वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रामन CBSE Class 9 Hindi Sparsh

SHARE:

वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रामन CBSE Class 9 Hindi Sparsh Vaigyanik Chetna ke Vaahak explanation Chandrasekhara Venkata Raman vaigyanik

Vaigyanik Chetna ke vahak – Chandrashekhar Venkat Raman


वैज्ञानिक चेतना के वाहक Class 9 Vegyanic Chetna Ke Vahak CV Raman वैज्ञानिक चेतना के वाहक स्पर्श कक्षा 9 व्याख्या Vaigyanik Chetna ke Vaahak explanation Chandrasekhara Venkata Raman vaigyanik chetna ke vahak class 9 hindi vaigyanik chetna ke vahak chandrashekhar venkat raman vaigyanik chetna ke vahak question answer वैज्ञानिक चेतना के वाहक summary वैज्ञानिक चेतना के वाहक वैज्ञानिक चेतना के वाहक प्रश्न उत्तर vaigyanik chetna ke vahak chandrashekhar baithak raman vaigyanik chetna ke vahak chandrashekhar venkat raman ncert solutions वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रमन cbse ncert class 9 hindi Vaigyanik Chetana Ke Vahak CV Raman  Class 9  Complete Summary Explanation vaigyanik chetna ke vahak class 9 CBSE Class 9 hindi chapter चंद्रशेखर वेंकट रामन by धीरंजन मालवे वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रामन  class 9 cbse hindi sparsh Full question answers of chapter vaigyanik chetana के vahak cv Raman for class 9 NCERT 

वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रामन पाठ का सारांश 

प्रस्तुत पाठ वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रामन लेखक धीरंजन मालवे जी के द्वारा लिखित है | इस पाठ के माध्यम से नोबेल पुरस्कार विजेता प्रथम भारतीय वैज्ञानिक के संघर्षमय जीवन को चित्रित किया गया है | श्री चंद्रशेखर 11 वर्ष की उम्र में मैट्रिक, विशेष योग्यता के साथ इंटरमीडिएट, भौतिकी और अंग्रेज़ी में स्वर्ण पदक के साथ बी.ए. और प्रथम श्रेणी में एम.ए. करने के पश्चात् महज 18 वर्ष की उम्र में कोलकाता में भारत सरकार के फाइंनेस डिपार्टमेंट में सहायक जनरल एकाउटेंट नियुक्त कर लिए गए थे | श्री चंद्रशेखर की प्रतिभा से इनके अध्यापक तक अभिभूत थे | एक मेधावी छात्र से एक महान वैज्ञानिक बनने तक की रामन् की संघर्षमय जीवन यात्रा और उनकी उपलब्धियों की जानकारी यह पाठ बख़ूबी कराता है | 

प्रस्तुत पाठ के अनुसार, आगे लेखक कहते हैं कि सन् 1921 की बात है, एक बार जब श्री चंद्रशेखर समुद्री यात्रा पर थे | तब श्री चंद्रशेखर को जहाज के डेक पर खड़े होकर नीले समुद्र को देखना, प्रकृति को प्यार भरी नजरों से देखना अच्छा लगता था | उनके अंदर एक मज़बूत जिज्ञासा थी | आगे लेखक कहते हैं कि यही जिज्ञासा के कारण उनके मन में प्रश्न उठा कि ‘आखिर समुद्र का रंग नीला ही क्यों होता है ? कुछ और क्यों नहीं ?' श्री चंद्रशेखर उक्त सवाल का जवाब ढूँढ़ने में लग गए | तत्पश्चात्, अपने मन में उठे सवाल का जवाब ढूँढ़ते ही वे पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो गए | 

वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रामन CBSE Class 9 Hindi Sparsh
चंद्रशेखर वेंकट रामन

आगे प्रस्तुत पाठ के अनुसार, श्री चंद्रशेखर का जन्म 7 नवंबर सन् 1888 को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली नगर में हुआ था | लेखक कहते हैं कि रामन् मस्तिष्क विज्ञान के रहस्यों को सुलझाने के लिए बचपन से ही बेचैन रहता था | श्री चंद्रशेखर के पिता चंद्रशेखर को बचपन से ही गणित और फ़िज़िक्स पढ़ाते थे | लेखक कहते हैं कि श्री चंद्रशेखर अपने कॉलेज के समय से ही अनुसंधान के कार्यों में दिलचस्पी लेते थे | श्री चंद्रशेखर की इच्छा तो थी कि वे अपना सारा जीवन अनुसंधान के कामों को ही समर्पित कर दें, लेकिन उन दिनों अनुसंधान के कार्य को पूरे समय के कैरियर के रूप तेज़ बुद्धि वाले में अपनाने की कोई खास व्यवस्था नहीं थी | तत्पश्चात्, श्री चंद्रशेखर भारत सरकार के आय-व्यय से संबंधित विभाग में अफ़सर बन गए | 


