गूंगे कहानी रांगेय राघव

SHARE:

गूंगे कहानी रांगेय राघव chapter gunge class 11 पाठ सार मुख्य बिंदु महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर question solution gunge rangey raghav अंतरा भाग 1 सीबीएसई

गूंगे कहानी रांगेय राघव


गूंगे कहानी रांगेय राघव chapter gunge class 11 class 11th summary of chapter gunge rangey Raghav ki kahani gunge summary of chapter gunge in hindi gunge kahani पाठ सार मुख्य बिंदु महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर easy explanation main points and important question answers रंगे राघव की कहानी गूंगी कक्षा 11 गूंगे कहानी रांगेय राघव रंगे राघव की कहानी गूंगे के प्रश्न उत्तर गूंगे कहानी रंगे राघव प्रश्न उत्तर goonge kahani class 11 explanation goonge kahani question solution gunge rangey raghav gunge chapter ke question answer gunge chapter class 11 gunge chapter question answer gunge chapter class 11 solution gunge class 11 hindi question answer class 11 hindi chapter 4 gunge question answer gunge path ke prashn uttar गूंगे पाठ के प्रश्न उत्तर gunge ke prashn uttar class 11 Hindi gunge पाठ 4 अंतरा भाग 1 सीबीएसई हिंदी elective ग्यारहवीं बारहवीं


गूंगे कहानी का सारांश


प्रस्तुत पाठ या कहानी गूँगे लेखक रांगेय राघव जी के द्वारा लिखित है | लेखक ने इस कहानी में एक गूँगे किशोर के माध्यम से शोषित मानव की असहायता का चित्रण किया है | कभी तो वह किशोर मूक भाव से सब अत्याचार सह लेता है और कभी विरोधाभाव में आक्रोश व्यक्त करता है | वास्तव में, कहानी के माध्यम से लेखक ने यह कहा है कि समाज के जो लोग संवेदनहीन हैं, वे भी गूँगे-बहरे हैं | क्योंकि वे अपने सामाजिक दायित्वों सचेत नहीं हैं | इस कहानी के माध्यम से लेखक ने विकलांगों के प्रति समाज में व्याप्त संवेदनहीनता को रेखांकित किया है तथा साथ ही यह बताने का प्रयास किया है कि उन्हें सामान्य मनुष्य की तरह मानना और समझना चाहिए एंव उनके साथ संवेदनशील व्यवहार करना चाहिए | ताकि वे इस संसार में अलग-थलग न महसूस कर सकें | 

प्रस्तुत कहानी के अनुसार, एक गूँगा बालक है, जो वास्तव में जन्म से बहरा होने के कारण गूंगेपन का शिकार है | वह बालक महिलाओं को अपने बारे में बताने का खूब प्रयास करता है | बालक अपने जीवन से जुड़े जो कुछ भी अनुभव करता है, उसे अपने शारीरिक संकेतों के माध्यम से बताने का प्रयास करता है | लेकिन उसके अनेक प्रयत्नों के बावजूद वह बोल पाने में असफल रहता है | वह संकेतों के माध्यम से बताने का प्रयास करता है कि उसकी माँ घूँघट काढ़ती थी, जो उसे छोड़ कर चली गई थी, क्योंकि बाप मर गया था | वास्तविकता यह थी उसका पालन-पोषण किसने किया यह तो किसी को मालूम नहीं था | किन्तु, उसके भावात्मक संकेतों से यह स्पष्ट हो गया था कि जिन लोगों ने उसकी परवरिश की, उन्होंने उसे बहुत सताया और प्रताड़ित किया था | वह बालक बोलने की बहुत कोशिश करता है, किन्तु उसके मुख से काँय-काँय की आवाज़ के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं निकलता है, जिसे देख-सुनकर वहाँ मौजूद महिलाएँ उसके प्रति दयाभाव से भर उठती हैं | 

सुशीला ख़ूब गूँगे को मुँह खोलने के लिए बोलती है | पर वह कुछ बोल पाने में असफल रहता है | देखा जाए तो गूँगे के मुँह में कुछ नहीं था | किसी ने बचपन में गला साफ़ करने की कोशिश में काट दिया, जिसके बाद से वह ऐसे बोलता है, जैसे मानो कोई घायल पशु कराह रहा हो | वह गूँगा बालक खाने-पीने के बारे में पूछने पर बताता है कि --- 
गूंगे कहानी रांगेय राघव
रांगेय राघव

