हमसे सब कहते कविता Hamse sab kahte हमसे सब कहते कविता हमसे सब कहते कविता का सारांश हमसे सब कहते कविता हमसे सब कहते कविता के प्रश्न उत्तर humse sab kehte prashn uttar हमसे सब कहते हैं कविता Hamse sab kahte poem Hamse sab kahte kavita Hamse sab kahte class 3 हम से सब कहते class 3 humse sab kahte class 3 CBSE cbse class 3 hindi question answer हमसे सब कहते hamse sab kehte question answers rimjhim 3 hindi NCERT Rimjhim 3 class 3 hindi cbse ncert hindi class 3 chapter 6 cbse class 3 hindi chapter 6 Hamse Sab Kehte हमसे सब कहते कविता का अर्थ व्याख्या
हमसे सब कहते कविता
Hamse sab kahte हमसे सब कहते कविता हमसे सब कहते कविता का सारांश हमसे सब कहते कविता हमसे सब कहते कविता के प्रश्न उत्तर humse sab kehte prashn uttar हमसे सब कहते हैं कविता Hamse sab kahte poem Hamse sab kahte kavita Hamse sab kahte class 3 हम से सब कहते class 3 humse sab kahte class 3 CBSE cbse class 3 hindi question answer हमसे सब कहते hamse sab kehte question answers rimjhim 3 hindi NCERT Rimjhim 3 class 3 hindi cbse ncert hindi class 3 chapter 6 cbse class 3 hindi chapter 6 Hamse Sab Kehte
हमसे सब कहते कविता का अर्थ व्याख्या
नहीं सूर्य से कहता कोई
धुप यहां पर पर मत फैलाओ,
कोई नहीं चाँद से कहता
उठा चांदनी को ले जाओ।
कोई नहीं हवा से कहता
खबरदार जो अंदर आई,
बादल से कहता कब कोई
क्यों जलधार जहां बरसाई?
व्याख्या - प्रस्तुत पंक्तियों में एक बच्चा अपनी शिकायतों का वर्णन करता हुआ कहता है कि कोई भी सूर्य से नहीं कहता है कि तुम यहाँ पर अपनी रोशनी मत फैलाओ। चंद्रमा से भी कोई नहीं कहता है कि तुम अपनी बिखेरी हुई चाँदनी को लेकर जाओ। इसी प्रकार हवा को भी कोई घर के अन्दर आने से नहीं रोकता है। बादल से भी कभी नहीं कहा गया है कि तुमने इतनी तेज़ बारिश क्यों की।
वीडियो के रूप में देखें -
फिर क्यों हमसे भैया कहते
यहाँ न आओ , भागो जाओ
अम्मा कहती है, घर-भर में
खेल-खिलौने मत फैलाओ।
पापा कहते बाहर खेलो,
खबरदार जो अंदर आए,
हम पर ही सबका बस चलता
जो चाहे वह डाँट बताए।
व्याख्या - कवि कहता है कि बच्चा अपनी शिकायतों को विस्तार से कहता है कि यदि सारे प्राकृतिक उपमानों को रोका नहीं जाता है तो फिर हमें क्यों रोका जाता है। बड़े भैया कहते हैं कि उनके पास न जाएँ ,वहां से भागे। अम्मा कहती है कि घर भर में खिलौने न फैलाएं। पापा घर के अन्दर खेलने से रोकते हैं और बाहर जाकर खेलने को कहते हैं। बच्चा शिकायत करता हुआ कहता है कि सभी लोगों का मेरे ऊपर ही बस चलता है। जो चाहे हमको डांट लें।
हमसे सब कहते कविता के प्रश्न उत्तर
नया शीर्षक
प्र. अगर तुम्हें इस कविता का नाम बदलने को कहें, तो तुम इसे क्या नाम दोगे?
उ. यदि मुझे इस कविता का शीर्षक बदलने को कहा जाए तो मैं इसका नाम बच्चे का मन रखूँगा।
करो - मत करो
प्र. पाठशाला में और घर में तुम्हें क्या-क्या करने के लिए कहा जाता है और क्या-क्या करने के लिए मना किया जाता है। नीचे वाली तालिका में लिखो।
उ. मन लगा कर पढाई करो। - ज्यादा देर तक टी वी मत देखो।
अपना कमरा साफ़ रखो। - कमरे में खिलौने न फैलाओ।
टॉमी कुत्ते को टहलाने ले जाओ। - ज्यादा शोरगुल मत करो।
जरा सोचो
प्र. सूरज चाँद की रोशनी को भगा देता है।
बादल सूरज की रोशनी को भगा देता है।
हवा बादल को भगा देती है। बताओ, कौन किससे ज़्यादा ताकतवर है?
उ. इनमें से कोई ज्यादा ताकतवर नहीं है। सबकी अपनी अपनी जगह है। यदि इनमें से कोई अपना काम करना बंद कर दे तो धरती पर हाहाकार मच जाएगा। इस प्रकार सभी को छोटा बड़ा छोड़कर अपना काम करना चाहिए।
तुम्हारी बात
अम्मा, पापा, भैया, दीदी सभी बड़ों का बच्चों पर बस चलता है।
प्र.तुम्हारा किस-किस पर बस चलता है?
उ. मेरा ,मेरी छोटी बहन पर बस चलता है क्योंकि वह मेरा कहना मानती है।
प्र. तुम्हारे घर में तुम्हें कौन-कौन टोकता रहता है?
उ. मुझे घर में बड़े भैय्या बहुत ज्यादा टोकते हैं।
प्र. किन-किन बातों पर तुम्हें अक्सर टोका जाता है ?
उ. मुझे घर में टी बी देखने व ज्यादा शोरगुल करने पर टोका जाता है।
हमसे सब कहते कविता के कठिन शब्द शब्दार्थ
सूर्य - सूरज
खबरदार - सावधान
जलधार - खूब तेज़ बारिश
बस - जोर
चाँदनी - चंद्रमा की किरणें
I have learned this poem
जवाब देंहटाएं