भारत में वन्य जीवन Wildlife in India भारत में वन्य जीवन Wildlife in India वन्य जीवन का संरक्षण वन्य जीवन का महत्व वन्य जीवन की बातचीत वन्य जीवन का महत्व वन्य जीवन का महत्व आदमी वन्य जीवन संघर्ष वन्य जीव संवर्धन वन एवं वन्य जीव संरक्षण - जब से इस पृथ्वी पर जीवन का प्रारम्भ हुआ तो सबसे पहले यहाँ वनस्पतियां और पशु आस्तित्व में आये .
भारत में वन्य जीवन
Wildlife in India
भारत में वन्य जीवन Wildlife in India वन्य जीवन का संरक्षण वन्य जीवन का महत्व वन्य जीवन की बातचीत वन्य जीवन का महत्व वन्य जीवन का महत्व आदमी वन्य जीवन संघर्ष वन्य जीव संवर्धन वन एवं वन्य जीव संरक्षण - जब से इस पृथ्वी पर जीवन का प्रारम्भ हुआ तो सबसे पहले यहाँ वनस्पतियां और पशु आस्तित्व में आये .इसके हजारों वर्ष बाद धरती पर मानव का प्रादुर्भाव हुआ .तब जंगलों में हजारों प्रजातियों के पशु प्राणी निवास करते थे .किन्तु मानव जो कि श्रेष्ठ प्रजाति का प्राणी था उसने वन्य प्राणियों के राज्य में घुसपैठ करके अपने स्वार्थपरक आवश्यकताओं को पूरा करने अपने धूर्त दिमाग का प्रयोग करके जंगलों को काटकर और उनमें आग लगाकर उन्हें साफ़ कर दिया और अनेक लाचार जानवरों को मार डाला .आज बड़ी दुखद स्थिति है कि वन्य जीवन की कई दुर्लभ प्रजातियाँ विलुप्त होने के कगार पर हैं .
बाघों की हत्या -
वन्य जीवन |
दुनिया के हर देश में कई विशिष्ट प्रकार के दुर्लभ जानवर और पक्षी पाए जाते हैं .जैसे की आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के कंगारू ,अलास्का के रेनडियर और भारत के मोर .हमारे यहाँ वन्य जीवन की प्रचुरता धीरे - धीरे विलुप्त होती जा रही है .पहले बाघ जंगलों की शोभा बढ़ाते थे .दुनियाभर के पशु प्रेमी इस शानदार जीव के प्रशंसक हैं .दुर्भाग्य से प्रोजेक्ट टाइगर जैसे संरक्षण उपायों के बावजूद गैर - कानूनी ढंग से शिकार अब भी जारी है .इस शाही जानवर की खाल को विलासितापूर्ण सजावटी सामानों के लिए उपयोग किया जाता है और बाघ की हड्डियों के सत्व को औषध प्रयोजनों के लिए निर्यात किया जाता है .
हाथियों को बेरहमी से मारा जाना -
भारत हाथी जंगल का एक और राजा है .एक समय था जब यह भीमकाय प्राणी आराम से घूमता - फिरता था .किन्तु अब मानव ने इसे लकड़ी के कुंदे ढोने वाले जानवर के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है .इस जानवर की भव्यता है कि जब यह रास्ते से होकर गुजरता है तो बच्चे घरों में से निकलकर विस्मय से इसे देखते हैं .हाथियों को उनके दाँतों के लिए बड़ी बेरहमी से मारा जाता है .
मानव की बर्बरता-
हिमालय क्षेत्र अपने यहाँ पाए जाने वाले कस्तूरी मृगों के लिए प्रसिद्ध है .उनके नाभि में सुगन्धित थैली होती है .सौन्दर्य प्रसाधन उद्योग के लिए इनको मार डाला जाता है .साँपों को उनकी खालों के लिए ,नेवलों को उनके शूकमाय बालों के लिए मारा जाता है .अनेक प्रकार के पक्षियों को केवल उनके पंखों को निकालने के लिए मारा जा रहा है .यहाँ तक गैंडे जैसे दुर्लभ प्राणी को भी नहीं छोड़ा जा रहा है .पृथ्वी ने हमें अनेक प्रकार के प्राकृतिक संसाधन जैसे - वनस्पतियां ,खनिज और भूमि प्रदान की है ताकि हम अपनी आवश्यकताओं को पूरा कर सकें .यह मानव की बर्बरता का ही नमूना है कि वह इस पृथ्वी की सुन्दरता को बढ़ाने वाले समृद्ध प्राणी जगत के जानवरों की निर्दयतापूर्वक हत्या करता जा रहा है .
वन्य जीवन का संरक्षण -
वन्य जीवन की तस्वीर अत्यंत चिंताजनक होती जा रही है ,किन्तु इधर सरकार और पर्यावरणीय विशेषज्ञ लोगों ने इस दिशा में कई कठोर कदम उठाये हैं ताकि हमारा प्राणी संसार संरक्षित रखा जा सके .हमें अपने जानवरों की सुरक्षा अवश्य करनी चाहिए .हमें उनका सही तरीके से पालन पोषण और देखभाल करनी चाहिए .वे हमें कोई हानि नहीं पहुँचाते हैं .हमें चाहिए कि हम स्वयं जिए और वन्यजीवों को भी जीने दें .
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