आगे लेखक कहते हैं कि श्री चंद्रशेखर ने नौकरी करते हुए भी अपने स्वभाव के अनुकूल अनुसंधान कार्यों में रूचि लेते रहे | लेखक कहते हैं कि ‘इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ़ साइंस’ की प्रयोगशाला अपने आपमें एक अनूठी संस्था थी, जिसे कलकत्ता के एक डॉक्टर  महेंद्रलाल सरकार ने वर्षों की कठिन परिश्रम और लगन के बाद खड़ा किया था | इस संस्था का उद्देश्य देश में वैज्ञानिक चेतना का विकास करना था | श्री चंद्रशेखर इस प्रयोगशाला से भी जुड़े रहे | लेखक कहते हैं कि उन्हीं दिनों कलकत्ता विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पद निकले हुए थे | मुखर्जी महोदय ने श्री चंद्रशेखर के समक्ष प्रस्ताव रखा कि वे सरकारी नौकरी छोड़कर कलकत्ता विश्वविद्यालय में प्रोफेसर का पद स्वीकार कर लें | श्री चंद्रशेखर के लिए यह एक कठिन निर्णय था,  क्योंकि लेखक के अनुसार, उस ज़माने के हिसाब से वे एक अत्यंत प्रतिष्ठित सरकारी पद पर थे, जिसके साथ मोटी तनख़्वाह और अनेक सुविधाएँ जुड़ी हुई थीं | आगे प्रस्तुत पाठ के अनुसार, श्री चंद्रशेखर ने साहसिक कदम उठाते हुए सरकारी नौकरी की सुख-सुविधाओं को छोड़ सन् 1917 में कलकत्ता विश्वविद्यालय की नौकरी में आ गए | 

आगे प्रस्तुत पाठ के अनुसार, लेखक कहते हैं कि श्री चंद्रशेखर की खोज की वजह से पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक संरचना का अध्ययन सहज आसान हो गया | इससे पहले उक्त काम के लिए अवरक्त स्पेक्ट्रम विज्ञान का सहारा लिया जाता था | श्री चंद्रशेखर की खोज व तकनीक एकवर्णीय प्रकाश के वर्ण में परिवर्तन के आधार पर, पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की संरचना की सटीक सही-सही जानकारी देती है | रामन् प्रभाव की खोज ने श्री रामन् को विश्व के सबसे प्रसिद्ध वैज्ञानिकों की पंक्ति में प्रतिष्ठा के साथ खड़ा कर दिया है | परिणामस्वरूप, श्री चंद्रशेखर को सन् 1954 में देश के सबसे बड़े व सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' से भी सम्मानित किया गया...|| 


धीरंजन मालवे का जीवन परिचय

प्रस्तुत पाठ के लेखक धीरंजन मालवे जी हैं | इनका जन्म बिहार के नालंदा जिले के डुँवरावाँ गाँव में 9 मार्च 1952 को हुआ था | मालवे जी एम.एस.सी.(सांख्यिकी), एम.बी.ए और एल.एल.बी हैं | आकाशवाणी और दूरदर्शन से जुड़े मालवे जी आज भी वैज्ञानिक जानकारी को लोगों तक पहुंचाने के काम में लगे हैं | आकाशवाणी और बी.बी.सी. (लंदन) में कार्य करने के दौरान मालवे रेडियो विज्ञान पत्रिका 'ज्ञान-विज्ञान' का संपादन और प्रसारण करते रहे | इनकी भाषा शैली सरल और वैज्ञानिक शब्दावली लिए हुए है | लेखक मालवे जी ने कई भरतीय वैज्ञानिकों की संक्षिप्त जीवनियाँ भी लिखी हैं, जो इनकी पुस्तक ‘विश्व-विख्यात भारतीय वैज्ञानिक’ पुस्तक में समाहित की गई हैं...|| 



वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रामन पाठ के प्रश्न उत्तर 


प्रश्न-1 रामन् भावुक प्रकृति प्रेमी के अलावा और क्या थे ? 