हलवाई के यहाँ रातभर लड्डू बनाए हैं, कड़ाही माँजी है, नौकरी की है, कपड़े धोए हैं | तत्पश्चात् वह बालक सीने पर हाथ मारकर इशारा करता है कि हाथ फैलाकर उसने कभी किसी से नहीं माँगा | 
वह किसी से भीख नहीं लेता | उस बालक ने अपने भुजाओं पर हाथ रखकर बताया कि वह अपनी मेहनत का खाता है | जब चमेली के सामने गूँगे ने इशारे से स्पष्ट किया कि वह सब कुछ समझ सकता है | उसे केवल संकेतों की आवश्यकता है, तब चमेली ने उसे चार रुपए वेतन और खाना देने का वादा कर घर में नौकर के रूप में रख लेती है | चमेली के हृदय में अनाथ बच्चों के लिए बहुत दया थी | उस बालक को बुआ और फूफा ने पाला-पोसा जरूर था, परन्तु वे उसे मारते बहुत थे | इसलिए वह बालक अपने घर वापस नहीं जाना चाहता | उस बालक के बुआ और फूफा चाहते थे कि गूंगा कुछ काम करे और उन्हें कमा कर दे | 

गूँगा चमेली के घर छोटे-मोटे काम किया करता था | एक दिन गूंगा बिना बताए कहीं चला गया | चमेली ने उसे बहुत ढूँढा पर उसका कहीं कुछ पता नहीं चल सका | चमेली के पति ने उससे कहा कि भाग गया होगा | पर वह अपने पति की बातों पर यक़ीन नहीं कर पा रही थी और वह सोचती रही कि आख़िर वह क्यूँ भाग गया होगा | तभी चमेली के पति ने उससे कहा कि गूँगा (बालक) नाली के कीड़े के समान है, उसे जितना भी अच्छा जीवन दे दो पर वह गंदगी को ही पसंद करेगा | तत्पश्चात् जब घर के सभी लोग खाना खा चुके थे, तो वह गूँगा बालक अचानक घर के दरवाज़े पर दिखाई दिया तथा सांकेतिक भाषा का सहारा लेकर बताया कि वह भूखा है | चमेली प्रश्न भरे भाव से बालक की तरफ़ रोटियाँ फेंक दी और उसने पूछा कहाँ गया था ? वह बालक चुपचाप अपराधी के समान खड़ा था | चमेली ने एक चिमटा उस बालक की पीठ पर जड़ दिया पर गूँगा रोया नहीं | चमेली की आँखों से आँसू गिरने लगे | वह देखकर गूँगा भी रोने लगा | अब तो गूँगा कभी भाग जाता और कभी लौटकर फिर आ जाता | जगह-जगह नौकरी करके भाग जाना उसकी आदतों में शामिल हो गई थी | 

चमेली के बेटे बसंता ने एक रोज गूंगे बालक को चपत मार दी | लेकिन उस बालक ने उसे बदले में मारने के लिए हाथ तो उठाया पर रुक गया | जब वह गूँगा बालक जोर की आवाज़ में रोने लगा तो चमेली चूल्हा छोड़कर वहाँ पर गई | गूँगे बालक के संकेतों से पता चला कि खेलते-खेलते बसंता ने उसे मारा था | तभी बसंता ने माँ को देख उससे शिकायत की कि गूंगा उसे मारना चाहता था | गूँगा चमेली का हाथ पकड़ लिया | पल भर के लिए चमेली को एहसास हुआ कि मानों उसके पुत्र ने ही उसका हाथ थाम रखा हो | पर अचानक चमेली ने घृणा का भाव जाहिर करते हुए उस गूँगे बालक से अपना हाथ छुड़ा लिया | तत्पश्चात् अपने बेटे का ध्यान आते ही चमेली के हृदय में गूँगे के प्रति दया व ममता का मिश्रित भाव भर आता है | जब चमेली लौटकर चूल्हे के पास चली गई | तब वह गूँगे की स्थिति के बारे में ध्यान करती है | 

