उत्तराखंड सिविल जज पाठ्यक्रम Uttarakhand Civil Judge Syllabus uttarakhand civil judge syllabus 2018 उत्तराखंड सिविल जज Uttarakhand Civil Judge (Junior Division) Examination Syllabus UKPSC Civil Judge Syllabus Syllabus for PCS (J) Uttarakhand Public Service CommissionUttarakhand Civil Judge Syllabus UKPSC Civil Judge Prelims Exam Pattern 2018 UKPSC Civil Judge Exam Pattern 2018-19 for Mains
उत्तराखंड सिविल जज पाठ्यक्रम
Uttarakhand Civil Judge Syllabus
uttarakhand civil judge syllabus 2018 उत्तराखंड सिविल जज Uttarakhand Civil Judge (Junior Division) Examination Syllabus UKPSC Civil Judge Syllabus Syllabus for PCS (J) Uttarakhand Public Service CommissionUttarakhand Civil Judge Syllabus UKPSC Civil Judge Prelims Exam Pattern 2018 UKPSC Civil Judge Exam Pattern 2018-19 for Mains
परीक्षा योजनाः- प्रतियोगिता परीक्षा में कमवार तीन स्तर सम्मिलित हैं यथा
(1) प्रारम्भिक परीक्षा (वस्तुनिष्ठ प्रकार की)
(2) मुख्य परीक्षा (लिखित परीक्षा) (परम्परागत प्रकार की)
(3) मौखिक परीक्षा (व्यक्तित्व परीक्षा)।
टिप्पणीः- प्रारम्भिक परीक्षा आवेदकों की संख्या विज्ञापन में उल्लिखित रिक्तियों के अनुपात में बहुत अधिक होने की स्थिति में ही आयोग के निर्णय के अनुसार आयोजित होगी। इस परीक्षा के प्राप्तांक मुख्य लिखित परीक्षा व साक्षात्कार (व्यक्तित्व परीक्षण) के प्राप्तांकों के साथ नहीं जोड़े जायेंगे।
१) प्रारम्भिक परीक्षा के लिए निर्धारित विषय एवं पाठ्यक्रम UKPSC Civil Judge Prelims Exam Pattern 2018
प्रारम्भिक परीक्षा में एक वस्तुनिष्ठ प्रश्न-पत्र होगा जिनके उत्तर पत्रक ओ0एम0आर0 शीट के रूप में होंगे। प्रश्न पत्र हेतु निर्धारित समय तीन घण्टे है। प्रश्न-पत्र में भाग- एक सामान्य ज्ञान हेतु 50 अंक तथा भाग- दो विधि हेतु 150 अंक नियत है। पाठ्यक्रम निम्नवत् है:
भाग-1 :- सामान्य ज्ञान :- भारत और विश्व की विशेषकर विधि जगत में घटित होने वाली दिन-प्रतिदिन की घटनायें सम्मिलित की जायेगी। प्रश्न मुख्यतः अन्तर्राष्ट्रीय विधि, तटस्थता, नवीनतम लागू विधान विशेषकर भारतीय संविधान, विधि और विकास तथा विधिक मामले परन्तु ये यहीं तक ही सीमित नहीं होंगे।
भाग-2 :- इसमें निम्नलिखित अधिनियम एवं विधियां सम्मिलित होगी :- सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम, हिन्दू विधि के सिद्धान्त व मुस्लिम विधि के सिद्धान्त, साक्ष्य अधिनियम, दण्ड प्रक्रिया संहिता, भारतीय दण्ड संहिता, सिविल (दीवानी) प्रक्रिया संहिता
मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम UKPSC Civil Judge Exam Pattern 2018-19 for Mains
(2) मुख्य परीक्षा के लिए निर्धारित विषय एवं पाठ्यक्रम परीक्षा में निम्नलिखित विषय होंगे तथा प्रत्येक विषय के कुल अंक उसके सम्मुख दर्शाये गये हैं :
1. वर्तमान परिदृश्य (Present Day) 150
2. भाषा (Language) 100 |
3.विधि प्रश्न पत्र-I (मुख्य विधि) (Substantive Law) 200
4.विधि प्रश्न पत्र-II (प्रकिया और साक्ष्य) ( Evidence and Procedure) 200
5. विधि प्रश्न पत्र-III (राजस्व और दाण्डिक) (Revenue and Criminal) 200
6. For Basic Knowledge of computer Operation Practical Examination
व्यक्तित्व परीक्षा (VIVA VOCE) अंक 100
मुख्य परीक्षा (लिखित परीक्षा) का पाठ्यक्रम निम्नवत् है :
- वर्तमान परिदृश्य :- यह प्रश्न पत्र भारत और विश्व में वर्तमान में क्या घटित हो रहा है, पर अभ्यर्थियों के ज्ञान की प्रतिक्रिया के परीक्षण के लिए है। सामान्यतया वर्तमान परिदृश्य में विशेष रूप से विधिक क्षेत्र की और उसकी अभिव्यक्ति प्रदर्शित करने वाले प्रश्नों के उत्तर सरल प्रकृति के होंगे जो मुख्यतया विधिशास्त्र, अन्तर्राष्ट्रीय विधि, तटस्थता, नवीनतम विधायन एवं विशेष रूप से भारतीय संवैधानिक विधि और विकास पर आधारित होंगे।
- भाषा :- अंग्रेजी का एक प्रस्तर प्रस्तुत किया जायेगा और अभ्यर्थियों से यह अपेक्षा की जायेगी कि वे उसका अनुवाद न्यायालयों में बोली जाने वाली सामान्य भाषा देवनागरी लिपि में करें।30 अंक
साथ ही साथ एक अंग्रेजी लेखन (English Precis Writing) की भी परीक्षा होगी।40 अंक
- विधि प्रश्न पत्र-I (मुख्य विधि) :- संविदा विधि, भागीदारी विधि, सुखाचार और अपकृत्य विधि से सम्बन्धित विधि, सम्पत्ति के अन्तरण से सम्बन्धित, जिसमें साम्य का सिद्धान्त भी सम्मिलित है, साम्य का सिद्धान्त न्यास और विनिर्दिष्ट अनुतोष, हिन्दू विधि और मुस्लिम विधि के विशेष संदर्भ तक प्रश्न पत्र सीमित होगा।
- विधि प्रश्न पत्र- II (प्रक्रिया और साक्ष्य) :- इसमें साक्ष्य विधि, दण्ड प्रक्रिया संहिता, सिविल प्रक्रिया संहिता,जिसमें अभिवचन के सिद्धान्त भी सम्मिलित है, का क्षेत्र समाहित होगा। प्रश्न पत्र में मुख्यतया व्यावहारिक मामलों, जैसे आरोप और विवाद्यक बनाना, साक्षियों से साक्ष्य ग्रहण करने का तरीका, निर्णय लिखना और मामलों को सामान्यतया व्यवहूत करना आदि होगा परन्तु यह इन्हीं विषयों तक सीमित नहीं होगा।
- विधि प्रश्न पत्र- III (राजस्व और दाण्डिक) :- उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि सुधार अधिनियम (जैसा कि उत्तराखण्ड में लागू है) तथा भारतीय दण्ड संहिता।
टिप्पणी :- अभ्यर्थियों से यह अपेक्षा होगी कि वह विधि के समस्त प्रश्न पत्रों के उत्तर देते समय नवीनतम निर्णय तथा महत्वपूर्ण मामलों को उनमें उल्लिखित करें।
(3) For Basic Knowledge of computer Operation Practical Examination:
Microsoft Windows Operating system and Microsoft Office Maximum Marks – 100 ।
Minimum Qualifying Marks to be obtained - 40
Time allowed: One Hour The paper shall be set from the given syllabus broadly taking one question from each i.e. - (1) Windows and internet. (2) M.S. - word. (3) M.S. - Access. (4) M.S. - Excel and (5) M.S. - Power Point. Each question shall have five actions to be performed on the system each having four marks. Printout of the output shall be taken and given for evaluation.
4) व्यक्तित्व परीक्षा (Viva voce)| 100 अंक
व्यक्तित्व परीक्षा :- न्यायिक सेवा में सेवायोजन के लिए अभ्यर्थी की उपयुक्तता उसके विद्यालय, महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालय के अभिलेखों और उसके बौद्धिक, मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के सन्दर्भ में देखी जायेगी। उसके सम्मुख जो प्रश्न रखे जायेंगे वह सामान्य प्रकृति के होंगे और यह आवश्यक नहीं होगा कि वे शैक्षिक अथवा विधिक प्रकृति के ही हों।
टिप्पणी :-
(1) व्यक्तित्व परीक्षा में प्राप्त अंक, मुख्य लिखित परीक्षा में प्राप्त अंकों में जोड़ दिये जायेंगे।
(2) आयोग के पास यह अधिकार सुरक्षित होगा कि वह किसी अभ्यर्थी को, जिसने विधि प्रश्न पत्रों में निर्धारित अंक प्राप्त न किये हों, जैसा व्यक्तित्व परीक्षण में आमंत्रित करने के लिए आवश्यक हों अथवा देवनागरी लिपि में हिन्दी लेखन का पर्याप्त ज्ञान न हो, व्यक्तित्व परीक्षा के लिए आमंत्रित करने से मना कर सकते हैं।
Dhanyabad
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