी बोली तथा अलंकारों का उचित प्रयोग किया है . मानवीकरण द्वारा अपनी बात पाठकों तक पहुँचाई है . इस कविता में मधुप ,नीलिमा ,चाँदनी रात आदि प्राकृतिक उपमानों का सुन्दर प्रयोग किया गया है .कविता में गेयता और छंद बद्धता है . 

प्र.७. कवि ने जो सुख का स्वप्न देखा था उसे कविता में किस रूप में अभिव्यक्त किया है?

उ.७. कवि ने स्वप्न में अपनी प्रियतमा को आलिंगनबद्ध करते देखा था .वह स्वप्न में ही मधुर चाँदनी रातों की कल्पना करता है लेकिन स्वप्न में देखे गए सपने कभी पूरे नहीं हुए .जागने पर प्रियतम कवि के पास आने से पहले ही जा चुका था .अतः कवि का स्वप्न अधूरा ही रह गया . 

रचना और अभिव्यक्ति


प्र.८. इस कविता के माध्यम से प्रसाद जी के व्यक्तिव की जो झलक मिलती है ,उसे अपने शब्दों में लिखिए . 

उ. ८. कवि अपने  जीवन के आत्म कथा को बताना नहीं चाहते हैं .मित्रों के आग्रह पर वह प्रस्तुत कविता के माध्यम से अपनी व्यथा को सामने रखते है.जीवन के यथार्थ एवं अभाव पक्ष की मार्मिक अभिव्यक्ति की है .कवि के जीवन की कथा एक सामान्य व्यक्ति के कथा है ,ऐसा इसमें कुछ नहीं है जिसे लोग सुनकर वाह - वाह करे . इस कविता को पढ़कर हम कवि के यथार्थ और महान व्यक्ति के विनम्रता से परिचित होते है . 



Keywords - 
atmakatha class 10 solutions summary of atmakatha class 10 class 10 hindi atmakatha solution atmakatha class 10 ncert solutions class 10 hindi atmakathya utsah class 10 atmakatha by jaishankar prasad meaning summary of atmakatha by jaishankar प्रसाद आत्मकथ्य summary आत्मकथ्य का सारांश आत्मकथ्य का अर्थ आत्मकथ्य कविता का सार आत्मकथ्य explain कवि आत्मकथा लिखने से क्यों बचना चाहता है मधुप गुनगुना कर कह जाता

COMMENTS

Leave a Reply: 2
आपकी मूल्यवान टिप्पणियाँ हमें उत्साह और सबल प्रदान करती हैं, आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है !
टिप्पणी के सामान्य नियम -
१. अपनी टिप्पणी में सभ्य भाषा का प्रयोग करें .
२. किसी की भावनाओं को आहत करने वाली टिप्पणी न करें .
३. अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .

नाम

अंग्रेज़ी हिन्दी शब्दकोश,3,अकबर इलाहाबादी,11,अकबर बीरबल के किस्से,62,अज्ञेय,37,अटल बिहारी वाजपेयी,1,अदम गोंडवी,3,अनंतमूर्ति,3,अनौपचारिक पत्र,16,अन्तोन चेख़व,2,अमीर खुसरो,7,अमृत राय,1,अमृतलाल नागर,1,अमृता प्रीतम,5,अयोध्यासिंह उपाध्याय "हरिऔध",7,अली सरदार जाफ़री,3,अष्टछाप,4,असगर वज़ाहत,11,आनंदमठ,4,आरती,11,आर्थिक लेख,8,आषाढ़ का एक दिन,22,इक़बाल,2,इब्ने इंशा,27,इस्मत चुगताई,3,उपेन्द्रनाथ अश्क,1,उर्दू साहित्‍य,179,उर्दू हिंदी शब्दकोश,1,उषा प्रियंवदा,5,एकांकी संचय,7,औपचारिक पत्र,32,कक्षा 10 हिन्दी स्पर्श भाग 2,17,कबीर के दोहे,19,कबीर के पद,1,कबीरदास,19,कमलेश्वर,7,कविता,1478,कहानी लेखन हिंदी,17,कहानी सुनो,2,काका हाथरसी,4,कामायनी,6,काव्य मंजरी,11,काव्यशास्त्र,40,काशीनाथ सिंह,1,कुंज वीथि,12,कुँवर नारायण,1,कुबेरनाथ राय,2,कुर्रतुल-ऐन-हैदर,1,कृष्णा सोबती,3,केदारनाथ अग्रवाल,4,केशवदास,6,कैफ़ी आज़मी,4,क्षेत्रपाल शर्मा,52,खलील जिब्रान,3,ग़ज़ल,139,गजानन माधव "मुक्तिबोध",15,गीतांजलि,1,गोदान,7,गोपाल सिंह नेपाली,1,गोपालदास नीरज,10,गोरख पाण्डेय,3,गोरा,2,घनानंद,3,चन्द्रधर शर्मा गुलेरी,6,चमरासुर उपन्यास,7,चाणक्य नीति,5,चित्र शृंखला,1,चुटकुले जोक्स,15,छायावाद,6,जगदीश्वर चतुर्वेदी,17,जयशंकर प्रसाद,35,जातक कथाएँ,10,जीवन परिचय,77,ज़ेन कहानियाँ,2,जैनेन्द्र कुमार,7,जोश मलीहाबादी,2,ज़ौक़,4,तुलसीदास,28,तेलानीराम के किस्से,7,त्रिलोचन,4,दाग़ देहलवी,5,दादी माँ की कहानियाँ,1,दुष्यंत कुमार,7,देव,1,देवी नागरानी,23,धर्मवीर भारती,12,नज़ीर अकबराबादी,3,नव कहानी,2,नवगीत,1,नागार्जुन,25,नाटक,1,निराला,39,निर्मल वर्मा,4,निर्मला,42,नेत्रा देशपाण्डेय,3,पंचतंत्र की कहानियां,42,पत्र लेखन,202,परशुराम की प्रतीक्षा,3,पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र',4,पाण्डेय बेचन शर्मा,1,पुस्तक समीक्षा,141,प्रयोजनमूलक हिंदी,38,प्रेमचंद,50,प्रेमचंद की कहानियाँ,91,प्रेरक कहानी,16,फणीश्वर नाथ रेणु,4,फ़िराक़ गोरखपुरी,9,फ़ैज़ अहमद फ़ैज़,24,बच्चों की कहानियां,88,बदीउज़्ज़माँ,1,बहादुर शाह ज़फ़र,6,बाल कहानियाँ,14,बाल दिवस,3,बालकृष्ण शर्मा 'नवीन',1,बिहारी,8,बैताल पचीसी,2,बोधिसत्व,9,भक्ति साहित्य,143,भगवतीचरण वर्मा,7,भवानीप्रसाद मिश्र,3,भारतीय कहानियाँ,61,भारतीय व्यंग्य चित्रकार,7,भारतीय शिक्षा का इतिहास,3,भारतेन्दु हरिश्चन्द्र,10,भाषा विज्ञान,18,भीष्म साहनी,9,भैरव प्रसाद गुप्त,2,मंगल ज्ञानानुभाव,22,मजरूह सुल्तानपुरी,1,मधुशाला,7,मनोज सिंह,16,मन्नू भंडारी,10,मलिक मुहम्मद जायसी,9,महादेवी वर्मा,20,महावीरप्रसाद द्विवेदी,3,महीप सिंह,1,महेंद्र भटनागर,73,माखनलाल चतुर्वेदी,3,मिर्ज़ा गालिब,39,मीर तक़ी 'मीर',20,मीरा बाई के पद,22,मुल्ला नसरुद्दीन,6,मुहावरे,4,मैथिलीशरण गुप्त,14,मैला आँचल,8,मोहन राकेश,16,यशपाल,19,रंगराज अयंगर,43,रघुवीर सहाय,6,रणजीत कुमार,29,रवीन्द्रनाथ ठाकुर,22,रसखान,11,रांगेय राघव,2,राजकमल चौधरी,1,राजनीतिक लेख,21,राजभाषा हिंदी,66,राजिन्दर सिंह बेदी,1,राजीव कुमार थेपड़ा,4,रामचंद्र शुक्ल,3,रामधारी सिंह दिनकर,25,रामप्रसाद 'बिस्मिल',1,रामविलास शर्मा,9,राही मासूम रजा,8,राहुल सांकृत्यायन,2,रीतिकाल,3,रैदास,4,लघु कथा,125,लोकगीत,1,वरदान,11,विचार मंथन,60,विज्ञान,1,विदेशी कहानियाँ,34,विद्यापति,8,विविध जानकारी,1,विष्णु प्रभाकर,3,वृंदावनलाल वर्मा,1,वैज्ञानिक लेख,8,शमशेर बहादुर सिंह,6,शमोएल अहमद,5,शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय,1,शरद जोशी,3,शिक्षाशास्त्र,6,शिवमंगल सिंह सुमन,6,शुभकामना,1,शेख चिल्ली की कहानी,1,शैक्षणिक लेख,57,शैलेश मटियानी,3,श्यामसुन्दर दास,1,श्रीकांत वर्मा,1,श्रीलाल शुक्ल,4,संयुक्त राष्ट्र संघ,1,संस्मरण,34,सआदत हसन मंटो,10,सतरंगी बातें,33,सन्देश,44,समसामयिक हिंदी लेख,270,समीक्षा,1,सर्वेश्वरदयाल सक्सेना,19,सारा आकाश,22,साहित्य सागर,22,साहित्यिक लेख,87,साहिर लुधियानवी,5,सिंह और सियार,1,सुदर्शन,3,सुदामा पाण्डेय "धूमिल",10,सुभद्राकुमारी चौहान,7,सुमित्रानंदन पन्त,23,सूरदास,16,सूरदास के पद,21,स्त्री विमर्श,11,हजारी प्रसाद द्विवेदी,4,हरिवंशराय बच्चन,28,हरिशंकर परसाई,24,हिंदी कथाकार,12,हिंदी निबंध,437,हिंदी लेख,536,हिंदी व्यंग्य लेख,14,हिंदी समाचार,186,हिंदीकुंज सहयोग,1,हिन्दी,7,हिन्दी टूल,4,हिन्दी आलोचक,7,हिन्दी कहानी,32,हिन्दी गद्यकार,4,हिन्दी दिवस,91,हिन्दी वर्णमाला,3,हिन्दी व्याकरण,45,हिन्दी संख्याएँ,1,हिन्दी साहित्य,9,हिन्दी साहित्य का इतिहास,21,हिन्दीकुंज विडियो,11,aapka-banti-mannu-bhandari,6,aaroh bhag 2,14,astrology,1,Attaullah Khan,2,baccho ke liye hindi kavita,70,Beauty Tips Hindi,3,bhasha-vigyan,1,chitra-varnan-hindi,3,Class 10 Hindi Kritika कृतिका Bhag 2,5,Class 11 Hindi Antral NCERT Solution,3,Class 9 Hindi Kshitij क्षितिज भाग 1,17,Class 9 Hindi Sparsh,15,divya-upanyas-yashpal,5,English Grammar in Hindi,3,formal-letter-in-hindi-format,143,Godan by Premchand,12,hindi ebooks,5,Hindi Ekanki,20,hindi essay,429,hindi grammar,52,Hindi Sahitya Ka Itihas,105,hindi stories,682,hindi-bal-ram-katha,12,hindi-gadya-sahitya,8,hindi-kavita-ki-vyakhya,19,hindi-notes-university-exams,77,ICSE Hindi Gadya Sankalan,11,icse-bhasha-sanchay-8-solutions,18,informal-letter-in-hindi-format,59,jyotish-astrology,23,kavyagat-visheshta,26,Kshitij Bhag 2,10,lok-sabha-in-hindi,18,love-letter-hindi,3,mb,72,motivational books,12,naya raasta icse,9,NCERT Class 10 Hindi Sanchayan संचयन Bhag 2,3,NCERT Class 11 Hindi Aroh आरोह भाग-1,20,ncert class 6 hindi vasant bhag 1,14,NCERT Class 9 Hindi Kritika कृतिका Bhag 1,5,NCERT Hindi Rimjhim Class 2,13,NCERT Rimjhim Class 4,14,ncert rimjhim class 5,19,NCERT Solutions Class 7 Hindi Durva,12,NCERT Solutions Class 8 Hindi Durva,17,NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan वितान भाग 1,3,NCERT Solutions for class 12 Humanities Hindi Antral Bhag 2,4,NCERT Solutions Hindi Class 11 Antra Bhag 1,19,NCERT Vasant Bhag 3 For Class 8,12,NCERT/CBSE Class 9 Hindi book Sanchayan,6,Nootan Gunjan Hindi Pathmala Class 8,18,Notifications,5,nutan-gunjan-hindi-pathmala-6-solutions,17,nutan-gunjan-hindi-pathmala-7-solutions,18,political-science-notes-hindi,1,question paper,19,quizzes,8,raag-darbari-shrilal-shukla,8,Rimjhim Class 3,14,samvad-lekhan-in-hindi,6,Sankshipt Budhcharit,5,Shayari In Hindi,16,skandagupta-natak-jaishankar-prasad,6,sponsored news,10,suraj-ka-satvan-ghoda-dharmveer-bharti,6,Syllabus,7,tamas-upanyas-bhisham-sahni,4,top-classic-hindi-stories,59,UP Board Class 10 Hindi,4,Vasant Bhag - 2 Textbook In Hindi For Class - 7,11,vitaan-hindi-pathmala-8-solutions,16,VITAN BHAG-2,5,vocabulary,19,
ltr
item
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika: आत्‍मकथ्‍य जयशंकर प्रसाद
आत्‍मकथ्‍य जयशंकर प्रसाद
आत्‍मकथ्‍य जयशंकर प्रसाद Aatmkathya by jaishankar prasad atmakatha class 10 solutions summary of atmakatha class 10 class 10 hindi atmakatha solution atmakatha class 10 ncert solutions class 10 hindi atmakathya utsah class 10 atmakatha by jaishankar prasad meaning summary of atmakatha by jaishankar प्रसाद आत्मकथ्य summary आत्मकथ्य का सारांश आत्मकथ्य का अर्थ आत्मकथ्य कविता का सार आत्मकथ्य explain कवि आत्मकथा लिखने से क्यों बचना चाहता है मधुप गुनगुना कर कह जाता
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika
https://www.hindikunj.com/2018/03/aatmkathya-jaishankar-prasad.html
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/2018/03/aatmkathya-jaishankar-prasad.html
true
6755820785026826471
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका