काले धन पर निबंध Essay on Black Money in Hindi काले धन पर निबंध Essay on Black Money in Hindi भारत का काला धन black money in india आजकल हम काले धन के सम्बन्ध में बहुत अधिक सुनते हैं।काले धन का तात्पर्य जाली करेंसी से नहीं है।
काले धन पर निबंध
Essay on Black Money in Hindi
काले धन पर निबंध Essay on Black Money in Hindi black money in india भारत का काला धन आजकल हम काले धन के सम्बन्ध में बहुत अधिक सुनते हैं।काले धन का तात्पर्य जाली करेंसी से नहीं है। इसके बजाय इसका तात्पर्य उस धन से है, जो विवरणिका या खातों में नहीं है तथा जिसे व्यक्तियों या फर्मों के द्वारा देश के कानूनों के साथ छल कर अर्जित किया गया है।
काला धन क्या होता है -
हमसे यह अपेक्षा की जाती है कि हम उचित स्रोतों से धन अर्जित करें और उसके बाद कानून के अनुसार कर अदा करें। पर हम जब ऐसा नहीं करते तब इस प्रकार अर्जित किया धन काला धन बन जाता है। डॉ० विबासि के अनुसार - “काला धन वह मुनाफा है, जो कि हिसाब-किताब में अंकित नहीं है।" अनुमानतः प्रत्येक वर्ष 400 करोड़ रुपए काले धन में जुड़ जाते हैं, जो कि हमारी राष्ट्रीय आय का लगभग बीस प्रतिशत है। यह कहा जाता है कि यदि काला धन बाहर निकाल लिया जाए तब इससे हमारी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था वित्त विदेशी निधि के सुचारू रूप से चल सकेगी। इसके अतिरिक्त, काले धन से उत्पन्न अर्थव्यवस्था इतनी शक्तिशाली है कि यह भारत सरकार के समस्त ऋणों को चुका सकेगी। अपनी योग्यता व पहुंच के कारण यह भारत को अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय व्यापार में प्रमुख स्थान प्रदान करा सकता है।
काला धन के उत्तरदायी कारण
यह समानान्तर धन विभिन्न कारणों से उत्पन्न होता है जिनमें प्रमुख इस प्रकार हैं
- लोग कर की सीमा से अधिक धन अर्जित करते हैं पर कर नहीं अदा करते। यदि वे कर चुकाते भी हैं तब कर उनकी आय के सही अनुपात से नहीं होते। फर्म अपने आयकर परामर्शदाताओं की सहायता से आयकर नियमों का चतुराई पूर्वक प्रयोग कर लेते हैं तथा इस प्रकार वे आयकर बचा लेते हैं। इस प्रकार कर बचाने से काला अन अर्जित होता है।
- व्यापारी कम बिल बनाने या अधिक बिल बनाने एवं व्ययों के अतिरेक प्रदर्शन का प्रक्रिया को अपनाते हैं। सम्पत्ति का क्रय-विक्रय भी काले धन को उत्पन्न करने में सहायक होता है। सामान्य व्यवहार यह है कि सम्पत्ति का मूल्य कागजातों में बहुत कम प्रदर्शित किया जाता है जबकि वास्तविक लेन-देन में इसका मूल्य बहुत जीवन है। हम प्राय: समाचार पत्रों में पढ़ते हैं कि करोड़ों की सम्पत्ति कुछ लाख या दर कम में बिक गयी।
कैसे बनता है कालाधन
काले धन के अनेक स्रोत हैं। इनमें कुछ प्रमुख इस प्रकार है -
- हल्के व भारी उद्योगों के लेन-देन ।
- फेक्टरी लगाने के उद्योग।
- स्टील व सीमेन्ट के लाइसेन्सों की ऊंची बोली वाले का बिक्री।
- जाली मुद्रा।
- विभिन्न सरकारी व वाणिज्य लेन-देन।
- आयात लाइसेन्स का दुरुपयोग।
प्रायः अर्थशास्त्रियों तथा उद्योगपतियों के द्वारा यह टिप्पणी की जाती है सरकार स्वयं ही काले धन के सृजन के लिए उत्तरदायी है।आय, बिक्री, धन, उत्पादन व राजस्व में कर की भारी दर उन्हें कर बचाने को बाध्य करती है। आय तथा धन कर इतने अधिक ऊंचे हैं कि एक ईमानदार व्यक्ति के पास उन्हें अदा करके कुछ ही बच पाता है।कोई भी व्यक्ति यह नहीं चाहता कि वह करों के द्वारा अपना लाभ खोये। करदाता अपनी आय को छिपाने के उद्देश्य से कानून में कमियों को खोजते हैं। वे करों से बचने हेतु आयकर परामर्शदाता से परामर्श लेते हैं।
काला धन से होने वाला नुकसान
काले धन के दुष्प्रभाव हैं। यह हमारी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था तथा अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय क्षेत्र में हमारी छवि को क्षति पहुँचा रहा है।हमने ५ प्रतिशत वार्षिक की दर से आर्थिक वृद्धि प्राप्त की है जबकि बढ़ती जनसंख्या के दबाव का सामना करने तथा विकास की आवश्यकताओं की पूर्ति करने हेतु आर्थिक दर ८ प्रतिशत होनी चाहिए थी। यह निम्न वृद्धि काले धन के कारण है। काला धन राष्ट्रीय आर्थिक विकास की प्रक्रिया में प्रमुख बाधा है।
काला धन |
काला धन खत्म करने के उपाय
सरकार ने काले धन के खतरे को कम करने हेतु अनेक कदम उठाए हैं। जमाखोरों, काला बाजारियों, व्यापारियों तथा व्यक्तियों को काले धन के तथ्यों तथा आँकड़ों को प्रकट करने हेतु बाध्य किया जा रहा है। आय की स्वैच्छिक प्रकटीकरण योजना जो कि दिसम्बर 1997 को समाप्त हुई थी, में 4.66 लाख व्यक्तियां ने अपने काले धन का तीस प्रतिशत भाग सरकार के पास जमा कर दिया तथा अपना उपार्जन के रूप में सत्तर प्रतिशत अपने पास रख लिया। वी०आई०डी०एस० स्कीम सरकार की 10 हजार 50 करोड़ की आय हुई। विभिन्न अधिकरण जैसे सीमा शुल्क तथा आबकारी विभाग, सतर्कता विभाग तथा अन्य केन्द्रीय तथा राज्य सरकार की महत्त्वपूर्ण अंग भी काला धन अर्जित करने वालों को इस बात के लिये बाध्य करता कि वे राष्ट्रीय दबाव के समक्ष समर्पण करें।सरकार अधिकाधिक व्यक्तियों का करारोपण की सीमा के अन्तर्गत लाने का प्रयास कर रही है। इसने कर समाचार योजना को प्रारम्भ किया है। इसके अतिरिक्त छह में से एक की योजना के अन्त जिसमें प्रत्येक व्यक्ति-जिसने कि सम्पदा या परिसम्पति के किसी एक शर्त को पूरा कर दिया है- को फार्म-2-सी भरना होगा तथा उपयक्त प्रपत्र पर आय की विवरणका प्रस्तुत करनी होगी।
हमें यह स्मरण रखना होगा कि हम अपने प्रिय देश के पुत्र व पत्री हैं।इसका नागरिक होने के नाते ही हम कम या अधिक धन अर्जित करते हैं।हमारे जीवन को सुरक्षित, आरामदायक व आनन्द लेने योग्य बनाए रखने हेतु देश को बहुत कुछ व्यय करना पड़ता है।अतएव हमारा यह कर्तव्य है कि हम ईमानदारीपूर्वक कर अदा करें।
उपसंहार
हमें काले धन की बढ़ती मनोवृद्धि को हतोत्साहित करने हेतु सामूहिक प्रयास करना चाहिए।काले धन को केवल राज्य के प्रयास द्वारा ही नियंत्रित नहीं किया जा सकता।हमें अपनी वास्तविक आय को प्रकट करना चाहिए तथा धन अर्जित करने के अनुचित साधनों का परित्याग कर हमें यह स्मरण रखना चाहिए कि हम कर के रूप में जितना अधिक बोयेंगे उतनी ही अधिक आय फसल के रूप में प्राप्त करेंगे।हमें नियमित रूप से कर चुकाना चाहिए।
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