रहीम के दोहे अर्थ सहित Rahim Ke Dohe Class 9 Sparsh

SHARE:

रहीम के दोहे अर्थ सहित Rahim Ke Dohe Class 9 Sparsh summary explanation question answers ncert solutions Hindi रहीम का जीवन परिचय प्रश्न उत्तर शब्द

रहीम के दोहे 


Rahim ke dohe class 9 sparsh rahim ke dohe class 9 sparsh explanation class 9 hindi sparsh rahim ke dohe explanation class 9 hindi sparsh rahim ke dohe explanation rahim ke dohe class 9 sparsh solutions NCERT Hindi Rahim ke Dohe Sparsh Hindi CBSE Rahim Dohey Class 9 Sparsh Rahim ka Dohey Explanation ncert class 9 hindi रहीम के दोहे अर्थ सहित रहीम के दोहे कक्षा 9 कक्षा 9 Hindi Course b रहीम के दोहे Sparsh hindi NCERT rahim ke dohe in hindi class 9 rahim ke dohe class 9 rahim ke dohe class 9 explanation rahim ke dohe class 9 question answers rahim ke dohe class 9 ncert explanation rahim ke dohe class 9 summary in hindi rahim ke dohe class 9 ncert solutions rahim ke dohe class 9 summary rahim ke dohe class 9 poem class 9 sparsh 



रहीम के दोहे कक्षा 9 का अर्थ व्याख्या 


रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय॥

भावार्थ - प्रस्तुत 'दोहे' कवि 'रहीम' जी के द्वारा रचित है | इसमें कवि कहते हैं कि प्रेम का रिश्ता बहुत ही नाजुक होता है, जो कच्चे धागे से बंधा होता है | इस धागे को कभी भी बीच से नहीं तोड़ना चाहिए, एक बार अगर प्रेम का बंधन टूट गया तो जुड़ नहीं पाता और अगर उसे कोशिश करके जोड़ भी दिया जाये तो उस रिश्ते में गांठ पड़ जाती है। वह बंधन मज़बूत नहीं होता है। 

(2) रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय।
सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहै कोय॥

भावार्थ - 
प्रस्तुत 'दोहे' कवि 'रहीम' जी के द्वारा रचित है | इसमें कवि कहते हैं कि अपने मन के दर्द को अपने मन में ही छुपा कर रख लेना चाहिए। दूसरों को नहीं बताना चाहिए क्योंकि कोई भी आपका दुख बाँटने नहीं आएगा बल्कि आपके दर्द का मजाक बना कर आपके ऊपर हँसा जाएगा। लोग आपको नीचा दिखाने की कोशिश करेंगे और दर्द में कोई साथ नहीं देगा। 

रहीम के दोहे अर्थ सहित Rahim Ke Dohe Class 9 Sparsh

(3) 
एकै साधे सब सधै, सब साधे सब जाय।
रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय॥

भावार्थ - 
प्रस्तुत दोहे कवि रहीम जी के द्वारा रचित है | इसमें कवि कहते हैं कि हमें एक समय में एक ही काम करना चाहिए | एक काम के पूरा कर लेने से बाकी सारे काम अपने आप ही पूरे हो जाते हैं। एक समय में कई काम करने से हाथ कुछ नहीं आता और सभी काम अधूरे रह जाते हैं। कवि कहते हैं कि जिस प्रकार एक पौधे में फूल और फल तभी लगते हैं, जब उस पेड़ के जड़ में पर्याप्त मात्रा में पानी दिया जाता है। जब जड़ को पर्याप्त पानी मिल जाता है तभी उसमें फूल और फल लगता है | 

