समययान पाठ का सारांश प्रश्न उत्तर

SHARE:

Samayyaan Explanation Gunjan Hindi समययान के प्रश्नोत्तर Scientific thinking Zakir Ali Rajnish Question Answer of Samayyan नूतन गुंजन हिन्दी पाठमाला

समययान - ज़ाकिर अली ‘रजनीश’


Samayyaan Explanation Gunjan Hindi Book समययान समययान के प्रश्नोत्तर Scientific thinking Zakir Ali Rajnish ज़ाकिर अली ‘रजनीश’  Question Answer of Samayyaan Jakir Ali Rajnish नूतन गुंजन हिन्दी पाठमाला

समययान पाठ का सारांश

प्रस्तुत पाठ  समययान , लेखक ज़ाकिर अली रजनीश जी के द्वारा लिखित है ⃒ या पाठ समय यात्रा की कल्पना पर आधारित है ⃒ प्रोफेसर यासीन समययान को लेकर इतने रोमांचित हैं कि स्वप्न में 2500 ईसवी की दुनिया की यात्रा भी कर आए ⃒ परन्तु, भविष्य की दुनिया का जो हाल उन्होंने देखा, उसे देखकर उन्हें एहसास हो गया कि वर्तमान की ज़रूरत तो कुछ और ही है ⃒ 
प्रस्तुत पाठ के अनुसार, कंप्यूट्रीकृत हॉलनुमा प्रयोगशाला के एक कोने में दो जोड़ी आँखें लगातार एक स्क्रीन पर जमी हुई थीं ⃒ लगभग आठ फिट व्यास का वह सतरंग ग्लोब अपने गर्भ में अनंत संभावनाएं छिपाए हुए था ⃒ उन्हीं संभावनाओं की तह तक पहुंचने में व्यस्त था सुपर कंप्यूटर ⃒तभी प्रोफेसर यासीन की आवाज़ गूंजी – ‘देखा विजय, हम जीत गए, समय की अबाध गति पर हमारे समययान ने विजय हासिल कर ली, अब हम समय की सीमा को चीरकर किसी भी काल, किसी भी समय में बड़ी आसानी से जा सकते हैं ⃒’ प्रोफेसर के सहायक विजय ने भी अपनी भावनाओं को प्रकट किया – ‘मुबारक हो सर, आज आपकी वर्षों की मेहनत सफल हो गई, आपका यह आविष्कार नि:संदेह मानव कल्याण में उपयोगी सिद्ध होगा’ ⃒ तत्पश्चात् प्रोफेसर यासीन अपने सहयोगी विजय के साथ अपनी यात्रा की तैयारी में व्यस्त हो गए ⃒ एक ऐसी यात्रा, जो वर्तमान से भविष्य की ओर जाती थी ⃒ एक खूबसूरत कल्पना, जो हकीक़त में बदलने जा रही थी और जुड़नेवाला था मानवीय उपलब्धियों के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय ⃒ 

