ऑनलाइन शिक्षा के फायदे और नुकसान

SHARE:

ऑनलाइन शिक्षा के फायदे और नुकसान पर निबंध Online शिक्षा के लाभ और नुकसान Benefits & Side Effects of Digital Education Online Class ke Nuksaan Online

ऑनलाइन शिक्षा के फायदे और नुकसान


नलाइन शिक्षा के फायदे और नुकसान ऑनलाइन शिक्षा के फायदे और नुकसान पर निबंध Online शिक्षा के लाभ और नुकसान Benefits & Side Effects of Digital Education Benefits & Side Effects of Digital Education Online शिक्षा के लाभ और नुकसान ऑनलाइन क्लासेज के फायदे ऑनलाइन क्लासेज के नुकसान pros and cons of online education advantages of online education disadvantages of online education -  ऑनलाइन शिक्षा की बात करते ही सबसे पहले जरूरत महसूस होती है कम से कम एक अदद अच्छी मेमोरी वाले एँड्राइड फोन की और भरपूर डाटा वाली इंटरनेट सेवा की। यह कहना सामान्य बात है कि आजकल सबके पास स्मार्ट फोन है किंतु कितने विद्यार्थियों के पास यह सुविधा है इसकी जाँच करने पर पता चलेगा कि करीब 40 % छात्रों के पास इसकी उपलब्धि नहीं है। 

ऑनलाइन शिक्षा के नुकसान

ऑनलाइन में “जूम” पर पढ़ने के लिए जरूरी नेट का पैकेज भी कम लोगों के पास ही होता है। फलस्वरूप कई बच्चे ऑन लाइन शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। पता नहीं कितनी शिक्षिकाओँ के पास यह सुविधा और जरूरी जानकारी है। आप अपनी नजर हायर इकोनोमिक और मिडल इकोनोमिक जनता से हटाकर लोवर इकोनोमिक स्ट्राटा पर आएँ तो स्थिति भयावह नजर आएगी। आप आँकड़े देखिए कि कितने बच्चे शिक्षा ऑनलाइन हो जाने के कारण शिक्षा से वंचित (अलग) हो गए और परिवार की स्थिति की वजह से बाल-मजदूर में बदल गए । यह बात अलग और एक अलग समस्या है कि रूबरू कक्षाएँ शुरु होने पर इनमें से कितने वापस कक्षाओँ तक पहुँच पाएंगे। 

दूसरी समस्या यह है कि जिनके पास स्मार्ट फोन है उनमें से कितनों को “जूम” जैसे प्रोग्राम पर मीटिंग करना और उसमें सम्मिलित होने का ज्ञान है ? ज्यादातर लोगों को तो नहीं है। बहुत से अभिभावकों को ही ऑन लाइन की जानकारी नहीं है। कुछ बच्चे तो फिर भी घर के बड़ों से या यू-ट्यूब से सीख सकते हैं किंतु बड़ी उम्र के शिक्षिकाओं को कौन सिखाए। ऐसी नौबत आएगी यह किसको पता था, जो यह सब सीख कर रखते। घर पर कालेज में पढ़ते बच्चे हों तो कुछ राहत मिल सकती है। ना जानें कितनों के पास यह सुविधा है।

इसके अलावा एक और समस्या है कि ऑनलाइन पर बच्चों में बाँटने के लिए नोट्स बनाना और समय पर उनको बच्चों में बाँटना। नोट्स बनाने के लिए टाइप करना , उसमें चित्र, रसायनिक समीकरण, ब्लॉक्स जैसे कुछ और भी डालना आना चाहिए। इनको ऑनलाइन वितरण करना भी आना चाहिए। जिन शिक्षकों को इसका ज्ञान है वो तो तर जाएँगे, पर जिन्हें न हो उनका तो कमर टूट सी जाएगी। जो बच्चे “जूम” जैसे प्लेटफार्म से वाकिफ नहीं हैं, उनके तो क्लास भी गए और वे तो पढ़ाई से भी रह ही गए। कई शिक्षक वीडियो बनाकर भी वाटसएप के द्वारा क्लास ग्रुप में भेज देते हैं ताकि गैरहाजिर बच्चे पढ़ाई की क्षतिपूर्ति कर सकें।

टीच फ्रम होम (ऑनलाइन टीचिंग) में स्कूल का काम भी घर से होता है। फलस्वरूप शिक्षिकाएँ स्कूल के समय में भी घर पर उपलब्ध हैं, भले स्कूल के काम में ही लगी हुई हैं । लेकिन घर वाले - बच्चे जो खुद स्कूल बंद होने का कारण या बड़े जो वर्क फ्रम होम के कारण - घर पर हैं – उनको शिक्षिका की घर पर उपस्थिति साधारण ही समझ में आती है।  इसकी वजह से उनके वर्क (टीच) फ्रम होम के साथ वर्क फर होम  भी जुड़ जाता है। पहले घर में घर का और स्कूल में स्कूल का काम होता था, पर अब पूरे दिन घर और स्कूल दोनों जगहों का काम होते रहता है। अब शिक्षिका का वाटसएप नंबर सारे बच्चों के पास चला गया, तो अब कुछ नासमझ बच्चे और अभिभावक जब मर्जी आए – समय-बेसमय शिक्षिकाओं को फोन करते रहते हैं।
ऑनलाइन शिक्षा के फायदे और नुकसान

रूबरू पढ़ाई के दिनों में भी पढ़ाने के लिए अगले दिन (दिनों) के लिए विषय के नोट्स बनाने पड़ते थे, पर वे खुद के लिए होते थे। इसे किसी भी तरह लिखा जा सकता था, क्योंकि खुद को ही पढ़ना है। किंतु ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चों को नोट्स देने होंगे इसलिए उन्हें सुघड़ हस्ताक्षरों में लिखना होगा या फिर पूरा टाइप करना होगा। जो विषय पढ़ाना है उसको टाइप करना आना भी एक खास बात है। कोई भाषा पढ़ाते हैं तो कोई विज्ञान, रसायन शास्त्र या कोई भौतिक शास्त्र। इनको टाइप करना साधारण काम नहीं है। विज्ञान के चित्र और रसायन के समीकरण और अन्य भाषाएँ टाइप करना विशेष गुण है। यह सबसे नहीं हो सकता। इसी तरह के बहुत से काम ऑनलाइन शिक्षा में शिक्षिकाओं के साथ जुड़ जाते हैं, जो बाहर दिखाई नहीं देते। बाहर से टाइप कराया जा सकता है किंतु उसमें कुछ रकम जाया करनी पड़ती है। ऑनलाइन कक्षा में कितने बच्चे हाजिर रहे, इसका रिकॉर्ड रखना पड़ता है, जो आसान नहीं है क्योंकि सारे बच्चों के पास नेट कनेक्टिविटी एक सी नहीं होती तो वे बीच-बीच में कक्षा से बाहर हो जाते हैं और थोड़ी देर में फिर से जॉइन होते हैं। लेक्चर को रोककर बार-बार उन्हें एंटर करना भी एक समस्या है। ना करें तो बाद में अभिभावक फोन करके सिर खाते हैं कि आपने बच्चे को कक्षा में क्यूँ नहीं लिया, मीटिंग लॉक क्यूँ कर दी, आदि-आदि। इस विषय में प्रबंधन भी अभिभावकों की तरफदारी करता है।


एक अनूठी समस्या यह है कि कक्षा में बच्चे यदि सुन-समझ नहीं पाएँ तो शिक्षिका से जितनी बार चाहें सुनने-समझने तक पूछ सकते थे, किंतु ऑनलाइन में यह सुविधा नहीं होती। क्योंकि वहाँ समय की पाबंदी होती है। इसलिए शिक्षिका को धीरे-धीरे दोहराते हुए पढ़ाना पड़ता है। इसके कारण पढ़ाई की गति कम होती जाती है। साथ ही विद्यार्थियों के संशय समाधान और प्रश्न पूछने के लिए कहीं तो समय होता ही नहीं या तो कहीं समयखंड (पीरियड) के अंत में समय दिया जाता है। तब तक तो कई विद्यार्थी सवाल भी भूल चुके होते हैं। इस तरह ऑनलाइन शिक्षा में पढ़ाई की गुणवत्ता भी घटती जाती है।