(4) चित्रकूट में रमि रहे, रहिमन अवध-नरेस।
जा पर बिपदा पड़त है, सो आवत यह देस॥

भावार्थ - प्रस्तुत 'दोहे' कवि 'रहीम' जी के द्वारा रचित है | इसमें कवि कहते हैं कि जब अवध नरेश श्री राम जी चित्रकूट के घने जंगलों में रहने गए, तो उनके ऊपर संकट आया था। उनको वनवास मिला था, तभी वो इतने घने जंगल में रह रहे थे। क्योंकि ऐसे स्थानों पर वही लोग आ सकते हैं, जिनको संकट का सामना करना पड़ता है | 

(5) दीरघ दोहा अरथ के, आखर थोरे आहिं।
ज्यों रहीम नट कुंडली, सिमिटि कूदि चढ़ि जाहिं॥

भावार्थ - 
प्रस्तुत 'दोहे' कवि 'रहीम' जी के द्वारा रचित है | इसमें कवि कहते हैं कि दोहे में शब्द भले कम हो लेकिन उनके अर्थ बहुत गहरे और कम शब्दों में पूरी बात कह देते हैं। ठीक उसी प्रकार जैसे कोई नट खेल के दौरान अपने बड़े शरीर को समेट कर कुंडली मार लेने के बाद छोटा लगने लगता है। दोहे के कम शब्दों में ही बहुत सारा ज्ञान भरा होता है। उनके अर्थ प्रभावशाली होते हैं। 

(6) - धनि रहीम जल पंक को लघु जिय पियत अघाय।
उदधि बड़ाई कौन है, जगत पिआसो जाय॥

भावार्थ - 
प्रस्तुत 'दोहे' कवि 'रहीम' जी के द्वारा रचित है | इसमें कवि कहते हैं कि कीचड़ में उपस्थित वह थोड़ा सा पानी ही 'धन्य' है क्योंकि उस किचड़ के पानी से न जाने कितने छोटे-छोटे जीवों की प्यास बुझती है। लेकिन सागर में सम्पूर्ण जल होने के बाद भी वह व्यर्थ होता है, क्योंकि सागर के जल से कोई भी जीव अपनी प्यास नहीं बुझा पाता है। बड़ा होने के बाद भी जीव प्यासे रह जाते हैं , तो बड़ा होना भी व्यर्थ है अगर वह किसी काम का ना हो। इससे श्रेष्ठ तो कीचड़ है जो किसी काम आ जाता है | 

(7) नाद रीझि तन देत मृग, नर धन देत समेत।
ते रहीम पशु से अधिक, रीझेहु कछू न देत॥

भावार्थ - 
प्रस्तुत 'दोहे' कवि 'रहीम' जी के द्वारा रचित है | इसमें कवि कहते हैं कि मृग जिस प्रकार संगीत की ध्वनि सुनकर उसमें मोहित होकर अपने शरीर को न्यौछावर कर देता है। उसी तरह से कई लोग मोह में आकर किसी के लिए अपना धन, सम्पति, सब दे देते हैं। लेकिन कितने लोग तो जानवर से भी गए गुजरे होते हैं। किसी से मोह लगाकर सब कुछ ले तो लेते हैं लेकिन उनको वापस कुछ नहीं देते | 

(8) बिगरी बात बनै नहीं, लाख करौ किन कोय।
रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय॥

भावार्थ - प्रस्तुत 'दोहे' कवि 'रहीम' जी के द्वारा रचित है | इसमें कवि कहते हैं कोई बात अगर एक बार बिगड़ जाती है तो लाख कोशिश करने के बाद भी ठीक नहीं होता। वैसे ही जैसे दूध अगर एक बार फट जाये तो फिर उसको मथने से मक्खन नहीं निकलता। इसलिए कोई भी बात बहुत सोच समझकर बोलना चाहिए ताकि बात बिगड़े नहीं | 

(9) रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिये डारि।
जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तरवारि॥