समययान पाठ का सारांश प्रश्न उत्तर
समययान
उस आठ फूटे सतरंगे समययान में जैसे ही प्रोफेसर ने कदम रखा, उनका शरीर रोमांचित हो उठा ⃒ अंदर पहुँचते ही उन्होंने कंप्यूटर को चालू कर दिया ⃒ आहिस्ता से समययान धरती से आधा फिट की ऊँचाई पर उठा ⃒ उसका सतरंगा आवरण तेज़ी से घूमने लगा ⃒ सतरंगी पट्टियाँ धीरे-धीरे मिलकर सफेद हुई और फिर अदृश्य ⃒ पर अंदर सब कुछ स्थिर था ⃒ घूम रहा था तो सिर्फ समयचक्र, बड़ी तेज़ी से आगे के ओर – 2000-2050-2100-2300  ⃒ कंप्यूटर द्वारा पूर्व निर्धारित समयचक्र 2500 ईसवी पर पहुँचकर थम गया ⃒ प्रोफेसर ने कलाई घड़ी पर नज़र दौड़ाई ⃒ शाम के पाँच बजकर पच्चीस मिनट चालीस सेकंड, यानी कि मात्र दस सेकंड में ही 1900 से 2500 की यात्रा संपन्न हो गई थी ⃒ प्रोफेसर ने कंप्यूटर को बंद किया और उत्साह भरे क़दमों से दरवाजे की ओर बढ़ चले ⃒ परन्तु समययान के बाहर का दृश्य देखते ही प्रोफेसर की आँखे फटी की फटी रह गई, वह चुप हो गया ⃒ बाहर सिर्फ रेत ही रेत थी – अंगारों की तरह दहकती हुई रेत ⃒ आगे-पीछे, दाएँ-बाएँ जिधर भी नजर जाती, रेत ही रेत नजर आती ⃒ पेड़-पौधे तो दूर हरी घास का भी कहीं कोई नामो-निशान तक नहीं ⃒ प्रोफेसर यासीन आज भी दिल्ली के करोल बाग़ शहर में ही खड़े थे, परन्तु यह करोलबाग 1900 का न होकर 2500 ईसवी का था और इन दोनों के बीच जीवन और मृत्यु जितना ही फासला था ⃒ जीवन के समस्त लक्षणों से रहित धरती अपनी बर्बादी की तस्वीर चलचित्र के समान ब्यान कर रही थी ⃒ पर इस महाविनाश का जिम्मेदार कौन है – प्रकृति या स्वयं मनुष्य ? इस सवाल का जवाब खोज पाने में पूर्णतः अक्षम थे प्रोफेसर यासीन ⃒ तभी अचानक उन्हें एक चमकती हुई चीज़ सामने नज़र आई ⃒ वह वस्तु उड़नतश्तरी की भांति आसमान से उतरी और धूल के बवंडर को चीरते हुई धरती में समा गई ⃒ आशा और जीवन की मिली-जुली इस छोटी सी किरण ने प्रोफेसर यासीन का उत्साह वापस ला दिया ⃒ वे तेजी से उस स्थान की ओर चल पड़े ⃒ लक्ष्य पर टिकी निगाहें अचानक बीच में उभर आई पारदर्शी काँच की दीवार देख नहीं पाई और प्रोफेसर उससे टकरा गए ⃒ अत्यधिक श्रम से थक चुका उनका शरीर अनियंत्रित होकर जमीन पर गिर पड़ा ⃒ तभी प्रोफेसर को एहसास हुआ कि धरती की वह सतह जिसपर वे गिरे हैं, किसी धातु की बनी है ⃒ 

अचानक एम्बुलेंस जैसे आवाज़ वातावरण में गूंजने लगी ⃒ प्रोफेसर यासीन काँच के पारदर्शी केबिन में घिर चुके थे ⃒ सूर्य की तपन के कारण बाहर लपटें सी उठती हुई प्रतीत हो रही थीं ⃒ उन्हें लपटों के बीच दूर खड़ा था समययान, जिसे प्रोफेसर बेबस निगाहों से देखे जा रहे थे ⃒ तभी केबिन में चारों ओर से लाल प्रकाश फूटने लगा तथा देखते-ही-देखते प्रोफेसर स्वयं को एक जेलनुमा पिंजरे के अंदर पाया ⃒ अचानक पिंजरे के बाहर एक आदमकद रोबोट प्रकट हुआ ⃒ उसने प्रोफेसर की ओर अपनी ऊँगली से इशारा किया ⃒ लाल प्रकाश की एक तेज़ धार प्रोफेसर पर पड़ी और वे पुनः किसी अन्य स्थान के लिए ट्रांसमिट कर दिए गए ⃒ देखने में वह स्थान किसी न्यायालय के समान ही प्रतीत हो रहा था ⃒ सामने एक ऊँची कुर्सी पर जज, अगल-बगल वकील, पीछे दर्शक और मुलजिम के कटघरे में खड़े स्वयं प्रोफेसर यासीन थे ⃒ प्रोफेसर हैरान थे कि वहाँ उपस्थित सभी व्यक्ति धुप की तरह पीली चमड़ीवाले थे ⃒ उनके बाल भूरे तथा आँखें नीली थीं ⃒ यह बदलाव शायद वातावरणीय परिवर्तन का ही परिणाम था ⃒ 

जब वकील के सामने प्रोफेसर ख़ुद को मेहमान कहा तो वकील उस पर गरज उठा – ‘आप लोगों ने तो अपने वंशजों के लिए जीते जी कब्र तैयार कर दी, आज हम लोग उन्हीं कब्रों में जीने के लिए मजबूर हैं, क्या यही है आपकी दोस्ती का तोहफ़ा ?’ आगे पुनः वकील बोलता है – ‘आप इस समय जिस आदालत में खड़े हैं, वह जमीन से दस फीट नीचे की सतह पर बनी हुई है ⃒ प्रदूषण, ऑक्सीजन की कमी और सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से बचने के लिए इसके सिवा हमारे पास कोई चारा नहीं था ⃒ आज पृथ्वी पर वृक्षों का नामोनिशान मिट चुका है, ओजोन की छतरी विलीन हो चुकी है, समुद्रों का जलस्तर बेतहाशा बढ़ गया है और आँधी-तूफ़ान तो धरती की ऊपरी सतह पर मानो रोज की बात है ⃒ ये सब पर्यावरण से छेड़छाड़ और वृक्षों के विनाश का परिणाम है ⃒ आज हम लोग न ज्यादा हंस सकते हैं और न ज्यादा बोल सकते हैं ⃒ कृत्रिम ऑक्सीजन के सहारे हम जिंदा हैं, पर एक मशीन बनकर रह रहे हैं ⃒ हमारी इस ज़िंदगी के ज़िम्मेदार आप हैं ⃒ आप अपराधी हैं, अपराधी ! आपको सजा मिलनी ही चाहिए, सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए ⃒’  इसके बाद जज की गंभीर आवाज़ हॉल में गूँज उठी – ‘मानवीय अधिकारों की रक्षक यह अदालत मुलजिम को अपराधी मानते हुए उसे सजा-ए-मौत का हुक्म सुनाती है ⃒’ वकील की बात या इल्जाम और जज के फैसले से प्रोफेसर का मन अपराध बोध से भर गया ⃒ 

शरीर को अणुओं-परमाणुओं के रूप में विघटित कर देनेवाले भावी विस्फोट के बारे में सोचकर ही प्रोफेसर के मुँह से भय मिश्रित चीख निकल गई ⃒ भय के कारण उनकी आँखें अपने आप ही बंद हो गई थीं ⃒ किन्तु, जब उनकी आँख खुली, तो न ही वहाँ अंतरिक्ष था और न ही ब्लैकहोल ⃒ प्रोफेसर अपनी प्रयोगशाला में आरामकुर्सी अपर बैठे थे ⃒ वहीं बैठे-बैठे वे सपने देख रहे थे ⃒ पास में ही समययान खड़ा था, जो कि अपने आरंभिक चरण में था ⃒ जब विजय ने प्रोफेसर से समयचक्र की रूपरेखा तैयार होने की बात कही तो उसके जवाब में प्रोफेसर ने बोला – अभी हमें समयचक्र नहीं, बल्कि अपने समय को देखना है ⃒ अन्यथा सारा संसार जीते जी कब्र में दफ़न हो जाएगा... ⃒ ⃒ 


समययान के प्रश्नोत्तर 


प्रश्न-1 – प्रोफेसर यासीन की प्रसन्नता का क्या कारण था ? 

उत्तर- समययान के निर्माण की कामयाबी प्रोफेसर यासीन की प्रसन्नता का कारण था ⃒ 

प्रश्न-2 – समययान के बाहर का दृश्य देखते ही प्रोफेसर अवाक क्यों रह गए ? 

उत्तर- समययान के बाहर का दृश्य देखते ही प्रोफेसर की आँखे फटी की फटी रह गई, वह चुप हो गया ⃒ बाहर सिर्फ रेत ही रेत थी – अंगारों की तरह दहकती हुई रेत ⃒ आगे-पीछे, दाएँ-बाएँ जिधर भी नजर जाती, रेत ही रेत नजर आती ⃒ पेड़-पौधे तो दूर हरी घास का भी कहीं कोई नामो-निशान तक नहीं ⃒ 

प्रश्न-3 – वकील ने पर्यावरण से छेड़छाड़ के क्या परिणाम गिनाए ? 

उत्तर- वकील ने बताया कि पृथ्वी पर वृक्षों का नामोनिशान मिट चुका है, ओजोन की छतरी विलीन हो चुकी है, समुद्रों का जलस्तर बेतहाशा बढ़ गया है और आँधी-तूफ़ान तो धरती की ऊपरी सतह पर मानो रोज की बात है ⃒ ये सब पर्यावरण से छेड़छाड़ और वृक्षों के विनाश का परिणाम है ⃒ 

प्रश्न-4 – आप लोगों ने तो अपने वंशजों के लिए जीते-जी कब्र तैयार कर दी – वकील ने ऐसा क्यों कहा ? 

उत्तर- ‘आप लोगों ने तो अपने वंशजों के लिए जीते जी कब्र तैयार कर दी’ – वकील ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि प्रोफेसर यासीन के समय के लोगों ने पर्यावरण को अत्यधिक नुकसान पहुँचाया था, वकील प्रोफेसर को संबोधित करते हुए कहता है कि आप इस समय जिस आदालत में खड़े हैं, वह जमीन से दस फीट नीचे की सतह पर बनी हुई है ⃒ प्रदूषण, ऑक्सीजन की कमी और सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से बचने के लिए इसके सिवा हमारे पास कोई चारा नहीं था ⃒ 

प्रश्न-5 – इस स्वप्न ने प्रोफेसर यासीन को क्या अहसास कराया ? 

उत्तर- इस स्वप्न ने प्रोफेसर यासीन को एहसास कराया कि अभी हमें समयचक्र नहीं, बल्कि अपने समय को देखना है ⃒ अन्यथा सारा संसार जीते जी कब्र में दफ़न हो जाएगा ⃒ 
 
प्रश्न-6 – यह पाठ हमें क्या सन्देश देता है ? 

उत्तर- यह पाठ हमें वर्तमान जीवन शैली के प्रति सचेत करता है तथा प्राकृतिक धरोहरों के प्रति ज़िम्मेदार होने का संदेश देता है ⃒ साथ ही पर्यावरण के उत्तरदायित्यों का सकारात्मक भाव हमारे अंदर भरता है ⃒ 

प्रश्न-7 – सही उत्तर पर √ लगाइए – 

उत्तर- निम्नलिखित उत्तर है - 

इस कहानी में किस समय की कल्पना की गई है ? (2500 ईसवी) 
प्रोफेसर साहब दौड़ते हुए किससे टकरा गए ? (काँच की पारदर्शी दीवार से) 
न्यायालय में मौजूद व्यक्तियों की क्या विशेषता थी ? (उनकी त्वचा धूप की तरह पीली थी) 
प्रोफेसर को क्या सजा सुनाई गई ? (मृत्यु देने की) 
अंत में प्रोफेसर को समझ आ गया कि – (हमें अपने समय को देखना है) √


भाषा से 
प्रश्न-8 – इन शब्दों के हिंदी पर्याय लिखिए – 

उत्तर-  निम्नलिखित उत्तर है - 
हकीकत – वास्तविकता 
ज़िम्मेदार – उत्तरदायी  
पैगाम – संदेश 
फ़ासला – दूरी 
जवाब – उत्तर 
हैरान – आश्चर्यचकित 

प्रश्न-9 – समश्रुत भिन्नार्थक शब्दों के अर्थ लिखिए – 

उत्तर- निम्नलिखित उत्तर है - 
अक्षय – जिसका क्षय न हो
अक्षम – असमर्थ 
कलई – असलियत की बात या वस्तु  
कलाई – हाथ का वह हिस्सा जहाँ चूड़ियाँ, कड़े पहने जाते हैं 
नियंत्रण – काबू में करना या नियम में बांधकर रखना   
निमंत्रण – किसी को दावत या बुलावा भेजना या देना 
ग्रह – खगोलीय पिंड 
गृह – घर, भवन 

प्रश्न-10 – सही मुहावरे चुनकर वाक्य पूरे कीजिए – 

उत्तर- निम्नलिखित उत्तर है - 
युद्ध आरंभ होते ही सैनिक शत्रुओं पर टूट पड़े ⃒ 
परीक्षा समाप्त हो जाने पर छात्र घोड़े बेचकर सो गए ⃒ 
सूर्यास्त के समय देखते-ही-देखते सूर्य आँखों से ओझल होने गया ⃒ 
उस धोखेबाज़ का तो मेरे सामने नाम न लो ⃒ 
डूबता हुआ व्यक्ति दोनों हाथ उठाकर गला फाड़कर चिल्लाने लगा ⃒ 



समययान पाठ के शब्दार्थ 

कंप्यूट्रीकृत – कंप्यूटर से सजी 
हॉलनुमा – हॉल के आकार की 
अन्तर्निहित – अपने अंदर स्थित 
तह – जड़, मूल कारण 
अबाध – बिना रुके 
निस्तब्धता – ख़ामोशी 
तार-तार कर दी – धज्जियाँ उड़ा दीं 
लगाम लगाना – नियंत्रण करना 
स्वर्णिम – सुनहरा 
स्वनिर्मित – ख़ुद बनाई हुई 
आहिस्ता से – धीरे से 
आवरण – परदा 
अवाक – चुप 
बल पड़ गए – शिकन पड़ना 
आँखें फटी के फटी रह गई – खुली रह गई 
नामो-निशान तक नहीं – कोई चिह्न न होना 
फेस मास्क – मुखौटा 
क्षितिज – जहाँ धरती और आकाश मिलते हुए दिखाई देते हैं 
बवंडर – अंधड़ 
वंशजों – वंश में उत्पन्न हुए 
मुलजिम – जिसपर कोई इल्जाम हो 
पैगाम – संदेश 
विलीन – गायब 
समकालीन – एक ही समय के 
प्रतिवाद – विरोध 
संज्ञा शून्य हो गया – कोई ज्ञान न होना 
संवृत – पूर्ण 
विघटित – तोड़ देना  .

COMMENTS

Leave a Reply
नाम

अंग्रेज़ी हिन्दी शब्दकोश,3,अकबर इलाहाबादी,11,अकबर बीरबल के किस्से,62,अज्ञेय,37,अटल बिहारी वाजपेयी,1,अदम गोंडवी,3,अनंतमूर्ति,3,अनौपचारिक पत्र,16,अन्तोन चेख़व,2,अमीर खुसरो,7,अमृत राय,1,अमृतलाल नागर,1,अमृता प्रीतम,5,अयोध्यासिंह उपाध्याय "हरिऔध",7,अली सरदार जाफ़री,3,अष्टछाप,4,असगर वज़ाहत,11,आनंदमठ,4,आरती,11,आर्थिक लेख,8,आषाढ़ का एक दिन,22,इक़बाल,2,इब्ने इंशा,27,इस्मत चुगताई,3,उपेन्द्रनाथ अश्क,1,उर्दू साहित्‍य,179,उर्दू हिंदी शब्दकोश,1,उषा प्रियंवदा,5,एकांकी संचय,7,औपचारिक पत्र,32,कक्षा 10 हिन्दी स्पर्श भाग 2,17,कबीर के दोहे,19,कबीर के पद,1,कबीरदास,19,कमलेश्वर,7,कविता,1474,कहानी लेखन हिंदी,17,कहानी सुनो,2,काका हाथरसी,4,कामायनी,6,काव्य मंजरी,11,काव्यशास्त्र,38,काशीनाथ सिंह,1,कुंज वीथि,12,कुँवर नारायण,1,कुबेरनाथ राय,2,कुर्रतुल-ऐन-हैदर,1,कृष्णा सोबती,2,केदारनाथ अग्रवाल,4,केशवदास,6,कैफ़ी आज़मी,4,क्षेत्रपाल शर्मा,52,खलील जिब्रान,3,ग़ज़ल,139,गजानन माधव "मुक्तिबोध",15,गीतांजलि,1,गोदान,7,गोपाल सिंह नेपाली,1,गोपालदास नीरज,10,गोरख पाण्डेय,3,गोरा,2,घनानंद,3,चन्द्रधर शर्मा गुलेरी,6,चमरासुर उपन्यास,7,चाणक्य नीति,5,चित्र शृंखला,1,चुटकुले जोक्स,15,छायावाद,6,जगदीश्वर चतुर्वेदी,17,जयशंकर प्रसाद,35,जातक कथाएँ,10,जीवन परिचय,76,ज़ेन कहानियाँ,2,जैनेन्द्र कुमार,6,जोश मलीहाबादी,2,ज़ौक़,4,तुलसीदास,28,तेलानीराम के किस्से,7,त्रिलोचन,4,दाग़ देहलवी,5,दादी माँ की कहानियाँ,1,दुष्यंत कुमार,7,देव,1,देवी नागरानी,23,धर्मवीर भारती,10,नज़ीर अकबराबादी,3,नव कहानी,2,नवगीत,1,नागार्जुन,25,नाटक,1,निराला,39,निर्मल वर्मा,4,निर्मला,42,नेत्रा देशपाण्डेय,3,पंचतंत्र की कहानियां,42,पत्र लेखन,202,परशुराम की प्रतीक्षा,3,पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र',4,पाण्डेय बेचन शर्मा,1,पुस्तक समीक्षा,139,प्रयोजनमूलक हिंदी,38,प्रेमचंद,47,प्रेमचंद की कहानियाँ,91,प्रेरक कहानी,16,फणीश्वर नाथ रेणु,4,फ़िराक़ गोरखपुरी,9,फ़ैज़ अहमद फ़ैज़,24,बच्चों की कहानियां,88,बदीउज़्ज़माँ,1,बहादुर शाह ज़फ़र,6,बाल कहानियाँ,14,बाल दिवस,3,बालकृष्ण शर्मा 'नवीन',1,बिहारी,8,बैताल पचीसी,2,बोधिसत्व,9,भक्ति साहित्य,143,भगवतीचरण वर्मा,7,भवानीप्रसाद मिश्र,3,भारतीय कहानियाँ,61,भारतीय व्यंग्य चित्रकार,7,भारतीय शिक्षा का इतिहास,3,भारतेन्दु हरिश्चन्द्र,10,भाषा विज्ञान,17,भीष्म साहनी,8,भैरव प्रसाद गुप्त,2,मंगल ज्ञानानुभाव,22,मजरूह सुल्तानपुरी,1,मधुशाला,7,मनोज सिंह,16,मन्नू भंडारी,10,मलिक मुहम्मद जायसी,9,महादेवी वर्मा,20,महावीरप्रसाद द्विवेदी,3,महीप सिंह,1,महेंद्र भटनागर,73,माखनलाल चतुर्वेदी,3,मिर्ज़ा गालिब,39,मीर तक़ी 'मीर',20,मीरा बाई के पद,22,मुल्ला नसरुद्दीन,6,मुहावरे,4,मैथिलीशरण गुप्त,14,मैला आँचल,8,मोहन राकेश,15,यशपाल,15,रंगराज अयंगर,43,रघुवीर सहाय,6,रणजीत कुमार,29,रवीन्द्रनाथ ठाकुर,22,रसखान,11,रांगेय राघव,2,राजकमल चौधरी,1,राजनीतिक लेख,21,राजभाषा हिंदी,66,राजिन्दर सिंह बेदी,1,राजीव कुमार थेपड़ा,4,रामचंद्र शुक्ल,3,रामधारी सिंह दिनकर,25,रामप्रसाद 'बिस्मिल',1,रामविलास शर्मा,9,राही मासूम रजा,8,राहुल सांकृत्यायन,2,रीतिकाल,3,रैदास,4,लघु कथा,124,लोकगीत,1,वरदान,11,विचार मंथन,60,विज्ञान,1,विदेशी कहानियाँ,34,विद्यापति,8,विविध जानकारी,1,विष्णु प्रभाकर,2,वृंदावनलाल वर्मा,1,वैज्ञानिक लेख,8,शमशेर बहादुर सिंह,6,शमोएल अहमद,5,शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय,1,शरद जोशी,3,शिक्षाशास्त्र,6,शिवमंगल सिंह सुमन,6,शुभकामना,1,शेख चिल्ली की कहानी,1,शैक्षणिक लेख,57,शैलेश मटियानी,2,श्यामसुन्दर दास,1,श्रीकांत वर्मा,1,श्रीलाल शुक्ल,4,संयुक्त राष्ट्र संघ,1,संस्मरण,33,सआदत हसन मंटो,10,सतरंगी बातें,33,सन्देश,44,समसामयिक हिंदी लेख,269,समीक्षा,1,सर्वेश्वरदयाल सक्सेना,19,सारा आकाश,20,साहित्य सागर,22,साहित्यिक लेख,86,साहिर लुधियानवी,5,सिंह और सियार,1,सुदर्शन,3,सुदामा पाण्डेय "धूमिल",10,सुभद्राकुमारी चौहान,7,सुमित्रानंदन पन्त,23,सूरदास,16,सूरदास के पद,21,स्त्री विमर्श,11,हजारी प्रसाद द्विवेदी,4,हरिवंशराय बच्चन,28,हरिशंकर परसाई,24,हिंदी कथाकार,12,हिंदी निबंध,431,हिंदी लेख,531,हिंदी व्यंग्य लेख,14,हिंदी समाचार,182,हिंदीकुंज सहयोग,1,हिन्दी,7,हिन्दी टूल,4,हिन्दी आलोचक,7,हिन्दी कहानी,32,हिन्दी गद्यकार,4,हिन्दी दिवस,91,हिन्दी वर्णमाला,3,हिन्दी व्याकरण,45,हिन्दी संख्याएँ,1,हिन्दी साहित्य,9,हिन्दी साहित्य का इतिहास,21,हिन्दीकुंज विडियो,11,aapka-banti-mannu-bhandari,6,aaroh bhag 2,14,astrology,1,Attaullah Khan,2,baccho ke liye hindi kavita,70,Beauty Tips Hindi,3,bhasha-vigyan,1,chitra-varnan-hindi,3,Class 10 Hindi Kritika कृतिका Bhag 2,5,Class 11 Hindi Antral NCERT Solution,3,Class 9 Hindi Kshitij क्षितिज भाग 1,17,Class 9 Hindi Sparsh,15,English Grammar in Hindi,3,formal-letter-in-hindi-format,143,Godan by Premchand,11,hindi ebooks,5,Hindi Ekanki,20,hindi essay,423,hindi grammar,52,Hindi Sahitya Ka Itihas,105,hindi stories,679,hindi-bal-ram-katha,12,hindi-gadya-sahitya,8,hindi-kavita-ki-vyakhya,19,hindi-notes-university-exams,67,ICSE Hindi Gadya Sankalan,11,icse-bhasha-sanchay-8-solutions,18,informal-letter-in-hindi-format,59,jyotish-astrology,22,kavyagat-visheshta,25,Kshitij Bhag 2,10,lok-sabha-in-hindi,18,love-letter-hindi,3,mb,72,motivational books,11,naya raasta icse,9,NCERT Class 10 Hindi Sanchayan संचयन Bhag 2,3,NCERT Class 11 Hindi Aroh आरोह भाग-1,20,ncert class 6 hindi vasant bhag 1,14,NCERT Class 9 Hindi Kritika कृतिका Bhag 1,5,NCERT Hindi Rimjhim Class 2,13,NCERT Rimjhim Class 4,14,ncert rimjhim class 5,19,NCERT Solutions Class 7 Hindi Durva,12,NCERT Solutions Class 8 Hindi Durva,17,NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan वितान भाग 1,3,NCERT Solutions for class 12 Humanities Hindi Antral Bhag 2,4,NCERT Solutions Hindi Class 11 Antra Bhag 1,19,NCERT Vasant Bhag 3 For Class 8,12,NCERT/CBSE Class 9 Hindi book Sanchayan,6,Nootan Gunjan Hindi Pathmala Class 8,18,Notifications,5,nutan-gunjan-hindi-pathmala-6-solutions,17,nutan-gunjan-hindi-pathmala-7-solutions,18,political-science-notes-hindi,1,question paper,19,quizzes,8,raag-darbari-shrilal-shukla,7,Rimjhim Class 3,14,samvad-lekhan-in-hindi,6,Sankshipt Budhcharit,5,Shayari In Hindi,16,skandagupta-natak-jaishankar-prasad,6,sponsored news,10,suraj-ka-satvan-ghoda-dharmveer-bharti,4,Syllabus,7,top-classic-hindi-stories,51,UP Board Class 10 Hindi,4,Vasant Bhag - 2 Textbook In Hindi For Class - 7,11,vitaan-hindi-pathmala-8-solutions,16,VITAN BHAG-2,5,vocabulary,19,
ltr
item
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika: समययान पाठ का सारांश प्रश्न उत्तर
समययान पाठ का सारांश प्रश्न उत्तर
Samayyaan Explanation Gunjan Hindi समययान के प्रश्नोत्तर Scientific thinking Zakir Ali Rajnish Question Answer of Samayyan नूतन गुंजन हिन्दी पाठमाला
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEijKv-Ye4at3GwUELBnBsDCKs5ZyQojOQorFKkulEZdaaJxKPEyQ3am-l2yGYIY7YqmJHc5VTCGOgq7O-IovXXhLQl9u0VX88gqm1bBEC80kpF8lbMXGwIDJLBhBA4Thi4LEqLCSc8WLlCq/s320/samayaan.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEijKv-Ye4at3GwUELBnBsDCKs5ZyQojOQorFKkulEZdaaJxKPEyQ3am-l2yGYIY7YqmJHc5VTCGOgq7O-IovXXhLQl9u0VX88gqm1bBEC80kpF8lbMXGwIDJLBhBA4Thi4LEqLCSc8WLlCq/s72-c/samayaan.jpg
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika
https://www.hindikunj.com/2021/07/samayyaan-explanation-gunjan-hindi-question-answer.html
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/2021/07/samayyaan-explanation-gunjan-hindi-question-answer.html
true
6755820785026826471
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका