ISC Hindi Specimen Paper 2020 ISC Hindi Specimen Paper 2020 ISC Specimen Papers for Class 12 Hindi 2020 ISC Sample Paper for Hindi 2020 ISC HINDI QUESTION PAPERS 2020 CLASS 12th HINDI Model Papers ISC HINDI QUESTION PAPERS 2020 विद्यार्थियों के उपयोगी सामग्री प्रस्तुत की जा रही है . आज इस कड़ी में प्रस्तुत है ISC Class 12 Hindi Sample Paper 2020. इसके माध्यम से छात्र परीक्षा में आसानी ने सफलता प्राप्त कर सकेंगे .
ISC Hindi Specimen Paper 2020
ISC Hindi Specimen Paper 2020 ISC Specimen Papers for Class 12 Hindi 2020 ISC Sample Paper for Hindi 2020 प्रिय मित्रों ,हिंदीकुंज.कॉम में ISC HINDI QUESTION PAPERS 2020 CLASS 12th HINDI Model Papers ISC HINDI QUESTION PAPERS 2020 विद्यार्थियों के उपयोगी सामग्री प्रस्तुत की जा रही है.आज इस कड़ी में प्रस्तुत है ISC Class 12 Hindi Sample Paper 2020. इसके माध्यम से छात्र परीक्षा में आसानी ने सफलता प्राप्त कर सकेंगे .इसे आप अध्ययन करके अधिक अंक प्राप्त कर सकते हैं .हिंदीकुंज.कॉम आपसे अपेक्षा करता है कि आप इसमें सम्मिलित सामग्री के साथ ही अन्य श्रोतों का भी अध्ययन करेंगे ताकि आपके अधिक अधिक से अंक प्राप्त हो.आप सभी की सफलता की कामना हिंदीकुंज.कॉम करता है .
HINDI
(Three hours)
(Candidates are allowed additional 15 minutes for only reading the paper.
They must NOT start writing during this time.)
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Answer questions 1, 2 and 3 in Section A and four other questions from Section B on at least three of the prescribed textbooks.
The intended marks for questions or parts of questions are given in brackets [ ].
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Question 1
SECTION A
LANGUAGE - 50 Marks
Write a composition in approximately 400 words in Hindi on any ONE of the topics given
below:
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग ४०० शब्दों में निबंध लिखिए :- (20)
i. समाचार पत्र .
ii. दैनिक जीवन में बिजली की उपयोगिता
iii. युवा वर्ग की बदलती हुई मानसिकता
iv. समाज में नारियों के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार
v . जीवन में नैतिक मूल्यों का महत्व
vi. निम्नलिखित विषयों में किसी एक विषय पर मौलिक कहानी लिखिए -
i. समाचार पत्र .
ii. दैनिक जीवन में बिजली की उपयोगिता
iii. युवा वर्ग की बदलती हुई मानसिकता
iv. समाज में नारियों के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार
v . जीवन में नैतिक मूल्यों का महत्व
vi. निम्नलिखित विषयों में किसी एक विषय पर मौलिक कहानी लिखिए -
a.संयोगवश धन प्राप्ति
b. इसीलिए यह मेरा प्रिय टीवी शो है .
