बुरे समय के लिए चाणक्य नीति चाणक्य नीति ज्ञान बुरे समय के लिए चाणक्य नीति bure samay me kya kare chanakya niti bure samay ko kaise dur kare बुरे समय मे क्या करें Chanakya Niti in hindi chanakya niti for happiness in life बुरे समय में हमेशा याद रखें ये बातें बुरे समय के लिए बचत करना जरुरी है। यह मत भूलों कि अच्छा समय सदा नहीं रहता है। अँधेरा प्रकाश में बदलता रहता है वैसे ही समय।
चाणक्य नीति ज्ञान
बुरे समय के लिए चाणक्य नीति bure samay me kya kare chanakya niti bure samay ko kaise dur kare बुरे समय मे क्या करें Chanakya Niti in hindi chanakya niti for happiness in life बुरे समय में हमेशा याद रखें ये बातें - हमारा दैनिक जीवन बड़ा ही विचित्र सा है। ऐसा प्रतीत होता है कि हम प्रकाश में रहते हुए भी अंधेरों में भटक रहे हैं। इसका कारण केवल हमारी अज्ञानता है। ज्ञान ही जीवन का पथ प्रदर्शक है ,ज्ञान की प्रकाश है। ज्ञान से मुक्ति प्राप्त होती है। चाणक्य जी ने इस संसार को निकट से देखते हुए हमारे जीवन के बारे में बड़ी गंभीरता से सोचा है। इसे हम चाणक्य जी की बहुत बड़ी देन मानते हैं। यहां पर चाणक्य जी ज्ञान के सम्बन्ध में कहीं गयी कुछ विचार प्रस्तुत किये जा रहे हैं। आशा है कि पाठकों को अवश्य ही रुचिकर प्रतीत होगा -
चाणक्य नीति ज्ञान
चाणक्य |
- बुरे समय के लिए बचत करना जरुरी है। यह मत भूलों कि अच्छा समय सदा नहीं रहता है। अँधेरा प्रकाश में बदलता रहता है वैसे ही समय। लक्ष्मी चंचल और रमणी है।यह एक स्थान पर कभी नहीं रूकती है।
- जिस देश में आदर नहीं ,जीने के साधन नहीं ,विद्या प्राप्त करने के स्थान नहीं। वहां पर रहने के कोई लाभ नहीं क्योंकि वहां पर उन्नति नहीं हो सकती है।
- जहाँ पर अमीर लोग ,वेदों का पाठ करने वाले पंडित दयालु राजा न हो ,बीमार होने पर दवा -दारु का प्रबंध न हो ,वहां पर रहना बेकार है।
- मित्रता उस स्थान के लोगों से की जाए जहाँ पर डर ,शर्म ,चतुरता ,त्याग जैसे आदतें अवश्य हों ,अन्यथा उस देश अथवा उन लोगों के पास रहना भी उचित नहीं होता है।
- यदि जहर में अमृत मिला हो तो हंसी ख़ुशी से पी लेना चाहिए। सोना यदि किसी गन्दी जगह पर पड़ा हो तो उसे उठा लेना चाहिए।
- शिक्षा यदि किसी घटिया प्राणी से भी मिले तो लेने में संकोच नहीं करना चाहिए। यदि किसी दुष्ट वंश में बुद्धिमान कन्या हो तो उससे शादी कर लेनी चाहिए। गुण ही सबसे बड़ी विशेषता है।
- लड़की की शादी सदा अच्छे घर में करनी चाहिए। बेटे को शिक्षा अवश्य दिलवानी चाहिए।शत्रु सदा उलझन में फंसा रहे तो अच्छा होता है। मित्र को सदा धार्मिक ज्ञान देते रहना उचित है।समय के अनुसार ही अपने जीवन मार्ग को खोजना चाहिए।
- पागल बुद्धिहीन व्यक्ति से सदा दूर रहना चाहिए। ऐसे लोग पशु समान होते हैं। बुरी संगत से दूर रहो। अज्ञानी को पास न आने दो।
- अपने दिल की गुप्त बातें किसी को न बताओ। मन का भेद दूसरों को देने वाले लोग सदा ही धोखा खाते हैं।
- परिश्रम करने से इंसान की गरीबी दूर हो जाती है। पूजा करने से पाप दूर हो जाते हैं। जागते आदमी को डर नहीं लगता है। यदि दो प्राणी झगड़ पड़े तो उनमें से एक खामोश हो जाए तो झगड़ा मिट जाता है।
- जिस जगह झगड़ा हो रहा हो ,वहां पर कभी भी खड़े नहीं होना चाहिए ,कई बार ऐसे झगड़ों में बेगुनाह मारे जाते हैं।
- यदि भयंकर अकाल पड़ जाए तो ऐसे अवसर पर किसी बदमाश से हो मित्रता करने से लाभ होता है क्योंकि बदमाश अपनी ताकत के बलबूते पर कहीं न कहीं से खाना ले आएगा इस खाने को वह अपने मित्र को भी अवश्य ही खिलायेगा।
- पुत्र ,मित्र और परिवार के अन्य लोग अक्सर अपने से दूर हो जाते हैं। अच्छे लोगों से साथ रहने से ही लाभ है। पुत्र वंश का नाम रोशन करते हैं। हर प्राणी को पहले से ही सोचना चाहिए कि वह कौन सा पाप कर रहा है।
- पाप और पुण्य में क्या अन्तर होते हैं ? मेरे मित्र कौन है ,शत्रु कौन है ? मुझे किस कार्य में लाभ हो सकता है।किसमें हानि ? यही सोचकर उसे जीवन का हर पग उठाना चाहिए।
- हर प्राणी को चाहिए कि वह यथार्थ का सहारा ले केवल कल्पना के समय बुरे परिणामों को सोचकर अपना खून न जलाता रहे। यदि जीवन में कोई खतरे को सामने देखकर डरना नहीं चाहिए।
- अमीर आदमी को ही अच्छा और गुणवान माना जाता है। धन की पूजा सदा से ही होती रही है।इसीलिए धन तो पास होना चाहिए। धन पास में हो तो शत्रु भी मित्र बन जाते हैं।
- शेर से एक बगुले से चार ,कौए से पांच ,कुत्ते से छह और बाघ से तीन गुण सीखने चाहिए। काम भले ही थोडा करो ,किन्तु मन लगा कर करना चाहिए। इंसान को यह शेर से सीखना चाहिए। मन की इन्द्रियों को संयम करना ,समय के अनुसार अपनी शक्ति से काम करने का गुण बगुले से सीखना चाहिए। ठीक समय से जागना ,सोना ,लड़ना ,बंधुओं को जगा देना ,झपटकर भोजन खाना ,यह गुण मुर्गे से सीखने चाहिए। संकोच से मैथुन करना ,समय समय पर संग्रह करना ,चौकस रहना ,पर विश्वास न करना ,यह पाँचों गुण कौए से सीखने चाहिए। बहुत भुख में भी संतुष्ट रहना ,गहरी नींद में सोते हुए भी जाग जाना ,मालिक की वफादारी और बहादुरी ,यह सब गुण कुत्ते से सीखने चाहिए।बहुत थक जाने पर भी बोझ ढ़ोते रहना ,रुखी - सुखी घास चर कर ही मालिक और भगवान का धन्यवाद करना ,यह सब गुण गधे से सीखने चाहिए। ऊपर वाले गुण सीखने वाला प्राणी सदा सुख पाता है।
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