भावार्थ - प्रस्तुत 'दोहे' कवि 'रहीम' जी के द्वारा रचित है | इसमें कवि कहते हैं की किसी बड़ी वस्तु के सामने छोटी वस्तु की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। सामने अगर कोई छोटी वस्तु है तो उसे कम नहीं समझना चाहिए। क्योंकि एक सुई भी काम आता है वहाँ एक बड़ी तलवार का कोई काम नहीं होता है। कोई भी छोटी चीज कम नहीं होती है | सभी का अपना-अपना महत्व होता है | 

(10) रहिमन निज संपति बिन, कौ न बिपति सहाय।
बिनु पानी ज्यों जलज को, नहिं रवि सके बचाय॥

भावार्थ - 
प्रस्तुत 'दोहे' जो कवि 'रहीम' जी के द्वारा रचित है | इसमें कवि कहते हैं की अगर पास में धन नहीं होता है तो जब संकट आता है उस समय कोई भी आपका सहायता नहीं करता है | जैसे सूखे तलाब में जल के बिना कमल के फूल को भी सूर्य नहीं बचा सकता है, उसी प्रकार से बिना धन विपत्ति में कोई भी आपका सहाय नहीं बन पाता है | 

(11) रहिमन पानी राखिए, बिनु पानी सब सून।
पानी गए न ऊबरै, मोती, मानुष, चून॥

भावार्थ - 
प्रस्तुत 'दोहे' कवि 'रहीम' जी के द्वारा रचित है | इसमें कवि कहते हैं की जिस तरह आटे का अस्तित्व पानी के बिना नम्र नहीं हो सकता और मोती का मूल्य उसकी आभा के बिना नहीं हो सकता है, उसी तरह मनुष्य को भी अपने व्यवहार में हमेशा पानी की तरह विनम्रता रखना चाहिए । विनम्रता के बिना मनुष्य की सुंदरता ख़त्म हो जाती है | 


रहीम के दोहे पाठ का सारांश Summary

प्रस्तुत दोहे के रचयिता कवि रहीम हैं। इसमें रहीम जी के नीति परक दोहे दिए गए हैं। इन दोहों में रहीम जी ने मानव के आस-पास के चीजों को और मानव के आचरण उनके व्यवहार उनके जीवन के बारे में बहुत ही कम शब्दों में अच्छा ज्ञान और शिक्षा दी है। रहीम जी ने अपने दोहों के माध्यम से प्रेम के बंधन, जल का महत्व, छोटे-बड़े का सम्मान, अपना काम निश्चित समय पर और सही तरीके से करने का ज्ञान। रामजी के वनवास के समय उन पर आई विपदा, धन के बिना मनुष्य का महत्व क्या होता है, अपनी बातों को किसी के सामने कैसे बोलना चाहिए, इन सभी बातों को अपने दोहों में बहुत ही सुंदर और सार्थक तरीकों से पाठक को बताने का प्रयास किया है | रहीम जी के दोहे में मानव कल्याण और उनके हित के बातों को बताया गया, इनके दोहे एक बार पढ़ लेने से जीवन भर उसका छाप मन-मस्तिष्क में रह जाता है...|| 


रहीम का जीवन परिचय

प्रस्तुत दोहे के रचयिता कवि रहीम हैं। इनका पूरा नाम अब्दुर्रहीम खानखाना था | रहीम जी का जन्म लाहौर में सन् 1556 में हुआ था | इनके पिता का नाम बैरम खान और माता सुल्ताना बेगम थी। अब्दुर्रहीम मध्ययुगीन दरबारी संस्कृति के प्रमुख कवि माने जाते हैं। अकबर इन्हें खानेखाना कहकर पुकारते थे। बचपन से ही रहीम साहित्य प्रेमी और बुद्धिमान थे। रहीम ने अरबी, तुर्की,फारसी, हिंदी और संस्कृत में शिक्षा प्राप्त किया था। कवि रहीम अकबर के नवरत्नों में भी शामिल थे। रहीम बहुत ही जानेमाने लोकप्रिय कवि थे। इनके काव्य का मुख्य विषय श्रृंगार, नीति और भक्ति है। दोहे बहुत ही सर्वसाधारण शब्दो मे लिखा गया है, इनके नीतिपरक दोहे सबसे ज्यादा प्रचलित हैं। रहीम जी को अवधि और ब्रज दोनों भषाओं पर सामान अधिकार था। इन्होंने अपने काव्य में प्रभावपूर्ण भाषा का प्रयोग किया है। अपनी कविताओं, छंदों, दोहों,में रहीम जी ने पूर्वी अवधि, ब्रज भाषा, खड़ी बोली का प्रयोग कर अत्यंत 'सहज' शब्दों में अपने अनुभवों को अभिव्यक्त किया है। इन्होंने 'तदभव' शब्दो का अपनी रचनाओं में अधिक प्रयोग किया है। रहीम जी की प्रमुख कृतियाँ हैं -- मदनाष्टक, रहीम सतसई, श्रृंगार सतसई, रासपंचाध्यायी, रहिमरत्नावली, बरवै, भाषिक भेदवर्णन ये सभी कृतियाँ रहीम ग्रन्थावली में समाहित है...|| 



रहीम के दोहे के प्रश्न उत्तर


निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए --- 
प्रश्न-1 प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भाँति क्यों नहीं हो पाता ? 

उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, प्रेम का बंधन बहुत ही नाजुक होता है। एक बार टूट जाता है तो जुड़ नहीं पाता और उसे जोड़ भी दिया जाए तो उसमें गाँठ पड़ जाती है। क्योंकि पहले जैसी मजबूती नहीं होती उस बन्धन में | 

प्रश्न-2 हमें अपना दुख दूसरों पर क्यों नहीं प्रकट करना चाहिए ? अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार कैसा हो जाता है ?

उत्तर- कवि रहीम जी कहते हैं कि हमें अपने मन का दर्द मन में ही छुपा कर रखना चाहिए क्योंकि दूसरों को मन की व्यथा बताने पर निश्चित ही आपकी बातों का मजाक बनाकर आपको नीचा दिखाया जाएगा। उनका व्यवहार हमारे प्रति अच्छा नहीं होता है | 

प्रश्न-3 रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है?

उत्तर- कीचड़ का जल भले कम होता है लेकिन उसमें अनेक जीव रहकर अपना प्यास बुझाते हैं। लेकिन सागर का जल किसी का प्यास नहीं बुझा सकता जीव प्यासा ही रह जाता है। इसलिए कवि रहीम ने कीचड़ के जल को धन्य और श्रेष्ठ माना है सागर के जल को नहीं | 

प्रश्न-4 एक को साधने से सब कैसे सध जाता है ? 

उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, रहीम कहते हैं कि एक साथ कई काम नहीं करना चाहिए | एक समय में एक ही काम करना चाहिए। क्योंकि एक काम पूरा हो जाने से बाकी सारे काम भी अपने-आप ही पूरे हो जाते हैं | 

प्रश्न- 5 जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी क्यों नहीं कर पाता ? 

उत्तर- 
जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी नहीं कर पाता, क्योंकी जल के बिना कमल को पोषण नहीं मिलता | कवि ने पानी को ही कमल की संपत्ति मानी है। क्योंकि धन के बिना कोई भी संकट के समय सहारा नहीं देता है | 

प्रश्न-6 अवध नरेश को चित्रकूट क्यों जाना पड़ा ? 

उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, जब अवध नरेश श्री राम जी को वनवास मिला था तो उस समय संकट आन पड़ी थी, तब श्री राम को चित्रकुट जाना पड़ा।  क्योंकि मुसीबत के समय ही ऐसे घने जंगल में कोई जाता है | 

प्रश्न-7 ‘नट’ किस कला में सिद्ध होने के कारण ऊपर चढ़ जाता है?

उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, नट कुंडली मारने में आगे  है। वह कुंडली मारकर अपने शरीर को किसी भी आकार में समेट सकता है। इसी कारण वह आसानी से ऊपर चढ़ जाता है | 

प्रश्न-8 ‘मोती, मानुष, चून’ के संदर्भ में पानी के महत्व को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- मनुष्य को सदैव पानी बचाकर रखना चाहिए क्योंकि पानी ना होने पर मोती साधारण पत्थर, सी रह जाती है, आटे को बिना पानी के नहीं गूँधा जा सकता और बिना विनम्रता के मनुष्य का स्वाभव अच्छा नहीं माना जाता है। अतः ‘मोती, मानुष, चून’ के संदर्भ में पानी का अत्यधिक महत्त्व है | 

---------------------------------------------------------

निम्नलिखित भाव को पाठ में किन पंक्तियों द्वारा अभिव्यक्त किया गया है --- 

प्रश्न-9 जिस पर विपदा पड़ती है वही इस देश में आता है।

उत्तर - "जा पर बिपदा पड़त है, सो आवत यह देस" | 

प्रश्न-10 कोई लाख कोशिश करे पर बिगड़ी बात फिर बन नहीं सकती।

उत्तर - 
"बिगरी बात बनै नहीं, लाख करौ किन कोय" | 

प्रश्न-11 पानी के बिना सब सूना है अत: पानी अवश्य रखना चाहिए।

उत्तर - 
"रहिमन पानी राखिए, बिनु पानी सब सून" | 

---------------------------------------------------------



रहीम के दोहे पाठ से संबंधित शब्दार्थ 


• धनि - धन्य
• पंक - कीचड़
• लघु - छोटा
• चटकाय -चटकाकर
• परि जाय - पड़ जाती है
• गोय - छिपाकर
• बिथा - दर्द, दुःख, वेदना
• अठिलैहैं - मज़ाक उड़ाना
• बाँटि - बाँटना
• कोय - कोई
• मूलहिं - जड़ में
• सींचिबो - सिंचाई करना
• अघाय - तृप्त
• बिपदा - विपत्ति
• अरथ - अर्थ
• आखर- अक्षर, शब्द
• थोरे - थोड़े, कम
• उदधि - सागर
• पिआसो - प्यासा
• नाद - संगीत की ध्वनि
• रीझि - मोहित हो कर, 
• बिगरी - बिगड़ी
• फाटे दूध - फटा हुआ दूध
• मथे - मथना, बिलोना
• बिपति - विपत्ति, मुसीबत, संकट
• सहाय - सहायता
• जलज - कमल
• रवि - सूर्य
• बिनु - बगैर, बिना
• बड़ेन - बड़ा
• लघु - छोटा
• निज - अपना  | 

COMMENTS

Leave a Reply: 1
आपकी मूल्यवान टिप्पणियाँ हमें उत्साह और सबल प्रदान करती हैं, आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है !
टिप्पणी के सामान्य नियम -
१. अपनी टिप्पणी में सभ्य भाषा का प्रयोग करें .
२. किसी की भावनाओं को आहत करने वाली टिप्पणी न करें .
३. अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .

नाम

अंग्रेज़ी हिन्दी शब्दकोश,3,अकबर इलाहाबादी,11,अकबर बीरबल के किस्से,62,अज्ञेय,37,अटल बिहारी वाजपेयी,1,अदम गोंडवी,3,अनंतमूर्ति,3,अनौपचारिक पत्र,16,अन्तोन चेख़व,2,अमीर खुसरो,7,अमृत राय,1,अमृतलाल नागर,1,अमृता प्रीतम,5,अयोध्यासिंह उपाध्याय "हरिऔध",7,अली सरदार जाफ़री,3,अष्टछाप,4,असगर वज़ाहत,11,आनंदमठ,4,आरती,11,आर्थिक लेख,8,आषाढ़ का एक दिन,22,इक़बाल,2,इब्ने इंशा,27,इस्मत चुगताई,3,उपेन्द्रनाथ अश्क,1,उर्दू साहित्‍य,179,उर्दू हिंदी शब्दकोश,1,उषा प्रियंवदा,5,एकांकी संचय,7,औपचारिक पत्र,32,कक्षा 10 हिन्दी स्पर्श भाग 2,17,कबीर के दोहे,19,कबीर के पद,1,कबीरदास,19,कमलेश्वर,7,कविता,1478,कहानी लेखन हिंदी,17,कहानी सुनो,2,काका हाथरसी,4,कामायनी,6,काव्य मंजरी,11,काव्यशास्त्र,40,काशीनाथ सिंह,1,कुंज वीथि,12,कुँवर नारायण,1,कुबेरनाथ राय,2,कुर्रतुल-ऐन-हैदर,1,कृष्णा सोबती,3,केदारनाथ अग्रवाल,4,केशवदास,6,कैफ़ी आज़मी,4,क्षेत्रपाल शर्मा,52,खलील जिब्रान,3,ग़ज़ल,139,गजानन माधव "मुक्तिबोध",15,गीतांजलि,1,गोदान,7,गोपाल सिंह नेपाली,1,गोपालदास नीरज,10,गोरख पाण्डेय,3,गोरा,2,घनानंद,3,चन्द्रधर शर्मा गुलेरी,6,चमरासुर उपन्यास,7,चाणक्य नीति,5,चित्र शृंखला,1,चुटकुले जोक्स,15,छायावाद,6,जगदीश्वर चतुर्वेदी,17,जयशंकर प्रसाद,35,जातक कथाएँ,10,जीवन परिचय,77,ज़ेन कहानियाँ,2,जैनेन्द्र कुमार,7,जोश मलीहाबादी,2,ज़ौक़,4,तुलसीदास,28,तेलानीराम के किस्से,7,त्रिलोचन,4,दाग़ देहलवी,5,दादी माँ की कहानियाँ,1,दुष्यंत कुमार,7,देव,1,देवी नागरानी,23,धर्मवीर भारती,12,नज़ीर अकबराबादी,3,नव कहानी,2,नवगीत,1,नागार्जुन,25,नाटक,1,निराला,39,निर्मल वर्मा,4,निर्मला,42,नेत्रा देशपाण्डेय,3,पंचतंत्र की कहानियां,42,पत्र लेखन,202,परशुराम की प्रतीक्षा,3,पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र',4,पाण्डेय बेचन शर्मा,1,पुस्तक समीक्षा,141,प्रयोजनमूलक हिंदी,38,प्रेमचंद,50,प्रेमचंद की कहानियाँ,91,प्रेरक कहानी,16,फणीश्वर नाथ रेणु,4,फ़िराक़ गोरखपुरी,9,फ़ैज़ अहमद फ़ैज़,24,बच्चों की कहानियां,88,बदीउज़्ज़माँ,1,बहादुर शाह ज़फ़र,6,बाल कहानियाँ,14,बाल दिवस,3,बालकृष्ण शर्मा 'नवीन',1,बिहारी,8,बैताल पचीसी,2,बोधिसत्व,9,भक्ति साहित्य,143,भगवतीचरण वर्मा,7,भवानीप्रसाद मिश्र,3,भारतीय कहानियाँ,61,भारतीय व्यंग्य चित्रकार,7,भारतीय शिक्षा का इतिहास,3,भारतेन्दु हरिश्चन्द्र,10,भाषा विज्ञान,18,भीष्म साहनी,9,भैरव प्रसाद गुप्त,2,मंगल ज्ञानानुभाव,22,मजरूह सुल्तानपुरी,1,मधुशाला,7,मनोज सिंह,16,मन्नू भंडारी,10,मलिक मुहम्मद जायसी,9,महादेवी वर्मा,20,महावीरप्रसाद द्विवेदी,3,महीप सिंह,1,महेंद्र भटनागर,73,माखनलाल चतुर्वेदी,3,मिर्ज़ा गालिब,39,मीर तक़ी 'मीर',20,मीरा बाई के पद,22,मुल्ला