अधूरा ज्ञान खतरनाक होता है अधूरा ज्ञान बहुत खतरनाक होता है A little knowledge is a dangerous thing Hindi - अधूरा ज्ञान का होना ज्ञान के बिलकुल भी न होने की अपेक्षा अधिक खतरनाक है .वह व्यक्ति जिसे कुछ ज्ञात नहीं है ,वह कम से कम ,कुछ भी न जानने का दावा तो कर सकता है .वह अपने तथा समाज के प्रति सत्य निष्ठ हो सकता है .लेकिन एक व्यक्ति जिसे अपूर्ण ज्ञान प्राप्त है ,वह न यहाँ का है न वहां का है .न तो वह यह कह सकता है कि वह कुछ नहीं जानता ,न ही वह यह कह सकता है कि वह सब कुछ जानता है .
अधूरा ज्ञान खतरनाक होता है
अधूरा ज्ञान बहुत खतरनाक होता है A little knowledge is a dangerous thing Hindi - अधूरा ज्ञान का
अधूरा ज्ञान |
यही कारण है कि जब ऐसी स्थिति आती है ,उसके ज्ञान का परीक्षण होता है तब वह सही मूल्यांकन प्रस्तुत करने में असमर्थ रहता है .वह उपहास का पात्र बन जाता है तथा स्वयं को नुकशान पहुंचाता है .उदाहरण के लिए वह चिकित्सक जो कि पूर्णतया योग्य नहीं है ,वह रोगी के जीवन को खतरे में डाल सकता है तथा भलाई करने के स्थान पर अधिक क्षति पहुंचाएगा .यही बात कार चालक ,एक तकनीशियन ,विद्यालय के शिक्षक या किसी अन्य व्यक्ति को अपने व्यवसाय या विषय का पूर्ण ज्ञान होता है ,उसी समय वह समाज के लिए उपयोगी होने के योग्य हो सकता है .
विज्ञान और तकनीकी के इस युग में, ज्ञान और जानकारी हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। जब हमें किसी विषय के बारे में पूर्ण ज्ञान नहीं होता है, तो हम उसे समझने का प्रयास करते हैं और इससे अधूरा ज्ञान उत्पन्न हो सकता है। अधूरा ज्ञान हमें गलत या असंगत निर्णय लेने के लिए प्रेरित कर सकता है और इससे हमारे जीवन और समाज को नुकसान पहुंच सकता है।
अधूरा ज्ञान का सबसे बड़ा खतरा यह है कि यह हमें भ्रमित कर सकता है। हम उन बातों को सत्य मान सकते हैं जो वास्तविकता में गलत हो सकती हैं, और इससे हमें गलत निर्णय लेने की संभावना होती है। इसके अलावा, अधूरा ज्ञान हमारे विचारों, मतभेदों और नीतियों पर भी असार पड़ सकता है। यह समाज में गलती और असंतुलन का कारण बन सकता है और विभिन्न समाजिक समस्याओं का उत्पन्न कर सकता है।
अधूरा ज्ञान व्यक्ति की निष्कर्ष लेने की क्षमता पर भी असर डाल सकता है। जब हमारे पास पूर्ण ज्ञान नहीं होता है, तो हम अपने विचारों और निर्णयों को पूरी तरह से समर्थित नहीं कर सकते हैं। यह हमारे स्वयं के विकास और प्रगति को रोक सकता है और हमें नई और नवीनतम विचारों और परिपेक्ष्यों से वंचित कर सकता है।
इसके अलावा, अधूरा ज्ञान व्यक्ति के अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा पर भी प्रभाव डाल सकता है। जब हम विषय के बारे में पूर्णता के स्तर तक जानकारी नहीं रखते हैं, तो हम उसे सही तरीके से उपयोग नहीं कर सकते हैं और इससे हमें अपने और अन्यों के जीवन को खतरे में डालने का खतरा होता है।
अधूरा ज्ञान से बचने के लिए, हमें निश्चित रूप से सत्यापित स्रोतों पर भरोसा करना चाहिए और विषय के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए समय और श्रम लगाना चाहिए। हमें नवीनतम और सत्यापित जानकारी का उपयोग करना चाहिए और नई बातों के बारे में सीखने और खुद को समय-समय पर अद्यतित रखने की आवश्यकता होती है।
अधूरा ज्ञान खतरनाक होता है क्योंकि यह हमें गलत निर्णय लेने की संभावना देता है, भ्रमित कर सकता है, समाजिक समस्याओं का कारण बन सकता है और हमारे व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन को प्रभावित कर सकता है। हमें पूर्णता की ओर स्थिरता से प्रयास करना चाहिए और सत्यापित ज्ञान प्राप्त करने के लिए निश्चित रूप से चरण उठाना चाहिए ताकि हम खुद को और अपने समाज को खतरों से बचा सकें।
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