किसी को वश में करने का उपाय किसी को वश में करने का उपाय जो काम आप बड़ी से बड़ी रकम खर्च करके भी नहीं कर सकते हैं ,वह किसी को अपने वश में करके कर सकते हैं - जैसा कि अहंकारी को हाथ जोड़कर। पागल को अपनी मनमानी करने देकर।पंडित के आगे सत्य बोलकर।
किसी को वश में करने का उपाय
किसी को वश में करने का उपाय जो काम आप बड़ी से बड़ी रकम खर्च करके भी नहीं कर सकते हैं ,वह किसी को अपने वश में करके कर सकते हैं - जैसा कि अहंकारी को हाथ जोड़कर। पागल को अपनी मनमानी करने देकर।पंडित के आगे सत्य बोलकर। विद्वान का दिल जीतकर। इसी तरह से आप अपना काम पूरा कर सकते हैं। साथ ही लडाई झगड़े से भी बच सकते हैं। किसी को वश में करना भी एक कला है।
अच्छे लोगों की तलाश करें
- बुरे लोग यदि दुनिया में न भी हो तो अच्छा है। बुरा आदमी इस संसार में न होगा तो यह संसार बुराइयों से बचा रहेगा।बुरे राजा से तो राजा का न होना अच्छा। बुरे मित्र से तो अच्छा है मित्र नहीं हो। इसीलिए अपने लिए सदा अच्छे लोगों की तलाश करें। बुरे लोगों की संगत से दूर रहें।
- बुरे राजा के राज में न तो जनता सुखी रहेगी। बुरे मित्र से कभी भी आशा न रखो। बुरी औरत से कभी भला नहीं होगा। बुरे शिष्य कभी गुरु का भला नहीं कर सकते हैं ,ऐसे लोगों पर शिक्षा का कोई असर नहीं होता है उन्हें शिक्षा देना तो चिकने घड़े पर पानी डालना हैं।
- दो ब्राह्मण जहाँ कभी भी खड़े उनके बीच मत जाओ क्योंकि ब्राह्मण का क्रोध बहुत बुरा होता है। पति पत्नी जब भी कहीं बैठे हो तो उनके बीच मत जाओ क्योंकि वह अपने मत की बात कर रहे होते हैं ,उनका अपना दुःख सुख होता है ,जो प्रेम संसार उन्होंने बसाया होता है ,वह किसी तीसरे के आने से उजड़ जाता है। हल और बैल के बीच में से गुजरने पर चोट लग जाती है। इसी प्रकार से बुद्धिमान लोगों को सलाह दी जाती है कि वे ऊपर लिखी चीज़ों के बीच में मत जाए।
- आग,ब्राह्मण ,गुरु ,कुवारी कन्या ,बालक ,वृद्ध को कभी भी पाँव से नहीं छूना चाहिए।यह सब पूज्य होते हैं। आग को पाँव छूने से पाँव जल जाते हैं। ब्राह्मण और गुरु का क्रोध बहुत बुरा होता है ,उनके आदर से ज्ञान मिलता है।
- कन्या और बालक भगवान् का रूप माने जाते हैं। हाथी को देखकर हज़ार हाथ दूर रहो।घोड़े से सौ हाथ दूर रहो। सींग वाले पशु को देखकर दस हाथ दूर रहो।किन्तु बुरे आदमी को देखकर आप वहां से केवल भाग ही न लो।बल्कि उस शहर को ही छोड़कर भाग जाएँ तो अधिक अच्छा है ,बुरा आदमी सदा नुकशान ही पहुँचाता है। उससे भले की आशा न रखें।
- हाथी को अंकुश से ,घोड़े को चाबुक से ,सींग वाले पशु को डंडे से ,दुर्जन को तलवार से दंड देना चाहिए।प्रत्येक के साथ उनके व्यवहार करना चाहिए।
- एक पानी की बूँद गर्म तवे पर आकर छन -छन की आवाज करती है ,फिर भाप बनकर उड़ जाती है।और एक पानी की बूँद कमल के पत्ते पर पड़कर दोपहर तक मोती की भाँती चमकती रही और फिर भाप बनकर उड़ गयी। एक बूँद मछली के मुंह में पड़ी तो वह मोती बन गयी।इस तरह एक ही पानी की तीन बूंदों के तीन रूप अलग -अलग नज़र आते हैं। इसे आप भाग्य के खेल ही तो कहेंगे।
- धनवान को मित्र अपने आप ही मिल जाते हैं। धन मित्रता को जन्म देता है।धनवान के सब रिश्तेदार हैं। सत्य बात तो यह है कि जिसके पास धन है वहीँ सच्चा और इज्ज़तदार आदमी माना जाता है।
- दान पुण्य की आदत ,ब्राह्मण की सेवा ,मीठे बोल बोलना भगवान की पूजा। जिस प्राणी में यह सब गुण हों तो वह देवता का ही रूप होता है। हर मनुष्य को चाहिए कि वह इन चारों गुणों को अपने पास रखें।
- घटिया लोग सदा धन के लोभ में अन्धें रहते हैं। मध्य वर्ग के लोग धन के साथ साथ अपनी इज्ज़त भी चाहते हैं। उत्तम लोगों को केवल आदर सत्कार की भूख होती है। यह बात मत भूलों कि धन से कहाँ अधिक इंसान की इज्जत होती हैं।
- दीपक अँधेरे को मिटाता है किन्तु कालिमा को जन्म देता है।इसी तरह इंसान जो भी खाता -पीता है। उसकी संतान रहन सहन से उसका पता चल जाता है। वंश का प्रभाव औलाद पर अवश्य पड़ता है।
- शान्ति से बड़ा कोई तप नहीं होता है ,क्योंकि गुस्से में इंसान अपना सब कुछ भूलकर पागल सा हो जाता है। यहाँ तक कि वह इसी बोझ के कारण मृत्यु की गोद में चला जाता है।
- सुन्दर की शोभा केवल गुणों से होती है यदि किसी प्राणी में गुण नहीं हैं।तो वह बिलकुल ही बेकार होता है। उसका यही हाल होता है जो बंजर जमीन का होता है। बंजर धरती को हम इसीलिए तो बेकार कहते हैं कि उसमें कोई फसल नहीं होती है।
- हिम्मत करने से गरीबी दूर हो जाती है। पूजा करने से पाप मिट जाते हैं। चुप रहने से झगड़ा मिट जाता है।
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