जो देखकर भी नहीं देखते जो देखकर भी नहीं देखते का सारांश जो देखकर भी नहीं देखते पाठ का सार जो देखकर भी नहीं देखते extra questions पाठ 11 जो देखकर भी नहीं देखते प्रश्न उत्तर jo dekh kar bhi nahi dekhte summary jo dekhkar bhi nahi dekhte summary in hindi jo dekhkar bhi nahi dekhte summary in english jo dekhkar bhi nahi dekhte lesson ncert hindi solution chapter 11 ncert class 6 hindi chapter 12 class 6 hindi chapter 12 question answer ncert class 6 hindi chapter 10 जो देखकर भी नहीं देखते पाठ योजना जो देखकर भी नहीं देखते क्वेश्चन आंसर जो देखकर भी नहीं देखते lesson plan
जो देखकर भी नहीं देखते
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जो देखकर भी नहीं देखते का सारांश
जो देखकर भी नहीं देखते ,हेलेन केलर जी द्वारा लिखा गया एक प्रेरक लेख है। इसमें उन्होंने मनुष्यों को अपना जीवन बेहतर बनाने की प्रेरणा दी है।वह अपने मित्रों की परीक्षा लेती है ,जो जंगल से घूम कर आये हैं। वह अपने प्रिय मित्रों की परीक्षा लेती है ,जो जंगल से घूम कर आये हैं। वह अपने प्रिय मित्र से पूछती है कि तुमने क्या देखा। तो सामान्यतया उनका उत्तर होता है - कुछ ख़ास नहीं।लेखिका इस तरह के उत्तरों की आदि हो चुकी है। उसका विश्वास है ,जिनकी आँखों होती है - वे बहुत कम देखते हैं।जो देखकर भी नहीं देखते |
जो देखकर भी नहीं देखते प्रश्न उत्तर
प्र.१. "जिन लोगों के पास आँखें है ,वे सचमुच बहुत कम देखते हैं " - हेलन केलर को ऐसा क्यों लगता था ?
उ. जिन लोगों के पास आँखें है ,वे सचमुच बहुत कम देखते हैं।यह बात हेलेन केलर जी इसीलिए कहती है। उनके मित्रवर्ग जंगल में घूमकर भी कोई ख़ास चीज़ नहीं देख पाते हैं।जबकि लेखिका भोजपत्र के पेड़ की चिकनी छाल और चीड़ की खुरदुरी छाल को स्पर्श से ही पहचान लेती है।वह अपनी अँगुलियों के बीच झरने के पानी को बहते हुए महसूस कर सकती है।इस प्रकार वह दृष्टिबाधित होते हुए भी दृष्टिसंपन्न है।
प्र.२. "प्रकृति का जादू " किसे कहा गया है ?
उ. प्रकृति का जादू लेखिका ने किसी चिड़ियाँ के मधुर स्वर ,चीड़ की फैली पत्तियाँ - घास के मैदान ,बदलते हुए मौसम का समां आदि को कहा है।
प्र.३. कुछ ख़ास तो नहीं " - हेलेन की मित्र ने यह जबाब किस मौके पर दिया और यह सुनकर हेलेन को आश्चर्य क्यों नहीं हुआ ?
उ. हेलन की प्रियमित्र जंगल की सैर करके आती है ,जिससे वह जंगल में क्या क्या देखा आदि की बात कहती है। मित्र कुछ ख़ास तो नहीं कहती है।हेलेन को सुनकर या आश्चर्य नहीं होता है क्योंकि अब वह इस तरह के उत्तरों को सुनने की आदि हो चुकी है।
प्र.४. हेलेन केलर प्रकृति की किन चीज़ों को छूकर और सुनकर पहचान लेती थे ? पाठ के आधार पर इसका उत्तर लिखो।
उ. हेलेन जंगल में भोज पत्र के पेड़ की चिकनी छाल और चीड़ की खुरदुरी छाल को स्पर्श से ही पहचान लेती है। वह अपनी अंगुलियाँ के बीच झरने के पानी को बहते हुए महसूस कर सकती है। बदलते हुए मौसम का समां हेलेन के जीवन में नया रंग ला देती है।
प्र.५. "जबकि इस नियामत से जिंदगी को खुशियों के इन्द्रधनुष रंगों से हरा - भरा किया जा सकता है। " तुम्हारी नज़र में इसका क्या अर्थ हो सकता है ?
उ. हेलेन केलर दृष्टि बाधित थी ,लेकिन बहुत लोगों की आँखें होते हुए अपने आस - पास की चीज़ों को देख नहीं पाते हैं। हम हमेशा उस चीज़ की आस लगाएँ रखते हैं ,जो हमारे पास नहीं है।आँखें ईश्वर का आशीर्वाद है।यह साधारण सी चीज़ नहीं है ,इसी के माध्यम से जिंदगी को खुशियों के इन्द्रधनुष रंगों से हरा भरा किया जा सकता है।
Smith
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