राख की रस्सी Rakh ki Rassi Class 5 Hindi Story राख की रस्सी पांचवी कक्षा कक्षा 5 हिंदी रिमझिम के लिए एनसीईआरटी समाधान राख की रस्सी के प्रश्न उत्तर राख की रस्सी पाठ का सारांश पाठ-01- राख की रस्सी rakh ki rassi chapter rakh ki rassi in hindi rakh ki rassi kathin shabd rakh ki rassi shabdarth rakh ki rassi ke kathin shabd rakh ki rassi class 5 hindi
राख की रस्सी Rakh ki Rassi Class 5 Hindi Story
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राख की रस्सी पाठ का सारांश
राख की रस्सी लोककथा में तिब्बत के बत्तीसवें राजा "सौनगवसैन गांपो" के मंत्री "लोनपो गार" और उनके बेटे का जिक्र किया गया है | इस लोककथा में लोनपो गार का अपने बेटे के भविष्य के प्रति चिंताओं को स्पष्ट रेखांकित किया गया है | लोनपो गार अपनी चालाकी और हाज़िरजवाबी के लिए मशहूर थे | लेकिन इसके विपरीत उनका बेटा सीधा-सादा और शान्त मिजाज़ का था | एक पिता के रूप में मंत्री की चिंताएं यह सोचकर बढ़ती जा रही थी कि आखिर उसके बेटे का क्या होगा ? वह होशियारी और चालाकी से भरी दुनिया में कैसे जी पाएगा | फलस्वरूप, वह अपने बेटे को समझदार और होशियार बनाने के लिए उसे तरह-तरह की जिम्मेदारी सौंपने लगा, ताकि बेटे को दुनियादारी का इल्म हो जाए |
लोनपो गार चाहते थे कि उनका बेटा भी उनकी तरह होशियार हो जाए | एक दिन उन्होंने अपने बेटे को सौ भेड़ें देकर शहर जाने को कहा | साथ में उन्होंने हिदायत दी कि वह इन्हें मारे या बेचे नहीं बल्कि इन्हें सौ जौ के बोरों के साथ वापस लाए |
राख की रस्सी |
मंत्री का बेटा सौ भेड़ें लेकर शहर की ओर रवानगी भर लिया | शहर पहुँचने के बाद वह बहुत चिंतित था क्योंकि उसके पास सौ बोरे जौ खरीदने के लिए रुपये नहीं थे | अचानक उसके सामने एक लड़की आकर खड़ी हो गई | जब लड़की ने उसकी चिंता का कारण पूछा तो उसने अपना हाल उससे कह डाला | लड़की बहुत होशियार प्रवृत्ति की थी | उसने भेड़ों के बाल उतारकर बाजार में बेच दिए और उससे मिले रुपयों से सौ बोरे जौ खरीद कर उसे वापस घर भेज दिया | बेटे को लगा कि पिताजी बहुत खुश होंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ |
दूसरे दिन लोनपो गार ने अपने बेटे को फिर शहर भेज दिया उन्हीं भेड़ों के साथ | इस बार उन्होंने बेटे से कहा कि भेड़ों के बाल उतारकर बेचना उन्हें पसंद नहीं आया | अतः वह दोबारा ऐसा काम नहीं करेगा | लेकिन भेड़ों के साथ सौ बोरे जौ अवश्य लाएगा | मंत्री का बेटा एक बार फिर निराश और चिंतित अवस्था में शहर पहुँचा | वह लड़की उसे फिर मिल गई | लड़की के पूछने पर उसने फिर अपनी समस्या उसे सुनाई | इस बार लड़की ने भेड़ों के सींग काटकर उन्हें बाजार में बेच दिया और उनसे मिले रुपयों से सौ बोरे जौ खरीदकर उसे घर वापस भेज दिया |
