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बहुत हुआ कविता Class 2 Hindi NCERT
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बहुत हुआ कविता का अर्थ व्याख्या
बादल भइया
बहुत हुआ!
कीचड़-कीचड़
पानी पानी।
याद सभी को
आई नानी
सारा घर
दिन रात चुआ
व्याख्या - बहुत हुआ कविता में बरसात के बारे में बताया गया है। कविता में बताया गया है कि इतनी ज्यादा बरसात हो गयी है। लोग परेशान हो गए हैं। हर जगह कीचड और पानी भर गया है। घर की छत फूटी होने के कारण ,वह सारी रात चुई।
जाएँ कहाँ
कहाँ पर खेलें?
घर में फंसे
बोरियत झेलें
ज्यों पिंजरे में
मौन सुआ
सूरज दादा
धूप खिलाएँ
ताल नदी
सड़कों से जाएँ
तुम भी भैया
करो दुआ!
व्याख्या - बच्चे बहुत परेशान हो गए हैं। वे सोच रहे हैं कि अब वे कहाँ खेलने जायेंगे। बरसात के कारण बच्चे घर में खेलने के लिए मजबूर हो गए हैं। वे बहुत ही बोरियत महसूस कर रहे हैं। उनकी स्थिति पिंजरे में रहने वाले तोते जैसी हो गयी है। वे सूरज को दादा कहते हुए धूप निकालने की प्रार्थना करते हैं। धूप निकलने से मौसम अच्छा हो जाएगा व सड़कों पर जो कीचड़ जमा है। वह हट जाएगा। बच्चे सभी एक दूसरे से सूरज से प्रार्थना करने के लिए कहते हैं।
बहुत हुआ कविता के प्रश्न उत्तर
बरसात
प्र.बारिश कहने पर तुम्हारे मन में कौन-कौन-से शब्द आते हैं? सोचो और लिखो।
उ. बारिश कहने पर मेरे मन में कागज़ की नाव ,छाता ,गली में कीचड़ ,भीगे कपड़े और सूरज न निकालना शब्द आदि याद आते हैं।
प्र. जब बहुत बारिश होने लगती है तब तुम कहाँ खेलती हो? कौन-कौन-से खेल खेलती हो?
उ. जब बारिश बहुत होने लगती हैं ,तो मैं घर पर ही खेलती हूँ। घर पर मैं छोटे भाई बहनों के साथ लुड़ों ,शतरंज ,कैरम ,लुकाछिपी आदि खेल खेलते हैं।
प्र. खूब तेज़ बारिश होगी तो तुम्हारे घर के आस-पास कैसा दिखाई देगा?
उ. यदि बारिश बहुत तेज़ होती हैं ,तो मेरे घर के आस - पास कीचड़ जम जाता है। खेतों ,तालाबों और कुओं में पानी लबालब भर जाता है।
प्र. बारिश में कितना पानी बरसता है? वह सब पानी कहाँ-कहाँ जाता होगा?
उ. बरसात के मौसम में कुछ ज्यादा पानी बरसात है। बरसात का पानी यदि जल संरक्षण की व्यवस्था नहीं हैं तो वह नालों ,तालाबों या नदियों में बहकर चला जाता है।
प्र. ये सब बारिश से बचने के लिए क्या करेंगे? बताओ।
उ. लोग - बरसात से बचने के लिए अपनी घरों में चले जाते हैं।
कबूतर - कबूतर अपने घोसलों या खिड़की के पास बैठे रहते हैं।
केचुआ - केचुआ ,बारिश से बचने के लिए जमीन के अन्दर घुस जाता है।
कुत्ता - कुत्ता पेड़ों के नीचे या मालिक के घर के अन्दर रहकर बरसात से बचता है।
मछली - मछली पानी के अन्दर ही रहती हैं। अतः उसके ऊपर बरसात का कोई फर्क नहीं पड़ता है।
मोर - मोर को बारिश में मजा आता है। यदि ज्यादा बारिश हो तो वह पेड़ों के झुरमुट में छिप जाता है।
बहुत हुआ
प्र.बड़े लोग ऐसा कब कहते हैं -
उ. बहुत हुआ, अब चुपचाप बैठो! -
जब हम घर में ज्यादा शोर गुल करते हैं।
जब हम घर में ज्यादा शोर गुल करते हैं।
बहुत हुआ, अब अंदर चलो! -
जब ज्यादा देर तक घर के बाहर खेलते हैं।
बहुत हुआ, अब सो जाओ! -
जब हम ज्यादा देर तक दादी माँ से कहानी सुनते रहते हैं।
बहुत हुआ, अब टी०वी० बंद करो ! -
जब हम देर रात तक टी.बी देखते रहते हैं।
कविता से
प्र.कविता में ऐसा क्यों कहा गया होगा? तेज बारिश होने पर सड़कें नदी बन जाती हैं।
उ. तेज़ बारिश होने से सड़कों का कटाव तेज़ गति से होता है। सड़कें में गड्ढे हो जाते हैं। पानी निष्कासन की व्यवस्था न होने से सड़कें नदी बन जाती है।
प्र. सब ओर कीचड़ होने पर नानी याद आती है।
उ. यदि घर व सड़कों पर चारों तरफ कीचड़ हो तो लोग बहुत परेशान हो जाते हैं। वे बहुत परेशानी की की स्थिति में अपनी नानी को याद करते हैं।
बहुत हुआ कविता के शब्दार्थ
चुआ - छत से पानी टपकना
दादा - बड़े भैया
बोरियत - ऊब
पिंजरे - पक्षियों को कैद करने की जगह
ताल - छोटा तालाब
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