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मीनू का चरित्र चित्रणNaya raasta meenu ka charitra chitran
मीनू का चरित्र चित्रण Meenu ka charitra chitran naya raasta meenu ka charitra chitran meenu ka charitra chitran in hindi character sketch of meenu in naya raasta meenu ka charitra chitran in hindi नया रास्ता सुषमा अग्रवाल naya raasta character sketch in hindi naya raasta novel characters नया रास्ता उपन्यास naya raasta character sketch of meenu in hindi मीनू का चरित्र चित्रण - नया रास्ता उपन्यास की नायिका मीनू है ।वही उपन्यास की मुख्य पात्र हैं ।उपन्यास की कथा उसके इर्द - गिर्द घूमती रहती है ।वह पढ़ी लिखी एवं साहसी युवती है ।बार - बार विवाह के प्रस्तावों में अस्वीकृत किये जाने पर वह अपना रास्ता स्वयं चुनती है और आत्म -निर्भर बनकर दिखाती है । संक्षेप में मीनू के चरित्र में निम्नलिखित विशेषताएँ देखते हैं -
- मेधावी युवती - मीनू,दयाराम जी के सबसे बड़ी संतान है । वह बचपन से ही पढने में तेज़ है । इसी कारण वह एम् .ए .तक की परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण करती है । अमित द्वारा विवाह प्रस्ताव अस्वीकृत किये जाने पर भी वह अपनी पढ़ाई को छोडती नहीं बल्कि वह बचपन का सपना वकालत करने का पूरी करती है .वह प्रथम श्रेणी से वकालत की परीक्षा उत्तीर्ण करती है और मेरठ जिले की प्रतिशित वकील बनती है ।
- बहुमुखी प्रतिभा संपन्न - मीनू के व्यक्तित्व में बहुमुखी गुण भरे हैं । वह घर के कामों में निपुण है ।अमित ने जब उससे पूछा कि वह किन कार्यों को कर सकती हैं । तो उसने सिलाई कढ़ाई ,खाना बनाने और पेंटिंग आदि सभी कर लेती है .वह अच्छी गायिका और कत्थक भी जानती है .अमित की इच्छा थी कि वह ऐसी लड़की से विवाह करे ,जो उसके माता -पिता के साथ ठीक तरह से रह सके और उनका आदर - सत्कार करे ।
- प्रगतिशील युवती - मीनू, एक परिपक्व विचारों की युवती है .स्वयं दहेज़ के कारण विवाह न कर पाने के कारण वह पढ़ाई न कर पाने वह पढ़ाई जारी रखती है ,वहीँ अपनी छोटी बहन आशा के विवाह में बाधा नहीं बनती ,बल्कि वह शादी करवाने के लिए राजी करवाती है .पडोसी स्त्रियों के व्यंग बाणों की परवाह किये बिना वह अपनी प्रगतिशीलता का उदाहरण देती रहती है ।
- कुशल अधिवक्ता - मीनू, वकालत पास करके मेरठ में वकालत करने लगती है । वह अपनी कार्य कुशलता के बनकर सभी को प्रभावित करती है .वह साहसी अधिवक्ता है ,अतः उसकी चर्चा चारों ओर फ़ैल गयी है .वह कड़क आवाज में अकाट्य तर्क प्रस्तुत करके अदालत में प्रभावशाली अधिवक्ता बन गयी है ।
- दृढ़ इच्छा शक्ति - मीनू का विवाह ,उपन्यास के प्रारंभ में साँवले रंग के कारण बार -बार अस्वीकृत कर दिए जाने पर वह निराश नहीं होती है । वह समाज में व्याप्त रुढियों के खिलाफ खड़ी होती है .वकालत पढ़कर वकील बनती है और आत्म - निर्भर स्त्री हो जाती है .बदली हुई परिस्थितियों में अमित के पिता मायाराम जी मीनू का हाथ माँगने आते हैं ,तब वह अपनी संवेदनशीलता का परिचय देती है और विवाह के लिए हाँ कर देती है ।
