कौन कविता कक्षा 4 कौन ? सोहन लाल द्विवेदी कौन कविता हिंदी में कौन कविता कक्षा 4 NCERT Solutions for Class 4 Hindi Chapter 8 कौन पाठ 8 हिंदी class 4th कौन ? Kaun Chapter 8 Class 4 Hindi with Question and Answers NCERT CBSE कौन कविता का अर्थ व्याख्या 1. किसने बटन हमारे कुतरे ? किसने स्याही को बिखराया ? कौन चट कर गया दुबक कर घर-भर में अनाज बिखराया ?
कौन कविता कक्षा 4
कौन ? सोहन लाल द्विवेदी कौन कविता हिंदी में कौन कविता कक्षा 4 NCERT Solutions for Class 4 Hindi Chapter 8 कौन पाठ 8 हिंदी class 4th कौन ? Kaun Chapter 8 Class 4 Hindi with Question and Answers NCERT CBSE
कौन कविता का अर्थ व्याख्या
1. किसने बटन हमारे कुतरे ?
किसने स्याही को बिखराया ?
कौन चट कर गया दुबक कर
घर-भर में अनाज बिखराया ?
दोना खाली रखा रह गया |
कौन ले गया उठा मिठाई ?
दो टुकड़े तसवीर हो गई
किसने रस्सी काट बहाई ?
व्याख्या - प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि 'सोहन लाल द्विवेदी' जी के द्वारा रचित कविता 'कौन ?' से ली गई हैं | इन पंक्तियों के माध्यम से कवि कहना चाहते हैं कि किसने हमारे बटन कुतर दिए हैं ? किसने स्याही को बिखराया है ? कौन अनाज खाकर पूरे घर में बिखरा दिया है ? तत्पश्चात्, कवि फिर पूछते हैं कि कौन दोने में से मिठाई उठा ले गया है ? किसने तस्वीर के दो टुकड़े कर दिए ? कौन रस्सी को काट दिया है ?
2. कभी कुतर जाता है चप्पल
कभी कुतर जूता है जातो,
अनजाने पैसा गिर जाता |
किसने जिल्द काट डाली है ?
बिखर गए पोथी के पन्ने |
रोज़ टाँगता धो-धोकर मैं
कौन उठा ले जाता छन्ने ?
व्याख्या - प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि 'सोहन लाल द्विवेदी' जी के द्वारा रचित कविता 'कौन ?' से ली गई हैं | इन पंक्तियों के माध्यम से कवि कहना चाहते हैं कि कभी वह चप्पल और जूता कुतर जाता है, कभी खलीता (कुर्ता) के पैकेट में ऐसा छेद करता है कि पैसे भी गिर जाया करते हैं | वह कभी किताबों के जिल्द (गत्ता या ऊपरी आवरण) काट डालता है, जिसके कारण पोथी (छोटी पुस्तक) के पन्ने बिखर जाते हैं | जिस छन्ने (महीन कपड़ा) को हरदिन मैं धो-धोकर टाँगता हूँ, उसे भी न जाने कौन उठा ले जाता है ?
3. कुतर-कुतर कर कागज़ सारे
रद्दी से घर को भर जाता |
कौन कबाड़ी है जो कूड़ा
दुनिया भर का घर भर जाता ?
कौन रात भर गड़बड़ करता ?
हमें नहीं देता है सोने,
खुर-खुर करता इधर-उधर है
ढूँढ़ा करता छिप-छिप कोने ?
व्याख्या - प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि 'सोहन लाल द्विवेदी' जी के द्वारा रचित कविता 'कौन ?' से ली गई हैं | इन पंक्तियों के माध्यम से कवि कहना चाहते हैं कि कभी-कभी सारे कागज़ को कुतर देता है और घर को रद्दी से भर देता है | वह कौन कबाड़ी वाला है, जो दुनिया भर के कूड़े से घर भर जाता है ? वह कौन है जो रात भर खुर-खुर की आवाज़ से हमें सोने नहीं देता ? कुछ इधर-उधर ढूँढ़ा करता है, फिर कोने में कहीं छिप जाता है |
4. रोज़ रात-भर जगता रहता
खुर-खुर इधर-उधर है धाता
बच्चों उसका नाम बताओ
कौन शरारत यह कर जाता ?
व्याख्या - प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि 'सोहन लाल द्विवेदी' जी के द्वारा रचित कविता 'कौन ?' से ली गई हैं | इन पंक्तियों के माध्यम से कवि कहना चाहते हैं कि वह रोज़ रात भर जागता रहता है | खुर-खुर की आवाज़ से इधर-उधर दौड़ता रहता है | तत्पश्चात्, कवि बच्चों को संबोधित करते हुए कहते हैं कि अब तुम उसका नाम बताओ | आखिर, कौन ये शरारत (दुष्टता) करता रहता है |
कौन कविता का सारांश
कौन ? पाठ या कविता, कवि सोहन लाल द्विवेदी जी के द्वारा रचित है | इस कविता में कवि ने एक जीव अर्थात् चूहे के बारे में बात कर रहे हैं, जिसकी विशेषता बताते हुए अंत में बच्चों से सवाल पूछ रहे हैं कि बताओ उसका नाम क्या है ? वह कौन है ? इस कविता के अनुसार, सबसे पहले कवि बच्चों से पूछते हैं कि किसने हमारे बटन कुतर दिए हैं ? किसने स्याही को बिखराया है ? कौन अनाज खाकर पूरे घर में बिखरा दिया है ? तत्पश्चात्, कवि फिर पूछते हैं कि कौन दोने में से मिठाई उठा ले गया है ? किसने तस्वीर के दो टुकड़े कर दिए ? कौन रस्सी को काट दिया है ?
आगे कवि कहते हैं कि कभी वह चप्पल और जूता कुतर जाता है, कभी खलीता (कुर्ता) के पैकेट में ऐसा छेद करता है कि पैसे भी गिर जाया करते हैं | वह कभी किताबों के जिल्द (गत्ता या ऊपरी आवरण) काट डालता है, जिसके कारण पोथी (छोटी पुस्तक) के पन्ने बिखर जाते हैं | जिस छन्ने (महीन कपड़ा) को हरदिन मैं धो-धोकर टाँगता हूँ, उसे भी न जाने कौन उठा ले जाता है ?
कभी-कभी सारे कागज़ को कुतर देता है और घर को रद्दी से भर देता है | वह कौन कबाड़ी वाला है, जो दुनिया भर के कूड़े से घर भर जाता है ? वह कौन है जो रात भर खुर-खुर की आवाज़ से हमें सोने नहीं देता ? कुछ इधर-उधर ढूँढ़ा करता है, फिर कोने में कहीं छिप जाता है |
आगे कवि कहते हैं कि वह रोज़ रात भर जागता रहता है | खुर-खुर की आवाज़ से इधर-उधर दौड़ता रहता है | तत्पश्चात्, कवि बच्चों को संबोधित करते हुए कहते हैं कि अब तुम उसका नाम बताओ | आखिर, कौन ये शरारत (दुष्टता) करता रहता है...?
कौन कविता के प्रश्न उत्तर
प्रश्न-1 किस तरह की चीजों का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ ?
उत्तर- प्रस्तुत कविता के अनुसार, अनाज, तस्वीर, चप्पल, जूता, किताब-कॉपी, खलीता (कुर्ता) का जेब कटने से पैसे गिर जाते थे आदि का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ |
प्रश्न-2 कविता में बहुत से नुकसान गिनाए गए हैं | तुम्हारे हिसाब से इनमें से कौन-सा नुकसान सबसे बड़ा है ? क्यों |
उत्तर- प्रस्तुत कविता में जितने भी नुकसान गिनाए गए हैं, उनमें मेरे हिसाब से पुस्तक-कॉपियों का नुकसान सबसे बड़ा है | क्योंकि पुस्तक ज्ञान का स्रोत होता है और एक ज्ञानी व्यक्ति हर जगह सम्मान पाता है | कहा भी गया है कि ज्ञान एक ऐसा हथियार है, जिसके दम पर पूरी दुनिया से अकेला लड़कर जीता जा सकता है |
प्रश्न-3 इस कविता में किसकी शैतानियों की बात कही गई है ? तुमने कैसे अनुमान लगाया ?
उत्तर- प्रस्तुत कविता में 'चूहा' नामक जीव की बात कही गई है | क्योंकि यही वह जीव है, जो लगभग हर घर में पाया जाता है और तरह-तरह की शरारत करता रहता है | कभी कागज कुतरता है, कभी हमारे कपड़े कुतर देता है, कभी घर में अनाज बिखरा देता है, तो कभी कुछ गिराकर तोड़ देता है | तत्पश्चात्, घर के किसी कोने में छिप जाता है |
प्रश्न-4 तुम्हारे घर से सामान ले जाकर कबाड़ी उसका क्या करते हैं ?
उत्तर- हमारे घर से सामान ले जाकर कबाड़ी उसको दूसरे बड़े कबाड़ियों या फैक्ट्रियों में बेच देते हैं, जहाँ कबाड़ को गलाकर फिर से नई और उपयोगी चीजें बनाई जाती हैं |
प्रश्न-5 कबाड़ी क्या-क्या सामान खरीदते हैं ?
उत्तर- सामन्यतः कबाड़ी घर के सारे पुराने चीजों को खरीद लेते हैं | खासकर के लोहा और प्लास्टिक की बनी हुई चीज़ों को ज्यादा प्राथमिकता देते हैं |
प्रश्न-6 अगर कबाड़ी तुम्हारे घर का कबाड़ न खरीदे तो क्या होगा ?
उत्तर- अगर कबाड़ी हमारे घर का कबाड़ न खरीदे तो घर में कबाड़ या पुराने फालतू समानों की मात्रा बढ़ जाएगी | इस प्रकार घर साफ-सुथरा नहीं दिखेगा |
कौन कविता का शब्दार्थ
• जिल्द - गत्ता या ऊपरी आवरण
• चट कर गया - खा गया
• दुबक कर - छिपकर
• तसवीर - चित्र
• खलीता - कुर्ता
• पोथी - किताब, पुस्तक
• रद्दी - बेकार चीजें, फालतू सामान
• गड़बड़ - गलत
• शरारत - शैतानी, बदमाशी, दुष्टता
• धाता - दौड़ता हुआ |
Class 4rt ke shabd arth hain
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