लॉकडाउन के फायदे और नुकसान लॉकडाउन पर निबंध Hindi essay on lockdown lockdown in India in Hindi UP board exam 2021 लॉकडाउन का समय Hindi nibandh
लॉकडाउन के फायदे और नुकसान
लॉकडाउन को दूसरे शब्द में तालाबंदी के नाम से भी जाना जाता है | बेशक, कोविड-19 के रूप में हमारे समक्ष एक भयावह चुनौती है | आज भारत समेत पूरा विश्व इस महामारी के संक्रमण से जूझ रहा है | भारत इस महामारी के प्रथम फेज़ से गुजरकर द्वितीय फेज़ में शामिल हो चूका है | अत्यधिक बढ़ते संक्रमण के कारण देश के ज्यादातर राज्यों में लॉक डाउन जैसे हालात कायम हैं | वास्तव में देखा जाए तो इस लॉकडाउन के फायदे और नुकसान दोनों ही हैं | लेकिन नुकसान पक्ष मानव के लिए अत्यधिक खतरनाक है | इसलिए बेहद आपातकालीन स्थिति में ही लॉकडाउन का विकल्प रखा जाता है |
लॉकडाउन के फायदे
यदि हम लॉकडाउन के फायदे की बात करें तो इस लॉकडाउन की वजह से लोगों को अपने परिवार के साथ वक़्त गुजारने का भरपूर मौका मिला है | परस्पर छोटी-छोटी खुशियों को जीने का मौका मिला है | हम डिजिटली ज्यादा मजबूत हुए हैं | अर्थात् कहीं न कहीं डिजिटल इंडिया का सपना भी साकार होता हुआ दिख रहा है | ऑनलाइन गतिविधियों को खूब बढ़ावा मिला है | यहाँ तक कि लॉकडाउन के कारण ऑनलाइन शिक्षा को भी एक विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है | स्कूल-कॉलेज के समस्त पाठ्यक्रम ऑनलाइन गतिविधियों के माध्यम से पूरे किए जा रहे हैं | लोग घरों में बैठकर यू-ट्यूब के माध्यम से अपनी पुरानी और दबी हुई प्रतिभाओं को उभारने का काम कर रहे हैं |
नि:संदेह, लॉक डाउन का एक बड़ा फायदा धरती और पर्यावरण को भी मिला है | विभिन्न प्रकार की फैक्ट्रियाँ बंद हो जाने, हर तरह के कामों पर रोक लगने, वाहनों की आवा-जाही पर अंकुश लगने इत्यादि से कहीं न कहीं हमारा पर्यावरण सकारात्मक दृष्टिकोण से प्रभावित हुआ है | वायुमंडल शुद्धता की कसौटी पर खरा उतरा है | हर तरह के प्रदूषण पर बहुत हद तक लगाम लगा है | नदियाँ प्रदूषणरहित हुई हैं |
नि:संदेह, लॉक डाउन का एक बड़ा फायदा धरती और पर्यावरण को भी मिला है | विभिन्न प्रकार की फैक्ट्रियाँ बंद हो जाने, हर तरह के कामों पर रोक लगने, वाहनों की आवा-जाही पर अंकुश लगने इत्यादि से कहीं न कहीं हमारा पर्यावरण सकारात्मक दृष्टिकोण से प्रभावित हुआ है | वायुमंडल शुद्धता की कसौटी पर खरा उतरा है | हर तरह के प्रदूषण पर बहुत हद तक लगाम लगा है | नदियाँ प्रदूषणरहित हुई हैं |
लॉकडाउन के नुकसान
यदि लॉकडाउन के नुकसान की बात करें तो इसका सबसे बड़ा नुकसान अर्थव्यवस्था को हुआ है | फैली महामारी के कारण हुए लॉक डाउन ने पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को चौपट किया है | मंहगाई आसमान छूने लगी और लोगों के पास पैसों की समस्याएँ उत्पन्न होने लगी | रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए किए जाने वाले कामों पर रोक लगने की वजह से गरीब या आम जनता अत्यधिक प्रभावित व परेशान हुए हैं | कारोबार पूरा ख़त्म सा हो गया | बल्कि छोटे और मंझौले व्यापारियों को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है | कईयों का दिवाला निकल गया | नौकरी पेशे लोग भी बेरोज़गारों के कतार में आकर खड़े हो गए | जबकि पूर्व से ही बेरोज़गारों की तादाद एक चिंताजनक मुद्दा रहा है |
ग्रामीण इलाकों से दूर-दराज के बड़े शहरों में जो मजदूर वर्ग दो वक़्त की रोटी का इंतजाम करने गए थे, वे वहीं पर फंस गए | सभी राज्य अपनी-अपनी सीमाओं को सील कर दिए | यहाँ तक की लाखों की संख्या में मजदूर पैदल पलायन करने पर विवश हो गए | कई मजदूरों ने तो अपनी जानें तक गंवा दी | यदि लॉकडाउन का यही सिलसिला जारी रहा और लोगों के धंधे-पानी बंद रहे तो निश्चित तौर पर लोग महामारी से कम और भुखमरी से ज्यादा मरेंगे |
ग्रामीण इलाकों से दूर-दराज के बड़े शहरों में जो मजदूर वर्ग दो वक़्त की रोटी का इंतजाम करने गए थे, वे वहीं पर फंस गए | सभी राज्य अपनी-अपनी सीमाओं को सील कर दिए | यहाँ तक की लाखों की संख्या में मजदूर पैदल पलायन करने पर विवश हो गए | कई मजदूरों ने तो अपनी जानें तक गंवा दी | यदि लॉकडाउन का यही सिलसिला जारी रहा और लोगों के धंधे-पानी बंद रहे तो निश्चित तौर पर लोग महामारी से कम और भुखमरी से ज्यादा मरेंगे |
लॉकडाउन का जनकल्याणकारी विकल्प
अत: हम इस निष्कर्ष पर पहुँच सकते हैं कि इस महामारी के दौर ने हमें आईना दिखाया है, दरख़्तों की कीमत बताया है और हमारे मस्तिष्क पटल पर हरे-भरे वनों की अहमियत को पुनः स्थापित करने का बड़ा कारनामा किया है | वास्तव में किसी भी चीज़ की अधिकता नुकसानदेह है | इसलिए लॉकडाउन के स्थान पर कोई दूसरा जनकल्याणकारी विकल्प तलाशना भी शासन के समक्ष एक बहुत बड़ी चुनौती है | वरना लॉकडाउन के फायदे कम और नुकसान ज्यादा देखने को मिलेंगे |- मनव्वर अशरफ़ी
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