बेटी बचाओ बेटी पढाओ पर निबंध Beti Bachao Beti Padhao In Hindi बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध Beti Bachao Beti Padhao Essay in Hindi बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ निष्कर्ष Beti Bachao Beti Padhao Essay in Hindi Essay on Beti Bachao Beti Padhao बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ उद्देश्य बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP) के उद्देश्य Beti Bachao, Beti Padhao Yojana (बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना) बेटी बचाओ बेटी पढाओ पर निबंध-Beti Bachao Beti Padhao In Hindi
बेटी बचाओ बेटी पढाओ पर निबंध
Beti Bachao Beti Padhao In Hindi
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किसी भी समाज के लिए स्त्री और पुरुष दोनों महत्वपूर्ण हैं |या यूँ कहें कि ये दोनों एक सिक्के के दो पहलू हैं | नि:सन्देह, दोनों एक-दूसरे के बगैर अधूरे हैं | संस्कृत के एक श्लोक में कहा भी गया है -
"यस्य पूज्यंते नार्यस्तु तत्र रमन्ते देवता:" - जहाँ नारी की पूजा होती है, वहाँ देवता निवास करते हैं |
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ |
परन्तु, निरन्तर बेटियों की घटती संख्या देश और समाज के लिए चिंता का विषय बना हुआ है | देश में लगातार कन्या शिशु-दर में कमी आई है, जिसे संतुलित करने के लिए "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" कार्यक्रम को अस्तित्व में लाया गया है |
आज के समाज में, बेटियों को बोझ समझना, उनका शोषण करना, बेटों की तुलना में उन्हें उपेक्षित नज़रों से देखना, आम बात हो गई है | बेटियों के साथ शोषण होने के पीछे मुख्य वजह अशिक्षा भी है | अगर हम शिक्षित होते हैं, तो हमें सही-गलत का ज्ञान होता है | जब बेटियां अपने पैरों पर खड़ी होंगी, तो कोई भी उन्हें बोझ नहीं समझेगा | इसीलिए "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" कार्यक्रम के माध्यम से बेटियों को अधिक से अधिक शिक्षित बनाने पर भी जोर दिया जा रहा है |
बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान की आवश्यकता
बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम की शुरुआत 22 जनवरी, 2015 को पानीपत(हरियाणा) में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा की गई थी | चूंकि, हरियाणा में स्त्री-पुरुष लिंग-अनुपात में सर्वाधिक अंतर है | इसलिए इस कार्यक्रम की शुरुआत वहीं से की गई है | इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी तीन मंत्रालयों को सौंपा गया है, जो इस प्रकार है --- महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन मंत्रालय |
इस अभियान या कार्यक्रम के तहत देश में पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (Pre-Conception & Pre-Natal Diagnostic Techniques) अधिनियम, 1994 को लागू किया गया है | साथ ही साथ यदि कोई चिकित्सक भ्रूण लिंग परीक्षण करते हुए या भ्रूण-हत्या का दोषी पाया गया, तो उसका लाइसेंस रद्द हो जाएगा और इसके साथ ही उसे अधिनियम के तहत दंडित भी किया जाएगा | अब हर क्लिनिक-हॉस्पिटल में ये साफ-साफ लिखा होता है कि, भ्रूण की लिंग की जांच कराना कानूनन अपराध है | इन सब प्रयासों से सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं, जो देश और समाज के हित में है |
बेटी बचाओ बेटी पढाओ का उद्देश्य
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम का उद्देश्य बेटियों के अस्तित्व को सुरक्षा प्रदान करना है | बेटियों के जन्म दर में बढ़ोत्तरी करना है | उनके प्रति शोषण का ख़ात्मा करके, उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है | ताकि वह समाज में पूरे मान-सम्मान के साथ जी सके |
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ निष्कर्ष
अत: हम इस निष्कर्ष पर पहुँच सकते हैं कि "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" कार्यक्रम बेटियों के उज्जवल भविष्य का संखनाद करता है | ऐसे कार्यक्रम या अभियान की सख्त ज़रूरत है, ताकि बेटियों की अहमियत और ताक़त के प्रति सबको जागरुक किया जा सके | स्वामी विवेकानन्द ने कभी कहा था कि ------
" नारी का उत्थान स्वयं नारी ही करेगी | कोई और उसे उठा नहीं सकता | वह स्वयं उठेगी | बस, उठने में उसे सहयोग की आवश्यकता है और जब वह उठ खड़ी होगी तो दुनिया की कोई ताक़त उसे रोक नहीं सकती | वह उठेगी और समस्त विश्व को अपनी जादुई कुशलता से आश्चर्यचकित कर देगी |"
जी हाँ...! "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" कार्यक्रम स्वामी जी की बातों पर खरा उतरता है | यह कार्यक्रम या अभियान बेटियों के सहयोग के लिए आगे आया है | अब बेटियों को खुद अपनी ताक़त को पहचान कर अपने खिलाफ़ समस्त बुराईयों, कुरीतियों आदि से लोहा लेना पड़ेगा | उन्हें स्वयं शोषणों के विरूद्ध जंग का बिगुल फूंकना पड़ेगा |
विडियो के रूप में देखें -
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