कोरोना वायरस के लक्षण और बचाव बचने के उपाय कोरोना वायरस क्या लक्षण है कोरोना वायरस पर निबंध भारत में कोरोना वायरस ऑक्सीजन संकट हाहाकार बुखार खाँसी
कोरोना वायरस के लक्षण और बचाव
कोरोना वायरस क्या है परिचय
वर्तमान समय में कोरोना वायरस अर्थात् कोविड-19 (संशोधित नाम) के प्रकोप से लगभग पूरी दुनिया दहशत में जी रही है | दरअसल, कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरुआत दिसंबर 2019 से चीन के वुहान शहर से मानी जाती है |
यह वायरस बेहद सूक्ष्म, किन्तु घातक है | वास्तव में यह जानलेवा वायरस लोगों में तेजी से फैल रहा है | विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे महामारी घोषित कर दिया है | दुनिया भर में इस वायरस को ख़त्म करने की कोशिशें जारी है | लॉकडाउन की स्थिति कायम है | तरह-तरह के टेस्टिंग और वैक्सीन निर्माण में मेडिकल साइंस की टीम जुटी हुई है | लेकिन अभी तक कोविड-19 की रोकथाम के लिए कोई प्रभावकारी दवा या टीका अस्तित्व में नहीं आ पाया है | यह महामारी घातक जरूर है, पर इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि जितना ज्यादा हो सके आप सावधानियाँ बरतें और अपने इम्यून् सिस्टम को मजबूत करने की कोशिश करते रहें | बुज़ुर्गों और छोटे बच्चों का अधिक ध्यान रखें |
वाकई, आज इस महामारी (कोरोना वायरस) के दौर ने हमें आईना दिखाया है, दरख़्तों की कीमत बताया है और हमारे मस्तिष्क पटल पर हरे-भरे वनों की अहमियत को पुनः स्थापित करने का बड़ा कारनामा किया है | जिस तरह से हम अपनी मूल संस्कृति और रहन-सहन से दूर जाकर आधुनिकता की चपेट में आ गए थे, इस महामारी ने हमें फिर से ज़िंदगी जीने के अपने तरीकों में सुधार करने का मौका प्रदान किया है | अब सवाल यहाँ ये उठता है, कि क्या सचमुच इस रक्तपिपासु महामारी से हम सबक लेकर अपने उटपटांग दिनचर्या पर लगाम कसेंगे या फिर किसी लापरवाह परीक्षार्थी की तरह महज़ एग्जामिनेशन के दिन ही जरा सा खौफ़ व गम्भीरता दिखाकर ख़ूब मेहनती होने का ढोंग करेंगे और तत्पश्चात पूर्ववत् रवैया के साँचे में ढलना ज़ारी रखेंगे |
कोरोना वायरस |
वाकई, आज इस महामारी (कोरोना वायरस) के दौर ने हमें आईना दिखाया है, दरख़्तों की कीमत बताया है और हमारे मस्तिष्क पटल पर हरे-भरे वनों की अहमियत को पुनः स्थापित करने का बड़ा कारनामा किया है | जिस तरह से हम अपनी मूल संस्कृति और रहन-सहन से दूर जाकर आधुनिकता की चपेट में आ गए थे, इस महामारी ने हमें फिर से ज़िंदगी जीने के अपने तरीकों में सुधार करने का मौका प्रदान किया है | अब सवाल यहाँ ये उठता है, कि क्या सचमुच इस रक्तपिपासु महामारी से हम सबक लेकर अपने उटपटांग दिनचर्या पर लगाम कसेंगे या फिर किसी लापरवाह परीक्षार्थी की तरह महज़ एग्जामिनेशन के दिन ही जरा सा खौफ़ व गम्भीरता दिखाकर ख़ूब मेहनती होने का ढोंग करेंगे और तत्पश्चात पूर्ववत् रवैया के साँचे में ढलना ज़ारी रखेंगे |
कोरोना वायरस के लक्षण हिंदी में
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक बुखार, सूखी खाँसी, नाक बहना, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ़, खाने में स्वाद का पता न चलना इत्यादि कोविड-19 के मुख्य लक्षणों में शामिल हैं | जिनको पहले से ही मधुमेह डायबिटीज, अस्थमा, हृदय संबंधी रोग इत्यादि है, उनके लिए यह वायरस अधिक ख़तरनाक साबित हो सकता है |
कोरोना वायरस के बचाव के उपाय
अभी फिलहाल कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने का कोई ठोस इलाज संभव नहीं हो पाया है | केवल सावधानियाँ ही इस वायरस के संक्रमण पर लगाम लगा सकती हैं | स्वास्थ्य मंत्रालय (भारत सरकार) के द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, समय-समय पर साबुन से हाथ धोना या सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करना, खाँसते और छींकते वक़्त नाक और मुँह पर रूमाल या टिश्यू पेपर रखना, अगर हाथ साफ न हो तो आँख, नाक और मुँह को छूने से बचना, संक्रमित जगहों या व्यक्तियों के आस-पास जाने से पहले मास्क आदि का उपयोग करना, सर्दी-खाँसी के लक्षण वाले व्यक्तियों से दूरी बनाकर रखना, सोशल डीस्टेंसिंग बनाए रखना इत्यादि का पालन करके कोविड-19 के संक्रमण से बहुत हद तक बचा जा सकता है |
कोरोना वायरस महामारी का सामाजिक प्रभाव
अत: हम इस निष्कर्ष पर पहुँच सकते हैं कि कोरोना वायरस एक घातक और जानलेवा महामारी के रूप में हमारी ज़िंदगी में शामिल हो चुका है | इसका ठोस इलाज अभी संभव न हो सका है | रोजमर्रा के क्रियाकलापों में सावधानियाँ रख कर, सोशल डीस्टेंसिंग का पालन करके और जरूरी शासनात्मक दिशा-निर्देशों के अनुरूप चलके इस अदृश्य महामारी से बहुत हद तक बचा जा सकता है | अब चूँकि, भारत में उक्त महामारी का दूसरा चरण अपने अंतिम सफर में है, यानी तीसरा व घातक चरण की पूरी उम्मीद है आने की, तब ऐसी स्थिति में अत्यधिक सतर्कता बरतना बेहद जरूरी हो गया है | यदि इस भयावह स्थिति पर जल्द ही काबू न पाया गया, तो लोगों के मृत्यु के आँकड़ों का ग्राफ काफी तेजी से बढ़ेगा |
- मनव्वर अशरफ़ी
गुड
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