तभी चमेली का ध्यान चूल्हे की आग पर जाकर ठहर जाता है | वह गंभीर चिंतन करते हुए सोचती है कि इस आग के कारण ही पेट की भूख मिटाने के लिए खाना बनाया जा रहा है | यही खाना उस आग को ख़त्म करता है, जो पेट में भूख के रूप में है | चमेली सोचती है कि इसी भूख रूपी आग के कारण ही एक आदमी दूसरे आदमी की गुलामी स्वीकार करता है | अगर यह आग न हो, तो एक आदमी दूसरे आदमी की गुलामी कभी स्वीकार ही न करे | 
अंतत: यही आग मनुष्य की कमज़ोरी बन उसे झुकने पर मजबूर कर देती है | एक रोज गूँगे बालक पर चोरी का इल्ज़ाम लगा | परिणाम यह निकला कि चमेली ने उसे हाथ पकड के घर से बाहर निकाल दिया | गूंगा वहाँ से चुपचाप चला गया | चमेली देखती रही | तभी अपनी परिस्थिति को देखकर चमेली सोचती है कि आज के वक़्त में कौन गूँगा नहीं है | वास्तविकता तो यह है कि लोग अत्याचारों के खिलाफ़ आवाज़ तो उठाना चाहते हैं, मगर हालात के आगे वे भी विवश हैं, मतलब एक तरह से गूँगे हैं...|| 


रांगेय राघव का जीवन परिचय

प्रस्तुत पाठ के लेखक रांगेय राघव जी हैं | इनका जन्म 1923 में आगरा में हुआ था | इनका मूल नाम 'तिरुमल्लै नंबाकम वीर राघव आचार्य' था | इन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से हिंदी में एम.ए. और पीएचडी की उपाधि हासिल की | 39 वर्ष की अल्पायु में ही इनकी मृत्यु 1962 में हो गई थी | 1961 में राजस्थान साहित्य अकादमी ने उनकी साहित्य सेवा के लिए उन्हें पुरस्कृत किया | राघव जी अपने कथा साहित्य में जीवन के विविध आयामों को रेखांकित किया है | इनकी कहानियों में समाज के शोषित-पीड़ित मानव जीवन के यथार्थ का बेहद मार्मिक चित्रण मिलता है | सरल और प्रवाहपूर्ण भाषा इनकी कहानियों की विशेषता है | इन्होंने अस्सी से अधिक कहानियाँ लिखी है | राघव जी ने साहित्य की विविध विधाओं में रचना की है, जिनमें कहानी, उपन्यास, कविता और आलोचना मुख्य हैं | 

इनके प्रमुख कहानी संग्रह हैं --- रामराज्य का वैभव, देवदासी , समुद्र के फेन, अधूरी मूरत,जीवन के दाने, अंगारे न बुझे, ऐयाश मुर्दे, इंसान पैदा हुआ | 

इनके प्रमुख उपन्यास संग्रह हैं --- घरौंदा, विषाद–मठ, मुर्दों का टीला, सीधा-साधा रास्ता, अंधेरे के जुगनू, बोलते खंडहर, कब तक पुकारूं...|| 



गूंगे कहानी के प्रश्न उत्तर 


प्रश्न-1 गूँगे ने अपने माता-पिता के बारे में चमेली को क्या-क्या बताया और कैसे ? 

उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, गूँगे ने अपने माता-पिता के बारे में चमेली को बताया कि उसकी माँ उसके पिता की मृत्यु के पश्चात् उसे छोड़कर चली गई | तत्पश्चात् उसके रिश्तेदारों ने उसे पाला-पोसा था | वह उनके पास से भी भाग आया क्योंकि वे उसे बहुत मारते थे | उसने काफी जगहों पर काम करके अपने पेट की आग बुझाया लेकिन कभी किसी के सामने भीख नहीं माँगी | 

प्रश्न-2 गूँगे को देखकर चमेली ने पहली बार क्या अनुभव किया ? 

उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, गूँगे को देखकर चमेली ने पहली बार यह अनुभव किया कि अगर मनुष्य के गले के अंदर काकल ज़रा-सी भी ठीक न हो तो मनुष्य का अस्तित्व ही नहीं रह जाता है | उसके लिए यह बहुत बड़ा दुःख के समान होता है | वह कितना भी प्रयास कर ले, अपनी भावनाओं को दूसरे से साझा नहीं कर सकता है | 

प्रश्न-3 गूँगे के किन संकेतों से यह पता चलता है कि वह एक स्वाभिमानी बालक था ? 

उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, गूँगा एक मेहनती बालक था, जो कभी किसी के सामने हाथ नहीं फैलाता | पाठ में गूँगे ने संकेतों के माध्यम से बताया यह कि हलवाई के यहाँ रातभर लड्डू बनाए हैं, कड़ाही माँजी है, नौकरी की है, कपड़े धोए हैं | तत्पश्चात् वह बालक सीने पर हाथ मारकर इशारा करता है कि हाथ फैलाकर उसने कभी किसी से नहीं माँगा | वह किसी से भीख नहीं लेता | उस बालक ने अपने भुजाओं पर हाथ रखकर बताया कि वह अपनी मेहनत का खाता है |

प्रश्न-4 चमेली अपने आप पर कब और क्यूँ लज्जित हुई ? 

उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, चमेली अपने आप पर तब लज्जित हुई, जब उसने गूँगे को फटकार लगाई | उसे बुरा-भला कहा | उसे नीचे दर्जे के शब्दों से संबोधित किया | तत्पश्चात् उसे एहसास हुआ कि वह कैसी मुर्ख है जो सुनता ही नहीं है, उसे फटकार रही थी | 

प्रश्न-5 यदि बसंता गूँगा होता तो आपकी दृष्टि में चमेली का व्यवहार कैसा होता ? 

उत्तर- यदि बसंता गूँगा होता तो मेरी दृष्टि में चमेली का व्यवहार उसके प्रति ममतामयी और सहानुभूतिपूर्ण होता | वह बसंते को एक सक्षम बालक व मनुष्य बनाने की भरपूर कोशिश करती | 

प्रश्न-6 'गूंगा दया या सहानुभूति नहीं, अधिकार चाहता था' --- सिद्ध कीजिए | 

उत्तर- 
प्रस्तुत पाठ के अनुसार, जब गूँगा चाहता था कि चमेली से उसे वो अधिकार मिले जो अपनों को मिलता है, किन्तु जब चमेली गलत होते हुए भी अपने बेटे बसंता का पक्ष लेती है, तो उसकी भावना को आहत पहुँचती है | तभी चमेली के पक्षपातपूर्ण व्यवहार को गूँगा नहीं स्वीकारता है | उसकी यह भावना उसकी आँखों से बहने वाले आँसू व्यक्त करते हैं | इसी बात से सिद्ध होता है कि 'गूंगा दया या सहानुभूति नहीं, अधिकार चाहता था' | 

प्रश्न-7 कहानी का शीर्षक 'गूंगे' है, जबकि कहानी में एक ही गूँगा पात्र है | इसके माध्यम से लेखक ने समाज की किस प्रवृत्ति की ओर संकेत किया है ? 

उत्तर- प्रस्तुत कहानी के माध्यम से लेखक समाज में हो रहे अनेक प्रकार के अत्याचार को देखते हुए चुप रहने वाले लोगों को भी गूँगे की श्रेणी में रखा है | लोग अत्याचारों के खिलाफ़ आवाज़ तो उठाना चाहते हैं, मगर हालात के आगे वे भी विवश हैं, मतलब एक तरह से गूँगे हैं | 

---------------------------------------------------------


गूंगे कहानी से संबंधित शब्दार्थ 


• विक्षोभ - दुख
• विस्मय - हैरानी
• पक्षपात - भेदभाव
• विक्षुब्ध - दुखी
• मूक - खामोश
• कृत्रिम - बनावटी
• द्वेष - वैर 
• परिणत – बदल
• प्रतिच्छाया - प्रतिबिंब
• भाव-भंगिमा – हाव-भाव
• तिरस्कार - उपेक्षा
• अवसाद - दीनता
• कर्कश - कठोर
• अस्फुट – अस्पष्ट
• वमन - उगलना
• चीत्कार – चीख
• पल्लेदारी - बोझ उठाने का काम
• रोष - क्रोध  | 



COMMENTS

Leave a Reply
नाम

अंग्रेज़ी हिन्दी शब्दकोश,3,अकबर इलाहाबादी,11,अकबर बीरबल के किस्से,62,अज्ञेय,37,अटल बिहारी वाजपेयी,1,अदम गोंडवी,3,अनंतमूर्ति,3,अनौपचारिक पत्र,16,अन्तोन चेख़व,2,अमीर खुसरो,7,अमृत राय,1,अमृतलाल नागर,1,अमृता प्रीतम,5,अयोध्यासिंह उपाध्याय "हरिऔध",7,अली सरदार जाफ़री,3,अष्टछाप,4,असगर वज़ाहत,11,आनंदमठ,4,आरती,11,आर्थिक लेख,8,आषाढ़ का एक दिन,22,इक़बाल,2,इब्ने इंशा,27,इस्मत चुगताई,3,उपेन्द्रनाथ अश्क,1,उर्दू साहित्‍य,179,उर्दू हिंदी शब्दकोश,1,उषा प्रियंवदा,5,एकांकी संचय,7,औपचारिक पत्र,32,कक्षा 10 हिन्दी स्पर्श भाग 2,17,कबीर के दोहे,19,कबीर के पद,1,कबीरदास,19,कमलेश्वर,7,कविता,1474,कहानी लेखन हिंदी,17,कहानी सुनो,2,काका हाथरसी,4,कामायनी,6,काव्य मंजरी,11,काव्यशास्त्र,38,काशीनाथ सिंह,1,कुंज वीथि,12,कुँवर नारायण,1,कुबेरनाथ राय,2,कुर्रतुल-ऐन-हैदर,1,कृष्णा सोबती,2,केदारनाथ अग्रवाल,4,केशवदास,6,कैफ़ी आज़मी,4,क्षेत्रपाल शर्मा,52,खलील जिब्रान,3,ग़ज़ल,139,गजानन माधव "मुक्तिबोध",15,गीतांजलि,1,गोदान,7,गोपाल सिंह नेपाली,1,गोपालदास नीरज,10,गोरख पाण्डेय,3,गोरा,2,घनानंद,3,चन्द्रधर शर्मा गुलेरी,6,चमरासुर उपन्यास,7,चाणक्य नीति,5,चित्र शृंखला,1,चुटकुले जोक्स,15,छायावाद,6,जगदीश्वर चतुर्वेदी,17,जयशंकर प्रसाद,35,जातक कथाएँ,10,जीवन परिचय,76,ज़ेन कहानियाँ,2,जैनेन्द्र कुमार,6,जोश मलीहाबादी,2,ज़ौक़,4,तुलसीदास,28,तेलानीराम के किस्से,7,त्रिलोचन,4,दाग़ देहलवी,5,दादी माँ की कहानियाँ,1,दुष्यंत कुमार,7,देव,1,देवी नागरानी,23,धर्मवीर भारती,10,नज़ीर अकबराबादी,3,नव कहानी,2,नवगीत,1,नागार्जुन,25,नाटक,1,निराला,39,निर्मल वर्मा,4,निर्मला,42,नेत्रा देशपाण्डेय,3,पंचतंत्र की कहानियां,42,पत्र लेखन,202,परशुराम की प्रतीक्षा,3,पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र',4,पाण्डेय बेचन शर्मा,1,पुस्तक समीक्षा,139,प्रयोजनमूलक हिंदी,38,प्रेमचंद,47,प्रेमचंद की कहानियाँ,91,प्रेरक कहानी,16,फणीश्वर नाथ रेणु,4,फ़िराक़ गोरखपुरी,9,फ़ैज़ अहमद फ़ैज़,24,बच्चों की कहानियां,88,बदीउज़्ज़माँ,1,बहादुर शाह ज़फ़र,6,बाल कहानियाँ,14,बाल दिवस,3,बालकृष्ण शर्मा 'नवीन',1,बिहारी,8,बैताल पचीसी,2,बोधिसत्व,9,भक्ति साहित्य,143,भगवतीचरण वर्मा,7,भवानीप्रसाद मिश्र,3,भारतीय कहानियाँ,61,भारतीय व्यंग्य चित्रकार,7,भारतीय शिक्षा का इतिहास,3,भारतेन्दु हरिश्चन्द्र,10,भाषा विज्ञान,17,भीष्म साहनी,7,भैरव प्रसाद गुप्त,2,मंगल ज्ञानानुभाव,22,मजरूह सुल्तानपुरी,1,मधुशाला,7,मनोज सिंह,16,मन्नू भंडारी,10,मलिक मुहम्मद जायसी,9,महादेवी वर्मा,20,महावीरप्रसाद द्विवेदी,3,महीप सिंह,1,महेंद्र भटनागर,73,माखनलाल चतुर्वेदी,3,मिर्ज़ा गालिब,39,मीर तक़ी 'मीर',20,मीरा बाई के पद,22,मुल्ला नसरुद्दीन,6,मुहावरे,4,मैथिलीशरण गुप्त,14,मैला आँचल,8,मोहन राकेश,15,यशपाल,15,रंगराज अयंगर,43,रघुवीर सहाय,6,रणजीत कुमार,29,रवीन्द्रनाथ ठाकुर,22,रसखान,11,रांगेय राघव,2,राजकमल चौधरी,1,राजनीतिक लेख,21,राजभाषा हिंदी,66,राजिन्दर सिंह बेदी,1,राजीव कुमार थेपड़ा,4,रामचंद्र शुक्ल,3,रामधारी सिंह दिनकर,25,रामप्रसाद 'बिस्मिल',1,रामविलास शर्मा,9,राही मासूम रजा,8,राहुल सांकृत्यायन,2,रीतिकाल,3,रैदास,4,लघु कथा,124,लोकगीत,1,वरदान,11,विचार मंथन,60,विज्ञान,1,विदेशी कहानियाँ,34,विद्यापति,8,विविध जानकारी,1,विष्णु प्रभाकर,1,वृंदावनलाल वर्मा,1,वैज्ञानिक लेख,8,शमशेर बहादुर सिंह,6,शमोएल अहमद,5,शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय,1,शरद जोशी,3,शिक्षाशास्त्र,6,शिवमंगल सिंह सुमन,6,शुभकामना,1,शेख चिल्ली की कहानी,1,शैक्षणिक लेख,57,शैलेश मटियानी,2,श्यामसुन्दर दास,1,श्रीकांत वर्मा,1,श्रीलाल शुक्ल,4,संयुक्त राष्ट्र संघ,1,संस्मरण,33,सआदत हसन मंटो,10,सतरंगी बातें,33,सन्देश,44,समसामयिक हिंदी लेख,269,समीक्षा,1,सर्वेश्वरदयाल सक्सेना,19,सारा आकाश,20,साहित्य सागर,22,साहित्यिक लेख,86,साहिर लुधियानवी,5,सिंह और सियार,1,सुदर्शन,3,सुदामा पाण्डेय "धूमिल",10,सुभद्राकुमारी चौहान,7,सुमित्रानंदन पन्त,23,सूरदास,16,सूरदास के पद,21,स्त्री विमर्श,11,हजारी प्रसाद द्विवेदी,4,हरिवंशराय बच्चन,28,हरिशंकर परसाई,24,हिंदी कथाकार,12,हिंदी निबंध,431,हिंदी लेख,531,हिंदी व्यंग्य लेख,14,हिंदी समाचार,182,हिंदीकुंज सहयोग,1,हिन्दी,7,हिन्दी टूल,4,हिन्दी आलोचक,7,हिन्दी कहानी,32,हिन्दी गद्यकार,4,हिन्दी दिवस,91,हिन्दी वर्णमाला,3,हिन्दी व्याकरण,45,हिन्दी संख्याएँ,1,हिन्दी साहित्य,9,हिन्दी साहित्य का इतिहास,21,हिन्दीकुंज विडियो,11,aapka-banti-mannu-bhandari,6,aaroh bhag 2,14,astrology,1,Attaullah Khan,2,baccho ke liye hindi kavita,70,Beauty Tips Hindi,3,bhasha-vigyan,1,chitra-varnan-hindi,3,Class 10 Hindi Kritika कृतिका Bhag 2,5,Class 11 Hindi Antral NCERT Solution,3,Class 9 Hindi Kshitij क्षितिज भाग 1,17,Class 9 Hindi Sparsh,15,English Grammar in Hindi,3,formal-letter-in-hindi-format,143,Godan by Premchand,11,hindi ebooks,5,Hindi Ekanki,20,hindi essay,423,hindi grammar,52,Hindi Sahitya Ka Itihas,105,hindi stories,679,hindi-bal-ram-katha,12,hindi-gadya-sahitya,8,hindi-kavita-ki-vyakhya,19,hindi-notes-university-exams,65,ICSE Hindi Gadya Sankalan,11,icse-bhasha-sanchay-8-solutions,18,informal-letter-in-hindi-format,59,jyotish-astrology,22,kavyagat-visheshta,25,Kshitij Bhag 