किताबें हमें चेतना संपन्न बनाती हैं - मैत्रेयी पुष्पा रेणु की जन्मशती के उपलक्ष्य में पीएससी जवानों को किताबें भेंट करने पहुँचा राजकमल
रेणु की जन्मशती के उपलक्ष्य में पीएससी जवानों को किताबें भेंट करने पहुँचा राजकमल
नई दिल्ली : महान कथाकार फणीश्वरनाथ रेणु की जन्मशती के उपलक्ष्य में राजकमल प्रकाशन ने बुधवार को प्रांतीय सशस्त्र बल, उत्तरप्रदेश की 41वीं बटालियन के जवानों को पुस्तकें भेंट कीं।
यहाँ के वैशाली स्थित पीएससी परिसर में आयोजित एक विशेष समारोह में राजकमल प्रकाशन के प्रबन्ध निदेशक अशोक महेश्वरी, पीएससी 41वीं बटालियन की कमांडेंट भारती सिंह और वरिष्ठ लेखिका मैत्रेयी पुष्पा की अगुआई में बल के जवानों और अधिकारियों को पुस्तकें भेंट की गईं ।
इस मौके पर अशोक महेश्वरी ने कहा, राजकमल प्रकाशन को हिंदी के प्रायः सभी बड़े साहित्यकारों का लगभग पूरा साहित्य प्रकाशित करने का गौरव हासिल है। 74 वर्ष पहले, 28 फरवरी को स्थापित यह प्रकाशन अब अपने 75वें वर्ष की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा, निरंतर आगे बढ़ते हुए और एक प्रकाशन के रूप में अपने दायित्व को महसूस करते हुए हम बीते दो वर्ष से 'भविष्य के स्वर' का आयोजन कर रहे थे। जिसमें नए और संभावनाशील रचनाकारों के व्याख्यान हुए। इस साल हमने भविष्य के स्वर के सिलसिले को विशेष तौर पर पाठकोन्मुख बनाने और पढ़ने की संस्कृति को समाज हर वर्ग के लोगों तक फैलाने की पहल की. आज का यह आयोजन उसी पहल की एक कड़ी है ।
अशोक ने कहा, यह आयोजन ऐसे मौके पर हो रहा है जब गुरुवार (4 मार्च) को महान कथाकार फणीश्वरनाथ रेणु की सौवीं जयंती है। राजकमल का उनसे विशेष नाता है और उनकी जन्मशती बेहद खास उपलक्ष्य है जब हम पाठकों के बीच पुस्तकें और पढ़ने की संस्कृति का संदेश लेकर जा रहे हैं ।
आयोजन में उपस्थित जवानों को संबोधित करते हुए मैत्रेयी पुष्पा ने कहा, वर्दी सिर्फ एक कपड़ा नहीं है, यह आपको न्याय की शक्ति देता है. इसी तरह किताबें आपको चेतना संपन्न बनाती हैं. वे तनाव से मुक्त करती हैं. वरिष्ठ लेखिका ने महिला पुलिसकर्मियों के साथ लम्बे संवाद के अपने अनुभवों को भी साझा किया ।
इससे पहले पीएससी 41वीं बटालियन की कमांडेंट भारती सिंह ने आयोजन में शामिल सभी लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि मौजूदा दौर में लोग किताबों से दूर होते जा रहे हैं. जबकि किताबों का कोई विकल्प नहीं है. वे केवल भविष्य के बारे में सोचने के लिए प्रेरित नहीं करतीं बल्कि यह भी बताती हैं कि कैसे सोचना चाहिए. उन्होंने कहा, इस संदर्भ में पुस्तकों से लोगों को जोड़ने की पहल सराहनीय है।
इस मौके पर एडिशनल एएसपी सिटी 2 ज्ञानेंद्र कुमार सिंह, सीएफओ सुनील कुमार सिंह, असिस्टेंट कमांडेंट अवध सिंह ने भी अपने विचार रखे. आयोजन में राजकमल प्रकाशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आमोद महेश्वरी भी उपस्थित थे ।
गौरतलब है कि अपने 75वें वर्ष की ओर बढ़ते हुए राजकमल प्रकाशन ने अधिक से अधिक लोगों को अच्छी किताबों से जोड़ने और पढ़ने की संस्कृति के प्रसार के मकसद से पुस्तक मित्र अभियान चला रहा है।
जिसका नारा है 'चलें ज्ञान की ओर'. इस अभियान के तहत उसने बीते रविवार दिल्ली के कूचा चेलान स्थित बाल सुधार गृह, परदा बाग स्थित बालिका सुधार गृह व यमुना खादर स्थित स्टडी सर्किल में बच्चों को तथा दरियागंज पुलिस स्टेशन परिसर में पुलिस प्रतिनिधियों को किताबें भेंट कीं. उसका यह अभियान आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा जिसके तहत अन्य स्थानों पर भी ऐसे आयोजन किये जाएंगे ।
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