उत्तर- 
प्रस्तुत पाठ के अनुसार, रामन् भावुक प्रकृति प्रेमी के अलावा एक उत्तम वैज्ञानिक होने की जिज्ञासा से भरे थे | 

प्रश्न-2 समुद्र को देखकर रामन् के मन में कौन-सी दो जिज्ञासाएँ उठीं ? 

उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, समुद्र को देखकर रामन् के मन में दो जिज्ञासाएँ उठीं कि समुद्र के पानी का रंग नीला ही क्यों होता है ? कोई और क्यों नहीं होता है ? 

प्रश्न-3 सरकारी नौकरी छोड़ने के पीछे रामन् की क्या भावना थी ? 

उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, सरकारी नौकरी छोड़ने के पीछे रामन् की भावना यह थी कि वे अध्ययन अध्यापन और शोध कार्यों में अपना पूरा समय लगा सके | 

प्रश्न-4 रामन् की खोज ने किन अध्ययनों को सहज बनाया ? 

उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, रामन् की खोज ने पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं के बारे में अध्ययनों व खोज को सहज बनाया | 

प्रश्न-5 वाद्ययंत्रों पर की गई खोजों से रामन् ने कौन-सी भ्रांति तोड़ने की कोशिश की ? 

उत्तर- 
प्रस्तुत पाठ के अनुसार, वाद्ययंत्रों पर की गई खोजों से रामन् ने इस भ्रांति को तोड़ने की कोशिश कि 
भारतीय वाद्ययंत्र विदेशी वाद्ययंत्रों की तुलना में घटिया हैं | 

प्रश्न-6 रामन् के लिए नौकरी संबंधी कौन-सा निर्णय कठिन था ? 

उत्तरप्रस्तुत पाठ के अनुसार, रामन् भारत सरकार के वित्त विभाग में अफ़सर थे | एक रोज शिक्षा शास्त्री सर आशुतोष मुखर्जी ने रामन् से नौकरी छोड़कर कलकत्ता विश्वविद्यालय में प्रोफेसर का पद लेने के लिए आग्रह किए | यही निर्णय लेना रामन् के लिए अत्यंत कठिन था | सरकारी नौकरी की बहुत अच्छी तनख़्वाह, अनेक सुविधाएँ छोड़कर कम वेतन और कम सुविधाओं वाली नौकरी का फैसला ले पाना रामन् के लिए बेहद कठिन था | 

प्रश्न-7 सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् को समय-समय पर किन-किन पुरस्कारों से सम्मानित किया गया ? 

उत्तर- 
प्रस्तुत पाठ के अनुसार, सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् को समय-समय पर अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया --- 

• सन् 1924 में 'रॉयल सोसायटी' की सदस्यता प्रदान की गई | 

• 1929 में उन्हें 'सर' की उपाधि से नवाजा गया | 

• 1930 में विश्व का सर्वोच्च पुरस्कार 'नोबल पुरस्कार' से सम्मानित किया गया | 

• फ़िलोडेल्फ़िया इंस्टीट्यूट का 'फ्रेंकलिन पदक' मिला | रॉयल सोसायटी का ह्यूज पदक प्रदान किया गया | 

• सोवियत संघ का अंतर्राष्ट्रीय 'लेनिऩ पुरस्कार मिला | 

• सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् को सन् 1954 में देश का सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' से नवाजा किया गया | 


प्रश्न-8 रामन् के प्रारंभिक शोधकार्य को आधुनिक हठयोग क्यों कहा गया है ? 

उत्तर- 
प्रस्तुत पाठ के अनुसार, रामन् सरकारी नौकरी भी करते थे, जिस कारण उनके पास समय का अभाव रहता था | परन्तु फिर भी रामन् विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी फुर्सत पाते ही 'बहू बाज़ार' चले जाते | वहाँ 'इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस' की प्रयोगशाला में काम करते | इस प्रयोगशाला में साधनों का अभाव था, किन्तु रामन् काम चलाऊ उपकरणों से भी शोध कार्य जारी रखते | ऐसे में रामन् अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के बलबूते पर अपना शोधकार्य करना जारी रखा | इसलिए रामन् के प्रारंभिक शोधकार्य को आधुनिक हठयोग कहा गया है | 

प्रश्न-9 रामन् की खोज 'रामन् प्रभाव' क्या है ? स्पष्ट कीजिए | 

उत्तर- 
प्रस्तुत पाठ के अनुसार, जब एक वर्णीय प्रकाश की किरण किसी तरल या ठोस रवेदार पदार्थ से निकलती है तो उसके वर्ण में परिवर्तन आ जाता है | एक वर्णीय प्रकाश की किरण के फोटॉन जब तरल ठोस रवे से टकराते हैं तो उर्जा का कुछ अंश खो देते हैं या पा लेते हैं दोनों स्थितियों में रंग में बदलाव आ जाता है | इसी को रामन् की खोज 'रामन् प्रभाव' कहा गया है | 

प्रश्न-10 'रामन् प्रभाव' की खोज से विज्ञान के क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य संभव हो सके ? 

उत्तर- 
प्रस्तुत पाठ के अनुसार, 'रामन् प्रभाव' की खोज से विज्ञान के क्षेत्र में अनेक कार्य संभव हो सके हैं --- 

• रामन् की खोज के बाद पदार्थों की आणविक और परमाणविक संरचना के अध्ययन के लिए रामन् स्पेक्ट्रोस्कोपी का सहारा लिया जाने लगा है | 

• विभिन्न पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक संरचना का अध्ययन सहज व आसान हो गया | 

• पदार्थों का संश्लेषण प्रयोगशाला में करना तथा अनेक उपयोगी पदार्थों का कृत्रिम रूप में निर्माण संभव हो गया है | 

• रामन् की तकनीक एकवर्णीय प्रकाश के वर्ण में परिवर्तन के आधार पर पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की संरचना की सटीक जानकारी देने लगी है | 

प्रश्न-11 देश को वैज्ञानिक दृष्टि और चिंतन प्रदान करने में सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डालिए | 

उत्तर- वास्तव में, सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् ने देश को वैज्ञानिक दृष्टि और चिंतन प्रदान करने में अपना अत्यधिक महत्वपूर्ण योगदान दिया है | उन्होंने वैज्ञानिक कार्यों के लिए सरकारी नौकरी व सुख-सुविधाओं तक को भी त्याग दिया और सम्पूर्ण जीवन देश हित में वैज्ञानिक दृष्टि और चिंतन प्रदान करने में समर्पित कर दिया | बंगलोर में शोध संस्थान की स्थापना की, इसे रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट के नाम से जाना जाता है | भौतिक शास्त्र में अनुसंधान के लिए इंडियन जनरल ऑफ फिजिक्स नामक शोध पत्रिका आरंभ की, करेंट साइंस नामक पत्रिका भी शुरू की, प्रकृति में छिपे रहस्यों का पता लगाया | उन्होंने रामन् प्रभाव की खोज कर नोबल पुरस्कार हासिल किया | 

---------------------------------------------------------

प्रश्न-12 उपयुक्त शब्द का चयन करते हुए रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए --- 

इंफ्रा रेड स्पेक्ट्रोस्कोपी, इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ़ साइंस, फिलॉसॉफिकल मैगज़ीन, भौतिकी, रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट

1. रामन् का पहला शोध पत्र ............ में प्रकाशित   हुआ था | 
2. रामन् की खोज ............... के क्षेत्र में एक   क्रांति के समान थी | 
3. कलकत्ता की मामूली-सी प्रयोगशाला का  नाम ................. था | 
4. रामन् द्वारा स्थापित शोध संस्थान ........... नाम  से जानी जाती है | 
5. पहले पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक संरचना का अध्ययन करने के लिए..... का सहारा लिया जाता था | 

उत्तर- 
रिक्त स्थानों की पूर्ति - 
1. रामन् का पहला शोध पत्र फिलॉसॉफिकल मैगज़ीन में प्रकाशित हुआ था | 
2. रामन् की खोज भौतिकी के क्षेत्र में एक क्रांति के  समान थी | 
3. कलकत्ता की मामूली-सी प्रयोगशाला का नाम इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ़ साइंस था | 
4. रामन् द्वारा स्थापित शोध संस्थान रामन् रिसर्च  इंस्टीट्यूट  नाम से जानी जाती है | 
5. पहले पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की  आंतरिक संरचना का अध्ययन करने के लिए  इंफ्रा रेड स्पेक्ट्रोस्कोपी का सहारा लिया जाता  था | 

---------------------------------------------------------

भाषा अध्ययन
प्रश्न-13 नीचे कुछ समानदर्शी शब्द दिए जा रहे हैं जिनका अपने वाक्य में इस प्रकार प्रयोग करें कि उनके अर्थ का अंतर स्पष्ट हो सके | 

(क)- प्रमाण..........................
(ख)- प्रणाम.........................
(ग)- धारणा..........................
(घ)- धारण.........................
(ङ)- पूर्ववर्ती.........................
(च)- परवर्ती..........................
(छ)- परिवर्तन.........................
(ज)- प्रवर्तन.........................

उत्तर- 
समानदर्शी शब्द - 

(क)- प्रमाण - इस बात का प्रमाण दो | 
(ख)- प्रणाम - प्रणाम चाचा जी | 
(ग)- धारणा - वर्षों पुरानी यह एक कुधारणा है | 
घ)- धारण - यह वस्त्र धारण कर लो | 
(ङ)- पूर्ववर्ती - अत्यधिक किले पूर्ववर्ती राजाओं ने बनवाए हैं | 
(च)- परवर्ती - अब परवर्ती पीढ़ियाँ ही देश की रक्षा  में सहायक सिद्ध होंगी | 
(छ)- परिवर्तन - परिवर्तन ही समय का मांग है | 
(ज)- प्रवर्तन - हमें प्रवर्तन कार्यालय में कुछ काम करवाना है | 

प्रश्न-14 रेखांकित शब्द के विलोम शब्द का प्रयोग करते हुए रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए --- 

(क) मोहन के पिता मन से सशक्त होते हुए भी तन से .............. हैं | 
(ख) अस्पताल के अस्थायी कर्मचारियों को.......... रूप से नौकरी दे दी गई है | 
(ग) रामन् ने अनेक ठोस रवों और ................... पदार्थों पर प्रकाश की किरण के प्रभाव का अध्ययन किया | 
(घ) आज बाज़ार में देशी और ....................... दोनों प्रकार के खिलौने उपलब्ध हैं | 
(ङ) सागर की लहरों का आकर्षण उसके विनाशकारी रुप को देखने के बाद ...........में परिवर्तित हो जाता है | 

उत्तर-  विलोम शब्द का प्रयोग - 
(क) मोहन के पिता मन से सशक्त होते हुए भी तन   से अशक्त  हैं | 
(ख) अस्पताल के अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी  रूप से नौकरी दे दी गई है | 
(ग) रामन् ने अनेक ठोस रवों और तरल पदार्थों पर प्रकाश की किरण के प्रभाव का अध्ययन  किया | 
(घ) आज बाज़ार में देशी और विदेशी दोनों प्रकार  के खिलौने उपलब्ध हैं | 
(ङ) सागर की लहरों का आकर्षण उसके विनाशकारी रुप को देखने के बाद विकर्षण में  परिवर्तित हो जाता है | 

प्रश्न-15 नीचे दिए उदाहरण में रेखांकित अंश में शब्द-युग्म का प्रयोग हुआ है --- 

उदाहरण : चाऊतान को गाने-बजाने में आनंद आता है | 

उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित शब्द-युग्मों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए --- 

सुख-सुविधा .............................
अच्छा-खासा .............................
प्रचार-प्रसार ............................
आस-पास ............................

उत्तर- शब्द-युग्म का प्रयोग - 
• सुख-सुविधा --- वह अत्यंत सुख-सुविधा में रहने  का आदि है | 

• अच्छा-खासा ---  मैं उस समय अच्छा-खासा कमाई कर लिया था | 

• प्रचार-प्रसार --- प्रचार-प्रसार से ही किसी भी वस्तु जानकारी लोगों तक पहुँचती है | 

• आस-पास --- हमें अपने आस-पास की जानकारी  रखना चाहिए | 


प्रश्न-16 पाठ के आधार पर मिलान कीजिए --- 

नीला             कामचलाऊ
पिता             रव
तैनाती           भारतीय वाद्ययंत्र
उपकरण        वैज्ञानिक रहस्य
घटिया           समुद्र
फोटॉन          नींव
भेदन            कलकत्ता

उत्तर- पाठ के आधार पर मिलान - 

• नीला --- समुद्र
• पिता --- नींव
• तैनाती --- कलकत्ता
• उपकरण --- कामचलाऊ
• घटिया --- भारतीय वाद्ययंत्र
• फोटॉन --- रव
• भेदन --- वैज्ञानिक 

---------------------------------------------------------



वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रामन पाठ के शब्दार्थ 


• ऊर्जा - शक्ति
• फोटॉन - प्रकाश का अंश
• नील वर्णीय - नीले रंग का
• ठोस रवे - बिल्लौर 
• एकवर्णीय - एक रंग का
• समृद्ध - उन्नतशील 
• भ्रांति - संदेह
• आभा - चमक
• जिज्ञासा - जानने के इच्छा
• हासिल - प्राप्त
• अयिशयोक्ति - किसी बात को बढ़ा-चढ़ा कर कहना 
• रूझान - झुकाव
• असंख्य - अनगिनत
• उपकरण - साधन
• सृजित - रचा हुआ
• समक्ष - सामने 
• अध्यापन - पढ़ाना
• परिणति - परिणाम  | 




COMMENTS

Leave a Reply
नाम

अंग्रेज़ी हिन्दी शब्दकोश,3,अकबर इलाहाबादी,11,अकबर बीरबल के किस्से,62,अज्ञेय,37,अटल बिहारी वाजपेयी,1,अदम गोंडवी,3,अनंतमूर्ति,3,अनौपचारिक पत्र,16,अन्तोन चेख़व,2,अमीर खुसरो,7,अमृत राय,1,अमृतलाल नागर,1,अमृता प्रीतम,5,अयोध्यासिंह उपाध्याय "हरिऔध",7,अली सरदार जाफ़री,3,अष्टछाप,4,असगर वज़ाहत,11,आनंदमठ,4,आरती,11,आर्थिक लेख,8,आषाढ़ का एक दिन,22,इक़बाल,2,इब्ने इंशा,27,इस्मत चुगताई,3,उपेन्द्रनाथ अश्क,1,उर्दू साहित्‍य,179,उर्दू हिंदी शब्दकोश,1,उषा प्रियंवदा,5,एकांकी संचय,7,औपचारिक पत्र,32,कक्षा 10 हिन्दी स्पर्श भाग 2,17,कबीर के दोहे,19,कबीर के पद,1,कबीरदास,19,कमलेश्वर,7,कविता,1474,कहानी लेखन हिंदी,17,कहानी सुनो,2,काका हाथरसी,4,कामायनी,6,काव्य मंजरी,11,काव्यशास्त्र,38,काशीनाथ सिंह,1,कुंज वीथि,12,कुँवर नारायण,1,कुबेरनाथ राय,2,कुर्रतुल-ऐन-हैदर,1,कृष्णा सोबती,2,केदारनाथ अग्रवाल,4,केशवदास,6,कैफ़ी आज़मी,4,क्षेत्रपाल शर्मा,52,खलील जिब्रान,3,ग़ज़ल,139,गजानन माधव "मुक्तिबोध",15,गीतांजलि,1,गोदान,7,गोपाल सिंह नेपाली,1,गोपालदास नीरज,10,गोरख पाण्डेय,3,गोरा,2,घनानंद,3,चन्द्रधर शर्मा गुलेरी,6,चमरासुर उपन्यास,7,चाणक्य नीति,5,चित्र शृंखला,1,चुटकुले जोक्स,15,छायावाद,6,जगदीश्वर चतुर्वेदी,17,जयशंकर प्रसाद,35,जातक कथाएँ,10,जीवन परिचय,76,ज़ेन कहानियाँ,2,जैनेन्द्र कुमार,6,जोश मलीहाबादी,2,ज़ौक़,4,तुलसीदास,28,तेलानीराम के किस्से,7,त्रिलोचन,4,दाग़ देहलवी,5,दादी माँ की कहानियाँ,1,दुष्यंत कुमार,7,देव,1,देवी नागरानी,23,धर्मवीर भारती,10,नज़ीर अकबराबादी,3,नव कहानी,2,नवगीत,1,नागार्जुन,25,नाटक,1,निराला,39,निर्मल वर्मा,4,निर्मला,42,नेत्रा देशपाण्डेय,3,पंचतंत्र की कहानियां,42,पत्र लेखन,202,परशुराम की प्रतीक्षा,3,पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र',4,पाण्डेय बेचन शर्मा,1,पुस्तक समीक्षा,139,प्रयोजनमूलक हिंदी,38,प्रेमचंद,47,प्रेमचंद की कहानियाँ,91,प्रेरक कहानी,16,फणीश्वर नाथ रेणु,4,फ़िराक़ गोरखपुरी,9,फ़ैज़ अहमद फ़ैज़,24,बच्चों की कहानियां,88,बदीउज़्ज़माँ,1,बहादुर शाह ज़फ़र,6,बाल कहानियाँ,14,बाल दिवस,3,बालकृष्ण शर्मा 'नवीन',1,बिहारी,8,बैताल पचीसी,2,बोधिसत्व,9,भक्ति साहित्य,143,भगवतीचरण वर्मा,7,भवानीप्रसाद मिश्र,3,भारतीय कहानियाँ,61,भारतीय व्यंग्य चित्रकार,7,भारतीय शिक्षा का इतिहास,3,भारतेन्दु हरिश्चन्द्र,10,भाषा विज्ञान,17,भीष्म साहनी,8,भैरव प्रसाद गुप्त,2,मंगल ज्ञानानुभाव,22,मजरूह सुल्तानपुरी,1,मधुशाला,7,मनोज सिंह,16,मन्नू भंडारी,10,मलिक मुहम्मद जायसी,9,महादेवी वर्मा,20,महावीरप्रसाद द्विवेदी,3,महीप सिंह,1,महेंद्र भटनागर,73,माखनलाल चतुर्वेदी,3,मिर्ज़ा गालिब,39,मीर तक़ी 'मीर',20,मीरा बाई के पद,22,मुल्ला नसरुद्दीन,6,मुहावरे,4,मैथिलीशरण गुप्त,14,मैला आँचल,8,मोहन राकेश,15,यशपाल,15,रंगराज अयंगर,43,रघुवीर सहाय,6,रणजीत कुमार,29,रवीन्द्रनाथ ठाकुर,22,रसखान,11,रांगेय राघव,2,राजकमल चौधरी,1,राजनीतिक लेख,21,राजभाषा हिंदी,66,राजिन्दर सिंह बेदी,1,राजीव कुमार थेपड़ा,4,रामचंद्र शुक्ल,3,रामधारी सिंह दिनकर,25,रामप्रसाद 'बिस्मिल',1,रामविलास शर्मा,9,राही मासूम रजा,8,राहुल सांकृत्यायन,2,रीतिकाल,3,रैदास,4,लघु कथा,124,लोकगीत,1,वरदान,11,विचार मंथन,60,विज्ञान,1,विदेशी कहानियाँ,34,विद्यापति,8,विविध जानकारी,1,विष्णु प्रभाकर,1,वृंदावनलाल वर्मा,1,वैज्ञानिक लेख,8,शमशेर बहादुर सिंह,6,शमोएल अहमद,5,शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय,1,शरद जोशी,3,शिक्षाशास्त्र,6,शिवमंगल सिंह सुमन,6,शुभकामना,1,शेख चिल्ली की कहानी,1,शैक्षणिक लेख,57,शैलेश मटियानी,2,श्यामसुन्दर दास,1,श्रीकांत वर्मा,1,श्रीलाल शुक्ल,4,संयुक्त राष्ट्र संघ,1,संस्मरण,33,सआदत हसन मंटो,10,सतरंगी बातें,33,सन्देश,44,समसामयिक हिंदी लेख,269,समीक्षा,1,सर्वेश्वरदयाल सक्सेना,19,सारा आकाश,20,साहित्य सागर,22,साहित्यिक लेख,86,साहिर लुधियानवी,5,सिंह और सियार,1,सुदर्शन,3,सुदामा पाण्डेय "धूमिल",10,सुभद्राकुमारी चौहान,7,सुमित्रानंदन पन्त,23,सूरदास,16,सूरदास के पद,21,स्त्री विमर्श,11,हजारी प्रसाद द्विवेदी,4,हरिवंशराय बच्चन,28,हरिशंकर परसाई,24,हिंदी कथाकार,12,हिंदी निबंध,431,हिंदी लेख,531,हिंदी व्यंग्य लेख,14,हिंदी समाचार,182,हिंदीकुंज सहयोग,1,हिन्दी,7,हिन्दी टूल,4,हिन्दी आलोचक,7,हिन्दी कहानी,32,हिन्दी गद्यकार,4,हिन्दी दिवस,91,हिन्दी वर्णमाला,3,हिन्दी व्याकरण,45,हिन्दी संख्याएँ,1,हिन्दी साहित्य,9,हिन्दी साहित्य का इतिहास,21,हिन्दीकुंज विडियो,11,aapka-banti-mannu-bhandari,6,aaroh bhag 2,14,astrology,1,Attaullah Khan,2,baccho ke liye hindi kavita,70,Beauty Tips Hindi,3,bhasha-vigyan,1,chitra-varnan-hindi,3,Class 10 Hindi Kritika कृतिका Bhag 2,5,Class 11 Hindi Antral NCERT Solution,3,Class 9 Hindi Kshitij क्षितिज भाग 1,17,Class 9 Hindi Sparsh,15,English Grammar in Hindi,3,formal-letter-in-hindi-format,143,Godan by Premchand,11,hindi ebooks,5,Hindi Ekanki,20,hindi essay,423,hindi grammar,52,Hindi Sahitya Ka Itihas,105,hindi stories,679,hindi-bal-ram-katha,12,hindi-gadya-sahitya,8,hindi-kavita-ki-vyakhya,19,hindi-notes-university-exams,66,ICSE Hindi Gadya Sankalan,11,icse-bhasha-sanchay-8-solutions,18,informal-letter-in-hindi-format,59,jyotish-astrology,22,kavyagat-visheshta,25,Kshitij Bhag 2,10,lok-sabha-in-hindi,18,love-letter-hindi,3,mb,72,motivational books,11,naya raasta icse,9,NCERT Class 10 Hindi Sanchayan संचयन Bhag 2,3,NCERT Class 11 Hindi Aroh आरोह भाग-1,20,ncert class 6 hindi vasant bhag 1,14,NCERT Class 9 Hindi Kritika कृतिका Bhag 1,5,NCERT Hindi Rimjhim Class 2,13,NCERT Rimjhim Class 4,14,ncert rimjhim class 5,19,NCERT Solutions Class 7 Hindi Durva,12,NCERT Solutions Class 8 Hindi Durva,17,NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan वितान भाग 1,3,NCERT Solutions for class 12 Humanities Hindi Antral Bhag 2,4,NCERT Solutions Hindi Class 11 Antra Bhag 1,19,NCERT Vasant Bhag 3 For Class 8,12,NCERT/CBSE Class 9 Hindi book Sanchayan,6,Nootan Gunjan Hindi Pathmala Class 8,18,Notifications,5,nutan-gunjan-hindi-pathmala-6-solutions,17,nutan-gunjan-hindi-pathmala-7-solutions,18,political-science-notes-hindi,1,question paper,19,quizzes,8,raag-darbari-shrilal-shukla,7,Rimjhim Class 3,14,samvad-lekhan-in-hindi,6,Sankshipt Budhcharit,5,Shayari In Hindi,16,skandagupta-natak-jaishankar-prasad,6,sponsored news,10,suraj-ka-satvan-ghoda-dharmveer-bharti,4,Syllabus,7,top-classic-hindi-stories,51,UP Board Class 10 Hindi,4,Vasant Bhag - 2 Textbook In Hindi For Class - 7,11,vitaan-hindi-pathmala-8-solutions,16,VITAN BHAG-2,5,vocabulary,19,
ltr
item
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika: वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रामन CBSE Class 9 Hindi Sparsh
वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रामन CBSE Class 9 Hindi Sparsh
वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रामन CBSE Class 9 Hindi Sparsh Vaigyanik Chetna ke Vaahak explanation Chandrasekhara Venkata Raman vaigyanik
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiNPQa87vbbAzQ_eZGXk0VotG2mPo72LG7_uHbi_1642aURQUd4mfnLGfrW36WYMq0vLUFufo2xgXTGn_4ddUFL6WlSIgDcPc2dqSDKn3QHOnDxkGfaeBOyB2oW3sxUumYN5Dx1cLu8GZwd/s320/Sir_CV_Raman.JPG
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiNPQa87vbbAzQ_eZGXk0VotG2mPo72LG7_uHbi_1642aURQUd4mfnLGfrW36WYMq0vLUFufo2xgXTGn_4ddUFL6WlSIgDcPc2dqSDKn3QHOnDxkGfaeBOyB2oW3sxUumYN5Dx1cLu8GZwd/s72-c/Sir_CV_Raman.JPG
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika
https://www.hindikunj.com/2020/12/vaigyanik-chetna-ke-vahak-chandrashekhar-venkat-raman.html
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/2020/12/vaigyanik-chetna-ke-vahak-chandrashekhar-venkat-raman.html
true
6755820785026826471
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका