हिमालय की बेटियाँ Himalaya Ki Betiyan himalaya ki betiyan question answer himalaya ki betiyan question answers himalaya ki betiyan class 7th himalaya ki betiyan class 7 summary himalaya ki betiyan word meaning summary of himalaya ki betiyan in english himalaya ki betiyan class 7 hindi essay on himalaya ki betiyan in hindi हिमालय की बेटियां क्वेश्चन अंसवेरस हिमालय की बेटियां प्रश्न उत्तर हिमालय की बेटियां क्लास ७ हिमालय की बेटियां शब्दार्थ हिमालय की बेटियां का प्रश्न उत्तर हिमालय की बेटियाँ summary हिमालय की बेटियाँ का सारांश हिमालय की बेटियाँ हिंदी अंसवेर्स
हिमालय की बेटियाँ
Himalaya Ki Betiyan
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हिमालय की बेटियाँ का सारांश
हिमालय की बेटियां नागार्जुन जी द्वारा लिखा गया एक प्रसिद्ध निबंध है। लेखक प्रस्तुत निबंध में नदियों के प्रति अपार श्रद्धा व आदर भाव प्रकट करता है। वह इन नदियों को माँ ,दादी ,मौसी और मामी की गोद की तरह उनकी धारा में डुबकियाँ लगाया करता था। वह आश्चर्य प्रकट करता है कि कैसे दुबली -पतली गंगा ,यमुना ,सतलुज मैदानों में उतरकर विशाल हो जाती हैं। वे अपने महान पिता के विराट प्रेम पाकर भी ,यदि इनका ह्रदय अतृप्त है ,तो कौन वह होगा ,जो इनकी प्यास मिटा सकेगा। बर्फ से ढकी पहाड़ियां ,छोटे छोटे पौधों से भरी घाटियाँ ,बन्धुर अधित्यकाएं ,सर सब्ज उपत्यकायें आदि है।खेलते खेलते ये दूर निकल जाती है ,तो देवदार ,चीड़ ,सरों ,चिनार ,सफेदा ,कैल के जंगलों में पहुंचकर शायद इन्हें बीती बातों को याद करने का मौका मिल जाता होगा।
हिमालय की बेटियाँ |
सिन्धु और ब्रह्मपुत्र के बीच रावी ,सतलज ,चेनाव ,चेनाब ,झेलम ,गंगा ,यमुना ,गंडक आदि कई छोटी बड़ी नदियाँ है ,जो हिमालय की ही बेटियां है। हिमालय के पिघले हुए दिल की एक एक बूँद न जाने कब से इकठ्ठा होकर इन दो महानदों के रूप में नदी बनकर समुन्द्र की ओर प्रवाहित होती रहती हैं। लेखक के ख्याल में आता है कि बूढ़े ,हिमालय की गोद में बच्चियां बनकर ये नदियाँ कैसे खेल खेला करती हैं। यह दृश्य पहाड़ी लोगों को भले ही आकर्षित न करें ,लेकिन लेखक को हिमालय को ससुर और समुन्द्र को दामाद कहने में कोई झिझक नहीं होती है। ऐसी परिश्थिति में कालिदास ने अपने काव्य में विरही यक्ष का जो वर्णन किया है ,उसमें मेघदूत में कहा गया है कि बेतवा नदी को प्रेम का प्रतिदान देते जाना ,तुम्हारी प्रेयसी तुम्हे पाकर अवश्य ही प्रसन्न होगी। कालिदास को भी इन नदियों का सचेतन रूपक पसंद था। काला -कालेलकर ने नदियों को लोकमाता कहा है। लेखक इन नदियों को हिमालय की बेटियां कहना अधिक पसंद करता है। बहन का स्थान कितने कवियों ने इन नदियों को दिया है।लेखक का मन जब उचट जाता है तो वह तिब्बत में सतलज के किनारे जाकर बैठ जाता है। दोपहर के समय में पैर लटकाकर वह पानी में बैठ जाता है।थोड़ी देर में प्रगतिशील जल ने असर कर मन को तरोताजा कर दिया और कवि गीत गुनगुनाने लगता है।
हिमालय की बेटियां प्रश्न अभ्यास लेख से himalaya ki betiyan question answers
प्र. १. नदियों को माँ मानने की परंपरा हमारे यहाँ काफ़ी पुरानी है। लेकिन लेखक नागार्जुन उन्हें और किन रूपों में देखते हैं ?
उ.भारतीय संस्कृति में नदियों को माँ मानने की परंपरा रही है ,लेकिन लेखक इन नदियों को विभिन्न रूपों में देखता है।वह उन्हें बेटी ,प्रेयसी एवं बहन के रूप में देखता है। इनके साथ ममता का धागा है ,जिन्हें हम जोड़ सकते हैं।
प्र.२. सिंधु और ब्रह्मपुत्र की क्या विशेषताएँ बताई गई हैं ?
उ.सिन्धु और ब्रह्मपुत्र से ही अनेक नदियों ,रावी ,सतलज ,व्यास ,चेनाव ,झेलम ,कुम्भा ,कपिशा ,गंगा यमुना ,सरयू ,गंडक ,कोसी आदि निकलती है।हिमालय के हिमनदों से पिघलकर एक एक बूँद से यह नदियाँ बनकर समुद्र की ओर प्रवाहित होती है। लेखक ने अनुसार हिमालय बहुत सौभाग्यशाली है ,जिन्हें इन बेटियों का हाथ पकड़ने का सौभाग्य मिला।
प्र.३. काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता क्यों कहा है ?
उ.काका कालेलकर ने इन नदियों को लोकमाता कहा है क्योंकि नदियों ने शताब्दियों से मनुष्य जीवन को जीवनदान दिया है।नदियों के किनारे विभिन्न शहर बसे और आवागमन के साधन विकसित हुए।नदियों पर ही बाँध बनाकर नहरें निकाली जाती है ,जिससे खेतों की सिंचाई व बिजली उत्पादन होता है। साथ ही इन्ही नदियों में विभिन्न जलीय जीवों का संसार विकसित होता रहता है।
प्र.४. हिमालय की यात्रा में लेखक ने किन-किन की प्रशंसा की है?
उ.हिमालय की यात्रा में लेखक ने पर्वतराज हिमालय की इसके हिमनदों ,विभिन्न नदियों सिन्धु और ब्रह्मपुत्र ,हरी -भरी घाटियों ,बादलों ,समुन्द्र आदि की प्रशंसा की है।
Vasant
जवाब देंहटाएंLekhak kis nadi k kinare betha h
जवाब देंहटाएंnehi pata
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