नाव बनाओ नाव बनाओ कक्षा 4 Naav Banao Naav Banao नाव बनाओ नाव बनाओ नाव बनाओ नाव बनाओ NAAV BANAO NAAV BANAO CLASS 4 HINDI नाव बनाओ नाव बनाओ Naav Banao Naav Banao Class 4 Hindi NCERT CBSE Class 4th नाव बनाओ नाव बनाओ पाठ 6 हिंदी full explanation with exercises नाव बनाओ नाव बनाओ प्रश्न और उत्तर Class 4 Hindi NCERT CBSE NCERT Solutions for Class 4 Hindi Chapter 6 नाव बनाओ नाव बनाओ NCERT Solutions for Class 4 Hindi Chapter 6 प्रश्न अभ्यास NCERT Solutions for Class 4 Hindi Nav Banao Nav Banao रिमझिम पाठ 6 नाव बनाओ नाव बनाओ NCERT Solutions for Class 4 Hindi Rimjhim for chapter 6 नाव बनाओ नाव बनाओ
नाव बनाओ नाव बनाओ कक्षा 4
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नाव बनाओ नाव बनाओ कविता का अर्थ व्याख्या
1. नाव बनाओ, नाव बनाओ |
भैया मेरे, जल्दी आओ ||
वह देखो, पानी आया है,
घिर-घर कर बादल छाया है,
सात समुंदर भर लाया है,
तुम रस का सागर भर लाओ |
भैया मेरे, जल्दी आओ ||
पानी सचमुच खूब पड़ेगा,
लंबी-चौड़ी गली भरेगा,
लाकर घर में नदी धरेगा.
ऐसे में तुम भी लहराओ |
भैया मेरे, जल्दी आओ ||
व्याख्या - प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि 'हरिकृष्णदास गुप्त' जी के द्वारा रचित कविता 'नाव बनाओ नाव बनाओ' से ली गई है | इन पंक्तियों के माध्यम से कवि कहना चाहते हैं कि बरसात के मौसम का आगमन हुआ है | धरती पर बारिश होने वाली है | एक बच्चा अपने भैया से नाव बनाने को कह रहा है | आगे बच्चा कहता है कि आकाश में बादल छाए गए हैं | मानो सात समुंदर का पानी वो भरकर लाए हैं | वह अपने भैया से रस का सागर भर कर लाने को कहता है | अर्थात् ऊबाऊ मन को त्यागकर पानी की बूँदों के साथ मस्ती करने का मन | आगे वह बच्चा उत्साहित मन से कहता है कि पानी सचमुच खूब पड़ेगा | ऐसा लगता है मानों सड़क, घर सबकुछ पानी से भर जाएगा | एक नदी सा दृश्य दिखाई देने लगेगा | फिर वह अपने भैया से कहता है कि तुम भी जल्दी से नाव बनाओ और चलो हम मिलकर अपने नाव को लहराते हैं |
2. गुल्लक भारी, अपनी खोलो,
हल्की मेरी, नहीं टटोलो,
पैसे नए-नए ही रोलो,
फिर बाज़ार लपक तुम लाओ |
भैया मेरे, जल्दी आओ ||
ले आओ कागज़ चमकीला,
लाल-हरा या नीला-पीला,
रंग-बिरंगा खूब रंगीला,
कैंची, चुटकी, हाथ चलाओ |
भैया मेरे, जल्दी आओ ||
व्याख्या - प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि 'हरिकृष्णदास गुप्त' जी के द्वारा रचित कविता 'नाव बनाओ नाव बनाओ' से ली गई है | इन पंक्तियों के माध्यम से कवि कहना चाहते हैं कि आगे वह बालक अपने भैया से कहता है कि तुम अपने गुल्लक से पैसे निकालकर बाजार से नाव बनाने के लिए रंग-बिरंगा कागज ले आओ | जल्दी से कैंची चलाओ और नाव बनाओ | ताकि हम भी इस बरसात का आनन्द ले पाएँ |
3. छप-छप कर कूड़े से अड़ती,
बूंदों-लहरों लड़ती-बढ़ती,
सब की आँखों चढ़ती-गढ़ती
नाव तैरा मुझको हर्षाओ |
भैया मेरे, जल्दी आओ ||
क्या कहते? मेरे क्या बस का ?
क्यों? तब फिर यह किसके बस का ?
खोट सभी है बस आलस का,
आलस छोड़ो सब कर पाओ |
भैया मेरे, जल्दी आओ ||
नाव बनाओ नाव बनाओ |
नाव बनाओ नाव बनाओ summary सारांश
नाव बनाओ नाव बनाओ पाठ या कविता में कवि 'हरिकृष्णदास गुप्त' जी के द्वारा बरसात के मौसम का चित्रण किया गया है | पानी की बूँदे जब आसमान से धरती पर पड़ती हैं, तो बच्चों के अंदर जो हर्षोल्लास का भाव जागता है, उसे भी बहुत रोचकता के साथ चित्रण किया गया है | इस कविता के अनुसार, बरसात के मौसम का आगमन हुआ है | धरती पर बारिश होने वाली है | एक बच्चा अपने भैया से नाव बनाने को कह रहा है | आगे बच्चा कहता है कि आकाश में बादल छाए गए हैं | मानो सात समुंदर का पानी वो भरकर लाए हैं | वह अपने भैया से रस का सागर भर कर लाने को कहता है | अर्थात् ऊबाऊ मन को त्यागकर पानी की बूँदों के साथ मस्ती करने का मन |
आगे वह बच्चा उत्साहित मन से कहता है कि पानी सचमुच खूब पड़ेगा | ऐसा लगता है मानों सड़क, घर सबकुछ पानी से भर जाएगा | एक नदी सा दृश्य दिखाई देने लगेगा | फिर वह अपने भैया से कहता है कि तुम भी जल्दी से नाव बनाओ और चलो हम मिलकर अपने नाव को लहराते हैं |
आगे वह बालक अपने भैया से कहता है कि तुम अपने गुल्लक से पैसे निकालकर बाजार से नाव बनाने के लिए रंग-बिरंगा कागज ले आओ | जल्दी से कैंची चलाओ और नाव बनाओ | ताकि हम भी इस बरसात का आनन्द ले पाएँ |
बच्चा आगे अपने भैया से कहता है कि मेरे लिए ऐसा नाव बना दो जो छप-छप कर कूड़े से अड़ती हुई, बारिश की बूंदों और पानी की लहरों से लड़ती हुई निरन्तर आगे बढ़ती जाती है | जो सबको पसंद आए | जल्दी से ऐसा नाव तैराकर मुझे खुश कर दो | भैया मेरे जल्दी से आओ |
लेकिन प्रस्तुत कविता के अनुसार भैया को बारिश और नाव में कोई रुचि नहीं है | वह अपने छोटे भाई से बोल पड़ता है कि यह सब मेरे बस का नहीं है | फिर भी बालक अपने भैया से आलस छोड़कर जल्दी आने का अनुरोध कर रहा है...||
नाव बनाओ नाव बनाओ कविता का उद्देश्य
नाव बनाओ नाव बनाओ कविता के अनुसार आलस एक प्रकार का रोग है | ये हमसे आनन्दित होकर जीवन जीने का पल छीन लेता है | अत: हमें आलस से दूर रहना चाहिए | ताकि हम अपनी इच्छानुसार सफलता हासिल कर सकें |
नाव बनाओ नाव बनाओ प्रश्न उत्तर
प्रश्न-1 क्या कहते ? मेरे क्या बस का ?
(क) भैया ने क्या बहाना किया ? क्यों ?
उत्तर- प्रस्तुत कविता के अनुसार भैया ने बहाना किया कि वह नाव बनाना नहीं जानता है | ये काम उसके बस का नहीं है | क्योंकि वह (भैया) आलसी था |
प्रश्न-2 बूंदों-लहरों लड़ती-बढ़ती
(ख) कौन बूंदों और लहरों से लड़ते हुए आगे बढ़ रही है ?
उत्तर- प्रस्तुत कविता के अनुसार रंग-बिरंगे कागजों से बनी नाव बूंदों और लहरों से लड़ते हुए आगे बढ़ रही है |
प्रश्न-3 गुल्लक भारी, अपनी खोलो |
(ग) किसकी गुल्लक भारी है ? किसकी गुल्लक हल्की है ?
उत्तर- प्रस्तुत कविता के अनुसार भैया की गुल्लक भारी है और बालक (कवि) की गुल्लक हल्की है |
प्रश्न-4 पानी सचमुच खूब पड़ेगा |
सचमुच का इस्तेमाल करते हुए तुम भी दो वाक्य बनाओ |
उत्तर- वाक्य निम्नलिखित हैं -
• राधा सचमुच अच्छी नाचती है |
• मैं सचमुच तुम्हारा भला चाहता हूँ |
प्रश्न-5 घिर-घर कर बादल छाया है,
सात समुंदर भर लाया है |
(क) पता करो, सात समुद्र कौन-कौन से होंगे जिनसे बादल पानी भरकर लाया है |
उत्तर- सात समुद्र का नाम यह है - प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर, आर्कटिक महासागर, दक्षिणी ध्रुव महासागर, उत्तरी ध्रुव महासागर, अरब सागर |
प्रश्न-6 बारिश के मौसम में गलियों और सड़कों पर भी पानी भर जाता है | तुम्हारे मोहल्ले और घर के आस-पास बारिश आने पर क्या-क्या होता है ? बताओ |
उत्तर- स्वाभाविक रूप से जब बारिश का मौसम आता है, तब हमारे घर के आस-पास पानी का भर जाना निश्चित होता है | कच्ची सड़कों पर गड्ढे बन जाते हैं | कभी-कभी हमारी गाड़ियाँ सड़कों पर फंस जाती हैं | घर से बाहर निकलने में भी परेशानी होती है |
नाव बनाओ नाव बनाओ कविता शब्दार्थ
• आलस - काम करने में अनुत्साह
• धरेगा - रखेगा
• गुल्लक - मिट्टी का बना गोलनुमा एक पात्र,जिसमें पैसे जमा किए जाते हैं
• टटोलो - खोजो
• रोलो - लुढ़काओ
• लपक - झटके, कदम
• हर्षाओ - प्रसन्न कर दो
• खोट - दोष |
wow!..appreciating article sir..
जवाब देंहटाएंLogicalfact
आपका धन्यवाद कैसे करू समझ में नहीं आ रहा sir..
जवाब देंहटाएंबहुत search करने के बाद जाके आपका वेबसाइट मिला जहाँ अच्छे से सब शब्दार्थ समाझ में आ गया. भगवान आपको खूब तरक्की दें.
Thank you so much
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