बच्चों की खातिर शिक्षिका इतना सब भी करने को तैयार हो जाती हैं। किंतु उन पर गाज तब गिरी जब निजी स्कूलों में उनकी तनख्वाह घटा दी गई। स्कूलों में वेतन घटाकर 70, 50, 30 प्रतिशत तक भी कर दी गई। एकाध स्कूल में किसी महीने तनख्वाह दी ही नहीं गई है। अब सोचिए “काम ज्यादा, वेतन आधा” किसको सुहाएगा। बाल-कल्याण समझकर काम करने पर भी, ऐसा व्यवहार किसे संतुष्ट रख सकेगा। यहाँ जाकर शिक्षिकाओं में असंतोष फैलने लगा। लेकिन वे भी किसी हद तक मजबूर थे । परिवार चलाना था। निजी नौकरी वाले पति/ पत्नी एवं परिवार के अन्य सदस्यों की भी नौकरी जाती रही या फिर वेतन घट गया। भूखे तो नहीं  मर सकते हैं ना !!! इसीलिए स्कूल प्रबंधन के कहने पर कभी घर से तो कभी स्कूल से, कभी ऑनलाइन तो कभी रूबरू स्कूल से पढ़ाया। सरकारी स्कूलों में न ही तनख्वाह घटी, न ही ऑन लाइन पढ़ाई हुई। बच्चों की भी छुट्टी और शिक्षिकाओं की भी। उनके तो मजे ही मजे हैं। पाँचों उंगली घी में और सर कढ़ाई में। सरकार ने तो कानून बनाए कि इस महामारी के दौरान किसी को नौकरी से न निकाला जाए न ही वेतन में किसी प्रकार की कटौती की जाए, किंतु यह कागजी कानून बनकर  दिवंगत हो गया।

प्रबंधन ने तब हद ही कर दी, जब कहा कि शिक्षिका बच्चों के अभिभावकों से बात करे और उनको फीस जमा करने के लिए तैयार करे। यह काम मिनिस्टीरियल स्टाफ या एकाउंटिंग विभाग का होता है, पर शिक्षिकाओं पर लाद दिया जा रहा है। साथ में सफाई यह कि आप तो बच्चों के संपर्क में हो। तो क्या जिनका काम है वे बच्चों से संपर्क नहीं कर सकते?  या फिर किसी शिक्षिका की कक्षा के दौरान ही वे अभिभावकों से बात नहीं कर सकते ? पर नहीं - शिक्षिकाओं पर ही लादना है।

इन सब परेशानियों को झेलने के बाद शिक्षिका तब हिम्मत हार जाती है, जब जिनके लिए सारा ताम-झाम किया जा रहा है, वे विद्यार्थी ही खुद इसमें रुचि नहीं दिखाते। समय पर सम्मिलित होना, होम वर्क के साथ तैयार रहना, पढ़ाए जा रहे विषय को सीखने समझने की जिज्ञासा रखना – ये उनको बोझ लगते हैं। उनके लिए ऑनलाइन शिक्षा टाइमपास का एक उत्तम साधन है। उधर 90 % पालक ऐसे हैं जो ऑनलाइन क्लास के दौरान अपने बच्चों पर नजर नहीं रखते । मोबाइल बच्चे के हाथ में है और कान में इयरफोन लगा हुआ है। बच्चा शिक्षिका का लेक्चर सुन रहा है या गाने  ?माता-पिता को पता ही नहीं चलता।

ऐसे भी बच्चे हैं जो अपनी उपस्थिति दर्ज करके लापता हो जाते हैं। कुछ, खासकर बड़ी कक्षाओँ के उपद्रवी बच्चे तो अपने “जूम” मीटिंग का आई डी और पासवर्ड भी दूसरों को दे देते हैं। यह बाहरी लोग पढ़ाई में खलल करते हैं, इनको रोकना और इनकी पहचान करना इसी में पढ़ाई का आधा समय निकल जाता है। कभी तो यह संभव भी नहीं हो पाता।  कक्षा में लड़कियों को परेशान करते हैं , अनचाही टिप्पणियाँ करते हैं। कुछ तो शिक्षिकाओं के प्रति अपशब्द लिखते और कहते हैं - जो पूरी कक्षा देखती है। मुझे ऐसी घटनाओँ का प्रथमतया ज्ञान है किंतु मैं उसे यहाँ उद्धृत नहीं कर सकता। स्कूल प्रबंधन को सूचित करने पर भी प्रबंधन के कान में जूं नहीं रेंगती। इस तरह की समस्याएँ अनुभवहीन व्यक्ति तो सोच भी नहीं सकता। 
 
शिक्षिकाओं से इतना सब करवाने के बाद सारे विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के या नाम मात्र को ऑनलाइन परीक्षा कहकर अगली कक्षा में प्रवेश दे दिया जाता है। कहिए शिक्षिकाओं की मनोदशा का क्या होगा ? उनको किस हद तक निराश होना पड़ रहा है? कई शिक्षिकाएँ इन हालातों के कारण मानसिक वेदना का अनुभव कर रहीं हैं। हो सकता है कि देश के किसी कोने में किसी ने आत्महत्या का प्रयत्न भी  किया होगा। अभी तक तो मुझे इसकी खबर नहीं है।

उधर शिक्षिकाओं का वह हाल है। इधर बच्चों की सोचें। सुबह उठकर, नहा[-धोकर, नाश्ता कर, दूध – बोर्नविटा जैसे कुछ पीकर फटाफट बस स्टैंड की तरफ दौड़ने की उनकी आदत तो खत्म ही हो गई है। मतलब कि बच्चों में अनुशासन की कमी हो गई है। बे-समय सोएंगे, बे-समय उठेंगे। नाश्ते का कोई तय समय नहीं। जब नींद खुले तब ही सवेरा। देर रात तक दोस्तों और अन्यों से फोन पर या चेट पर बात होती रहेगी। वीडियो या फिल्म देखते रहेंगे और सोते-सोते रात के  2-3 बज जाते हैं, तो सुबह उठा कैसे जाएगा ? ऐसे बे-समय और अनियमित हरकतों के कारण बदहजमी, मोटापा और आलस जैसी बीमारियाँ बिना बताए ही आ जाती हैं। अभिभावक भी सोचते हैं- चलो छुट्टियाँ तो हैँ, ठीक है, चलने दो। किंतु उनके भेजे में भी यह सोच नहीं आती कि स्कूल खुलने पर वह अनुशासन लौटेगा कैसे? क्या जब स्कूल खुलेगा,  तब ये आराम-तलब होते बच्चे कक्षाओं में पाँच छः घंटे बैठ पाएँगे ?

अब सोचिए उन शिक्षिकाओँ के बारे में जिनके घर में खुद के स्कूल जाने वाले बच्चे हैं। वह किधर जाए ? खुद के स्कूल का काम देखे ? पति, देवर, ननद, सास- ससुर, जेठानी के काम संभाले या फिर बच्चों में अनुशासन का प्रयत्न करे।

इन सबके बोझ में परिवार का रहन-सहन पटरी से कब उतर जाता है, पता ही नहीं चलता। भगवान ही जानता है। उनका तो परिवार ही बिखर जाता है।इससे साफ जाहिर है कि मजबूरी में हमने ऑनलाइन शिक्षा को अपनी तरह से अपना लिया है किंतु उसमें अभी समस्याएं ही समस्याएं हैं जिनका हल खोजने की प्रक्रिया तो अभी शुरू भी नहीं हुई है। उनके समाधानों के बाद शायद ऑनलाइन शिक्षा समाज के लिए वरदान साबित हो सकेगा । अभी तो मजबूरी और अभिशाप सा ही है।

ऑनलाइन कक्षाओं के फायदे

ऑनलाइन शिक्षा के फायदे भी बहुत से हैं, परंतु हमारे देश में उनका पूरा लाभ उठाने के लिए आवश्यक तकनीक, तकनीकी सुविधा, पूर्ण प्रशिक्षित शिक्षक, सुशिक्षित माता-पिता, स्वअनुशासित बच्चे और उनके स्वअनुशासित माता-पिता - अभी ना के बराबर हैं। इन सबसे बढ़कर तो यह कि हम भारतीय इस प्रकार की पढ़ाई के आदी ही नहीं हैं। इससे सामंजस्य बिठाने में हमें अभी बहुत समय लगेगा। 

लेख में हर जगह “शिक्षिका” का जिक्र है क्योंकि गाज उन पर ज्यादा गिरती है। इनमें  से काफी कुछ शिक्षकों से साथ भी है। गृहस्थी और परिवार की समस्याएँ कामकाजी महिलाओँ के साथ भी है। इसका इस लेख में जिक्र नहीं किया गया है क्योंकि यह लेख ऑनलाइन शिक्षा को ही समर्पित है।


*****


- एम.आर. अयंगर, हैदराबाद, तेलंगाना
ई-मेल – laxmirangam@gmail.com
ब्लॉग -  www.laxmirangam.blogspot.com 

COMMENTS

Leave a Reply
नाम

अंग्रेज़ी हिन्दी शब्दकोश,3,अकबर इलाहाबादी,11,अकबर बीरबल के किस्से,62,अज्ञेय,37,अटल बिहारी वाजपेयी,1,अदम गोंडवी,3,अनंतमूर्ति,3,अनौपचारिक पत्र,16,अन्तोन चेख़व,2,अमीर खुसरो,7,अमृत राय,1,अमृतलाल नागर,1,अमृता प्रीतम,5,अयोध्यासिंह उपाध्याय "हरिऔध",7,अली सरदार जाफ़री,3,अष्टछाप,4,असगर वज़ाहत,11,आनंदमठ,4,आरती,11,आर्थिक लेख,8,आषाढ़ का एक दिन,22,इक़बाल,2,इब्ने इंशा,27,इस्मत चुगताई,3,उपेन्द्रनाथ अश्क,1,उर्दू साहित्‍य,179,उर्दू हिंदी शब्दकोश,1,उषा प्रियंवदा,5,एकांकी संचय,7,औपचारिक पत्र,32,कक्षा 10 हिन्दी स्पर्श भाग 2,17,कबीर के दोहे,19,कबीर के पद,1,कबीरदास,19,कमलेश्वर,7,कविता,1478,कहानी लेखन हिंदी,17,कहानी सुनो,2,काका हाथरसी,4,कामायनी,6,काव्य मंजरी,11,काव्यशास्त्र,40,काशीनाथ सिंह,1,कुंज वीथि,12,कुँवर नारायण,1,कुबेरनाथ राय,2,कुर्रतुल-ऐन-हैदर,1,कृष्णा सोबती,3,केदारनाथ अग्रवाल,4,केशवदास,6,कैफ़ी आज़मी,4,क्षेत्रपाल शर्मा,52,खलील जिब्रान,3,ग़ज़ल,139,गजानन माधव "मुक्तिबोध",15,गीतांजलि,1,गोदान,7,गोपाल सिंह नेपाली,1,गोपालदास नीरज,10,गोरख पाण्डेय,3,गोरा,2,घनानंद,3,चन्द्रधर शर्मा गुलेरी,6,चमरासुर उपन्यास,7,चाणक्य नीति,5,चित्र शृंखला,1,चुटकुले जोक्स,15,छायावाद,6,जगदीश्वर चतुर्वेदी,17,जयशंकर प्रसाद,35,जातक कथाएँ,10,जीवन परिचय,77,ज़ेन कहानियाँ,2,जैनेन्द्र कुमार,7,जोश मलीहाबादी,2,ज़ौक़,4,तुलसीदास,28,तेलानीराम के किस्से,7,त्रिलोचन,4,दाग़ देहलवी,5,दादी माँ की कहानियाँ,1,दुष्यंत कुमार,7,देव,1,देवी नागरानी,23,धर्मवीर भारती,12,नज़ीर अकबराबादी,3,नव कहानी,2,नवगीत,1,नागार्जुन,25,नाटक,1,निराला,39,निर्मल वर्मा,4,निर्मला,42,नेत्रा देशपाण्डेय,3,पंचतंत्र की कहानियां,42,पत्र लेखन,202,परशुराम की प्रतीक्षा,3,पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र',4,पाण्डेय बेचन शर्मा,1,पुस्तक समीक्षा,141,प्रयोजनमूलक हिंदी,38,प्रेमचंद,50,प्रेमचंद की कहानियाँ,91,प्रेरक कहानी,16,फणीश्वर नाथ रेणु,4,फ़िराक़ गोरखपुरी,9,फ़ैज़ अहमद फ़ैज़,24,बच्चों की कहानियां,88,बदीउज़्ज़माँ,1,बहादुर शाह ज़फ़र,6,बाल कहानियाँ,14,बाल दिवस,3,बालकृष्ण शर्मा 'नवीन',1,बिहारी,8,बैताल पचीसी,2,बोधिसत्व,9,भक्ति साहित्य,143,भगवतीचरण वर्मा,7,भवानीप्रसाद मिश्र,3,भारतीय कहानियाँ,61,भारतीय व्यंग्य चित्रकार,7,भारतीय शिक्षा का इतिहास,3,भारतेन्दु हरिश्चन्द्र,10,भाषा विज्ञान,18,भीष्म साहनी,9,भैरव प्रसाद गुप्त,2,मंगल ज्ञानानुभाव,22,मजरूह सुल्तानपुरी,1,मधुशाला,7,मनोज सिंह,16,मन्नू भंडारी,10,मलिक मुहम्मद जायसी,9,महादेवी वर्मा,20,महावीरप्रसाद द्विवेदी,3,महीप सिंह,1,महेंद्र भटनागर,73,माखनलाल चतुर्वेदी,3,मिर्ज़ा गालिब,39,मीर तक़ी 'मीर',20,मीरा बाई के पद,22,मुल्ला नसरुद्दीन,6,मुहावरे,4,मैथिलीशरण गुप्त,14,मैला आँचल,8,मोहन राकेश,16,यशपाल,19,रंगराज अयंगर,43,रघुवीर सहाय,6,रणजीत कुमार,29,रवीन्द्रनाथ ठाकुर,22,रसखान,11,रांगेय राघव,2,राजकमल चौधरी,1,राजनीतिक लेख,21,राजभाषा हिंदी,66,राजिन्दर सिंह बेदी,1,राजीव कुमार थेपड़ा,4,रामचंद्र शुक्ल,3,रामधारी सिंह दिनकर,25,रामप्रसाद 'बिस्मिल',1,रामविलास शर्मा,9,राही मासूम रजा,8,राहुल सांकृत्यायन,2,रीतिकाल,3,रैदास,4,लघु कथा,125,लोकगीत,1,वरदान,11,विचार मंथन,60,विज्ञान,1,विदेशी कहानियाँ,34,विद्यापति,8,विविध जानकारी,1,विष्णु प्रभाकर,3,वृंदावनलाल वर्मा,1,वैज्ञानिक लेख,8,शमशेर बहादुर सिंह,6,शमोएल अहमद,5,शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय,1,शरद जोशी,3,शिक्षाशास्त्र,6,शिवमंगल सिंह सुमन,6,शुभकामना,1,शेख चिल्ली की कहानी,1,शैक्षणिक लेख,57,शैलेश मटियानी,3,श्यामसुन्दर दास,1,श्रीकांत वर्मा,1,श्रीलाल शुक्ल,4,संयुक्त राष्ट्र संघ,1,संस्मरण,34,सआदत हसन मंटो,10,सतरंगी बातें,33,सन्देश,44,समसामयिक हिंदी लेख,270,समीक्षा,1,सर्वेश्वरदयाल सक्सेना,19,सारा आकाश,22,साहित्य सागर,22,साहित्यिक लेख,87,साहिर लुधियानवी,5,सिंह और सियार,1,सुदर्शन,3,सुदामा पाण्डेय "धूमिल",10,सुभद्राकुमारी चौहान,7,सुमित्रानंदन पन्त,23,सूरदास,16,सूरदास के पद,21,स्त्री विमर्श,11,हजारी प्रसाद द्विवेदी,4,हरिवंशराय बच्चन,28,हरिशंकर परसाई,24,हिंदी कथाकार,12,हिंदी निबंध,436,हिंदी लेख,536,हिंदी व्यंग्य लेख,14,हिंदी समाचार,186,हिंदीकुंज सहयोग,1,हिन्दी,7,हिन्दी टूल,4,हिन्दी आलोचक,7,हिन्दी कहानी,32,हिन्दी गद्यकार,4,हिन्दी दिवस,91,हिन्दी वर्णमाला,3,हिन्दी व्याकरण,45,हिन्दी संख्याएँ,1,हिन्दी साहित्य,9,हिन्दी साहित्य का इतिहास,21,हिन्दीकुंज विडियो,11,aapka-banti-mannu-bhandari,6,aaroh bhag 2,14,astrology,1,Attaullah Khan,2,baccho ke liye hindi kavita,70,Beauty Tips Hindi,3,bhasha-vigyan,1,chitra-varnan-hindi,3,Class 10 Hindi Kritika कृतिका Bhag 2,5,Class 11 Hindi Antral NCERT Solution,3,Class 9 Hindi Kshitij क्षितिज भाग 1,17,Class 9 Hindi Sparsh,15,divya-upanyas-yashpal,5,English Grammar in Hindi,3,formal-letter-in-hindi-format,143,Godan by Premchand,12,hindi ebooks,5,Hindi Ekanki,20,hindi essay,428,hindi grammar,52,Hindi Sahitya Ka Itihas,105,hindi stories,682,hindi-bal-ram-katha,12,hindi-gadya-sahitya,8,hindi-kavita-ki-vyakhya,19,hindi-notes-university-exams,77,ICSE Hindi Gadya Sankalan,11,icse-bhasha-sanchay-8-solutions,18,informal-letter-in-hindi-format,59,jyotish-astrology,23,kavyagat-visheshta,26,Kshitij Bhag 2,10,lok-sabha-in-hindi,18,love-letter-hindi,3,mb,72,motivational books,12,naya raasta icse,9,NCERT Class 10 Hindi Sanchayan संचयन Bhag 2,3,NCERT Class 11 Hindi Aroh आरोह भाग-1,20,ncert class 6 hindi vasant bhag 1,14,NCERT Class 9 Hindi Kritika कृतिका Bhag 1,5,NCERT Hindi Rimjhim Class 2,13,NCERT Rimjhim Class 4,14,ncert rimjhim class 5,19,NCERT Solutions Class 7 Hindi Durva,12,NCERT Solutions Class 8 Hindi Durva,17,NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan वितान भाग 1,3,NCERT Solutions for class 12 Humanities Hindi Antral Bhag 2,4,NCERT Solutions Hindi Class 11 Antra Bhag 1,19,NCERT Vasant Bhag 3 For Class 8,12,NCERT/CBSE Class 9 Hindi book Sanchayan,6,Nootan Gunjan Hindi Pathmala Class 8,18,Notifications,5,nutan-gunjan-hindi-pathmala-6-solutions,17,nutan-gunjan-hindi-pathmala-7-solutions,18,political-science-notes-hindi,1,question paper,19,quizzes,8,raag-darbari-shrilal-shukla,8,Rimjhim Class 3,14,samvad-lekhan-in-hindi,6,Sankshipt Budhcharit,5,Shayari In Hindi,16,skandagupta-natak-jaishankar-prasad,6,sponsored news,10,suraj-ka-satvan-ghoda-dharmveer-bharti,6,Syllabus,7,tamas-upanyas-bhisham-sahni,4,top-classic-hindi-stories,58,UP Board Class 10 Hindi,4,Vasant Bhag - 2 Textbook In Hindi For Class - 7,11,vitaan-hindi-pathmala-8-solutions,16,VITAN BHAG-2,5,vocabulary,19,
ltr
item
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika: ऑनलाइन शिक्षा के फायदे और नुकसान
ऑनलाइन शिक्षा के फायदे और नुकसान
ऑनलाइन शिक्षा के फायदे और नुकसान पर निबंध Online शिक्षा के लाभ और नुकसान Benefits & Side Effects of Digital Education Online Class ke Nuksaan Online
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEge7EzL7UgEVAB0JLaPR46pq9vwp1J_mak45orSWqRzp7nCymbnpCNnZxvGh1firai4gym2EBOtnjwiaF7XR7Vtj0Tw2PTwOcjeWUUsh8yWAiOi44jsa2wpwme9OXYqQtFKjOuUKE5ud4Tb/s320/advantages-disadvantages-online-education.jpeg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEge7EzL7UgEVAB0JLaPR46pq9vwp1J_mak45orSWqRzp7nCymbnpCNnZxvGh1firai4gym2EBOtnjwiaF7XR7Vtj0Tw2PTwOcjeWUUsh8yWAiOi44jsa2wpwme9OXYqQtFKjOuUKE5ud4Tb/s72-c/advantages-disadvantages-online-education.jpeg
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika
https://www.hindikunj.com/2021/05/advantages-disadvantages-online-education.html
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/2021/05/advantages-disadvantages-online-education.html
true
6755820785026826471
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका