मन करता है कविता CBSE Class 3 Hindi Chapter 4 मन करता है कविता मन करता है कविता मन करता है कविता का भावार्थ मन करता है कविता का सारांश मन करता है कविता कक्षा 3 मन करता है कविता का अर्थ मन करता है सूरज बनकर कविता man karta hai class 3 man karta hai class 3rd hindi man karta hai class 3 kavita man karta hai poem in hindi class 3 मन करता है NCERT OFFICIAL Class 3 Man karta hai question answer cbse class 3 hindi question answer मन करता है कविता CBSE Class 3 Hindi Chapter 4 मन करता है कविता का अर्थ भावार्थ
मन करता है कविता
मन करता है कविता CBSE Class 3 Hindi Chapter 4 मन करता है कविता मन करता है कविता मन करता है कविता का भावार्थ मन करता है कविता का सारांश मन करता है कविता कक्षा 3 मन करता है कविता का अर्थ मन करता है सूरज बनकर कविता man karta hai class 3 man karta hai class 3rd hindi man karta hai class 3 kavita man karta hai poem in hindi class 3 मन करता है NCERT OFFICIAL Class 3 Man karta hai question answer cbse class 3 hindi question answer मन करता है कविता CBSE Class 3 Hindi Chapter 4
मन करता है कविता का अर्थ भावार्थ
मन करता है सूरज बनकर
आसमान में दौड़ लगाऊँ।
मन करता है चंदा बनकर
सब तारों पर अकड़ दिखाऊँ।
मन करता है बाबा बनकर
घर में सब पर धैंस जमाऊँ।
मन करता है पापा बनकर
मैं भी अपनी मूँछ बढ़ाऊँ।
मन करता है तितली बनकर
दूर-दूर उड़ता जाऊँ।
मन करता है कोयल बनकर
मीठे-मीठे बोल सुनाऊँ।
व्याख्या - प्रस्तुत पंक्तियों में कवि सुरेन्द्र विक्रम ने एक बच्चे की भावनाओं का वर्णन किया है। बच्चे का मन बहुत चंचल है। अतः वह सूरज बनना चाहता है। जिससे वह आसमान में दौड़ लगा सके अर्थात सारे ब्रह्माण्ड की सैर करना चाहता है। वह चंद्रमा बनना चाहता है ताकि वह सभी तारों पर अकड़ दिखा सके। घर पर भी बच्चे का मन बहुत कल्पनीय है। वह घर पर बाबा बनना चाहता है ताकि वह पूरे परिवार पर धौंस जमा सके। वह पापा की तरह बड़ी बड़ी मूंछे बढ़ाना चाहता है। वह तितलियों की तरह दूर दूर उड़ना चाहता है। वह कोयल बनकर सभी को मीठी मीठी बोली सुनाना चाहता है।
मन करता है चिड़िया बनकर
चीं-चीं चूँ-चूँ शोर मचाऊँ।
मन करता है चर्खी लेकर
पीली-लाल पतंग उड़ाऊँ।
व्याख्या - बच्चे का मन बहुत कल्पनीय है। वह चिड़िया बन कर ची - ची शोर मचाना चाहता है। वह पतंग भी उड़ाना चाहता है। इसीलिए वह चरखी लेकर लाल- पीली पतंग उड़ाना चाहता है। इस प्रकार बहुत सारी कल्पनाओं को लेकर वह अपने सपनो को पूरा करना चाहता है।
मन करता है कविता के प्रश्न उत्तर
तुम्हारी बात -
प्र. तुम पर कौन-कौन धौंस जमाता है? क्यों?
उ. घर में - मुझे पापा धौंस जमाते हैं ,जब मैं उनकी बात नहीं मानता हूँ।
स्कूल में - मेरी कक्षा का मॉनिटर मुझे पर धौंस जमाता है ,जब मैं कक्षा में शोर मचाता हूँ।
चीं-चीं चूँ-चूँ शोर मचाऊँ
तुम्हारा मन कब-कब चिड़िया बन जाने को करता है?
उ. जब मैं चिड़ियों को आसमान में बड़े आराम से उड़ते देखता हूँ कि वे एक स्थान से दूसरे स्थान पर आ जा रही हैं तो मैं भी उनकी तरह बनना चाहता हूँ।
प्र.कौन किस पर अकड़ जमाता होगा?
उ. आसमान - बाज अकड़ दिखाता है।
खेल - कप्तान अकड़ दिखाता है।
जंगल - जंगल का राजा शेर अपनी अकड़ दिखाता है।
नदी - नदी में मगरमच्छ अकड़ दिखाता है।
घर - बड़े भाई/बहन अपनी अकड़ जमाता है।
पता करो
प्र. तुम्हारे घर और स्कूल में किसका क्या करने का मन करता है? लिखो और अपनी सूची अपने साथियों से मिलाकर देखो।
उ. नाम - मन करता है।
कमला - घूमने का
रमेश - अच्छी अच्छी पुस्तकें पढने का मन करता है।
राजेश - हमेशा क्रिकेट खेलने का मन करता है।
सुमन - अच्छे अच्छे व्यंजन बनाने का मन करता है।
सोचो और बताओ
प्र.सूरज आसमान में दौड़ क्यों लगाता होगा?
उ. सूरज ,आसमान में इसीलिए दौड़ लगाता है ताकि वह सारे ब्रह्माण्ड को अपना प्रकाश दे सके।
प्र.चिड़ियाँ शोर क्यों मचाती होंगी?
उ. चिड़िया आपस में हम मनुष्यों की तरह बात करती है। इसीलिए वे शोर मचाती हुई बातचीत करती है।
प्र.चंदा तारों पर क्यों अकड़ता होगा?
उ. चंदा तारों पर इसीलिए अकड़ दिखाता है क्योंकि वह सभी से बड़ा और सुन्दर दिखता है।
प्र.दादा घर में कैसे धौंस जमाते होंगे ?
उ. दादा जी घर में सबसे बुजुर्ग हैं और उनके पास जीवन का अनुभव है। इसीलिए वे परिवार में धौंस जमाते होंगे।
शोर -
प्र. एक मिनट के लिए आँखें बंद करके बिल्कुल चुपचाप बैठ जाओ। ध्यान से आसपास की आवाज़ें सुनो।
अब आँखें खोलो। क्या याद है, तुमने किस-किसकी आवाज़ सुनी थी? नीचे उनके नाम लिखो।
उ. जब मैंने आँखें खोली तो पंखे की आवाज ,मेरे कुत्ते टॉमी की आवाज ,बड़ी दीदी फोन पर बात कर रही थी।
प्र. इनमें से कौन-कौन बहुत शोर मचा रहे थे ?
उ. सबसे ज्यादा मेरे कुत्ता टॉमी शोर मचा रहा था क्योंकि उसे खिड़की से एक बिल्ली दिखाई पड़ी थी।
मन करता है कविता के कठिन शब्द / शब्दार्थ
अकड़ - रोब
धौंस - डांटना
चर्खी - पतंग उड़ाने के लिए धागा रखने का सामान
बाबा - दादा जी
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