नया रास्ता प्रश्न उत्तर naya raasta question answers नया रास्ता प्रश्न उत्तर नया रास्ता कार्यपुस्तिका जवाब naya raasta question answers naya rasta workbook answers hindi naya rasta workbook answers naya raasta workbook answers naya raasta icse naya raasta hindi book -नया रास्ता उपन्यास ,सुषमा अग्रवाल जी द्वारा लिखित उपन्यास है .
नया रास्ता प्रश्न उत्तर
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नया रास्ता प्रश्न उत्तर नया रास्ता कार्यपुस्तिका जवाब naya raasta question answers naya rasta workbook answers hindi naya rasta workbook answers naya raasta workbook answers naya raasta icse naya raasta hindi book -नया रास्ता उपन्यास ,सुषमा अग्रवाल जी द्वारा लिखित उपन्यास है .छात्रों के लिए उपयोगी प्रश्न उत्तरों को हिंदीकुंज.कॉम में संकलित किया गया है .इस क्रम में निम्नलिखित प्रश्नों को प्रस्तुत किया जा रहा है -
प्र.लेखिका मीनू को दृढ़ता व साहस की मूर्ति क्यों कह रही हैं ?
उ. लेखिका ने मीनू को दृढ़ व साहस की मूर्ति इसीलिए कहा है क्योंकि मीनू को कई लड़कों वालों ने विवाह के लिए अस्वीकृत कर चुके थे .अमित का परिवार उसे साँवले रंग और कम दहेज़ के कारण अस्वीकृत कर चुका था .इसीलिए उसने अपनी वर्तमान परिस्थितियाँ से ऊपर उठकर एक आत्म निर्भर स्त्री बनने का निश्चय किया .
प्र.विवाह के अलावा मीनू के जीवन का लक्ष्य क्या था ?
उ.मीनू के विवाह को उपन्यास में प्रमुखता से स्थान दिया गया है .विवाह के अलावा उसका बचपन से सपना एक वकील बनने का था .
प्र.मीनू समाज के झूठे आवरण को हटाकर एक सत्य दिखाना चाहती है - स्पष्ट कीजिये .
उ. मीनू को बार - बार लड़के वाले अस्वीकृत कर दिए जाने के कारण उसके अन्दर हीन भावना घर कर गयी थी .अब वह समाज में अपना स्थान बनाना चाहती थी .वह आत्म - निर्भर बनकर समाज में सम्मान का जीवन व्यतीत करना चाहती थी ,न की बार - बार रूप और रंग के कारण अस्वीकृत होना .
प्र.प्रस्तुत पंक्तियों का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए .
उ. प्रस्तुत पंक्तियों में लेखिका ने बताया है कि जीवन की परिश्त्तीं से विवश होकर मीनू के ह्रदय में कई बार हीन भावनाएं आई ,लेकिन वह हर बार हीन भावनाओं से उबर गयी .उसने साहस से काम लिया और विवाह का सपना ही देखना छोड़ दिया .उसने सामने लम्बी जिंदगी पड़ी है जिसका वह एक क्षण भी व्यर्थ नहीं खोना चाहती है .
प्र.यहाँ विचित्र घड़ी से क्या उद्देश्य है ?
उ. बेटी की विदाई का क्षण बहुत ही विचित्र होता है क्योंकि माता -पिता ने जिस बेटी को पाल - पोष कर इतना बड़ा किया ,उसी बेटी को सदा के लिए दूसरे के हाथों में सौंप देते हैं .इसीलिए लेखिका के अनुसार बेटी के विदाई का क्षण बहुत विचित्र होता है .
प्र. किसका विवाह हो रहा है ?
उ. मीनू की छोटी बहन आशा का विवाह हो रहा है .
प्र. वर्षों के प्यार - दुलार के बाद लड़की को बिछुड़ना क्यों पड़ता है ?
उ. समाज में यह परंपरा है कि लड़की के विवाह के बाद वह अपने ससुराल अर्थात पति के घर जाती है .अतः ससुराल जाने के लिए उसे अपने घर से विदा लेना पड़ता है .
प्र. बेटी पराया धन होती है का अर्थ स्पष्ट कीजिये .
उ. हिन्दू धर्म में विवाह को एक संस्कार माना जाता है .इस संस्कार में कन्यादान दिया जाता है अर्थात वर को कन्या का दान कर माता -पिता मोक्ष प्राप्ति करते हैं .इस प्रकार बेटियाँ माँ - बाप के अधिकार में न होकर वह पति के अधिकार में आ जाती है .अतः माँ - बाप के लिए बेटियाँ जन्म के बाद ही पराया धन होती है ,क्योंकि उसे एक न एक दिन ससुराल जाना है और अपना मायका छोड़ना है .
प्र. आज मीनू का सपना पूरा हो गया 'स्पष्ट करें .
उ. मीनू का जीवन में दो ही सपना था - एक विवाह हो जाने का और दूसरा वकील बनने का .अपनी मेहनत के बल पर वह प्रसिद्ध वकील बनी और आज वह अमित से विवाह करने जा रही है .आज वह अमित की दुल्हन बनकर ससुराल जा रही है .
प्र. क्या वकील बनना ही मीनू की मंजिल थी ?
उ.मीनू बचपन से ही वकील बनने का सपना देखती थी .अमित द्वारा अस्वीकृत होने पर वह वकालत की पढ़ाई पूरी करके वकील बनी .तो इस प्रकार वकील बनना तो उसके बचपन का सपना था ,लेकिन अमित द्वारा अस्वीकृति, इस सपने को जल्दी पूरा किया .
प्र. सामाजिक बंधन से क्या मीनू मुक्त हो सकी ?
उ. मीनू कभी भी सामाजिक बंधन को तोडना नहीं चाहती थी ,बल्कि वह विवाह परंपरा में विश्वास रखती थी .वह आत्म -निर्भर बनकर ,नवयुवतियों में नव चेतना व जागृति भरना चाहती थी ,न की सामाजिक शोषण का शिकार होना चाहती थी .वकील बन जाने पर वह सामाजिक रूप में आत्म -निर्भर बन गयी .
प्र. विशेष ख्याति से क्या तात्पर्य है ?
घ. अमित की दुल्हन के रूप में सभी मीनू केवल एक साधारण दुल्हन नहीं थी ,बल्कि वह मेरठ की प्रसिद्ध वकील थी ,जिसमें आत्म - विश्वास व लगन से विशेष ख्याति अर्जित कर ली थी .अतः विशेष ख्याति शब्द का प्रयोग उसके प्रसिद्ध वकील होने के रूप में किया गया है .
प्र. आने वाले मेहमान को विशेष महत्त्व क्यों दिया जा रहा है?
उत्तर : आने वाले मेहमान को मीनू की तस्वीर पसंद आ गई है। वे मीनू को रिश्ते के लिए देखने आने वाले हैं। कई रिश्तों के नकारने के बाद किसी परिवार ने मीनू को पसंद किया है। अतः मीनू के परिवार को उम्मीद है कि अबकी बार मीनू का रिश्ता पक्का हो ही जायेगा। इसलिए वे मेहमानबाजी में किसी तरह की कोई भी कसर छोड़ना नहीं चाहते हैं।
प्र. आनेवाले मेहमान से परिवार के लोगों को क्या उम्मीद है?
उत्तर : आनेवाले मेहमान से परिवार यह उम्मीद लगाये बैठे हैं कि मीनू की तस्वीर की तरह मीनू भी उन्हें पसंद आ जायेगी और वे लोग मीनू के रिश्ते के लिए हामी भर देंगे। उन्हें पूर्ण विश्वास है कि इस बार मीनू का रिश्ता पक्का हो ही जायेगा।
उत्तर : बार-बार रिश्तों के टूटने के बावजूद मीनू जिंदगी से नहीं हारती है। वह निराश होकर चुपचाप बैठने के बजाय जीवन में एक नया रास्ता चुनती है। वह विवाह के पारंपरिक सामाजिक नियम के विरुद्ध दृढ़ निश्चय करती है कि जब तक वह अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो जायेगी, शादी नहीं करेगी। वह पारिवारिक दबाव, मानसिक द्वंद्व और साम्राजिक व्यंग्यों से जूझती हुई कड़ी मेहनत के बल पर अपने सपनों को पूरा करती है। इसी कारण लेखिका ने उसे दृढ़ता और साहस की मूर्ति कहा है।
प्र. विवाह के अलावा मीनू के जीवन का लक्ष्य क्या था?
उत्तर : विवाह के अलावा मीनू के जीवन का लक्ष्य वकालत की पढ़ाई कर अपने पैरों पर खड़ा होना था। वह पढ़ाई में तेज-तर्रार थी। इसलिए उसने वकील बनने का लक्ष्य भी निर्धारित कर रखा था।
प्र.मीनू समाज के झूठे आवरण को हटाकर एक सत्य दिखाना चाहती है— स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : मीनू आधुनिक युग की एक आधुनिक नारी है। वह समाज द्वारा बनाये गये परंपरागत नियमों और झूठे आदर्शों को स्वीकार नहीं करती है। हमारे समाज में लड़कियों के लिए एकमात्र उद्देश्य विवाह की कल्पना की जाती है। समाज लड़कियों की उच्च शिक्षा प्राप्त करना, अकेले बाहर रहना और नौकरी करना आदि का समर्थन नहीं करता है। समाज की मान्यता है कि लड़कियाँ अट्ठारह वर्ष की आयु पार करते ही परिवार की इच्छा से विवाह कर घर की चहारदीवारी में कैद हो जाये। मीनू इन तमाम सामाजिक इंद्रजाल को हटाकर यह दिखाना चाहती है कि विवाह से अलग भी एक नया रास्ता होता है, जिस पर चलकर मीनू उच्च शिक्षा भी प्राप्त करती है और नौकरी भी। यह उसके जीवन की विशेष ख्याति भी है।
प्र. धनीमल और मायाराम कौन हैं? उनके बीच क्या बातचीत हो रही है?
उत्तर : धनीमल शहर के एक बहुत ही धनी और संपन्न व्यक्ति थे, जो अपनी बेटी सरिता का विवाह मायाराम के बेटे अमित से करवाना चाहते थे। मायाराम अमित के पिता थे, जो अपने बेटे का रिश्ता लेकर मीनू के घर गये थे। धनीमल और मायाराम के बीच अमित और सरिता के रिश्ते की बात हो रही थी। मायाराम को मीनू पसंद थी और वे अमित की शादी मीनू से करने की बात कर रहें थे, जबकि धनीराम शादी में पाँच लाख खर्च करने का लोभ देकर अमित की शादी अपनी बेटी सरिता से करवाने पर जोर दे रहे थे।
प्र. अमित और सरिता किस विषय में बात कर रहे थे?
उत्तर : अमित और सरिता एक-दूसरे की पसंद-ना-पसंद और रुचि-अरुचि के बारे में बात कर रहे थे। अमित ने सरिता से उसकी रुचि के बारे में पूछा तो उसने पेंटिंग और कार ड्राइविंग का नाम लिया। इसके बाद घर के काम-काज के विषय में अमित ने जब उसकी राय जाननी चाही तो उसने स्पष्ट मना करते हुऐ कहा कि उसे न तो घर के काम-काज में रुचि है और न ही आता है। उसने तो यह भी कहा कि शादी के बाद पिताजी मेरे साथ कामकाज के लिए नौकर भेज देंगे।
प्र. “मुझे पेंटिंग व कार ड्राइविंग में विशेष रुचि है”- स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर : यह कथन धनीमल की पुत्री सरिता का है। अमित द्वारा सरिता से उसकी रुचि पूछने पर सरिता ने पेंटिंग और कार ड्राइविंग का नाम लिया। दरअसल सरिता के पिता धनीमल शहर के रईस और प्रतिष्ठित व्यक्ति थे। उन्होंने सरिता को जीवन का हर सुख और ऐशो आराम प्रदान किया था। इस कारण सरिता की रुचि घर के कार्यों में न होकर विलासिता की चीजों में थी ।
प्र.अतीत की स्मृतियों में डूब जाने पर मीनू उदास क्यों हो जाती है?
उत्तर : मीनू के लिए पहले कई रिश्ते आये थे, लेकिन किसी-न-किसी कारण से सबने मीनू को नकार दिया था। हर बार वह अपने शादी के सपने संजोती थी और हर बार उसे इनकार कर दुःख मिलता था। इस वजह से अतीत की स्मृतियाँ उसके लिए कष्टदायक ही थीं। अतः अतीत की स्मृतियों में डूब जाने पर वह उदास हो जाया करती थी ।
प्र. “ कई लड़के उसे नापसंद कर चुके थे” – स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर : नीलू सामान्य कद-काठी की और थोड़ी, साँवली सी लड़की थी। उसे बहुत ज्यादा सुंदर नहीं कहा जा सकता था। इस कारण लोग मीनू को रूप-रंग के स्तर पर पसंद नहीं करते थे ।
प्र. मीनू अपनी सहेलियों के साथ कहाँ जा रही है?
उत्तर : मीनू अपनी सहेलियों के साथ हॉस्टल के बाहर कैंटीन में समोसे खाने और चाय पीने जा रही है।
प्र. नवयुवक कौन है?
उत्तर : नवयुवक अमित है, जो एक बार मीनू को बिवाह के लिए देखने गया था, लेकिन अपने माता-पिता के दबाव के कारण मीनू से विवाह न कर सका ।
प्र. मीनू उस नवयुवक को देखकर क्यों चौंक गई?
उत्तर : मीनू को नीलिमा की शादी में उस नवयुवक को देखने की आशा नहीं थी। अतः उसे देखकर चौंक गई।
प्र. मीनू अपनी प्रशंसा सुनकर खुश क्यों नहीं हुई?
उत्तर : मीनू अपनी सुंदरता की प्रशंसा सुनकर भी प्रसन्न नहीं हुई, क्योंकि उसके रूप-रंग के कारण ही बहुत लड़के उसे नापसंद कर चुके थे। वह अपनी सुंदरता की सीमा को पहचानती थी और उस पर इतराना उसे पसंद नहीं था ।
प्र. हमारे समाज में लड़के के विवाह की अपेक्षा लड़की के विवाह को आज भी इतना महत्त्व क्यों दिया जाता है?
उत्तर : हमारे समाज में लड़कियों को अविश्वास की दृष्टि से देखा जाता है। इसके साथ यह विश्वास किया जाता है कि लड़कियों के जीवन का मुख्य उद्देश्य घर की चाहारदीवारी के भीतर होता है। अतः उनकी शिक्षा और नौकरी को गैर जरूरी माना जाता है। इसलिए उनकी शादी को ज्यादा महत्त्व दिया जाता है, जिससे शादी के बाद वह घर-गृहस्थी की जिम्मेदारी का वहन कर सके ।
प्र. नीलिमा कौन है? वह मीनू को राय क्यों दे रही है?
उत्तर : नीलिमा मीनू के सबसे प्रिय सहेली है। नीलिमा का भाई अशोक मीनू को पसंद करता है, लेकिन संकोचवश वह उससे कुछ कह नहीं पाता। अशोक मीनू के संबंध में अपने विचार अपनी बहन नीलिमा के समक्ष रखता है। उसके विचारों से अवगत हो, वह मीनू को विवाह के लिए राजी करना चाहती है। अंतः वह मीनू को विवाह करने की सलाह देती है।
प्र. शादी के नाम से मीनू उदास क्यों हो जाती है?
उत्तर : मीनू साधारण नैन-नक्श की लड़की, है, इसी कारण उसके लिए जितने भी रिश्ते आते हैं, बाद में इनकार कर दिये जाते हैं। बार-बार रिश्ते के टूटने से उसका हृदय दुःखी हो गया हैं। मीनू के लिए अमित काजपा, तब मीनू और उसके परिवार को पूर्ण विश्वास था कि यहाँ मीनू की शादी पक्की हो जायेगी। लेकिन अमित के घरवालों के धन के लोभ में इस रिश्ते से इनकार कर दिया और मीनू का हृदय एकदम से टूट गया। अतः जब कभी भी शादी की चर्चा चलती है, मीनू उदास हो जाती है।
प्र. नीलिमा उसकी (मीनू) शादी के लिए इतनी उत्साहित क्यों हैं?
उत्तर : नीलिमा का भाई अशोक मीनू को पसंद करता है, लेकिन मीनू ने यह प्रण कर रखा है कि जबतक वह अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो जाती है, तब तक वह विवाह नहीं करेगी। अंतः नीलिमा मीनू को विवाह के लिए तैयार कर उसकी शादी अपने भाई से करवाना चाहती है, इसी कारण वह उत्साहित हैं।
प्र. वर्षों के प्यार-दुलार के बाद लड़की को बिछुड़ना क्यों पड़ता है?
उत्तर : हमारे समाज में परंपरागत रूप से लड़की को 'पराया धन' माना जाता है। माँ-बाप की जिम्मेदारी तभी तक स्वीकार की जाती है, जब तक कि वे उसका विवाह न करवा दें। इस पुरुषवादी समाज में स्त्री को विवाह के बाद अपने पति और ससुराल को हर प्रकार से खुश रखने की मजबूरी को ही उसका स्त्री-धर्म माना जाता है। अतः जो माता-पिता अपनी पुत्री को वर्षों तक दुलार-प्यार के साथ लालन-पालन कर बड़ा करते हैं, अंतत: विवाह के बाद स्त्री अपने पति और ससुराल की संपत्ति मात्र बनकर रह जाती है।
प्र. दीपक कौन है?
उत्तर : दीपक धनीमल की पत्नी का भतीजा है।
प्र. दीपक की शादी में जाने के लिए लोग क्यों उत्साहित थे?
उत्तर : दीपक धनीमल की पत्नी के भाई का लड़का था। धनीमल की पत्नी कई वर्षों से अपने भाई के घर नहीं गई थी और न ही उनसे मिल पायी थी। दीपक की शादी के बहाने वे अपने भाई और अन्य रिश्तेदारों से मिल सकती थी। इसके अलावा अपने भाई के घर कुछ समय भी बिता सकती थी। इसलिए वे लोग शादी में जाने के लिए उत्साहित थे।
प्र. अमित मीनू के आने पर क्यों खुश हो गया?
उत्तर : अमित मीनू को पसंद करता था। लेकिन अपने माता-पिता के दबाव के कारण वह मीनू से विवाह न कर सका। इस बात से मीनू को गहरा अघात लगा था और अमित मीनू के इस तकलीफ से भी परिचित था। मीनू अमित से घृणा करने लगी, इसलिए अमित ने कल्पना नहीं की थी कि वह उससे मिलने आयेगी। लेकिन मीनू का अमित से मिलने आना एक सुखद एहसास था । अतः उसके आने से अमित खुश हो गया।
प्र. मीनू के वकालत पास करने से उसके परिजनों को विशेष खुशी क्यों हुई?
उत्तर : मीनू ने निश्चय किया था कि जब तक वह वकालत पास कर अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो जायेगी, तबतक विवाह नहीं करेगी। वकालत पास करने के साथ ही उसने यह सिद्ध कर दिया. कि आज के आधुनिक दौर में लड़कियाँ सिर्फ विवाह, पति और ससुराल पर आश्रित नहीं हैं, बल्कि अपनी मेहनत और लगन के दम पर स्वाधीनता, स्वनिर्भरता और सफलता का एक नया रास्ता तलाश सकती हैं। अतः उसकी यह सफलता उनके परिजनों की खुशी का कारण हैं। इसके साथ ही शायद अब वह विवाह करने के लिए तैयार हो जाय, यह तथ्य भी लोगों को खुशी दे रहा है।
प्र. समाज में स्त्री-पुरुष में इतना भेद क्यों हैं?
उत्तर : हमारा समाज पुरुषवादी विचारधारा पर आधारित हैं। परिवार का मुखिया और मुख्य कर्ताधर्ता पुरुष को ही माना जाता है। घर के भीतर के समस्त निर्णय और घर के बाहर के सभी कार्य पुरुष ही संपादित करता है। स्त्री को केवल घर की दीवारों के भीतर सभी के सुख-सुविधाओं के लिए अपने आप को न्योछावर करते रहने की जिम्मेदारी दी जाती है । उनको शिक्षा, नौकरी और विचार-विमर्श से दूर ही रखा जाता है। विवाह, पति और ससुराल की सेवा तथा संतान उत्पत्ति को ही उसके जीवन का उद्देश्य और सबसे बड़ा सुख माना जाता है। अतः लिंग आधारित पारिवारिक और सामाजिक संरचना के कारण स्त्री को 'पराया धन' मानते हुए स्त्री-पुरुष में भेद किया जाता है। इसी कारण जब कभी भी वह, स्वच्छंद होना चाहती है, समाज के पहरेदार उस पर पाबंदियों की जंजीर लगाते हैं।
Bua ji ke vyavhar ke bare mein apne vichar vyakt kijiye kya upyog avsar per unki is prakar ki baten uchit thi
जवाब देंहटाएंChapter 17 answers of Maya rasta
जवाब देंहटाएंDo behani ke pyaar nischal aur swabhavik hai..iss vishay par aapka vichaar likhiye
जवाब देंहटाएंChapter 20 answers
जवाब देंहटाएंWE NEED ANSWER CHAPTERWAISE PLEASE
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