मंत्री के बेटे ने खुश होकर अपने पिता से सारी कहानी कह दिया | सुनकर लोनपो गार बोले, “उस लड़की से कहो कि हमें नौ हाथ लंबी राख की रस्सी बनाकर दे |” उनका बेटा लड़की के पास जाकर पिता का संदेश सुनाया | लड़की एक शर्त पर रस्सी बनाने को तैयार हो गई थी | शर्त था कि उसके पिता उस रस्सी को गले में पहनेंगे | लोनपो गार ने सोचा ऐसी रस्सी बनाना ही संभव नहीं है | इसलिए लड़की की शर्त स्वीकार कर ली |
अगले दिन लड़की ने नौ हाथ की रस्सी लेकर उसे पत्थर की सिल पर रखकर जला दिया | रस्सी के जलने के बाद उसी के आकार की राख बच गई | लड़की उसे सिल समेत लोनपो गार के पास ले गई और उसे पहनने को कहा | लोनपोगार राख की रस्सी देखकर दंग रह गए | लड़की की समझदारी और सूझबूझ से वे काफी प्रभावित हुए और उससे अपने बेटे की शादी करा दिए...||
राख की रस्सी के कठिन शब्द/ शब्दार्थ
• मशहूर - प्रसिद्ध
• हाज़िरजवाबी - तत्काल जवाब या उत्तर देने वाला व्यक्ति
• रवाना - चले जाना, प्रस्थान करना
• आपबीती - अपना या ख़ुद का अनुभव
• यकीन - विश्वास
• मुश्किल - कठिन
• मंज़ूर - स्वीकार
• सिल - चट्टान
राख की रस्सी कहानी का उद्देश्य/ शिक्षा
प्रस्तुत कहानी में तिब्बती राजा के मंत्री लोनपो गार का अपने बेटे के भविष्य के प्रति चिंताओं को स्पष्ट रेखांकित किया गया है | लोनपो गार अपनी चालाकी और हाज़िरजवाबी के लिए मशहूर थे | लेकिन इसके विपरीत उनका बेटा सीधा-सादा और शान्त मिजाज़ का था | एक पिता के रूप में मंत्री की चिंताएं यह सोचकर बढ़ती जा रही थी कि आखिर उसके बेटे का क्या होगा ? वह होशियारी और चालाकी से भरी दुनिया में कैसे जी पाएगा | फलस्वरूप, वह अपने बेटे को समझदार और होशियार बनाने के लिए उसे तरह-तरह की जिम्मेदारी सौंपने लगा, ताकि बेटे को दुनियादारी का इल्म हो जाए...||
राख की रस्सी के प्रश्न उत्तर rakh ki rassi class 5 hindi question answer
प्रश्न-1 तिब्बत के मंत्री अपने बेटे के भोलेपन से चिंतित रहते थे |
(क)- तुम्हारे विचार से वे किन-किन बातों के बारे में सोचकर परेशान होते थे ?
उत्तर- तिब्बत के मंत्री लोनपो गार का बेटा अत्यन्त भोला और सीधा-सादा था | वह होशियारी से बिल्कुल अनजान था | इसलिए मंत्री यह सोचकर परेशान रहते थे कि मेरे बाद इसका क्या होगा |
(ख)- तुम तिब्बत के मंत्री की जगह होती तो क्या उपाय करती ?
उत्तर- अगर मैं तिब्बत के मंत्री की जगह होती तो अपने बेटे को छोटी-बड़ी जिम्मेदारी सौंपकर उसे कुशलतापूर्वक करने के लिए प्रोत्साहित करती |
प्रश्न-2 “मंत्री ने अपने बेटे को शहर की तरफ़ रवाना किया |”
(क)- मंत्री ने अपने बेटे को शहर क्यों भेजा था ?
उत्तर- मंत्री अपने बेटे में कारोबार और दुनियादारी की समझ विकसित करना चाहते थे |साथ ही यह देखना चाहते थे कि उनका बेटा किस हद तक अपनी चतुराई का इस्तेमाल करके दी गई शर्तों पर खरा उतरता है |
(ख)- उसने अपने बेटे को भेड़ों के साथ शहर में ही क्यों भेजा ?
उत्तर- उसने अपने बेटे को भेड़ों के साथ शहर इसलिए भेजा ताकि वहाँ कि कार्यकुशलता, व्यापारिक दृष्टिकोण, संचार कौशल, चतुराई से काम करने की कला इत्यादि का उसके बेटे में समझ का विकास हो सके |
(ग)- तुम्हारे घर के बड़े लोग पहले कहाँ रहते थे ? घर में पता करो | आस-पड़ोस में भी किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में पता करो जो किसी दूसरी जगह जाकर बस गया हो उनसे बताचीत करो और जानने की कोशिश करो कि क्या वे अपने निर्णय से खुश हैं | क्यों ? एक पुरुष, एक महिला और एक बच्चे से बात करो|यह भी पूछो कि उन्होंने वह जगह क्यों छोड़ दी ?
उत्तर- मेरे पूर्वज अर्थात् मेरे घर के बड़े लोग पहले झारखंड राज्य के हजारीबाग जिले के एक बेला नामक गांव में रहते थे | वर्तमान में हमलोग छत्तीसगढ़ में निवासरत् हैं | मेरे पड़ोस में शर्मा अंकल और उनके दो बेटे-बहु और बच्चे रहते हैं, जो मूलत: राजस्थान से हैं | मैंने उनसे बात-चीत की तो मालूम चला रोज़गार की तलाश में यहाँ पहुंचे थे और धीरे-धीरे यहीं पर अपना सब कुछ कर लिए | वे अपने निर्णय से खुश हैं क्योंकि राजस्थान की अपेक्षा यहाँ उनका कारोबार ज्यादा फला-फूला |
प्रश्न-3 मंत्री ने बेटे से कहा, “पिछली बार भेड़ों के बाल उतार कर बेचना मुझे ज़रा भी पसंद नहीं आया |” क्या मंत्री को सचमुच यह बात पसंद नहीं आई थी ? अपने उत्तर का कारण भी बताओ |
उत्तर- मंत्री के द्वारा अपने बेटे को पहली बार दिया गया काम जब सफलतापूर्वक पूरा हो गया, तो उसे आंतरिक रूप से पसंद आया | परन्तु, जब उसे मालूम चला कि बेटे की सफलता के पीछे किसी लड़की का हाथ है, तो वह बेटे के काम को नापसंद कर दिया और पुन: दूसरा काम करने का हुक्म दिया |
प्रश्न-4 पहली बार में मंत्री के बेटे ने भेड़ों के बाल बेच दिए और दूसरी बार में भेड़ों के सींग बेच डाले | जिन लोगों ने ये चीज़ें खरीदी होंगी, उन्होंने भेड़ों के बालों और सींगों का क्या किया होगा ? अपनी कल्पना से बताओ |
उत्तर- भेड़ों के बालों से ऊन निकाला जाता है और सींगों से सजावट के चंद जरूरी सामान बनाए जाते हैं | जिन लोगों ने ये चीज़ें खरीदी होंगी, उन्होंने भी इसका यही इस्तेमाल किया होगा और जो लोग कारोबार के उद्देश्य से खरीदे होंगे वे ऊंचे दामो में कहीं और बेच दिए होंगे |
प्रश्न-5 लड़की को तुम ‘समझदार’ कहोगी या बुद्धिमान ? क्यों ?
उत्तर- लड़की को हम समझदार तथा बुद्धिमान दोनों कहेंगे | क्योंकि लड़की ने लड़के की सहायता करने से पहले समझदारी दिखाते हुए उसकी समस्या से अवगत हुई | तत्पश्चात् अपनी बुद्धिमानी का परिचय देते हुए संबंधित समस्या का बिलकुल उचित हल निकाला |
is kahani ke writer kon hai
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