2,10,lok-sabha-in-hindi,18,love-letter-hindi,3,mb,72,motivational books,11,naya raasta icse,9,NCERT Class 10 Hindi Sanchayan संचयन Bhag 2,3,NCERT Class 11 Hindi Aroh आरोह भाग-1,20,ncert class 6 hindi vasant bhag 1,14,NCERT Class 9 Hindi Kritika कृतिका Bhag 1,5,NCERT Hindi Rimjhim Class 2,13,NCERT Rimjhim Class 4,14,ncert rimjhim class 5,19,NCERT Solutions Class 7 Hindi Durva,12,NCERT Solutions Class 8 Hindi Durva,17,NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan वितान भाग 1,3,NCERT Solutions for class 12 Humanities Hindi Antral Bhag 2,4,NCERT Solutions Hindi Class 11 Antra Bhag 1,19,NCERT Vasant Bhag 3 For Class 8,12,NCERT/CBSE Class 9 Hindi book Sanchayan,6,Nootan Gunjan Hindi Pathmala Class 8,18,Notifications,5,nutan-gunjan-hindi-pathmala-6-solutions,17,nutan-gunjan-hindi-pathmala-7-solutions,18,political-science-notes-hindi,1,question paper,19,quizzes,8,raag-darbari-shrilal-shukla,7,Rimjhim Class 3,14,samvad-lekhan-in-hindi,6,Sankshipt Budhcharit,5,Shayari In Hindi,16,skandagupta-natak-jaishankar-prasad,6,sponsored news,10,suraj-ka-satvan-ghoda-dharmveer-bharti,4,Syllabus,7,top-classic-hindi-stories,51,UP Board Class 10 Hindi,4,Vasant Bhag - 2 Textbook In Hindi For Class - 7,11,vitaan-hindi-pathmala-8-solutions,16,VITAN BHAG-2,5,vocabulary,19,
ltr
item
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika: गूंगे कहानी रांगेय राघव
गूंगे कहानी रांगेय राघव
गूंगे कहानी रांगेय राघव chapter gunge class 11 पाठ सार मुख्य बिंदु महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर question solution gunge rangey raghav अंतरा भाग 1 सीबीएसई
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgDcPQwYxETInl5DMCIr8bV9UElKOIoT0DP25M8k2SZKJIdkyScxK_x-wZTgqxszYwLFm4xRYXBaeZe_Gdi9oIK7dMZL09H38KcEm8Qb33hQj6XTEPNfBIIWD__BCUp0dmiQVmcIhlUsGBq/s16000/images+%25282%2529.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgDcPQwYxETInl5DMCIr8bV9UElKOIoT0DP25M8k2SZKJIdkyScxK_x-wZTgqxszYwLFm4xRYXBaeZe_Gdi9oIK7dMZL09H38KcEm8Qb33hQj6XTEPNfBIIWD__BCUp0dmiQVmcIhlUsGBq/s72-c/images+%25282%2529.jpg
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika
https://www.hindikunj.com/2021/02/gunge-rangey-raghav-class-11-hindi.html
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/2021/02/gunge-rangey-raghav-class-11-hindi.html
true
6755820785026826471
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका