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संसार पुस्तक है
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संसार पुस्तक है पाठ का सारांश
संसार पुस्तक है ,पत्र में जवाहरलाल नेहरु जी ने अपनी पुत्री के पास पत्र लिखकर विभिन्न प्रकार की जानकारियाँ देने का प्रयत्न किया है। पत्र लिखने के समय लेखक इलाहाबाद में हैं और पुत्री मसूरी में हैं। इसीलिए वह अपनी बेटी को दुनिया जहाँ की कहानियां सुनाना चाहता है।अपने पुत्र में वे आगे लिखते हैं कि तुम इंग्लैंड के बारे में पढ़ी होगी ,लेकिन वह केवल एक टापू है और हिंदुस्तान भी दुनिया का एक छोटा सा हिस्सा है।अगर तुम्हे दुनिया जानने की इच्छा हो ,तो तुम्हे सभी का इतिहास पढ़ना पड़ेगा ,न की उस देश का जिस देश में तुम पैदा हुई हो।
मैं छोटे छोटे पत्रों में तुम्हे थोड़ी सी ही बाते बता सकता हूँ।लेकिन इन पत्रों के सहारे तुम यह जान पाओगी कि
दुनिया एक है और हम सब भाई बहन है। यह धरती लाखों करोड़ों वर्ष पुरानी है। पहले इन धरती पर कोई जानदार चीज़ नहीं थी।लेकिन वैज्ञानिकों ने यह साबित किया कि जब धरती बहुत गर्म थी और किसी जीव का विकास नहीं हो सकता था। बाद में धीरे धीरे जीवन का आरम्भ होता है।पहाड़ ,समुन्द्र ,सितारे ,नदिया ,जंगल ,जानवरों की पुरानी हड्डिया आदि से हमें दुनिया का पुराना इतिहास जाना जा सकता है।जब मनुष्य नहीं था ,तो उसका इतिहास कौन लिखता। इसीलिए धरती का इतिहास जानने के लिए हमें पत्थरों और पहाड़ों से सीखना पड़ेगा। हमें उर्दू ,हिंदी या अंग्रेजी जानने के लिए उसके अक्षर सीखने पड़ेंगे।इसी तरह प्रकृति की किताब पढ़ने के लिए उसके पत्थरों और चट्टानों की किताब पढ़नी पड़ेगी।यदि किसी बड़ी चट्टान को तुम तोड़ डालों तो उसका हर एक कोना चमकीला और खुरदुरा होगा।चट्टान का टुकड़ा किसी पहाड़ के दामन में था। तब पानी आया ,उसे पहाड़ी नाले ने ढकेलकर दरिया में पहुंचा दिया। वहां से लुढ़कते हुए वह चमकदार कंकड़ बन गया।यदि वह आगे बढ़ता ,तो समुन्द्र में अपने भाइयों के साथ जा मिलता ,तो वहां बालू का किनारा बन जाता ,जिस पर छोटे बच्चे खेलते और बालू के घरौंदे बनाते।यदि एक छोटा रोड़ा तुम्हे इतनी बातें बता सकता है ,तो हमारे चारों तरफ जो चीज़ें हैं ,उनसे कितनी बातें मालूम हो सकती है।
संसार पुस्तक है |
संसार पुस्तक है प्रश्न उत्तर
प्र.१. लेखक ने प्रकृति के अक्षर किन्हें कहा है ?
उ. लेखक जवाहरलाल नेहरु जी ने पहाड़ ,समुन्द्र ,सितारे ,नदियाँ ,जंगल जानवरों की पुरानी हड्डियाँ और इस तरह की तमाम चीज़ों को प्रकृति के अक्षर कहा है।
प्र.२. लाखों करोड़ों वर्ष पहले हमारी धरती कैसी थी ?
उ. लाखों करोड़ों बर्फ पहले हमारी धरती बहुत गर्म थी। इस पर कोई जानदार चीज़ नहीं थी।
प्र.३. दुनिया का पुराना हाल किन चीज़ों से जाना जाता है ? कुछ चीज़ों के नाम लिखो।
उ. दुनिया का पुराना हाल हमें समुन्द्र ,पहाड़ ,सितारे ,नदियाँ ,जंगल जानवरों की पुरानी हड्डियों और इसी तरह की तमाम चीज़ों से जाना जा सकता है।
प्र.४. गोल ,चमकीला रोड़ा अपनी क्या कहानी बताता है ?
उ. गोल चमकीला रोड़ा अपनी कहानी बताता हुआ कहता है कि वह इतना चमकीला ,चिकना और गोल कैसे हुआ।पहले वह किसी पहाड़ के दामन में पड़ा रहा। इसके बाद उसे पानी बहाकर ले गया। पहाड़ी नाले ने ढकेलकर उसे दरिया में पहुँचा दिया और उसी में घिसते हुए चिकना और चमकदार हो गया और उसका रूप परिवर्तित होते होते कंकड़ हो गया है।
प्र.५. गोल ,चमकीले रोड़े को यदि दरिया और आगे ले जाता तो क्या होता ? विस्तार से उत्तर लिखो।
उ. गोल ,चमकीले रोड़े को यदि दरिया और आगे ले जाता ,तो वह छोटा होते होते अंत में बालू का एक जर्रा हो जाता और समुन्द्र के किनारे अपने भाइयों से जा मिलता ,जहाँ पर एक सुन्दर बालू का किनारा बन जाता ,जिस पर छोटे छोटे बच्चे खेलते और बालू के घरौंदे बनाते।
प्र.६. नेहरु जी ने इस बात का हल्का सा संकेत दिया है कि दुनिया कैसे शुरू हुई होगी। उन्होंने क्या बताया है ? पाठ के आधार पर लिखो।
उ. नेहरु जी ने इस बात का संकेत दिया है कि लाखों करोड़ों वर्ष पहले धरती बहुत गर्म थी।तब किसी जानदार चीज़ का आस्तित्व नहीं था।इसके बाद धरती पर पेड़ - पौधें और जानवरों की संरचना हुई।बहुत बाद आदमी आया। इस प्रकार क्रमिक विकास से चीज़ें अस्तित्व में आती गयी।
Nice
जवाब देंहटाएंविद्यार्थियों की सीखने की क्षमता के स्तर के अनुसार उत्तर सटीक एवं सहज हैं।
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