Question 2
Read the passage given below carefully and answer in Hindi the questions that follow, using your own words:
२. निम्नलिखित अवतरण पढ़कर अंत में दिए गए प्रशों के संक्षिप्त उत्तर दीजिये - (20)
जब भी कोई नया माध्यम आता है, वह अपने साथ नया मिजाज और नई जमात लेकर आता है। वह पुराने सामाजिक-साहित्यिक संबंधों की जगह नए संबंधों को नया स्पेस देता है। हिंदी सोशल साइट पर अब ऐसे लोगों की बड़ी जमात है, जिसे इसी माध्यम के जरिए रचनात्मकता के पंख नसीब हुए हैं। इस माध्यम ने रचनात्मक स्पेस का विस्तार किया है और उसमें ऐसे लोग दाखिल हुए हैं, जिनके पास कोई मंच नहीं था। प्रकाशन के मंच से वंचित लोगों को इस माध्यम ने अभिव्यक्ति-सुख का अनंत आकाश दिया है।
सोशल साइट पर तेजी से फैलते आत्मप्रचार की आत्ममुग्ध कोशिशों के बीच रचनात्मकता कहीं खो सी गई है।एक मिनिट में रचना लिख कर दूसरे ही मिनिट रेस्पोंसों का स्वाद लेना हमें अधीर बना देता है और जो अपने वालों की वाह वाह और जलने वालों की थू थू में पता ही नही चलता कि रचना का स्तर क्या है? रचनाओं की बाढ़ में न तो ठीक से पठन पाठन होता है न ही समीक्षा।सिर्फ आत्ममुग्धता और कोरी संतुष्टि कि साहित्य सेवा कर रहा हूँ।इधर सोशल मीडिया के चलते चोरी की घटनाएं बढ़ी है जो कि विकृत मानसिकता को प्रदर्शित करती हैं।सम्मानों की भूख तो पहले से ही थी है इन साहित्यिक पटलों ने उस भूख की आग में घी डाल दिया है।
धीरे-धीरे ही सही, सभी महत्त्वपूर्ण साहित्यिक पत्रिकाओं ने सोशल साईट पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।इस लोकतांत्रिक स्पेस में बहुत सारा कचरा है, इसमें दो राय नहीं। इसकी बड़ी वजह यह है कि यहां कोई छन्नी नहीं है। गुणवत्ता के लिए कोई तंत्र विकसित नहीं हुआ है। इसलिए जो भी भावोच्छवास है वह साहित्य की शक्ल में परोसा जा रहा है। उसके अपने उपभोक्ता और दाद देने वाले भी हैं।लेकिन कचरा कहां नहीं है। खराब किताबें नहीं छपतीं क्या?
साहित्यिक पटलों पर रचनाशीलता से ज्यादा रचना पर मनमानी है। कोई कविता अच्छी लगी, शेयर कर ली। बस इतना ही। कूड़ा-कबाड़ा भी कम नहीं होता। लघु पत्रिका आंदोलन व्यावसायिक घरानों की पत्रिकाओं के लोप होते जाने का परिणाम था।
i. किस माध्यम द्वारा लेखक आज रचनाकर्म कर रहा है ?
ii. आज की रचनाओं का स्तर क्यों नहीं पता हो पाता है ?
iii. आत्ममुग्धता क्या साहित्य के विकास के लिए सही है ?
iv. सोशल साईटो द्वारा क्या लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बढ़ावा मिला है ?
v. लघु पत्रिकाओं के लोप हो जाने के क्या परिणाम हुए ?
जब भी कोई नया माध्यम आता है, वह अपने साथ नया मिजाज और नई जमात लेकर आता है। वह पुराने सामाजिक-साहित्यिक संबंधों की जगह नए संबंधों को नया स्पेस देता है। हिंदी सोशल साइट पर अब ऐसे लोगों की बड़ी जमात है, जिसे इसी माध्यम के जरिए रचनात्मकता के पंख नसीब हुए हैं। इस माध्यम ने रचनात्मक स्पेस का विस्तार किया है और उसमें ऐसे लोग दाखिल हुए हैं, जिनके पास कोई मंच नहीं था। प्रकाशन के मंच से वंचित लोगों को इस माध्यम ने अभिव्यक्ति-सुख का अनंत आकाश दिया है।
सोशल साइट पर तेजी से फैलते आत्मप्रचार की आत्ममुग्ध कोशिशों के बीच रचनात्मकता कहीं खो सी गई है।एक मिनिट में रचना लिख कर दूसरे ही मिनिट रेस्पोंसों का स्वाद लेना हमें अधीर बना देता है और जो अपने वालों की वाह वाह और जलने वालों की थू थू में पता ही नही चलता कि रचना का स्तर क्या है? रचनाओं की बाढ़ में न तो ठीक से पठन पाठन होता है न ही समीक्षा।सिर्फ आत्ममुग्धता और कोरी संतुष्टि कि साहित्य सेवा कर रहा हूँ।इधर सोशल मीडिया के चलते चोरी की घटनाएं बढ़ी है जो कि विकृत मानसिकता को प्रदर्शित करती हैं।सम्मानों की भूख तो पहले से ही थी है इन साहित्यिक पटलों ने उस भूख की आग में घी डाल दिया है।
धीरे-धीरे ही सही, सभी महत्त्वपूर्ण साहित्यिक पत्रिकाओं ने सोशल साईट पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।इस लोकतांत्रिक स्पेस में बहुत सारा कचरा है, इसमें दो राय नहीं। इसकी बड़ी वजह यह है कि यहां कोई छन्नी नहीं है। गुणवत्ता के लिए कोई तंत्र विकसित नहीं हुआ है। इसलिए जो भी भावोच्छवास है वह साहित्य की शक्ल में परोसा जा रहा है। उसके अपने उपभोक्ता और दाद देने वाले भी हैं।लेकिन कचरा कहां नहीं है। खराब किताबें नहीं छपतीं क्या?
साहित्यिक पटलों पर रचनाशीलता से ज्यादा रचना पर मनमानी है। कोई कविता अच्छी लगी, शेयर कर ली। बस इतना ही। कूड़ा-कबाड़ा भी कम नहीं होता। लघु पत्रिका आंदोलन व्यावसायिक घरानों की पत्रिकाओं के लोप होते जाने का परिणाम था।
i. किस माध्यम द्वारा लेखक आज रचनाकर्म कर रहा है ?
ii. आज की रचनाओं का स्तर क्यों नहीं पता हो पाता है ?
iii. आत्ममुग्धता क्या साहित्य के विकास के लिए सही है ?
iv. सोशल साईटो द्वारा क्या लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बढ़ावा मिला है ?
v. लघु पत्रिकाओं के लोप हो जाने के क्या परिणाम हुए ?
Question 3
(a) Correct the following sentences and rewrite: [5]
३. निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करें :
i . चिड़ियाँ बाग़ में मीठा बोलती है।
ii. इन लडकें तो रात में ही आ गए।
iii. आपको मेरे नमस्कार पहुँचे।
iv . उसकी बहन लखनऊ में रहतें हैं।
v . उसकी आँख बहुत बड़ा है।
i . चिड़ियाँ बाग़ में मीठा बोलती है।
ii. इन लडकें तो रात में ही आ गए।
iii. आपको मेरे नमस्कार पहुँचे।
iv . उसकी बहन लखनऊ में रहतें हैं।
v . उसकी आँख बहुत बड़ा है।
b) Use the following idioms in sentences of your own to illustrate their meaning: [5]
b. निम्नलिखित मुहबरों का अर्थ समझकर वाक्यों में प्रयोग कीजिये :
i . चार चाँद लगाना।
ii. पत्थर का कलेजा
iii . घोड़े पर सवार
iv . अपना उल्लू सीधा करना
v . थाली का बैंगन
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५. सती कहानी के किस पात्र ने आपको सर्वाधिक प्रभावित किया है और क्यों ?[12½]
i . चार चाँद लगाना।
ii. पत्थर का कलेजा
iii . घोड़े पर सवार
iv . अपना उल्लू सीधा करना
v . थाली का बैंगन
SECTION B
PRESCRIBED TEXTBOOKS - 50 Marks
Answer four questions from this Section on at least three of the prescribed textbooks.
Question 4
गद्य संकलन (Gadya Sanklan)
४. " जिन्हें दूसरी शादी होती है ,वे सब बच्चों के बहाने ही तो शादी करते हैं ,नहीं तो ये कहें कि अपने लिए करते हैं . "
i. यह कथन किसने ,किस्से व क्यों कहा है ? [1½]
ii. यहाँ पर दूसरी शादी कौन करना चाहता हैं और क्यों ? बच्चे किसके हैं ? (3)
iii. दूसरी शादी करने वाले व्यक्ति के विषय में कहानी में प्रमुख पात्र राधाकृष्ण के क्या विचार हैं ?(3)
iv. क्या समाज में सिर्फ बच्चों के पालन पोषण के लिए दूसरी शादी करना आवश्यक है , आपके विचार क्या हैं ?(5)
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५. सती कहानी के किस पात्र ने आपको सर्वाधिक प्रभावित किया है और क्यों ?[12½]
६. मजबूरी कहानी में किस -किसकी क्या मजबूरी दिखाई गयी है ? कहानी का उद्देश्य स्पष्ट कीजिये। [12½]
काव्य मंजरी (Kavya Manjari)
प्र .७.मैंने छुटपन में छिपकर पैसे बोये थे ,
सोचा पैसों के प्यारे पेड़ उगेंगे ,
रुपयों की कलदार मधुर फसलें ,खनकेंगी ,
और फल फूलकर ,मैं मोटा सेठ बनूँगा। [12½]
i. कवि ने ऐसा क्यों सोचा था ?
ii . मोटा सेठ बनने से कवि का क्या तात्पर्य है ?
iii . इन पक्तियों का अर्थ लिखिए।
iv . कवि की क्या भावना थी पैसे बोने की ? उसने किस्से प्रेरणा ली ? समझकर लिखिए।
प्र. ८ सगुण भक्ति को आधार मानकर चलने वाले गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपने ईष्ट देव को किस रूप में प्रकट किया। प्रकाश डालिए। [12½]
प्र.९. उद्यमी नर का संसार में महत्व क्यों है ? क्या भाग्य उसका साथ देता है ?[12½]
प्र. १० मैं अक्सर दिवाकर के यहाँ पढ़ने चला जाता ,घर में ऐसी कोई जगह ही नहीं थी जहाँ बिना किसी विघ्न -बाधा के दोपहर या शाम को पढ़ते रहा जा सके। [12½]
सोचा पैसों के प्यारे पेड़ उगेंगे ,
रुपयों की कलदार मधुर फसलें ,खनकेंगी ,
और फल फूलकर ,मैं मोटा सेठ बनूँगा। [12½]
i. कवि ने ऐसा क्यों सोचा था ?
ii . मोटा सेठ बनने से कवि का क्या तात्पर्य है ?
iii . इन पक्तियों का अर्थ लिखिए।
iv . कवि की क्या भावना थी पैसे बोने की ? उसने किस्से प्रेरणा ली ? समझकर लिखिए।
प्र. ८ सगुण भक्ति को आधार मानकर चलने वाले गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपने ईष्ट देव को किस रूप में प्रकट किया। प्रकाश डालिए। [12½]
प्र.९. उद्यमी नर का संसार में महत्व क्यों है ? क्या भाग्य उसका साथ देता है ?[12½]
सारा आकाश (Saara Akash)
प्र. १० मैं अक्सर दिवाकर के यहाँ पढ़ने चला जाता ,घर में ऐसी कोई जगह ही नहीं थी जहाँ बिना किसी विघ्न -बाधा के दोपहर या शाम को पढ़ते रहा जा सके। [12½]
i . दिवाकर कौन है ?
ii . कौन दिवाकर के यहाँ पढ़ने जाता था ,क्यों ?
iii . वक्ता कौन है ? उसकी चारित्रिक विशेषताएँ बताइए।
iv . समर और दिवाकर अच्छे मित्र हैं। स्पष्ट कीजिये।
११. मुन्नी के पति ने आकर बाबूजी से क्या क्या बातें की ? उसे ससुराल भेजने का क्या परिणाम हुआ ?[12½]
१२. सारा आकाश उपन्यास के आधार पर नायिका प्रभा का चरित्र चित्रण कीजिये। [12½]
आषाढ़ का एक दिन (Aashad Ka Ek Din)
प्र.१३ . हाँ ,क्योंकि सत्ता और प्रभुता का मोह छूट गया है। आज मैं उस सबसे मुक्त हूँ जो वर्षों से मुझे कसता रहा है। कश्मीर में लोग समझते हैं कि मैंने सन्यास ले लिया है ,परन्तु मैंने सन्यास नहीं लिया। मैं केवल मातृगुप्त के कलेवर से मुक्त हुआ है जिससे पुनः कालिदास के कलेवर में जी सकूं। एक आकर्षण सदा मुझे उसे सूत्र की ओर खींचता था जिसे तोड़कर मैं यहाँ से गया था। "
i. कालिदास ने क्यों कहा कि उसका सत्ता और प्रभुता का मोह छूट गया है ?[1½]
ii. कालिदास ने अपने सन्यास की बात को किस तर्क के द्वारा ख़ारिज कर दिया ?(3)
iii. कालिदास ने किस आर्कषण की ओर संकेत किया है ?(3)
iv. आषाढ़ का एक दिन दिन नाटक के आधार पर कालिदास का चरित्र चित्रण कीजिये(5)
प्र. १४. प्रियंगुमंजरी का चरित्र चित्रण करते हुए यह बताइए कि उसके द्वारा नाटककार ने कौन सा सन्देश दिया है ?[12½]
प्र.१५. आषाढ़ का एक दिन नाटक के आधार पर मल्लिका का चरित्र चित्रण कीजिये . [12½]
Liability Disclaimer -
ISC Hindi Specimen Paper 2020 CLASS 12th Model Papers ISC Specimen Papers for Class 12 Hindi 2020 प्रश्न पत्र केवल के परीक्षा के सहयोग के लिए लिखा गया है ,ताकि छात्र अधिक से अधिक अंक प्राप्त कर सके।लेकिन हिन्दीकुंज.कॉम किसी प्रकार के प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।किसी प्रकार क्षति के लिए हिन्दीकुंज.कॉम जिम्मेदार नहीं होगा।अतः इस प्रकार के प्रश्नों का लाभ उठाये लेकिन इस पर पूरी तरह से निर्भर न रहे।आप अन्य अध्ययन सामग्री को भी पढ़े व लाभ उठाये।
प्र. १४. प्रियंगुमंजरी का चरित्र चित्रण करते हुए यह बताइए कि उसके द्वारा नाटककार ने कौन सा सन्देश दिया है ?[12½]
प्र.१५. आषाढ़ का एक दिन नाटक के आधार पर मल्लिका का चरित्र चित्रण कीजिये . [12½]
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ISC Hindi Specimen Paper 2020 CLASS 12th Model Papers ISC Specimen Papers for Class 12 Hindi 2020 प्रश्न पत्र केवल के परीक्षा के सहयोग के लिए लिखा गया है ,ताकि छात्र अधिक से अधिक अंक प्राप्त कर सके।लेकिन हिन्दीकुंज.कॉम किसी प्रकार के प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।किसी प्रकार क्षति के लिए हिन्दीकुंज.कॉम जिम्मेदार नहीं होगा।अतः इस प्रकार के प्रश्नों का लाभ उठाये लेकिन इस पर पूरी तरह से निर्भर न रहे।आप अन्य अध्ययन सामग्री को भी पढ़े व लाभ उठाये।
I'm Jasmine, from Darjeeling. In my old school, my 2nd language was Nepali, so I had a lot of problems coping up with Hindi language. This helped me a lot. Thank you 😊
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