नसरुद्दीन,6,मुहावरे,4,मैथिलीशरण गुप्त,14,मैला आँचल,8,मोहन राकेश,16,यशपाल,19,रंगराज अयंगर,43,रघुवीर सहाय,6,रणजीत कुमार,29,रवीन्द्रनाथ ठाकुर,22,रसखान,11,रांगेय राघव,2,राजकमल चौधरी,1,राजनीतिक लेख,21,राजभाषा हिंदी,66,राजिन्दर सिंह बेदी,1,राजीव कुमार थेपड़ा,4,रामचंद्र शुक्ल,3,रामधारी सिंह दिनकर,25,रामप्रसाद 'बिस्मिल',1,रामविलास शर्मा,9,राही मासूम रजा,8,राहुल सांकृत्यायन,2,रीतिकाल,3,रैदास,4,लघु कथा,125,लोकगीत,1,वरदान,11,विचार मंथन,60,विज्ञान,1,विदेशी कहानियाँ,34,विद्यापति,8,विविध जानकारी,1,विष्णु प्रभाकर,3,वृंदावनलाल वर्मा,1,वैज्ञानिक लेख,8,शमशेर बहादुर सिंह,6,शमोएल अहमद,5,शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय,1,शरद जोशी,3,शिक्षाशास्त्र,6,शिवमंगल सिंह सुमन,6,शुभकामना,1,शेख चिल्ली की कहानी,1,शैक्षणिक लेख,57,शैलेश मटियानी,3,श्यामसुन्दर दास,1,श्रीकांत वर्मा,1,श्रीलाल शुक्ल,4,संयुक्त राष्ट्र संघ,1,संस्मरण,34,सआदत हसन मंटो,10,सतरंगी बातें,33,सन्देश,44,समसामयिक हिंदी लेख,270,समीक्षा,1,सर्वेश्वरदयाल सक्सेना,19,सारा आकाश,22,साहित्य सागर,22,साहित्यिक लेख,87,साहिर लुधियानवी,5,सिंह और सियार,1,सुदर्शन,3,सुदामा पाण्डेय "धूमिल",10,सुभद्राकुमारी चौहान,7,सुमित्रानंदन पन्त,23,सूरदास,16,सूरदास के पद,21,स्त्री विमर्श,11,हजारी प्रसाद द्विवेदी,4,हरिवंशराय बच्चन,28,हरिशंकर परसाई,24,हिंदी कथाकार,12,हिंदी निबंध,436,हिंदी लेख,536,हिंदी व्यंग्य लेख,14,हिंदी समाचार,186,हिंदीकुंज सहयोग,1,हिन्दी,7,हिन्दी टूल,4,हिन्दी आलोचक,7,हिन्दी कहानी,32,हिन्दी गद्यकार,4,हिन्दी दिवस,91,हिन्दी वर्णमाला,3,हिन्दी व्याकरण,45,हिन्दी संख्याएँ,1,हिन्दी साहित्य,9,हिन्दी साहित्य का इतिहास,21,हिन्दीकुंज विडियो,11,aapka-banti-mannu-bhandari,6,aaroh bhag 2,14,astrology,1,Attaullah Khan,2,baccho ke liye hindi kavita,70,Beauty Tips Hindi,3,bhasha-vigyan,1,chitra-varnan-hindi,3,Class 10 Hindi Kritika कृतिका Bhag 2,5,Class 11 Hindi Antral NCERT Solution,3,Class 9 Hindi Kshitij क्षितिज भाग 1,17,Class 9 Hindi Sparsh,15,divya-upanyas-yashpal,5,English Grammar in Hindi,3,formal-letter-in-hindi-format,143,Godan by Premchand,12,hindi ebooks,5,Hindi Ekanki,20,hindi essay,428,hindi grammar,52,Hindi Sahitya Ka Itihas,105,hindi stories,682,hindi-bal-ram-katha,12,hindi-gadya-sahitya,8,hindi-kavita-ki-vyakhya,19,hindi-notes-university-exams,77,ICSE Hindi Gadya Sankalan,11,icse-bhasha-sanchay-8-solutions,18,informal-letter-in-hindi-format,59,jyotish-astrology,23,kavyagat-visheshta,26,Kshitij Bhag 2,10,lok-sabha-in-hindi,18,love-letter-hindi,3,mb,72,motivational books,12,naya raasta icse,9,NCERT Class 10 Hindi Sanchayan संचयन Bhag 2,3,NCERT Class 11 Hindi Aroh आरोह भाग-1,20,ncert class 6 hindi vasant bhag 1,14,NCERT Class 9 Hindi Kritika कृतिका Bhag 1,5,NCERT Hindi Rimjhim Class 2,13,NCERT Rimjhim Class 4,14,ncert rimjhim class 5,19,NCERT Solutions Class 7 Hindi Durva,12,NCERT Solutions Class 8 Hindi Durva,17,NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan वितान भाग 1,3,NCERT Solutions for class 12 Humanities Hindi Antral Bhag 2,4,NCERT Solutions Hindi Class 11 Antra Bhag 1,19,NCERT Vasant Bhag 3 For Class 8,12,NCERT/CBSE Class 9 Hindi book Sanchayan,6,Nootan Gunjan Hindi Pathmala Class 8,18,Notifications,5,nutan-gunjan-hindi-pathmala-6-solutions,17,nutan-gunjan-hindi-pathmala-7-solutions,18,political-science-notes-hindi,1,question paper,19,quizzes,8,raag-darbari-shrilal-shukla,8,Rimjhim Class 3,14,samvad-lekhan-in-hindi,6,Sankshipt Budhcharit,5,Shayari In Hindi,16,skandagupta-natak-jaishankar-prasad,6,sponsored news,10,suraj-ka-satvan-ghoda-dharmveer-bharti,6,Syllabus,7,tamas-upanyas-bhisham-sahni,4,top-classic-hindi-stories,58,UP Board Class 10 Hindi,4,Vasant Bhag - 2 Textbook In Hindi For Class - 7,11,vitaan-hindi-pathmala-8-solutions,16,VITAN BHAG-2,5,vocabulary,19,
ltr
item
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika: रहीम के दोहे अर्थ सहित Rahim Ke Dohe Class 9 Sparsh
रहीम के दोहे अर्थ सहित Rahim Ke Dohe Class 9 Sparsh
रहीम के दोहे अर्थ सहित Rahim Ke Dohe Class 9 Sparsh summary explanation question answers ncert solutions Hindi रहीम का जीवन परिचय प्रश्न उत्तर शब्द
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiZew1a7tZQOy6ZZBIChfLKbKRJ9utREaxr27tzO4riBNZC7VCoOuRqGbM8c-fgdgqmNlUtJ0ini2noql_SoYWwe2_9SRJp_3-7kLGm0Rr8sqQeJohtLFLMla4-t96HmqxQVc2YgKBlSc9d/s16000/rahimdas.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiZew1a7tZQOy6ZZBIChfLKbKRJ9utREaxr27tzO4riBNZC7VCoOuRqGbM8c-fgdgqmNlUtJ0ini2noql_SoYWwe2_9SRJp_3-7kLGm0Rr8sqQeJohtLFLMla4-t96HmqxQVc2YgKBlSc9d/s72-c/rahimdas.jpg
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika
https://www.hindikunj.com/2021/01/rahim-ke-dohe-class-9-sparsh.html
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/2021/01/rahim-ke-dohe-class-9-sparsh.html
true
6755820785026826471
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका