नमक का दारोगा कहानी का सारांश प्रश्न उत्तर उद्देश्य

SHARE:

नमक का दारोगा कहानी का सारांश नमक का दारोगा के प्रश्न उत्तर नमक का दारोगा कहानी की समीक्षा नमक का दारोगा का उद्देश्य namak ka daroga munshi premchand

नमक का दरोगा कहानी मुंशी प्रेमचंद


मक का दारोगा प्रेमचंद नमक का दारोगा के प्रश्न उत्तर नूतन गुंजन नमक का दारोगा कहानी का सारांश नमक का दारोगा कहानी की समीक्षा namak ka daroga namak ka daroga munshi premchand प्रेमचंद premchand ki kahaniya in hindi munshi premchand ki kahaniya in hindi premchand namak ka daroga नमक का दारोगा का उद्देश्य नमक का दरोगा कहानी की विशेषताएं

नमक का दरोगा कहानी का सारांश

प्रस्तुत पाठ या कहानी में नमक का दरोगा , प्रेमचंद जी के द्वारा लिखित है ⃒ इस कहानी में रिश्वतखोर और भ्रष्टाचारी लोगों की ऐसी सोच उजागर की गई है, जैसे यह कोई अपराध न होकर उपलब्धि हो ⃒ एक-दूसरे को देखकर सद्गुणों को अपनाने के स्थान पर दुर्गुणों को ही जीवन का आधार माना जाने लगा है ⃒ समाज में कुछ ऐसे भी सदाचारी व्यक्ति हैं, जो किसी भी कीमत पर अपने कर्तव्य और धर्म पर डटे रहने को तैयार हैं और ऐसे पारखी भी हैं जो इन अमूल्य रत्नों की खोज में रहते हैं ⃒ जब नमक का नया विभाग बना और ईश्वरप्रदत्त वस्तु के व्यवहार करने का निषेध हो गया तो लोग चोरी-छिपे इसका व्यापार करने लगे ⃒ अनेक प्रकार के छल-प्रपंचों का सूत्रपात हुआ, कोई घूस से काम निकालता था, तो कोई चालाकी से, अधिकारियों के पौ-बारह थे ⃒ बंशीधर रोजगार की खोज में निकले ⃒ उनके पिता एक अनुभवी पुरुष थे, समझाने लगे कि – बेटा, घर की दुर्दशा देख रहे हो, ऋण के बोझ से दबे हुए हैं, लडकियाँ विवाह योग्य हो गई हैं, नौकरी में ओहदे की ओर ध्यान मत देना, ऐसा कान ढूँढना जहाँ कुछ ऊपरी आय हो, मासिक वेतन तो पूर्णमासी का चाँद है जो एक दिन दिखाई देता है और घटते-घटते लुप्त हो जता है, ऊपरी आय बहता हुआ स्रोत है जिससे सदैव प्यास बुझती है ⃒ बाद में बंशीधर नमक विभाग के दारोगा पद पर प्रतीष्ठित हो गए ⃒ वेतन अच्छा और ऊपरी आय का तो ठिकाना ही न था ⃒ वृद्ध मुंशी जी को सुख-संवाद मिला तो फूले न समाए ⃒ 

रात का समय और जाड़े के दिन थे ⃒ नमक के सिपाही, चौकीदार सभी नींद लेने में मस्त थे ⃒ मुंशी बंशीधर ने सिर्फ छ महीने के वक़्त में ही अपनी कार्यकुशलता और उत्तम व्यवहार से अफसरों को मोहित कर लिया था ⃒ सभी उनपर बहुत विश्वास करने लगे थे ⃒ नमक के दफ़्तर से एक मील पूर्व की ओर जमुना बहती थी, उसपर नावों का एक पुल बना हुआ था ⃒ दरोगा जी सो रहे थे, तभी अचानक आँख खुली तो नदी के प्रवाह की जगह गाड़ियों की गड़गड़ाहट तथा मल्लाहों का कोलाहल सुनाई दिया ⃒ दरोगा जी को कुछ गोलमाल होने का संकेत महसूस हुआ ⃒ दरोगा जी ने अपनी वर्दी पहनी, तमंचा पास रखा और घोड़े पर सवार होकर पुल पर आ पहुँचे ⃒ जब गाड़ियों की एक लंबी कतार जाती देखी तो उसने पूछा – किसकी गाड़ियाँ हैं ? जवाब में पता चला कि वे गाड़ियाँ पंडित अलोपीदीन की है, जो इस इलाके के सबसे प्रतिष्ठित ज़मींदार थे ⃒ लाखों रूपए का लेन-देन करते थे ⃒ जब दरोगा जी ने घोड़े को एक गाड़ी
नमक का दारोगा कहानी सारांश उद्देश्य प्रश्न उत्तर समीक्षा
से सटाकर बोरे को टटोला तो पता चला उनमें नमक के ढेले थे ⃒ जब पंडित अलोपीदीन तक बात पहुँची तो तो उसने बड़ी निश्चिंतता से पान के बीड़े लगाकर खाए, फिर लिहाफ़ ओढ़े हुए दारोगा के पास आकर बोले – बाबू जी आशीर्वाद ! कहिए, हमसे ऐसा कौन-सा अपराध हुआ कि गाड़ियाँ रोक दी गई ⃒ दरोगा की बात सुनकर बंशीधर रुखाई से बोले – सरकारी हुक्म ! तत्पश्चात अलोपीदीन ने हंसकर बोला – हम सरकारी हुक्म को नहीं जानते और न ही सरकार को, हमारे सरकार तो आप ही हैं ⃒ आपने तो व्यर्थ ही कष्ट उठाया ⃒ यह हो नहीं सकता कि इधर से जाएँ और आपको भेंट न चढ़ाएं ⃒ मैं तो आपकी सेवा में स्वयं ही आ रहा था ⃒लेकिन पंडित अलोपीदीन की बातों का बंशीधर पर कुछ असर न पड़ा ⃒ उन्होंने अपनी ईमानदारी को जिंदा रखा और जमादार बद्लुसिंह को हुक्म दिया कि वह पंडित अलोपीदीन को हिरासत में ले ले ⃒ पंडित अलोपीदीन ने बंशीधर को ख़ूब प्रलोभन देने का प्रयास किया, परन्तु उसकी बातों का बंशीधर पर कोई असर नहीं पड़ा ⃒ बंशीधर ने अपने जमादार को ललकारा ⃒ जमादार बद्लुसिंह ने पंडित अलोपिदीन की ओर बढ़ा ⃒ पंडित जी घबराकर दो-तीन कदम पीछे हटे ⃒ दरोगा को संबोधित करते हुए अत्यंत दीनता से बोले – बाबू साहब, ईश्वर के लिए मुझपर दया कीजिए, मैं पच्चीस हजार पर निपटारा करने को तैयार हूँ ⃒ दरोगा जी ने उस प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया और बोले – ‘चालीस लाख पर भी असंभव है ⃒ बद्लुसिंह इस आदमी को अभी हिरासत में ले लो, अब मैं एक शब्द भी नहीं सुनना चाहता’ ⃒ धर्म ने धन को पैरों तले कुचल डाला ⃒ अलोपिदीन ने एक हिष्ट-पुष्ट मनुष्य को हथकड़ियाँ लिए हुए अपनी तरफ़ आते देखा ⃒ चारों ओर निराशा और कातर दृष्टि से देखने लगे ⃒ इसके बाद मूर्छित (बेहोश) होकर गिर पड़े ⃒ 

दूसरे दिन पंडित अलोपिदीन अभियुक्त होकर कांस्टेबलों के साथ, हाथों में हथकड़ियाँ, हृदय में ग्लानी और क्षोभभरे, लज्जा से गर्दन झुकाए, अदालत की तरफ़ चले तो सारे शहर में हलचल मच गई ⃒ सभी लोग विस्मित हो रहे थे, इसलिए नहीं कि अलोपिदीन ने क्यों यह कर्म किया बल्कि इसलिए कि वे क़ानून के पंजे में कैसे आए ⃒ ऐसा मनुष्य जिसके पास अगाध धन हो, वह क्यों कानून के पंजे में आए ! न्याय के मैदान में धर्म और धन में युद्ध ठन गया ⃒ बंशीधर चुपचाप खड़े थे, उनके पास सत्य के सिवा कोई बल न था, न स्पष्ट भाषण के अतिरिक्त कोई शस्त्र ⃒ अदालत की कार्यवाही जल्द ही समाप्त हो गई ⃒ मजिस्ट्रेट ने पंडित अलोपिदीन के विरुद्ध दिए गए प्रमाण को निर्मूल और भ्रमात्मक करार दिया ⃒ अर्थात् गलत ठहराया तथा पंडित अलोपिदीन को दोषमुक्त कर दिया ⃒ वकीलों ने यह फैसला सुना तो उछल पड़े ⃒ पंडित अलोपिदीन मुस्कुराते हुए बाहर निकले ⃒ जब बंशीधर बाहर निकले तो चरों तरफ़ से उनके ऊपर व्यंग्यबाणों की वर्षा होने लगी ⃒ आज उन्हें संसार का एक खेदजनक विचित्र अनुभव हुआ ⃒ न्याय और विद्वता, लंबी-चौड़ी उपाधियाँ, बड़ी-बड़ी दाढ़ियाँ और ढीले चोगे – एक भी सच्चे आदर के पात्र नहीं हैं ⃒ बंशीधर को पंडित अलोपिदीन से उलझने का मूल्य भी चुकाना पड़ा ⃒ उन्हें निलंबित कर दिया गया ⃒ 

जब मुंशी बंशीधर अपने घर पहुँचे तो उनके बूढ़े पिताजी ने मुअत्तली (निलंबन) का समाचार सुना तो सीर पीट लिया ⃒ बोले – ‘जी चाहता है कि तुम्हारा और अपन सिर फोड़ लूँ’ ⃒ साथ ही साथ वृद्धा माता को भी दुःख हुआ ⃒ तीर्थयात्रा की कामना मिट्टी में मिल गई ⃒ एक सप्ताह बीतने के बाद, एक रोज जब बूढ़े मुंशी जी बैठे राम-नाम की माला जप रहे थे, तो उसी समय पंडित अलोपिदीन अपने रथ पर सवार होकर उनके द्वारा पर पहुँचे, जिन्हें देखकर मुंशी जी अगवानी को दौड़े ⃒ कहने लगे – ‘हमारा भाग्य उदय हुआ जो आपके चरण इस द्वारा पर आए, आप हमारे पूज्य देवता हैं, आपको कौन सा मुँह दिखावें, क्या करें, लड़का अभागा कपूत है, नहीं तो आपसे क्यों मुँह छिपाना पड़ता ! ईश्वर नि:संतान चाहे रखे पर ऐसी संतान न दे’ ⃒ पंडित अलोपिदीन ने कहा – नहीं भाई साहब, ऐसा न कहिए ⃒ पंडित जी बंशीधर को संबोधित करते हुए कहा – दरोगा जी, इसे खुशामद न समझिए ⃒ खुशामद करने के लिए मुझे इतना कष्ट उठाने की ज़रूरत न थी ⃒ उस रात को आपने अपने अधिकार बल से मुझे अपनी हिरासत में लिया था, किन्तु आज मैं स्वेच्छा से आपकी हिरासत में आया हूँ ⃒ मैंने सबको अपना और अपने धन का गुलाम बनाकर छोड़ दिया, किन्तु मुझे कोई परास्त किया तो सिर्फ आपने ⃒ मुझे आज्ञा दीजिए कि आपसे कुछ विनती कर सकूँ ⃒ तत्पश्चात बंशीधर शरमाते हुए बोले – ‘यह आपकी उदारता है जो ऐसा कहते हैं ⃒ मुझसे जो कुछ अविनय हुई है, उसे क्षमा कीजिए ⃒ मैं धर्म की बेड़ी में जकड़ा हुआ था, नहीं तो वैसे मैं आपका दास हूँ ⃒ जो आज्ञा होगी, वह मेरे सिर-माथे पर’ ⃒  पंडित अलोपिदीन ने एक स्टाम्प लगा हुआ पत्र निकाला और उसे बंशीधर के सामने रखकर बोले – इस पद को स्वीकार कीजिए और अपने हस्ताक्षर कर दीजिए ⃒ जब तक यह काम पूरा न कीजिएगा, द्वारा से न हटूँगा ⃒ 

जब मुंशी बंशीधर ने उस कागज़ को पढ़ा तो आँखों में आँसू भर आए ⃒ पंडित अलोपिदीन ने उनको अपनी जायदाद का स्थाई मैनेजर नियुक्त किया था ⃒ छह हजार वार्षिक वेतन के अतिरिक्त रोजाना खर्च अलग, सवारी के लिए घोड़ा, रहने को बंगला, नौकर-चाकर मुफ्त ⃒ मुंशी ही कंपित स्वर में बोले – पंडित जी, मुझमें इतनी सामर्थ्य नहीं है कि आपकी उदारता की प्रशंसा कर सकूँ ⃒ किन्तु ऐसे उच्च पद के मैं योग्य नहीं हूँ ⃒ अलोपिदीन ने अपनी कलम निकाली और वंशीधर के हाथ में देकर बोले – ‘न मुझे विद्वत्ता की चाह है, न अनुभव की, न कार्यकुशलता की ⃒ इन गुणों का परिचय ख़ूब पा चुका हूँ ⃒ अब सौभाग्य और सुअवसर ने मुझे वह मोती दे दिया है, जिसके सामने योग्यता और विद्वत्ता की चमक फीकी पड़ जाती है ⃒ यह कलम लीजिए, अधिक सोच-विचार न कीजिए, हस्ताक्षर कर दीजिए ⃒ मेरी ईश्वर से यही प्रार्थना है कि आपको सदैव वही नदी के किनारेवाला बेमुरौवत, उद्दंड, कठोर परन्तु धर्मनिष्ठ दारोगा बनाए रखे’ ⃒ पंडित जी बातें सुनकर वंशीधर की आँखें भर आई ⃒ वे एक बार फिर पंडित जी की ओर भक्ति और श्रद्धा की दृष्टि से देखने लगे और कांपते हुए हाथ से मैनेजरी के कागज़ पर हस्ताक्षर कर दिए... ⃒ ⃒ 


नमक का दरोगा कहानी का उद्देश्य सन्देश 

नमक का दरोगा कहानी मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी है। प्रस्तुत कहानी में  रिश्वतखोर और भ्रष्टाचारी लोगों की ऐसी सोच उजागर की गई है, जैसे यह कोई अपराध न होकर उपलब्धि हो ⃒ एक-दूसरे को देखकर सद्गुणों को अपनाने के स्थान पर दुर्गुणों को ही जीवन का आधार माना जाने लगा है ⃒ समाज में कुछ ऐसे भी सदाचारी व्यक्ति हैं, जो किसी भी कीमत पर अपने कर्तव्य और धर्म पर डटे रहने को तैयार हैं और ऐसे पारखी भी हैं जो इन अमूल्य रत्नों की खोज में रहते हैं ⃒ 


नमक का दारोगा कहानी के प्रश्न उत्तर


प्रश्न-1 – नमक का व्यापार चोरी-छिपे क्यों होने लगा ? 

उत्तर- नमक के व्यापार पर सरकार की ओर से प्रतिबन्ध लगा दिया गया था ⃒ कर देकर नमक को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना पड़ता था ⃒ इसलिए नमक का व्यापार चोरी-छिपे होने लगा ⃒ 

प्रश्न-2 – पिता ने पुत्र को क्या शिक्षा दी ? 

उत्तर- पिता ने पुत्र को शिक्षा देते हुए कहा कि नौकरी में ओहदे का कोई ध्यान न रखना, ऐसी नौकरी पाने की कोशिश करना, जिसमें ऊपरी आमदनी हो ⃒ इसके पीछे पिता का तर्क था कि वेतन तो महीने में एक बार मिलता है, पर रिश्वत की आमदनी हर रोज होती रहती है ⃒ 

प्रश्न-3 – पंडित अलोपीदीन ने किस गुण के कारण वंशीधर को अपना स्थाई मैनेजर बना लिया ? 

उत्तर- वंशीधर एक ईमानदार व्यक्ति होने के साथ-साथ कर्तव्यनिष्ठ और परिश्रमी व्यक्ति भी था, जो सदैव कानून का साथ देता था तथा उसे किसी भी मूल्य (रिश्वत) पर खरीदना नामुमकिन था ⃒ इन्हीं गुणों के कारण पंडित अलोपीदीन ने वंशीधर को अपना स्थाई मैनेजर बना लिया ⃒ 

प्रश्न-4 – लोग नमक विभाग के दारोगा पद के लिए क्यों ललचाते थे ? 

उत्तर- नमक विभाग के दारोगा पद पर रिश्वत के रूप में ऊपरी कमाई होने का लालच था लोगों के मन में, इसलिए लोग नमक विभाग के दारोगा पद के लिए ललचाते थे ⃒ 

प्रश्न-5 – न्यायालय में मुंशी वंशीधर को कैसे अनुभव हुए ? 

उत्तर- न्यायालय में मुंशी वंशीधर को एहसास होने लगा था कि न्याय उनसे दूर चला जा रहा है ⃒ उन्हें न्याय और विद्वत्ता, लंबी-चौड़ी उपाधियाँ, बड़ी-बड़ी दाढ़ियाँ और ढीले चोगे एक भी सच्चे आदर के पात्र नहीं लगे ⃒ ख़ुद के प्रति निरादर का व्यवहार मुंशी वंशीधर को बहुत लज्जित किया ⃒ 

प्रश्न-6 – हाँ / नहीं में उत्तर दीजिए – 

उत्तर-  निम्नलिखित उत्तर हैं - 
वंशीधर नमक विभाग के दारोगा पद पर प्रतिष्ठित हो गए ⃒ हाँ 
पंडित अलोपीदीन इलाके के अत्याचारी ज़मींदार थे ⃒ नहीं 
वंशीधर पर ईमानदारी की नई उमंग थी ⃒ हाँ 
धन ने धर्म को पैरों तले कुचल डाला ⃒ नहीं 
अलोपीदीन ने वंशीधर को स्थाई मैनेजर नियुक्त किया था ⃒ हाँ 

भाषा से 
प्रश्न-7 – समानार्थक शब्द लिखिए – 

उत्तर- निम्नलिखित उत्तर हैं - 
उत्तम – श्रेष्ठ
ऋण – क़र्ज़ 
आचार – व्यवहार 
स्तंभित – हैरान 
कठोर – सख्त 
वेतन – तनख्वाह 
वैर – दुश्मनी 
हस्ताक्षर – दस्तख़त 

प्रश्न-8 – नीचे दिए गए अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए – 

उत्तर- निम्नलिखित उत्तर हैं - 
बड़ों की आज्ञा माननेवाला – आज्ञाकारी 
जो इस लोक का न हो – अलौकिक 
धर्म को माननेवाला – धार्मिक 
जो कभी संभव न हो – असंभव 
त्याग करनेवाला – त्यागी 
जिसे कोई हिला न सके – अडिग 

प्रश्न-9 – दिए गए सामासिक शब्दों का समास-विग्रह कीजिए – 

उत्तर- निम्नलिखित उत्तर हैं - 
देवदुर्लभ – देवों में दुर्लभ 
कर्तव्यपरायण – कर्तव्य में परायण 
धर्मनिष्ठ – धर्म में निष्ठा
विचारहीनता – विचारों की हीनता 
धर्मपरायण – धर्म में परायण 
हथकड़ी – हाथ की कड़ी 

प्रश्न-10 – दिए गए शब्दों में संधि कीजिए – 

उत्तर- निम्नलिखित उत्तर हैं - 
यदि + अपि – यद्यपि 
अति + अधिक – अत्यधिक 
अति + आचार – अत्याचार 
इति + आदि – इत्यादि 
अति + उत्तम – अत्युत्तम 
उपरि + उक्त – उपर्युक्त 

प्रश्न-11 – वाक्यों को मुहावरों के उचित प्रयोग से पूरा कीजिए – 

उत्तर- निम्नलिखित उत्तर हैं - 
नमन एक आज्ञाकारी पुत्र है, वह अपने पिता की आज्ञा को हमेशा सिर माथे पर रखता है ⃒ 
यदि बेटा गलत कार्य करे तो माता-पिता के मुँह पर कालिख लग जाती है ⃒ 
छात्र की सफलता देखकर शिक्षक फूले न समाता है ⃒ 
व्यापारी को व्यापार से इतना लाभ हुआ कि उसकी तो पौ-बारह हो गई ⃒ 


नमक का दारोगा प्रेमचंद कहानी के शब्दार्थ  

निषेध – मनाही 
सूत्रपात – आरंभ 
घूस – रिश्वत 
पौ-बारह – लाभ ही लाभ होना 
ओहदे – पद 
सुख-संवाद – सुख देने वाला संवाद 
फूले न समाए – प्रसन्न होना 
कानाफूसी – धीरे-धीरे बात करना 
हिरासत – निगरानी, हवालात 
देव-दुर्लभ – देवताओं को भी न मिलने वाला 
अलौकिक – जो इस लोक में न मिले 
अविचलित – बिना हिले, स्थिर 
अगाध – गहरा, घना 
विस्मित – हैरान 
तजवीज़ – निर्णय, सुझाव 
मुअत्तली – निलंबित 
दंडवत – डंडे की तरह पृथ्वी पर लेटकर किया जानेवाला प्रणाम 
बेमुरौवत – लिहाज़ न करनेवाला 
आँखें डबडबाना – आँखों में आँसू आना 
संकुचित – छोटा सा, सिकुड़ा हुआ।

COMMENTS

Leave a Reply
नाम

अंग्रेज़ी हिन्दी शब्दकोश,3,अकबर इलाहाबादी,11,अकबर बीरबल के किस्से,62,अज्ञेय,37,अटल बिहारी वाजपेयी,1,अदम गोंडवी,3,अनंतमूर्ति,3,अनौपचारिक पत्र,16,अन्तोन चेख़व,2,अमीर खुसरो,7,अमृत राय,1,अमृतलाल नागर,1,अमृता प्रीतम,5,अयोध्यासिंह उपाध्याय "हरिऔध",7,अली सरदार जाफ़री,3,अष्टछाप,4,असगर वज़ाहत,11,आनंदमठ,4,आरती,11,आर्थिक लेख,8,आषाढ़ का एक दिन,22,इक़बाल,2,इब्ने इंशा,27,इस्मत चुगताई,3,उपेन्द्रनाथ अश्क,1,उर्दू साहित्‍य,179,उर्दू हिंदी शब्दकोश,1,उषा प्रियंवदा,5,एकांकी संचय,7,औपचारिक पत्र,32,कक्षा 10 हिन्दी स्पर्श भाग 2,17,कबीर के दोहे,19,कबीर के पद,1,कबीरदास,19,कमलेश्वर,7,कविता,1478,कहानी लेखन हिंदी,17,कहानी सुनो,2,काका हाथरसी,4,कामायनी,6,काव्य मंजरी,11,काव्यशास्त्र,40,काशीनाथ सिंह,1,कुंज वीथि,12,कुँवर नारायण,1,कुबेरनाथ राय,2,कुर्रतुल-ऐन-हैदर,1,कृष्णा सोबती,3,केदारनाथ अग्रवाल,4,केशवदास,6,कैफ़ी आज़मी,4,क्षेत्रपाल शर्मा,52,खलील जिब्रान,3,ग़ज़ल,139,गजानन माधव "मुक्तिबोध",15,गीतांजलि,1,गोदान,7,गोपाल सिंह नेपाली,1,गोपालदास नीरज,10,गोरख पाण्डेय,3,गोरा,2,घनानंद,3,चन्द्रधर शर्मा गुलेरी,6,चमरासुर उपन्यास,7,चाणक्य नीति,5,चित्र शृंखला,1,चुटकुले जोक्स,15,छायावाद,6,जगदीश्वर चतुर्वेदी,17,जयशंकर प्रसाद,35,जातक कथाएँ,10,जीवन परिचय,77,ज़ेन कहानियाँ,2,जैनेन्द्र कुमार,7,जोश मलीहाबादी,2,ज़ौक़,4,तुलसीदास,28,तेलानीराम के किस्से,7,त्रिलोचन,4,दाग़ देहलवी,5,दादी माँ की कहानियाँ,1,दुष्यंत कुमार,7,देव,1,देवी नागरानी,23,धर्मवीर भारती,12,नज़ीर अकबराबादी,3,नव कहानी,2,नवगीत,1,नागार्जुन,25,नाटक,1,निराला,39,निर्मल वर्मा,4,निर्मला,42,नेत्रा देशपाण्डेय,3,पंचतंत्र की कहानियां,42,पत्र लेखन,202,परशुराम की प्रतीक्षा,3,पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र',4,पाण्डेय बेचन शर्मा,1,पुस्तक समीक्षा,141,प्रयोजनमूलक हिंदी,38,प्रेमचंद,50,प्रेमचंद की कहानियाँ,91,प्रेरक कहानी,16,फणीश्वर नाथ रेणु,4,फ़िराक़ गोरखपुरी,9,फ़ैज़ अहमद फ़ैज़,24,बच्चों की कहानियां,88,बदीउज़्ज़माँ,1,बहादुर शाह ज़फ़र,6,बाल कहानियाँ,14,बाल दिवस,3,बालकृष्ण शर्मा 'नवीन',1,बिहारी,8,बैताल पचीसी,2,बोधिसत्व,9,भक्ति साहित्य,143,भगवतीचरण वर्मा,7,भवानीप्रसाद मिश्र,3,भारतीय कहानियाँ,61,भारतीय व्यंग्य चित्रकार,7,भारतीय शिक्षा का इतिहास,3,भारतेन्दु हरिश्चन्द्र,10,भाषा विज्ञान,18,भीष्म साहनी,9,भैरव प्रसाद गुप्त,2,मंगल ज्ञानानुभाव,22,मजरूह सुल्तानपुरी,1,मधुशाला,7,मनोज सिंह,16,मन्नू भंडारी,10,मलिक मुहम्मद जायसी,9,महादेवी वर्मा,20,महावीरप्रसाद द्विवेदी,3,महीप सिंह,1,महेंद्र भटनागर,73,माखनलाल चतुर्वेदी,3,मिर्ज़ा गालिब,39,मीर तक़ी 'मीर',20,मीरा बाई के पद,22,मुल्ला