गुब्बारे पर चीता Gubbare Par cheetah Class 7 Hindi Durva Chapter 4 प्रेमचंद कहानी का सारांश गुब्बारे पर चीता कहानी के प्रश्न उत्तर शब्दार्थ
गुब्बारे पर चीता कहानी प्रेमचंद
गुब्बारे पर चीता कहानी का सारांश
गुब्बारे पर चीता कहानी मुंशी प्रेमचंद की बाल कौतुहल पर आधारित कहानी है। प्रस्तुत कहानी में बलदेव नामक लड़का बड़ा ही शरारती है। उसके शहर में एक सर्कस आया हुआ है। उसके लुभावनी विज्ञापनों को देखकर बलदेव अपनी कक्षा के सभी बच्चों को साथ चलने के लिए कहता है। हेडमास्टर साहब की शख्त ताकीद थी कि कोई सर्कस देखने न जाए बल्कि गेंद खेले।
जब मैदान में सभी बच्चे क्रिकेट खेलने आये तो बलदेव चुपके से सर्कस देखने भागा। वहां पहुँचकर उसने एक आने का टिकट ख़रीदा और जानवरों को देखने लगा। वहां कमजोर बीमार शेर भालू को देखकर बहुत झुंजलाया। उसमें चीता ही कुछ जानदार लगा।इतने में एक बड़ा भारी गुब्बारा दिखाई दिया ,जिस पर सवारी करने के लिए चार आने लगते। बलदेव उसी तरफ देख रहा था तभी चीता पिंजरा तोड़कर उसकी तरफ भागा आ रहा था।
बलदेव तुरंत दौड़कर गुब्बारे पर चढ़ गया और पीछा करते हुए चीता भी गुब्बारे पर दौड़ा। तभी गुब्बारे वाले ने डर कर गुब्बारे की रस्सी छोड़ दी। अब बलदेव और चीता दोनों ही आसमान में उड़ने लगे। बलदेव बहुत ही अधिक डर गया था। उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे। चीता भी डर कर अपनी सारा चीतापन भूल गया था और घबराकर गुब्बारे से नीचे कूद पड़ा। कूदने से उसकी सारी हड्डी पसली टूट गयी।
बलदेव अब भी ऊँचे ऊँचे उड़ा जा रहा था। उसे एकाएक अपनी किताब की बात याद आ गयी जिसमें उसने पढ़ा था कि गुब्बारे में हवा निकाल देने से गैस निकल जाती है और वह नीचे उतर आता है। उसने घबराकर गुब्बारे का मुँह खोल दिया जिससे गुब्बारा बहुत तेज़ी से नीचे गिरने लगा। बलदेव को नीचे नदी दिखाई दी और वह रस्सी छोड़कर दरिया में कूद पड़ा और तैरकर सकुशल बाहर आ गया।
गुब्बारे पर चीता कहानी के प्रश्न उत्तर
प्र.1 कहानी से
क. हेडमास्टर साहब ने बच्चों को सरकस में जाने से क्यों मना किया होगा?
उ. हेडमास्टर साहब ,समझदार आदमी थे। वे भली भाँती जानते थे कि सर्कस में भयंकर खूंखार जानवर रहते हैं। उनकी सुरक्षा भी भली भाँती नहीं की जाती है। ऐसी स्थिति में यदि कक्षा के बच्चे सर्कस देखने जाएँ और कोई जानवर उन पर हमला कर दें तो उसके लिए सुरक्षा का कोई प्रबंध नहीं होगा। अतः सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हेडमास्टर ने बच्चों को सर्कस में जाने से मना कर दिया।
(ख) सरकस के बारे में कौन-कौन सी अफ़वाहें फैली हुई थीं?
उ. सर्कस वालों ने जनता में झूठी झूठी अफवाहें फैलाई थी कि शेर और बकरी एक बर्तन में पानी पियेंगे। हाथी पैर गाडी में बैठेगा। तोता बन्दूक छोड़ेगा और बनमानुष बाबू बनकर मेज पर बैठेगा।
(ग) बलदेव सरकस में जाकर निराश क्यों हो गया?
उ. बलदेव ने सर्कस वालों के विज्ञापन को देखकर समझा था कि वह सुंदर सुन्दर जानवर देखने को मिलेंगे ,जिनको देखकर उसका मन बहलेगा जबकि शेर जैसे मलेरिया का रोगी लग रहा था। वहीँ भालू काना था ,कुत्ता तीन टांग वाला था। सभी की शारीरिक स्थिति बहुत ही कमजोर थी। अतः ऐसे में बलदेव एक आना खर्च करके बहुत पछता रहा था।
(घ) बलदेव और चीता दोनों गुब्बारे पर ऊपर उठते जा रहे थे। फिर भी चीते ने बलदेव को कोई नुकसान क्यों नहीं पहुँचाया?
(ङ) कहानी के इस वाक्य पर ध्यान दो-
गुब्बारे पर चीता |
“इतने में उसे एक बड़ा भारी गुब्बारा दिखाई दिया” तुम्हें क्या लगता है कि गुब्बारा भारी होता है? लेखक ने उसे भारी क्यों कहा है?
उ. गुब्बारा तो भारी नहीं होता है ,लेकिन लेखक ने गुब्बारे की विशालता दिखाने के लिए बड़ा भारी गुब्बारा शब्द का प्रयोग किया था। गुब्बारा बड़ा होने के कारण वह लोगों को उठाकर दूर तक सैर करवाने में सक्षम था।
प्र.2 सोचो और बताओ
(क) गुब्बारे में से हवा निकलने पर वह नीचे क्यों आने लगता है?
उ. गुब्बारे फुलाने के लिए गरम हवा भरी जाती है। गरम हवा हलकी होती है। हलकी होने के कारण वह ऊपर उठने लगती है। जैसे ही गुब्बारे की हवा निकलने लगती है ,उससे गुरुत्वाकर्षण के कारण गुब्बारा जमीन पर गिर जाता है।
(ख) स्कूल में तुम्हें क्या-क्या करने के लिए अनुमति लेनी पड़ती है?
उ. स्कूल में मुझे निम्नलिखित कार्यों के लिए अनुमति लेनी पड़ती है -
- कक्षा में बाहर जाने में अनुमति लेनी पड़ती है।
- शौचालय जाने के लिए अनुमति लेनी पड़ती है।
- कक्षा में दाखिल होने के लिए अनुमति लेनी पड़ती है।
- यदि प्यास लगी हो तो प्यास बुझाने के लिए पानी पीने के लिए अनुमति माँगनी पड़ती है।
उ. सर्कस में जानवरों के करतब दिखाए जाते हैं। उनके प्रति क्रूरता बरती जाती है। जानवरों को जबरदस्ती ट्रेनिंग देकर ,उन्हें इंसानों के मनोरंजन का साधन बनाया जाता है। इंसानों का मनोरंजन इंसानों द्वारा ही होना चाहिए ,उसमें जानवरों का प्रयोग करतब दिखाने के लिए वर्जित होना चाहिए।
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