हजारी प्रसाद द्विवेदी साहित्यिक परिचय हजारीप्रसाद द्विवेदी Hazari Prasad Dwivedi हजारीप्रसाद द्विवेदी Hazari Prasad Dwivedi हजारी प्रसाद द्विवेदी निबंध आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी पुस्तकें हजारी प्रसाद द्विवेदी के ललित निबंध हजारी प्रसाद द्विवेदी आलोचना acharya hazari prasad dwivedi information in hindi hazari prasad dwivedi ki rachna hai hazari prasad dwivedi ka jivan parichay dr hazari prasad dwivedi ka jeevan parichay in hindi hazari prasad dwivedi photo hazari prasad dwivedi ki rachna konsi hai hazari prasad dwivedi ki alochana drishti hazari prasad dwivedi ki bhasha shaili हजारी प्रसाद द्विवेदी की आलोचना दृष्टि आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी जी का जीवन परिचयहजारी प्रसाद द्विवेदी के निबंध संग्रह
हजारीप्रसाद द्विवेदी
Hazari Prasad Dwivedi
हजारी प्रसाद द्विवेदी का जीवन परिचय
हजारी प्रसाद द्विवेदी |
हजारी प्रसाद द्विवेदी की आलोचना दृष्टि
- उपन्यासकार के रूप में- 'बाण भट्ट की आत्मकथा' तथा चारुचन्द्र लेख' इनके प्रसिद्ध ऐतिहासिक उपन्यास हैं। इनकी ऐतिहासिक दृष्टि बड़ी सूक्ष्म तथा मौलिक है। मृत्यु के पूर्व आप एक पौराणिक उपन्यास लिख रहे थे। यह उपन्यास भी प्रथम ही उपन्यासों की भाँति पाठकों का कण्ठहार बनेगा। बाणभट्ट की आत्मकथा' उपन्यास भाषा ,शैली तथा ऐतिहासिक दष्टि के कारण अपने ढंग का अनूठा उपन्यास है।
- इतिहासकार के रूप में- साहित्य इतिहासकार के रूप में द्विवेदी जी को विशेष प्रतिष्ठा प्राप्त हुई है। हिन्दी साहित्य के आदिकाल में इनकी अच्छी पहुँच है। हिन्दी साहित्य की भूमिका', नाथ सम्प्रदाय', 'हिन्दी साहित्य का आदिकाल', 'हिन्दी साहित्य' नामक ग्रंथ इन्हें उच्च कोटि का इतिहासकार सिद्ध करते हैं। इन रचनाओं में इनका गहन विचार और मौलिक चिन्तन सराहनीय है।
- सम्पादक के रूप में- आपने सम्पादक के रूप में भी सफल साहित्य सेवा की 'नाथ सिद्धों की बानियाँ' तथा 'पृथ्वीराज रासो' आपके सम्पादित ग्रन्थ हैं।
- समालोचक के रूप में-द्विवेदी जी सफल आलोचक हैं। इनकी आलोचनाएँ गम्भीर तथा मौलिक हैं। इनमें गम्भीर अध्ययन तथा चिन्तन की छाप है। सूर-साहित्य तथा इतिहास', 'कबीर' की पुस्तकों में इनकी आलोचनात्मक प्रतिभा बिखरी पड़ी है।
- निबन्धकार के रूप में- इस रूप में द्विवेदी जी का स्थान सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। विषयवस्तु की दृष्टि से इनके निबन्ध 4 प्रकार के हैं- (क) साहित्यिक निबन्ध (ख) सांस्कृतिक निबन्ध (ग) आलोचनात्मक निबन्ध (घ) गवेषणात्मक निवन्ध।
हजारी प्रसाद द्विवेदी की रचनाएँ
- सम्पादित रचनाएँ- 'नाथ सिद्धों की बानियाँ', 'पृथ्वीराज रासो'।
- उपन्यास - बाणभट्ट की आत्मकथा, "चारुचन्द्र लेख' 'पुनर्नवा', 'अनामदास का पोथा'।
- आलोचनात्मक ग्रन्थ- कबीर, सूर साहित्य, हिन्दी साहित्य की भूमिका, नाथ सम्प्रदाय, हिन्दी साहित्य का आदिकाल,
- निबन्ध संग्रह- अशोक के फूल, विचार प्रवाह, कुटज, कल्पलता, प्रबन्ध चिंतामणि, विचार और वितर्क, लाल कनेर आदि।
हजारी प्रसाद द्विवेदी की भाषा
- सरल व्यावहरिक भाषा- 'सारा देश आपका है। भेद और विरोध ऊपरी है। भीतरी मनुष्य एक है। इस एक को दृढ़ता के साथ पहचानने का यत्न कीजिए।'
- संस्कृतनिष्ठ भाषा- एक बार कल्पना कीजिए। तरल तप्त धातुओं के प्रचण्ड समुद्र की , निरन्तर झरने वाले अग्नि गर्म मेघों की, विपुल जड़ संघात की, और फिर कल्पना कीजिए क्षुद्रकाय मनुष्य की। विराट ब्रह्माण्ड निकाय, कोटि-कोटि नक्षत्रों का अग्निमय आवर्तनृत्य, अनंत शून्य में निरंतर उदीयमान और विनाशमान नीहारिका पुँज विस्मकारी है, पर उनसे अधिक विस्मयकारी मनुष्य, जो नगण्य स्थानकाल में रहकर इनकी नाप-जोख करने निकल पड़े हैं। प्रंसगानुकूल द्विवेदी जी ने हास्य-व्यंग्य तथा कहावतों एवं मुहावरों का प्रयोग करके अपनी भाषा को सजीव बनाया है।
हजारी प्रसाद द्विवेदी की शैली
हजारी प्रसाद द्विवेदी का साहित्य में स्थान
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Osm ryt
जवाब देंहटाएंRachnae aur Bhi btaiye 50 aur
जवाब देंहटाएंI am a big admirer of him. I have read his books Banbhatt ki Atamkatha, Kutaj, and Ashok ke Phool. A very broad minded having a noble vision for all sections of the society. Regards.
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