- स्वाभिमानी - मीनू बहुत ही स्वाभिमानी है। उसे अपने आप पर पूर्ण विश्वास है। बार-बार विवाह टूटने पर निराश होने और बार-बार वैवाहिक देखा-सुनी के खेल में अपने आत्मसम्मान को ठेस पहुँचाने के बजाय विवाह न करने का निश्चय करती है। वह समाज को यह दिखा देना चाहती है कि वह अपने परिश्रम के दम पर सफल सकती है। अतः अपने सम्मान की रक्षा के लिए संघर्ष करती है और वकालत करके 'विशिष्ट' सम्मान अर्जित करती है।
- साहस और धैर्य की मूर्ति - मीनू अपने साहस के बल पर जीवन के समस्त समस्याओं से जूझती है। कई बार पारिवारिक-सामाजिक दबाव उसे भावात्मक रूप से तोड़ने की कोशिश करते हैं, लेकिन वह साहस और धैर्य को नहीं खोती। उसकी एक ही जिद्द है अपने लक्ष्य को प्राप्त करना। पिता की बीमारी, रिश्तेदारों-पड़ाासया के ताने, नीलिमा की शादी का सुझाव और छोटी बहन की पहले शादी आदि कुछ ऐसी घटनाएँ हैं, जहाँ वह अपने साहस के कारण ही जयी होती है।
- महत्त्वाकांक्षी और दृढ़ निश्चयी - बचपन से ही मीनू वकील बनना चाहती है। शादी उसके लिए गौण विषय है। जब रिश्ते बार-बार टूटते हैं, तब उसकी महत्त्वाकांक्षा को बल मिलता है और वह निश्चय करती है कि जब तक वह अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो जाती, तब तक शादी के बारे में सोचेगी भी नहीं। कई बार ऐसी परिस्थिति आती है जब ऐसा लगता है कि उसे बीच में ही पढ़ाई छोड़ देनी पड़ेगी, लेकिन अपनी महत्त्वाकांक्षा को प्राप्त करने के लिए सब कुछ त्याग देती है ।
- भावुक और संवेदनशील - मीनू बहुत ही भावुक और संवेदनशील है। बार-बार विवाह के रिश्ते टूटने से उसके हृदय को ठेस पहुँचती है। नीलिमा की शादी हो या उसकी छोटी बहन आशा की शादी, वह भावुक हुए बिना नहीं रहती। पिता की बीमारी की खबर सुनते ही सब कुछ छोड़कर घर वापस आ जाती है। अमित से वह नफरत, करती है। लेकिन जैसे ही उसके एक्सीडेंट की बात सुनती है, वह अपने आप को रोक नहीं पाती है और दौड़ी- दौड़ी अस्पताल जाती है। यह उसकी गहरी संवेदनशीलता का उदाहरण है।
इस प्रकार नया रास्ता उपन्यास की नायिका मीनू अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति के सहारे आत्म -निर्भर बनती है और अपने जैसी युवतियो को नया रास्ता दिखाकर आदर्श कायम करती है ।
Very nice !!!
जवाब देंहटाएंMeenu Kahan rehti thi???
जवाब देंहटाएंMeerapur mai
हटाएंघर पर
हटाएंMeenu mirapur mein reheti thi
हटाएंmeeraputr
हटाएंmeenu meerapur main rehthi thi .Aur vakeel banne ka sapna poora karne keliye waha meruth gayi thi .
हटाएंमीरापुर में
हटाएंpucha kya
हटाएंMeerapur मिरापूर
हटाएंmirapur mein
हटाएंmirapur
हटाएंghar pe rehti th
हटाएंMeenu ka ghar merapur me tha lekin usse apni vakalt ki padai ko pura krna tha isly wah merath chli gyi thi
जवाब देंहटाएंmeenu vakil bnne ke bad amit se shadi kyn kr leti hai
जवाब देंहटाएंmeenu vakil bnne ke bad amit se shadi kyn kr leti hai
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