नसरुद्दीन,6,मुहावरे,4,मैथिलीशरण गुप्त,14,मैला आँचल,8,मोहन राकेश,16,यशपाल,19,रंगराज अयंगर,43,रघुवीर सहाय,6,रणजीत कुमार,29,रवीन्द्रनाथ ठाकुर,22,रसखान,11,रांगेय राघव,2,राजकमल चौधरी,1,राजनीतिक लेख,21,राजभाषा हिंदी,66,राजिन्दर सिंह बेदी,1,राजीव कुमार थेपड़ा,4,रामचंद्र शुक्ल,3,रामधारी सिंह दिनकर,25,रामप्रसाद 'बिस्मिल',1,रामविलास शर्मा,9,राही मासूम रजा,8,राहुल सांकृत्यायन,2,रीतिकाल,3,रैदास,4,लघु कथा,125,लोकगीत,1,वरदान,11,विचार मंथन,60,विज्ञान,1,विदेशी कहानियाँ,34,विद्यापति,8,विविध जानकारी,1,विष्णु प्रभाकर,3,वृंदावनलाल वर्मा,1,वैज्ञानिक लेख,8,शमशेर बहादुर सिंह,6,शमोएल अहमद,5,शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय,1,शरद जोशी,3,शिक्षाशास्त्र,6,शिवमंगल सिंह सुमन,6,शुभकामना,1,शेख चिल्ली की कहानी,1,शैक्षणिक लेख,57,शैलेश मटियानी,3,श्यामसुन्दर दास,1,श्रीकांत वर्मा,1,श्रीलाल शुक्ल,4,संयुक्त राष्ट्र संघ,1,संस्मरण,34,सआदत हसन मंटो,10,सतरंगी बातें,33,सन्देश,44,समसामयिक हिंदी लेख,270,समीक्षा,1,सर्वेश्वरदयाल सक्सेना,19,सारा आकाश,22,साहित्य सागर,22,साहित्यिक लेख,87,साहिर लुधियानवी,5,सिंह और सियार,1,सुदर्शन,3,सुदामा पाण्डेय "धूमिल",10,सुभद्राकुमारी चौहान,7,सुमित्रानंदन पन्त,23,सूरदास,16,सूरदास के पद,21,स्त्री विमर्श,11,हजारी प्रसाद द्विवेदी,4,हरिवंशराय बच्चन,28,हरिशंकर परसाई,24,हिंदी कथाकार,12,हिंदी निबंध,437,हिंदी लेख,536,हिंदी व्यंग्य लेख,14,हिंदी समाचार,186,हिंदीकुंज सहयोग,1,हिन्दी,7,हिन्दी टूल,4,हिन्दी आलोचक,7,हिन्दी कहानी,32,हिन्दी गद्यकार,4,हिन्दी दिवस,91,हिन्दी वर्णमाला,3,हिन्दी व्याकरण,45,हिन्दी संख्याएँ,1,हिन्दी साहित्य,9,हिन्दी साहित्य का इतिहास,21,हिन्दीकुंज विडियो,11,aapka-banti-mannu-bhandari,6,aaroh bhag 2,14,astrology,1,Attaullah Khan,2,baccho ke liye hindi kavita,70,Beauty Tips Hindi,3,bhasha-vigyan,1,chitra-varnan-hindi,3,Class 10 Hindi Kritika कृतिका Bhag 2,5,Class 11 Hindi Antral NCERT Solution,3,Class 9 Hindi Kshitij क्षितिज भाग 1,17,Class 9 Hindi Sparsh,15,divya-upanyas-yashpal,5,English Grammar in Hindi,3,formal-letter-in-hindi-format,143,Godan by Premchand,12,hindi ebooks,5,Hindi Ekanki,20,hindi essay,429,hindi grammar,52,Hindi Sahitya Ka Itihas,105,hindi stories,682,hindi-bal-ram-katha,12,hindi-gadya-sahitya,8,hindi-kavita-ki-vyakhya,19,hindi-notes-university-exams,77,ICSE Hindi Gadya Sankalan,11,icse-bhasha-sanchay-8-solutions,18,informal-letter-in-hindi-format,59,jyotish-astrology,23,kavyagat-visheshta,26,Kshitij Bhag 2,10,lok-sabha-in-hindi,18,love-letter-hindi,3,mb,72,motivational books,12,naya raasta icse,9,NCERT Class 10 Hindi Sanchayan संचयन Bhag 2,3,NCERT Class 11 Hindi Aroh आरोह भाग-1,20,ncert class 6 hindi vasant bhag 1,14,NCERT Class 9 Hindi Kritika कृतिका Bhag 1,5,NCERT Hindi Rimjhim Class 2,13,NCERT Rimjhim Class 4,14,ncert rimjhim class 5,19,NCERT Solutions Class 7 Hindi Durva,12,NCERT Solutions Class 8 Hindi Durva,17,NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan वितान भाग 1,3,NCERT Solutions for class 12 Humanities Hindi Antral Bhag 2,4,NCERT Solutions Hindi Class 11 Antra Bhag 1,19,NCERT Vasant Bhag 3 For Class 8,12,NCERT/CBSE Class 9 Hindi book Sanchayan,6,Nootan Gunjan Hindi Pathmala Class 8,18,Notifications,5,nutan-gunjan-hindi-pathmala-6-solutions,17,nutan-gunjan-hindi-pathmala-7-solutions,18,political-science-notes-hindi,1,question paper,19,quizzes,8,raag-darbari-shrilal-shukla,8,Rimjhim Class 3,14,samvad-lekhan-in-hindi,6,Sankshipt Budhcharit,5,Shayari In Hindi,16,skandagupta-natak-jaishankar-prasad,6,sponsored news,10,suraj-ka-satvan-ghoda-dharmveer-bharti,6,Syllabus,7,tamas-upanyas-bhisham-sahni,4,top-classic-hindi-stories,59,UP Board Class 10 Hindi,4,Vasant Bhag - 2 Textbook In Hindi For Class - 7,11,vitaan-hindi-pathmala-8-solutions,16,VITAN BHAG-2,5,vocabulary,19,
ltr
item
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika: नमक का दारोगा कहानी का सारांश प्रश्न उत्तर उद्देश्य
नमक का दारोगा कहानी का सारांश प्रश्न उत्तर उद्देश्य
नमक का दारोगा कहानी का सारांश नमक का दारोगा के प्रश्न उत्तर नमक का दारोगा कहानी की समीक्षा नमक का दारोगा का उद्देश्य namak ka daroga munshi premchand
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiR_CTfss5JIcifQ_Pooq2o9yRplq1VVRyN4HutCGv99v_b4Gz7qBn-zTtpU854K8luXn3LRVzcOyTq6TAsskeKeDk22GeceFkqKc6cul6N06WfPFoN1fOyIMhAQcPLvMIMv-X6HmMwKIMh/s320/namak-ka-daroga-question-answer.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiR_CTfss5JIcifQ_Pooq2o9yRplq1VVRyN4HutCGv99v_b4Gz7qBn-zTtpU854K8luXn3LRVzcOyTq6TAsskeKeDk22GeceFkqKc6cul6N06WfPFoN1fOyIMhAQcPLvMIMv-X6HmMwKIMh/s72-c/namak-ka-daroga-question-answer.jpg
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika
https://www.hindikunj.com/2021/07/namak-ka-daroga-question-answer.html
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/2021/07/namak-ka-daroga-question-answer.html
true
6755820785026826471
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका