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सचिन तेंदुलकर पर निबंध हिंदी में
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सचिन तेंदुलकर का जीवन परिचय
क्रिकेट जगत का भगवान के उपनाम से विख्यात सचिन तेंदुलकर का जन्म 24 अप्रैल, 1973 को मुम्बई के एक मध्यमवर्गीय मराठी ब्राह्मण परिवार में हुआ था | इनका पूरा नाम सचिन रमेश तेंदुलकर है | इनकी आरम्भिक शिक्षा मुम्बई के ही श्रद्धाश्रम विद्या मन्दिर स्कूल में पूरी हुई और यहीं से स्कूल की क्रिकेट टीम में खेलते हुए क्रिकेट की दुनिया का रौशन सितारा बनने तक का सफ़र तय किए | मास्टर ब्लास्टर, रन मशीन, लिटिल चैम्प इत्यादि उपनामों का मालिक तेन्दुलकर ने रिकार्ड रनों का जो पहाड़ खड़ा कर दिया है, वे सारे रिकार्ड भी उनकी छोटी कद के आगे सर झुकाते नज़र आते हैं |क्रिकेट के भगवान तक का सफ़र
सचिन तेन्दुलकर |
सचिन तेंदुलकर ने दाएँ हाथ के बल्लेबाज के तौर पर अपने अन्तर्राष्ट्रीय कैरियर की शुरूआत 15 नवम्बर, 1989 को तथा एक-दिवसीय कैरियर की शुरूआत 18 दिसम्बर, 1989 को पाकिस्तान के ख़िलाफ किया था | तेन्दुलकर ने वर्ष 2003 के क्रिकेट विश्वकप में 673 रन बनाकर किसी भी विश्वकप में ऐसा करने वाले विश्व के पहले बल्लेबाज होने का गौरव हासिल किया और ‘प्लेयर ऑफ द दूर्नामेंट’ चुने गए |
क्रिकेट के कीर्तिमान
24 फरवरी, 2010 का दिन तेंदुलकर के जीवन में वो पल लेकर आया, जिसका इंतज़ार उनके सभी प्रशंसकों को बेसब्री से था | अपने 442वें मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे एक-दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय मैच में 147 गेंदों का सहारा लेकर 25 चौकों और तीन गगनचुम्बी छक्कों की बदौलत नाबाद 200 रन बनाकर वनडे क्रिकेट के इतिहास में पहला दोहरा शतक बनाने की महान उपलब्धि हासिल की | तेन्दुलकर ने टेस्ट क्रिकेट में 51 शतक एवं 68 अर्द्धशतक और एक-दिवसीय क्रिकेट में 49 शतक एवं 96 अर्द्धशतक ठोककर अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 32,000 से भी अधिक रन बनाने बाले वे विश्व के पहले बल्लेबाज हैं | उन्होंने शतकों का शतक बनाकर एक नया और अभूतपूर्व कीर्तिमान स्थापित किया है | साथ ही 200 टेस्ट एवं 463 एक-दिवसीय मैचों के साथ कुल 663 अन्तर्राष्ट्रीय मैच खेलने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज के रूप में स्थापित भी हैं |क्रिकेट से संन्यास
आखिरकार, हमेशा पूरे समर्पण और खेल भावना के साथ खेलने वाले महान बल्लेबाज सचिन तेन्दुलकर ने 23 दिसम्बर, 2012 को एक-दिवसीय क्रिकेट से और 16 नवम्बर, 2013 को वेस्टइण्डीज के विरुद्ध मुम्बई के ‘वानखेड़े स्टेडियम’ में खेला गया टेस्ट मैच के बाद क्रिकेट जगत को अलविदा कह दिया |भारत रत्न पाने वाले पहले खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकर को 4 फरवरी, 2014, तात्कालिन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के द्वारा राष्ट्रपति भवन में देश का सर्वोच्च नागरीक सम्मान ‘भारत रत्न’ से अलंकृत किया गया | 40 वर्ष की आयु में इस सम्मान को हासिल करने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति और प्रथम खिलाड़ी होने का रिकार्ड अपने नाम किया | तत्पश्चात्, भारत रत्न तेन्दुलकर को वर्ष 2012 में राज्यसभा के सदस्य के रूप में नामित भी किया गया |इन सबके अलावा भी सचिन के नाम अनेक उपलब्धियाँ रहीं | वर्ष 1994 में अर्जुन पुरस्कार, वर्ष 1997-98 में ‘राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार’ एवं वर्ष 1999 में ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया गया | वर्ष 1997 में उन्हें ‘विज्डन क्रिकेटर ऑफ द ईयर’ चुना गया | वर्ष 2001 में महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें ‘महाराष्ट्र भूषण अवार्ड’ प्रदान किया | वर्ष 2006 में ‘टाइम’ पत्रिका ने उन्हें एशिया के सर्वकालिक नायकों में से एक माना | वर्ष 2008 में भारत सरकार ने उन्हें ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया | वर्ष 2010 में आई.सी.सी. ने उन्हें ‘क्रिकेटर ऑफ द ईयर’ चुना | वर्ष 2010 में भारतीय वायुसेना ने उन्हें ग्रुप कैप्टन का सम्मान दिया |
ईमानदार खेल भावना
अत: हम इस निष्कर्ष पर पहुँच सकते हैं कि क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले भारत रत्न सचिन तेंदुलकर बेदाग व विवादों से परे अपने एक कामयाब कैरियर के लिए पूरी निष्ठा व समर्पण के साथ हमेशा प्रतिबद्ध रहे | निश्चित ही सचिन तेन्दुलकर अपनी ईमानदार खेल भावना से असंख्य युवाओं के दिलों में जगह बना पाए हैं...||- मनव्वर अशरफ़ी
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