सोशल मीडिया पर ट्रोल

SHARE:

सोशल मीडिया पर ट्रोल सुषमा के साथ ट्रॉल वाली घटना तो निंदनीय है ही पर आशा थी कि ऐसी कोई घटना हो तो नेताओं को अकल आ जाए कि कितनी बुरी भाषा में ट्रॉल हो रहा है. पर इसके बावजूद भी किसी के कान में जूं नहीं रेंगी. इन नेताओं से (नेत्रियों से भी) मेरी विनती होगी कि वे सामाजिक पटल पर हो रहे ट्रॉल का जायजा लें तो पता चले कि सुषमा जी तो ढंग से ट्रॉल भी नहीं हुईं, मात्र कुछ अपशब्द कहे गए. दुख तो इस बात का है कि खुद ट्रॉल होने के अनुभव पर भी सुषमा ने आम जनता के साथ हो रही ट्रॉल पर कोई शिकंजा कसने की नहीं सोची.पता नहीं यह रवैया कब कहाँ जाकर थमेगा.

सोशल मीडिया पर ट्रोल


अभी हाल एक दिलचस्प घटी.लखनऊ पासपोर्ट कार्यालय में 20 जून 2018 को एक दंपति ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया. पासपोर्ट अधिकारी ने आवेदन के साथ लगे कागजात देखकर महिला से सवाल किया कि आपका नाम निकाहनामे में और दूसरे कागजात में अलग - अलग है. आपको नाम परिवर्तन की कार्रवाई करनी  चाहिए. ऐसा कहा गया है कि महिला अपने पति का नाम अपने पासपोर्ट में अंकित करवाना चाहती थीं.

हाँ, यह मामला तन्वी सेठ और उनके पति अनास सिद्दिकी का है.

इसके आगे पासपोर्ट अधिकारी से क्या बात हुई उसका जिक्र महिला ने अपने ट्विटर से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को और प्रधानमंत्री कार्यालय को प्रेषित किया. महिला ने लिखा कि पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा ने उनसे इतनी जोर से बात की कि सारे कार्यालय में उपस्थित लोग सुन रहे थे . उन्होंने इस दौरान अवाँछित हाथ के इशारे भी किए. तन्वी का कहना है कि अधिकारी ने उनसे “अपना नाम बदलवाने की कार्रवाई करनी चाहिए” कहा . साथ में महिला ने यह भी लिखा कि उन अधिकारी ने मेरे पति से धर्मपरिवर्तन करने को और फेरे लेने के लिए कहा.

सोशल मीडिया पर ट्रोल
सोशल मीडिया पर ट्रोल
अखबारों में यह भी पढ़ा गया कि रीजनल पासपोर्ट अधिकारी पीयूष वर्मा ने महिला या उनके पति से कहा कि आपका केस गलत हाथों में चला गया है वरना यह समस्या नहीं होती. समाचार पत्रों ने लिखा कि विकास मिश्रा बताते हैं कि उनसे नाम परिवर्तन के कागजात माँगे थे, बस उसी में वे भड़क गईं और ये सब हुआ.


संदेश पाकर “सबका मालिक एक” विदेशमंत्री स्वराज के मातहत मंत्रालय से पीयूष वर्मा को आदेश आया और एक घंटे के भीतर उन दंपतियों को पासपोर्ट मुहैया करा दिया गया. समाचार यह भी था कि विकास मिश्रा का तबादला कर दिया गया है. स्वाभाविक है कि दंपती ने स्वराज की भूरी - भूरी प्रशंसा की.

उधर आम जनता ने इसे सही नहीं पाया और सुषमा की कार्रवाई पर उंगलियाँ उठने लगीं.  सवाल थे कि –

1.निकाह नामें में सादिया अनास नाम और कागजात में तन्वी सेठ दो अलग अलग नाम के बीच समन्वय के लिए नाम परिवर्तन की कार्रवाई के कगजात न होने पर  पासपोर्ठ अधिकारी विकास मिश्रा का, नाम परिवर्तन की कार्रवाई करने के लिए कहना या कागजात माँगना ... किस तरह से गलत था? वरना यह कैसे मान लिया जाए कि तन्वी सेठ ही सादिया अनास हैं.  क्या दोनों में से किसी भी नाम पर पासपोर्ट जारी किया जा सकता है? और हाँ तो कल तन्वी सेठ सादिया अनास के नाम पर दूसरा पासपोर्ट बनवा सकती हैं . उनके पास दो नामों से अलग अलग पासपोर्ट रखने का अधिकार होगा. क्या यह सही है?

इसके गूढ़ को जानने समझने के लिए मैंने कुछ ऐसे लेगों से बात किया जिन्होंने शादी के दौरान धर्म परिवर्तन किया है और उनके पास पासपोर्ट है. निस्संकोच बताया गया कि पासपोर्ट तो वर्तमान नाम पर ही जारी किया जाता है. नाम परिवर्तन के हरेक  मौके के कागजात होने चाहिए. उनके अनुसार यदि उनका नाम निकाहनामे में सादिया अनास और अन्य कागजात में (जो निकाह के पहले के हैं) तन्वी सेठ है, तो पासपोर्ट सादिया अनास के नाम पर ही बनेगा बशर्ते तन्वी से सादिया नाम परिवर्तन की कार्रवाई के कागजात हों.  अन्यथा पासपोर्ट नहीं बन सकता. यदि तन्वी सेठ नाम से पासपोर्ट चाहिए तो पुनः सादिया अनीस से तन्वी सेठ नाम परिवर्तन के भी कागजात जरूरी हैं. 

पर पता नहीं मंत्रालय ने ऐसा निर्णय कैसे लिया.

2.विकास मिश्रा से किसी प्रकार सवाल - जवाब तलब किए बिना उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करना , उसका तबादला करना कितना वैधानिक था, या कानूनी दायरे में था ? शायद अधिकारियों ने जरूरी नहीं समझा कि तन्वी सेठ के इलजाम की सच्चाई जानी जाए.

जहाँ तक मुझे जानकारी है किसी भी व्यक्ति को सफाई का मौका दिए बगैर दोषी ठहराना गैरकानूनी है.

3.पुलिस वेरिफिकेशन आने के पहले ही पासपोर्ट  कैसे जारी कर दिया गया यह तो समझ से परे है.

अंजाम यह हुआ कि गुस्से में जनता ने सुषमा की कार्रवाई को गलत ठहराया. यहाँ तक तो फिर भी शायद सँभलता, पर लोगों ने आगे भी कहा –

  1. सुषमा ने अल्पसंख्यकों की तुष्टीकरण के लिए कानूनी दायरे के बाहर निर्णय लिया है.
  2. किसी ने कहा कि कि पुलिस वेरिफिकेशन के बिना एक घंटे मे पासपोर्ट कैसे दे दिया गया.
  3. एक ने तो बात व्यक्तिगत ही कर दी कि सुषमा ने हाल ही में एक मुसलमान की किडनी ट्रान्सप्लांट करने के कारण वे मुसलमानों की पक्षपाती  हो रही हैं. इस पर लोगों ने सुषमा को “सुषमा बेगम” कहकर भी संबोधित किया.
  4. कुछ ने तो सुषमा के फेसबुक पेज की रेटिंग कम करने की चेष्टा भी की , काफी हद तक सफल भी हुए.
  5. एक मुकेश गुप्ता ने यहाँ तक कहा कि सुषमा के घर आने पर उसकी पिटाई करें. हालाँकि किसी की ओर शाब्दिक तौर पर यह संदेश इंगित नहीं था,  पर शब्दों से जाहिर था कि यह सुषमा के घर के बड़ों के लिए ही था.



इन सबके बावजूद सुषमा ने कोई  प्रतिरोध नहीं किया बल्कि कुछ ट्वीट्स को उन्होंने रिट्वीट भी किया. 

इस बीच पुलिस वेरिफेशन रिपोर्ट आई कि सादिया अनास नोएड़ा में नौकरीबद्ध हैं , वहीं रहती हैं, पर आवेदन में पता लखनऊ का है. इसलिए पुलिस वेरिफिकेशन में आवेदन सही नहीं पाया गया.

अब अखबार फिर सक्रिय हो गए. रिपोर्ट आने लगी कि आवेदन में गलत पते की वजह से पासपोर्ट रद्द हो जाएंगे, तन्वी सेठ पर दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है.. आदि आदि.

पर फिर मंत्रालय से सफाई आ गई कि नही आवेदन सही है क्यों कि  इसी एक जून के आदेशानुसार यह जरूरी नहीं है कि अवेदन रिहाइशी पते के अनुसार ही पासपोर्ट कार्यालय में दिया जाए बल्कि स्थायी पते के अनुसार भी किया जा सकता है. फिर सारी बातें दब गईं. लेकिन 29 जून 2018 को एकआदेश फिर उभरा कि कि आवेदन रिहाइशी पते के अनुसार ही जमा  करने का पुराना कानून फिर लागू हो गया है. 1 जून 2018 के कानून की जानकारी लखनऊ पासपोर्ट कार्यालय को और पुलिस विभाग को 20 जून 2018 तक नहीं थी और 29 जून 2018 को फिर पुराना कानून लौट जाता है... इसमें तो खेलने की बू आती है. सुषमा की कार्रवाई को सही जतलाने के लिए खेला गया खेल ही लगता है. इससे यह भी समझा  जा सकता है कि सुषमा का अपने मंत्रालय पर कितना नियंत्रण या पकड़ है या कहें कि सुषमा ने मंत्रालय में कितना आतंक/ खौफ फैला रखा है. सच्चाई तो मंत्रालय के लोग ही जानें.

इससे साफ जाहिर है कि इस मामले में कहीं कोई गडबड़ हुई है जिसे छिपाया गया.

जनता के उल्टे सीधे टिप्पणियों को सुषमा ने तो किसी तरह सँभाल लिया. किंतु “उनके घर आने पर पीटने” की टिप्पणी उनके पति स्वराज कौशल जी को नागवार गुजरी और उन्होंने उस पर अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि जब मेरी माँ एक साल भर बीमार थी, तब भी सुषमा ने एक साँसद और शिक्षामंत्री होते हुए भी, बिना किसी आया / परिचारिका के खुद ही उनका ख्याल रखा.  ऐसी सुषमा पर इस तरह की टिप्पणी से परिवार के सदस्यों को बहुत दुख होता है.

तब सुषमा ने जनता से अपील कर सर्वे करवाया कि क्या वह ऐसे टिप्पणियों का  ( जिनको ट्रॉल कहा जाता है) समर्थन करती है. सर्वे में 53 % ने सुषमा का साथ दिया. मतलब जनता आधी - आधी बँट गई.

रंगराज अयंगर
रंगराज अयंगर
सुषमा के इस ट्रॉल पर काँग्रेस, ममता बेनर्जी, उमर अब्दुल्ला, ओवैसी, महबूबा मुफ्ती ने सुषमा का पहले साथ दिया. ममता ने इसे चौंकाने वाला और अनैतिक कहा.  महबूबा ने कहा  कि हमारे देश में महिला विदेश मंत्री पर यदि ऐसा ट्रॉल हो सकता है तो आम स्त्री के साथ क्या - क्या हो सकता है. कोई मुफ्ती को समझाए कि ट्ऱॉल में लिंगभेद नहीं होता. वहाँ अक्सर हिंदू- मुस्लिम होता है. दूसरा ये राजनीतिज्ञ अपने स्वार्थ साधने के लिए कैसे अनभिज्ञ बनते हैं. ऐसे पेश आ रही हैं कि उनको देश भर में हो रहे ट्रॉल का कोई ज्ञान ही नहीं है. आप सामाजिक पटल पर हिंदू विरोधी, भाजपा विरोधी या मुस्लिम के पक्षापाती कुछ लिखिए तो आपको स्वतः पता चल जाएगा कि ट्रॉल क्या है और कौन कर रहा है.

बहुत समय बाद अन्य प्रतिपक्ष नेताओं का समर्थन देखकर, सुषमा की पार्टी के, यानी सरकार के नेता, भाजपा के नेता में से सबसे पहले राजनाथ सामने आए और मात्र इतना कह गए कि यह सही नहीं है. उन्होंने ट्रॉल करने वालों को किसी तरह के कार्रवाई की कोई चेतावनी भी नहीं दी. ऐसा साफ जाहिर था कि उनको मजबूरी में मुँह खोलना पड़ा, वरना वे चुप ही रहते.  मोदी तो मौन रहकर ट्रॉल को स्वीकृति दे रहे थे. मोदी को भले बोलने में जुमले बाजी में गलतियाँ करते देख सकते हैं, पर चुप रहकर समर्थन में उनका कोई सानी नहीं है. यह मै तो मान ही नहीं सकता कि मोदी की समझ में नहीं आता कि वे कर क्या रहे हैं? अखबारों ने यह भी लिखा है कि राष्ट्रपति  ने इस घटना के कुछ ही दिन बाद विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से बात की . सुषमा की तारीफ भी की, पर इस ट्रॉल का कोई जिक्र नहीं किया.

अब सवाल यह उठता है कि क्या मान लिया जाए कि सुषमा, राजनाथ, ममता या अन्य राजनीतिज्ञों को पता नहीं है कि पार्टियों की आई टी शाखाएं सामाजिक पटलों पर ऐसे ट्रॉल में किस तरह की भाषा को प्रयोग कर रही है. कोई भी सभ्य नागरिक शर्मिंदा हो जाएगा.  वे सभ्यता की हर सीमा को पार कर जाते हैं. इतनी असभ्य भाषा से कोई भी कन्नी काट जाए और यही शायद वे चाहते भी हैं.  इतनी गंदी भाषा तो इस सरकार  के आने के बाद ही नजर आई है. अब जवाबी हमले में दूसरी राजनीतिक पार्टियाँ भी शामिल हो गई हैं. फलतः सामाजिक पोर्टलों की भाषा ही बदल गई है.

मैं मान नहीं पाता कि नेताओं को या सरकार को इसका पता नहीं है. कई जगह पढ़ा भी है कि वरिष्ठ सरकारी नेता इन ट्रॉलरों को फॉलो भी करते हैं. कुछ तो कागजात भी पेश करते हैं कि इनको ट्रॉल करने केलिए निश्चित एवं तय दर से पैसे भी दिए जाते हैं.  

जब विदेश मंत्री (वह भी महिला) के ट्रॉल पर भी सरकार के मंत्री और वरिष्ठ नेता  चुप्पी साधते हैं तो इससे बड़ा कौन सा गवाह चाहिए कि सरकार इसका समर्थन कर रही है. पर फिर भी सुषमा सहित किसी ने भी सामाजिक पटल पर ट्ऱॉल का विरोध नहीं किया.

सुषमा के साथ ट्रॉल वाली घटना तो निंदनीय है ही पर आशा थी कि ऐसी कोई  घटना हो तो नेताओं को अकल आ जाए कि कितनी बुरी भाषा में ट्रॉल हो रहा है. पर इसके बावजूद भी किसी के कान में जूं नहीं रेंगी. इन नेताओं से (नेत्रियों से भी)  मेरी विनती होगी कि वे सामाजिक पटल पर हो रहे ट्रॉल का जायजा लें तो पता चले कि सुषमा जी तो ढंग से ट्रॉल भी नहीं हुईं, मात्र कुछ अपशब्द कहे गए.

दुख तो इस बात का है कि खुद ट्रॉल होने के अनुभव पर भी सुषमा ने आम जनता के साथ हो रही  ट्रॉल पर कोई शिकंजा कसने की नहीं सोची.पता नहीं यह रवैया कब कहाँ जाकर थमेगा.
.....


यह रचना माड़भूषि रंगराज अयंगर जी द्वारा लिखी गयी है . आप इंडियन ऑइल कार्पोरेशन में कार्यरत है . आप स्वतंत्र रूप से लेखन कार्य में रत है . आप की विभिन्न रचनाओं का प्रकाशन पत्र -पत्रिकाओं में होता रहता है . संपर्क सूत्र - एम.आर.अयंगर. , इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड,जमनीपाली, कोरबा. मों. 08462021340

COMMENTS

Leave a Reply: 2
  1. सामाजिक पटल पर असभ्य भाषा का उपयोग निश्चय ही निंदनीय है। इस लेख में आप अत्यंत बारीकी से हर पहलू का जायजा लेते हुए विदेश मंत्री के ट्रॉल की घटना को सामने लाए हैं। लोग इस बात से अनभिज्ञ तो नहीं हैं पर जानबूझकर इस बात की गंभीरता को नजरअंदाज कर रहे हैं। असभ्य भाषा स्वस्थ समाजनिर्माण की राह में एक बड़ा रोड़ा सिद्ध हो सकती है,बल्कि हो रही है। जो लोग इस पर रोक लगा सकते हैं, वही आँख कान मुँह बंद किए गांधीजी के बंदर बनकर बैठ जाएँ तो साधारण आदमी की क्या बिसात ? इस प्रभावशाली लेख के लिए बहुत बहुत बधाई।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. धन्यवाद और आभार.
      आपने लेख के मर्म को जाना, सराहा, बहुत अच्छा लगा.

      हटाएं
आपकी मूल्यवान टिप्पणियाँ हमें उत्साह और सबल प्रदान करती हैं, आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है !
टिप्पणी के सामान्य नियम -
१. अपनी टिप्पणी में सभ्य भाषा का प्रयोग करें .
२. किसी की भावनाओं को आहत करने वाली टिप्पणी न करें .
३. अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .

नाम

अंग्रेज़ी हिन्दी शब्दकोश,3,अकबर इलाहाबादी,11,अकबर बीरबल के किस्से,62,अज्ञेय,37,अटल बिहारी वाजपेयी,1,अदम गोंडवी,3,अनंतमूर्ति,3,अनौपचारिक पत्र,16,अन्तोन चेख़व,2,अमीर खुसरो,7,अमृत राय,1,अमृतलाल नागर,1,अमृता प्रीतम,5,अयोध्यासिंह उपाध्याय "हरिऔध",7,अली सरदार जाफ़री,3,अष्टछाप,4,असगर वज़ाहत,11,आनंदमठ,4,आरती,11,आर्थिक लेख,8,आषाढ़ का एक दिन,22,इक़बाल,2,इब्ने इंशा,27,इस्मत चुगताई,3,उपेन्द्रनाथ अश्क,1,उर्दू साहित्‍य,179,उर्दू हिंदी शब्दकोश,1,उषा प्रियंवदा,5,एकांकी संचय,7,औपचारिक पत्र,32,कक्षा 10 हिन्दी स्पर्श भाग 2,17,कबीर के दोहे,19,कबीर के पद,1,कबीरदास,19,कमलेश्वर,7,कविता,1478,कहानी लेखन हिंदी,17,कहानी सुनो,2,काका हाथरसी,4,कामायनी,6,काव्य मंजरी,11,काव्यशास्त्र,40,काशीनाथ सिंह,1,कुंज वीथि,12,कुँवर नारायण,1,कुबेरनाथ राय,2,कुर्रतुल-ऐन-हैदर,1,कृष्णा सोबती,3,केदारनाथ अग्रवाल,4,केशवदास,6,कैफ़ी आज़मी,4,क्षेत्रपाल शर्मा,52,खलील जिब्रान,3,ग़ज़ल,139,गजानन माधव "मुक्तिबोध",15,गीतांजलि,1,गोदान,7,गोपाल सिंह नेपाली,1,गोपालदास नीरज,10,गोरख पाण्डेय,3,गोरा,2,घनानंद,3,चन्द्रधर शर्मा गुलेरी,6,चमरासुर उपन्यास,7,चाणक्य नीति,5,चित्र शृंखला,1,चुटकुले जोक्स,15,छायावाद,6,जगदीश्वर चतुर्वेदी,17,जयशंकर प्रसाद,35,जातक कथाएँ,10,जीवन परिचय,77,ज़ेन कहानियाँ,2,जैनेन्द्र कुमार,7,जोश मलीहाबादी,2,ज़ौक़,4,तुलसीदास,28,तेलानीराम के किस्से,7,त्रिलोचन,4,दाग़ देहलवी,5,दादी माँ की कहानियाँ,1,दुष्यंत कुमार,7,देव,1,देवी नागरानी,23,धर्मवीर भारती,12,नज़ीर अकबराबादी,3,नव कहानी,2,नवगीत,1,नागार्जुन,25,नाटक,1,निराला,39,निर्मल वर्मा,4,निर्मला,42,नेत्रा देशपाण्डेय,3,पंचतंत्र की कहानियां,42,पत्र लेखन,202,परशुराम की प्रतीक्षा,3,पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र',4,पाण्डेय बेचन शर्मा,1,पुस्तक समीक्षा,141,प्रयोजनमूलक हिंदी,38,प्रेमचंद,50,प्रेमचंद की कहानियाँ,91,प्रेरक कहानी,16,फणीश्वर नाथ रेणु,4,फ़िराक़ गोरखपुरी,9,फ़ैज़ अहमद फ़ैज़,24,बच्चों की कहानियां,88,बदीउज़्ज़माँ,1,बहादुर शाह ज़फ़र,6,बाल कहानियाँ,14,बाल दिवस,3,बालकृष्ण शर्मा 'नवीन',1,बिहारी,8,बैताल पचीसी,2,बोधिसत्व,9,भक्ति साहित्य,143,भगवतीचरण वर्मा,7,भवानीप्रसाद मिश्र,3,भारतीय कहानियाँ,61,भारतीय व्यंग्य चित्रकार,7,भारतीय शिक्षा का इतिहास,3,भारतेन्दु हरिश्चन्द्र,10,भाषा विज्ञान,18,भीष्म साहनी,9,भैरव प्रसाद गुप्त,2,मंगल ज्ञानानुभाव,22,मजरूह सुल्तानपुरी,1,मधुशाला,7,मनोज सिंह,16,मन्नू भंडारी,10,मलिक मुहम्मद जायसी,9,महादेवी वर्मा,20,महावीरप्रसाद द्विवेदी,3,महीप सिंह,1,महेंद्र भटनागर,73,माखनलाल चतुर्वेदी,3,मिर्ज़ा गालिब,39,मीर तक़ी 'मीर',20,मीरा बाई के पद,22,मुल्ला नसरुद्दीन,6,मुहावरे,4,मैथिलीशरण गुप्त,14,मैला आँचल,8,मोहन राकेश,16,यशपाल,19,रंगराज अयंगर,43,रघुवीर सहाय,6,रणजीत कुमार,29,रवीन्द्रनाथ ठाकुर,22,रसखान,11,रांगेय राघव,2,राजकमल चौधरी,1,राजनीतिक लेख,21,राजभाषा हिंदी,66,राजिन्दर सिंह बेदी,1,राजीव कुमार थेपड़ा,4,रामचंद्र शुक्ल,3,रामधारी सिंह दिनकर,25,रामप्रसाद 'बिस्मिल',1,रामविलास शर्मा,9,राही मासूम रजा,8,राहुल सांकृत्यायन,2,रीतिकाल,3,रैदास,4,लघु कथा,125,लोकगीत,1,वरदान,11,विचार मंथन,60,विज्ञान,1,विदेशी कहानियाँ,34,विद्यापति,8,विविध जानकारी,1,विष्णु प्रभाकर,3,वृंदावनलाल वर्मा,1,वैज्ञानिक लेख,8,शमशेर बहादुर सिंह,6,शमोएल अहमद,5,शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय,1,शरद जोशी,3,शिक्षाशास्त्र,6,शिवमंगल सिंह सुमन,6,शुभकामना,1,शेख चिल्ली की कहानी,1,शैक्षणिक लेख,57,शैलेश मटियानी,3,श्यामसुन्दर दास,1,श्रीकांत वर्मा,1,श्रीलाल शुक्ल,4,संयुक्त राष्ट्र संघ,1,संस्मरण,34,सआदत हसन मंटो,10,सतरंगी बातें,33,सन्देश,44,समसामयिक हिंदी लेख,270,समीक्षा,1,सर्वेश्वरदयाल सक्सेना,19,सारा आकाश,22,साहित्य सागर,22,साहित्यिक लेख,87,साहिर लुधियानवी,5,सिंह और सियार,1,सुदर्शन,3,सुदामा पाण्डेय "धूमिल",10,सुभद्राकुमारी चौहान,7,सुमित्रानंदन पन्त,23,सूरदास,16,सूरदास के पद,21,स्त्री विमर्श,11,हजारी प्रसाद द्विवेदी,4,हरिवंशराय बच्चन,28,हरिशंकर परसाई,24,हिंदी कथाकार,12,हिंदी निबंध,437,हिंदी लेख,536,हिंदी व्यंग्य लेख,14,हिंदी समाचार,186,हिंदीकुंज सहयोग,1,हिन्दी,7,हिन्दी टूल,4,हिन्दी आलोचक,7,हिन्दी कहानी,32,हिन्दी गद्यकार,4,हिन्दी दिवस,91,हिन्दी वर्णमाला,3,हिन्दी व्याकरण,45,हिन्दी संख्याएँ,1,हिन्दी साहित्य,9,हिन्दी साहित्य का इतिहास,21,हिन्दीकुंज विडियो,11,aapka-banti-mannu-bhandari,6,aaroh bhag 2,14,astrology,1,Attaullah Khan,2,baccho ke liye hindi kavita,70,Beauty Tips Hindi,3,bhasha-vigyan,1,chitra-varnan-hindi,3,Class 10 Hindi Kritika कृतिका Bhag 2,5,Class 11 Hindi Antral NCERT Solution,3,Class 9 Hindi Kshitij क्षितिज भाग 1,17,Class 9 Hindi Sparsh,15,divya-upanyas-yashpal,5,English Grammar in Hindi,3,formal-letter-in-hindi-format,143,Godan by Premchand,12,hindi ebooks,5,Hindi Ekanki,20,hindi essay,429,hindi grammar,52,Hindi Sahitya Ka Itihas,105,hindi stories,682,hindi-bal-ram-katha,12,hindi-gadya-sahitya,8,hindi-kavita-ki-vyakhya,19,hindi-notes-university-exams,77,ICSE Hindi Gadya Sankalan,11,icse-bhasha-sanchay-8-solutions,18,informal-letter-in-hindi-format,59,jyotish-astrology,23,kavyagat-visheshta,26,Kshitij Bhag 2,10,lok-sabha-in-hindi,18,love-letter-hindi,3,mb,72,motivational books,12,naya raasta icse,9,NCERT Class 10 Hindi Sanchayan संचयन Bhag 2,3,NCERT Class 11 Hindi Aroh आरोह भाग-1,20,ncert class 6 hindi vasant bhag 1,14,NCERT Class 9 Hindi Kritika कृतिका Bhag 