अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर निबंध अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर निबंध भारत में अभिव्यक्ति की आजादी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता Freedom Of Expression अभिव्यक्ति की आजादी पर बड़े निबंध Essay on Freedom of Speech in Hindi essay on freedom of speech in hindi देखा जाए तो अभिव्यक्ति की आजादी एक मूल मानव अधिकार है|
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर निबंध
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर निबंध भारत में अभिव्यक्ति की आजादी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता Freedom Of Expression अभिव्यक्ति की आजादी पर बड़े निबंध Essay on Freedom of Speech in Hindi essay on freedom of speech in hindi
देखा जाए तो अभिव्यक्ति की आजादी एक मूल मानव अधिकार है|अधिकांश देश अपने नागरिकों को अभिव्यक्ति की आजादी देते हैं, ताकि वे अपने विचारों को साझा कर सकें और अलग-अलग मामलों पर अपनी व्यक्तिगत राय दे सकें | अभिव्यक्ति की आजादी तार्किक चर्चाओं को प्राथमिकता देती है, जो समाज के विकास के लिए मददगार साबित होती है | यह देश की राजनीतिक व्यवस्था के बारे में एक राय व्यक्त करने का सशक्त माध्यम है | जब सरकार को यह पता चल जाता है कि उसके क़दमों या फैसलों पर निगरानी रखी जा रही है, तब सरकार और अधिक जिम्मेदारी से कार्य करती है |
परन्तु, कुछ देश की सरकारें ऐसी भी है, जो अपने नागरिकों को ये आवश्यक मानव अधिकार भी प्रदान नहीं करती है और अपने स्वयं के स्वार्थी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उनका दमन और शोषण करती रहती है |
भारत में अभिव्यक्ति की आजादी
भारतीय संविधान के अनुसार प्रत्येक नागरिक को अभिव्यक्ति की आजादी प्राप्त है | दूसरों के बारे में अपने
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता |
अभिव्यक्ति की आजादी मीडिया को उन सभी ख़बरों को छापने या साझा करने की शक्ति देती है, जो देश और दुनिया भर में चल रही है | मीडिया के इस सेवा से लोग जागरूक बनते हैं और देश-दुनिया की नवीनतम घटनाओं के जुड़ा हुआ महसूस करते हैं | भारतीय संविधान में स्वतंत्रता के अधिकार के तहत अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लेख किया गया है | स्वतंत्रता से बोलने तथा अपनी राय और विचारों को स्वतंत्र रूप से व्यक्त या आदान-प्रदान करने की आजादी दी गई है |
अभिव्यक्ति की ज़रुरत क्यों है ?
जबतक किसी भी देश की जनता को स्वतंत्र रूप से बोलने की आजादी नहीं मिलती, तबतक सम्बन्धित देश का आन्तरिक विकास सम्भव नहीं है | फिर तो ऐसी स्थिति में तानाशाही का परचम बुलंद होना स्वाभाविक सी बात है |
किसी भी राष्ट्र के नागरिकों के साथ-साथ राष्ट्र का विकास और प्रगति के लिए जरूरी है कि वहाँ पर अभिव्यक्ति की आजादी सबको हासिल हो | यदि अभिव्यक्ति की आजादी लोगों को नहीं मिलेगा, तो वे शासक के खिलाफ़ असंतोष से भर जाएंगे | असंतोष से भरे लोगों की वजह से कोई भी राष्ट्र सही दिशा में कभी आगे नहीं बढ़ सकता |
अभिव्यक्ति की आजादी का कमजोर कमजोर पक्ष
एक ओर जहाँ अभिव्यक्ति की आजादी किसी भी व्यक्ति को अपने व्यक्तिगत विचारों को साझा करने और समाज की भलाई के लिए अपना विशेष योगदान देने का मंच प्रदान करती है | तो वहीं दूसरी ओर इसके साथ कई कमज़ोर पक्ष भी जुड़े हुए हैं |
कई ऐसे लोग हैं, जो इस आजादी का दुरुपयोग भी करते हैं | वे गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए लोगों का समूह बनाते हैं | मीडिया अपने विचारों और राय को व्यक्त करने के लिए भी स्वतंत्र है | कभी-कभी मीडिया के द्वारा साझा की जाने वाली जानकारी आम जनता में साम्प्रदायिक दंगे को जन्म दे जाती है | अतीत में ऐसे साम्प्रदायिक दंगो का इतिहास मिलता है, जिसके कारण समाज की शांति और सद्भाव में बाधा उत्पन्न हुई है | सोशल मीडिया के अस्तित्व ने इस तरह की घटनाओं को और आगे बढ़ाया है | लोग एक-दूसरे की भावनाओं को चोट पहुँचाते हुए नफ़रतपूर्ण टिप्पणियां लिखते नहीं थकते | यह निश्चित रूप से इस आजादी का दुरुपयोग कहा जा सकता है |
अन्याय के खिलाफ़ आवाज
अत: हम इस निष्कर्ष पर पहुँच सकते हैं कि अभिव्यक्ति की आजादी लोगों को अपने विचारों को साझा करने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की शक्ति प्रदान करती है | दुनिया भर के कई देश अपने नागरिकों को उनके विचारों और सोच को साझा करने तथा उन्हें सशक्त बनाने के लिए अभिव्यक्ति की आजादी की अनुमति देते हैं | भारत में भी यह आजादी, स्वतंत्रता के अधिकार के तहत दिया गया है | अभिव्यक्ति की आजादी किसी भी किस्म के अन्याय के खिलाफ़ आवाज उठाने की शक्ति देती है…||
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