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मैं सबसे छोटी होऊँ
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मैं सबसे छोटी होऊँ,
तेरी गोदी में सोऊँ,
तेरा अंचल पकड़-पकड़कर
फिरू सदा माँ! तेरे साथ,
कभी न छोड़ूँ तेरा हाथ!
बड़ा बनकर पहले हमको
तू पीछे छलती है मात!
हाथ पकड़ फिर सदा हमारे
साथ नहीं फिरती दिन-रात!
अपने कर से खिला, धुला मुख,
धूल पोंछ, सज्जित कर गात,
थमा खिलौने, नहीं सुनाती
हमें सुखद परियों की बात!
ऐसी बड़ी न होऊँ मैं
तेरा स्नेह न खोऊँ मैं,
तेरे अंचल की छाया में
छिपी रहूँ निस्पृह, निर्भय,
कहूँ-दिखा दे चंद्रोदय!
मैं सबसे छोटी होऊँ |
व्याख्या - मैं सबसे छोटी होऊँ कविता में कवि सुमित्रानंदन पन्त जी एक छोटी बच्ची का वर्णन कर रहे हैं ,जो अपनी माँ की सबसे छोटी संतान बनने की कामना करती हैं। वह छोटी बेटी बनकर ,अपनी माँ का लम्बे समय तक स्नेह पाना चाहती है। छोटी बच्ची रहने पर वह अपने माँ का आँचल पकड़ पकड़ कर घूमती फिरेगी।यदि वह बड़ी हो जायेगी ,तो माँ उसे स्नेह देना बंद कर देगी।बड़े होने पर माँ उसे पहले ही तरह स्नेह नहीं देगी।छोटी रहने पर अपने हाथों से खिलाना ,मुँह धुलाना ,बच्ची के हाथ पैर धोना ,फिर खिलौने देना और परियों की कहानी सुनाना आदि छुटपन में ही संभव हो पाता है। बड़े होने पर बच्ची अपनी माँ का स्नेह खो देगी।अतः बच्ची ,छोटी बनकर ही अपनी माँ का स्नेह लगातार पानी चाहती है ,जिससे वह सुरक्षित रह सके।
मैं सबसे छोटी हूं का प्रश्न अभ्यास
प्र.१. कविता में सबसे छोटे होने की कल्पना क्यों की गई है?
उ. कविता में बच्ची द्वारा छोटे होने की कल्पना इसीलिए की गयी है क्योंकि छोटी बच्ची को माँ का प्यार मिलता है। माँ अपने हाथों से हाथ धुलाकर ,साफ़ -सुथराकर विभिन्न प्रकार के खिलौने थमा देती है। माँ बच्ची को परियों की कहानी सुनाती है।इसीलिए वह छोटी होने की कल्पना करती है।
प्र.२. कविता में ‘ऐसी बड़ी न होऊँ मैं’ क्यों कहा गया है? क्या तुम भी हमेशा छोटे बने रहना पसंद करोगे ?
उ. कविता में सबसे छोटी बनकर लगातार माँ का स्नेह पाने की इच्छा छोटी बच्ची करती है। बड़ी हो जाने पर माँ का स्नेह उस तरह प्राप्त नहीं होगा ,जिस तरह छुटपन में प्राप्त होता रहा है। अतः माँ का स्नेह दुलार पाने के लिए मैं भी हमेशा छोटा बना रहना चाहूँगा।
प्र.३. आशय स्पष्ट करो –
हाथ पकड़ फिर सदा हमारे
साथ नहीं फिरती दिन-रात!
उ. इन पंक्तियों में कवि का आशय यह है कि बचपन में छोटी बच्ची के साथ ,माँ हमेशा उसे अपने पास हमेशा चिपकाएँ रहती है। उसे अपने ह्रदय से लगाये रखती है। बड़े हो जाने पर वह सुविधा बच्चों को नहीं मिल पाती है। फिर माँ द्वारा उसका पालन -पोषण उस तरह नहीं होता है ,जिस तरह छुटपन में होता है ,क्योंकि बच्ची अब बड़ी होकर माँ का स्नेह उस तरह से नहीं पा रही है। अतः वह छोटी बनकर माँ का स्नेह हमेशा पाना चाहती है।
प्र.४. अपने छुटपन में बच्चे अपनी माँ के बहुत करीब होते हैं। इस कविता में नजदीकी की कौन कौन सी स्थितियाँ बताई गयी हैं ?
उ. बच्चे अपने छुटपन में अपनी माँ के करीब होते हैं। माँ उन्हें अपने ह्रदय से हमेशा लगाये रखती है। अपने हाथों से भोजन कराती है ,मुँह धुलाती है। अच्छे से नहला -धुला कर अच्छे कपड़े पहनाकर ,हाथों से खिलौने थमाकर ,परियों की कहानियाँ सुनाती है।इस प्रकार बच्चे अपनी माँ से स्नेह दुलार के बंधन में जुड़े रहते हैं।
Nice
जवाब देंहटाएंbahut lamba pratipadya hai
जवाब देंहटाएंLol Agar listen 🎶 kabhi both to.................
जवाब देंहटाएंKavi ka naam kya hai
जवाब देंहटाएंमैं सबसे छोटी हूं पाठ की विधा क्या है
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