1,5,NCERT Hindi Rimjhim Class 2,13,NCERT Rimjhim Class 4,14,ncert rimjhim class 5,19,NCERT Solutions Class 7 Hindi Durva,12,NCERT Solutions Class 8 Hindi Durva,17,NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan वितान भाग 1,3,NCERT Solutions for class 12 Humanities Hindi Antral Bhag 2,4,NCERT Solutions Hindi Class 11 Antra Bhag 1,19,NCERT Vasant Bhag 3 For Class 8,12,NCERT/CBSE Class 9 Hindi book Sanchayan,6,Nootan Gunjan Hindi Pathmala Class 8,18,Notifications,5,nutan-gunjan-hindi-pathmala-6-solutions,17,nutan-gunjan-hindi-pathmala-7-solutions,18,political-science-notes-hindi,1,question paper,19,quizzes,8,raag-darbari-shrilal-shukla,8,Rimjhim Class 3,14,samvad-lekhan-in-hindi,6,Sankshipt Budhcharit,5,Shayari In Hindi,16,skandagupta-natak-jaishankar-prasad,6,sponsored news,10,suraj-ka-satvan-ghoda-dharmveer-bharti,6,Syllabus,7,tamas-upanyas-bhisham-sahni,4,top-classic-hindi-stories,59,UP Board Class 10 Hindi,4,Vasant Bhag - 2 Textbook In Hindi For Class - 7,11,vitaan-hindi-pathmala-8-solutions,16,VITAN BHAG-2,5,vocabulary,19,
ltr
item
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika: सोशल मीडिया पर ट्रोल
सोशल मीडिया पर ट्रोल
सोशल मीडिया पर ट्रोल सुषमा के साथ ट्रॉल वाली घटना तो निंदनीय है ही पर आशा थी कि ऐसी कोई घटना हो तो नेताओं को अकल आ जाए कि कितनी बुरी भाषा में ट्रॉल हो रहा है. पर इसके बावजूद भी किसी के कान में जूं नहीं रेंगी. इन नेताओं से (नेत्रियों से भी) मेरी विनती होगी कि वे सामाजिक पटल पर हो रहे ट्रॉल का जायजा लें तो पता चले कि सुषमा जी तो ढंग से ट्रॉल भी नहीं हुईं, मात्र कुछ अपशब्द कहे गए. दुख तो इस बात का है कि खुद ट्रॉल होने के अनुभव पर भी सुषमा ने आम जनता के साथ हो रही ट्रॉल पर कोई शिकंजा कसने की नहीं सोची.पता नहीं यह रवैया कब कहाँ जाकर थमेगा.
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgVLESZ6SFWHgp0JRDp49EjymmHDBqcFGvMvgCk1hAfM37LkzYWy4Xz8xpo5RKZOU6mgi_ogSVIC-Z0tgHHYOkiakMs8linKBuB9bvd11YXX9rn2EQaXDCv082xU08o1U7G3bzz5qP4JWp8/s320/troll_internet.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgVLESZ6SFWHgp0JRDp49EjymmHDBqcFGvMvgCk1hAfM37LkzYWy4Xz8xpo5RKZOU6mgi_ogSVIC-Z0tgHHYOkiakMs8linKBuB9bvd11YXX9rn2EQaXDCv082xU08o1U7G3bzz5qP4JWp8/s72-c/troll_internet.jpg
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika
https://www.hindikunj.com/2018/07/trolling-social-media.html
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/2018/07/trolling-social-media.html
true
6755820785026826471
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका