सागर यात्रा Sagar Yatra hindi lesson solutions ncert solutions for class 8 hindi chapter 6 NCERT Class 8 Hindi Durva Chapter 6 Sagar Yatra सारांश
सागर यात्रा / टी.सी.एस. चौधरी
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सागर यात्रा वृतांत पाठ का सारांश
प्रस्तुत पाठ या यात्रा वृत्तांत लेखक टी.सी.एस. चौधरी (अनुवाद - बृजमोहन गुप्त) जी के द्वारा लिखित है, जिसका शीर्षक सागर-यात्रा है | दस भारतीयों ने एक नौका में दुनिया का चक्कर लगाया था | उस नौका का नाम तृष्णा था | यह पहला ऐसा भारतीय अभियान था, जो विश्व यात्रा पर निकला था | उसी दल के एक सदस्य के यात्रा-वर्णन के कुछ अंश इस पाठ में दिया गया है |लेखक कहते हैं कि नौका पर जीवन बहुत व्यस्त था | हमारे पास स्वचालन की व्यवस्था नहीं थी और तृष्णा (नौका) के चक्के चौबीसों घंटे सम्भालने के लिए आदमियों की जरूरत थी | हम हर घंटे बाद चक्का सम्भालने का काम बदलते | एक चक्का सम्भालता तो दूसरा जहाजों, द्वीपों और व्हेल मछलियों आदि पर नज़र रखकर अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभाता | जो लोग चौकसी से हटते वे अपने कपड़े बदलते, खाना खाते, पढ़ते, रेडियो सुनते और अपनी ड्यूटी के अन्य कार्य जैसे रेडियो की जाँच, इंजन की जाँच तथा व्यंजन सूची के अनुसार भोजन बनाने के लिए राशन देने का काम निबटाते | व्यस्तता बहुत ज्यादा थी, कठिन दिनचर्या के कारण शतरंज खेलने के लिए या किसी और मनोरंजन के लिए समय ही नहीं मिलता था और न ही बोरियत के लिए वक़्त था | दिन में एक बार हम नौका पर 'खुशी का घंटा' बिताते |
सागर यात्रा |
मेडागास्कर के पास एक तूफान आया 12 मीटर ऊँची समुद्र की लहरें हमारी नौका पर टूट पड़ी और उसे पानी से भर दिया | अभियान दल के सदस्य अनेक बार समुद्र में गिर गए लेकिन सौभाग्य से उन्हें वापस नौका पर खींच लिया गया, क्योंकि उन्होंने नौका से जुड़ी रस्सियों को अपनी बेल्ट से बाँध रखा था | केप ऑफ गुड होप का चक्कर लगाते समय भी हम खतरनाक तूफान से टकराए | हवा की गति थी 120 किलोमीटर प्रति घंटा और समुद्री लहरों की ऊँचाई 15 मीटर | हर क्षण, मौत को आमंत्रण दे रहा था | हम केप से पाँच किलोमीटर दूर बह गए | हमें लगा कि हमारी नौका किसी चट्टान से टकराकर चूर-चूर हो जाएगी | हमने अपने जीवन रक्षक उपकरण खो दिए | रेडियो सैट बेकार हो गया, एरियल टूट गए और पूरी दुनिया से अगले 15 दिनों के लिए हमारा रेडियो सम्पर्क टूट गया | भारतीय समाचार पत्रों ने खबर छाप दी कि तृष्णा लापता है, जिस कारण हमारे परिवारजन और मित्रगण बुरी तरह घबरा गए | परन्तु, धीरे-धीरे अनुभव बढ़ने के साथ हम नौका को निश्चित राह पर बनाए रखने में सफल रहे |
प्रथम भारतीय नौका अभियान दल विश्व की परिक्रमा कर 54000 किलोमीटर की दूरी मापकर 470 दिन की ऐतिहासिक यात्रा के बाद, 10 जनवरी 1987 को 6:00 बजे मुंबई बंदरगाह पहुँचा | जैसे ही तृष्णा के 10 सदस्यीय अभियान दल ने गेटवे ऑफ इंडिया की सीढ़ियों पर कदम रखे, भीड़ खुशी से चिल्ला उठी, आतिशबाजी छोड़ी गई, बंदूकें दागी गई और हमारे स्वागत में सायरन बजाए गए | तत्पश्चात् लेखक कहते हैं कि तृष्णा के साथ-साथ यह पहला अवसर था कि जब हममें से किसी ने गणतंत्र दिवस परेड में भाग लिया | हम सेना की टुकड़ी के अंग थे और 26 जनवरी को जब हम राजपथ से गुजरे तो हमारा तालियों से जोरदार स्वागत हुआ | सागर-यात्रा की साहसिक एवं संघर्षपूर्ण स्मृति आज भी हमें रोमांचित कर देती है...||
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सागर यात्रा वृतांत पाठ के प्रश्न उत्तर
प्रश्न-1 सागर यात्रा में नौका को सँभालने के लिए हर समय एक व्यक्ति की ज़रूरत थी | क्यों?
उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, सागर-यात्रा में नौका को सम्भालने के लिए हर समय एक व्यक्ति की जरूरत थी, क्योंकि एक चक्का सम्भालता तो दूसरा जहाजों, द्वीपों और व्हेल मछलियों आदि पर नज़र रखकर अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभाता था |
प्रश्न-2 वे लोग समुद्र की यात्रा कर रहे थे | समुद्र यात्रा में भी उन्हें पानी की समस्या क्यों हुई ?
उत्तर - वास्तविकता यह है कि समुद्र का पानी खारा होता है | उससे न ही नहाया जा सकता है और न ही वह पीने योग्य होता है |
प्रश्न-3 हम सब इस अभियान के खतरों को जानते थे | समुद्री यात्रा में उन यात्रियों को कौन-कौन से खतरों और परेशानियों का सामना करना पड़ा था ?
उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, समुद्री यात्रा में उन यात्रियों को विभिन्न खतरों और परेशानियों का सामना करना पड़ा था | जैसे कि एक जगह लेखक कहते हैं --- मेडागास्कर के पास एक तूफान आया 12 मीटर ऊँची समुद्र की लहरें हमारी नौका पर टूट पड़ी और उसे पानी से भर दिया | अभियान दल के सदस्य अनेक बार समुद्र में गिर गए लेकिन सौभाग्य से उन्हें वापस नौका पर खींच लिया गया, क्योंकि उन्होंने नौका से जुड़ी रस्सियों को अपनी बेल्ट से बाँध रखा था | केप ऑफ गुड होप का चक्कर लगाते समय भी हम खतरनाक तूफान से टकराए | हवा की गति थी 120 किलोमीटर प्रति घंटा और समुद्री लहरों की ऊँचाई 15 मीटर | हर क्षण, मौत को आमंत्रण दे रहा था | हम केप से पाँच किलोमीटर दूर बह गए | हमें लगा कि हमारी नौका किसी चट्टान से टकराकर चूर-चूर हो जाएगी | हमने अपने जीवन रक्षक उपकरण खो दिए | रेडियो सैट बेकार हो गया, एरियल टूट गए और पूरी दुनिया से अगले 15 दिनों के लिए हमारा रेडियो सम्पर्क टूट गया |
प्रश्न-4 नौका पर माँ की भूमिका निभाने वाला व्यक्ति कौन-कौन से काम करता था ?
उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, नौका पर माँ की भूमिका निभाने वाले व्यक्ति को खाना पकाने, बर्तन माँजने, शौचालय की सफ़ाई, नौका की सफ़ाई आदि हर काम करना पड़ता था |
प्रश्न-5 तुम्हारे विचार से उन कामों को माँ के कामों की उपमा क्यों दी गई होगी ?
उत्तर- हमारे विचार से उन कामों को माँ के कामों की उपमा इसलिए दी गई होगी, क्योंकि वह काम जिम्मेदारी भरा काम था, जिसे स्वाभाविक रूप से सबकी देखभाल करने संबंधी काम एक माँ ही किया करती है |
प्रश्न-6 सागर के यात्रियों को पानी के कारण बहुत परेशानी होती थी | बताओ ---
(क) उन्हें पानी के कारण क्या-क्या परेशानियाँ हुई?
उत्तर- सागर के यात्रियों को पीने के लिए पानी, नहाने के लिए पानी इत्यादि का अभाव झेलना पड़ा |
प्रश्न-7 बंदरगाह समुद्र के किनारे की वह जगह होती है जहाँ पानी के जहाज़, नौकाएँ आदि ठहरते हैं | पता लगाओ इन जगहों पर क्या होता है ---
(क) अस्तबल
(ख) हवाई-अड्डा
(ग) पोस्ट-ऑफिस
(घ) अस्पताल
(ङ) न्यायालय
(च) बाज़ार
उत्तर - इन जगहों पर क्या होता है -
(क) अस्तबल --- यहाँ पर घोड़े रखे जाते हैं |
(ख) हवाई-अड्डा ---यहाँ पर हवाई जहाज़ रुकते हैं |
(ग) पोस्ट-ऑफिस --- इसके माध्यम से चिट्टियाँ आदि का प्रेषण होता है |
(घ) अस्पताल --- यहाँ मरीजों का इलाज होता है |
(ङ) न्यायालय --- यहाँ कानूनी कार्यवाही के माध्यम से न्याय मिलता है |
(च) बाज़ार --- वस्तुओं की खरीद-बिक्री की जाती है |
प्रश्न-8 सही उपसर्ग लगाओ --- अ, सु
ऊपर में दिए गए उपसर्ग लगाकर सार्थक शब्द बनाओ |
(क) सफल + .................. = .................
(ख) स्वागत + .................. = ................
(ग) विश्वास + .................. = ................
(घ) कन्या + ................ . = ................
(ङ) पुत्र + .................. = ................
उत्तर- उपसर्ग लगाकर सार्थक शब्द -
(क) सफल + अ = असफल
(ख) स्वागत + सु = सुस्वागत
(ग) विश्वास + अ = अविश्वास
(घ) कन्या + सु = सुकन्या
(ङ) पुत्र + सु = सुपुत्र
प्रश्न-9 में, ने, को, का, के, लिए, से, पर
उपर्युक्त में से यही शब्द चुनकर रिक्त स्थानों में भरो |
(क) सीमा ................. फल खाए |
(ख) रोहित ................. पेन नया है |
(ग) माँ-बच्चों ................. मिठाई लाई |
(घ) हमने रस्सी ................. कपड़े सुखाए |
(ङ) मैंने बैग ................. किताबें रखीं |
(च) पौधों ................. गमलों में रखो |
(छ) केरल जम्मू ................. बहुत दूर है |
उत्तर- शब्द चुनकर रिक्त स्थानों में भरो -
(क) सीमा ने फल खाए |
(ख) रोहित का पेन नया है |
(ग) माँ-बच्चों के लिए मिठाई लाई |
(घ) हमने रस्सी पर कपड़े सुखाए |
(ङ) मैंने बैग में किताबें रखीं |
(च) पौधों को गमलों में रखो |
(छ) केरल जम्मू से बहुत दूर है |
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सागर यात्रा वृतांत पाठ से संबंधित शब्दार्थ
• अभियान - लक्ष्य
• निरन्तर - लगातार
• निबटाना - पूरा करना
• चौकसी - सजगता, पहरेदारी
• स्वचालन - बिना किसी विशिष्ट प्रक्रिया के अपने आप चलना
• पाल (नौका) - नाव के मस्तूल के सहारे ताना जाने वाला कपड़ा, जिसमें हवा भरने से नाव चलती है |
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