सुश्रुत पाठ का सारांश प्रश्न उत्तर Pracheen Chikitsa Padhdhti sushruta question answer Ang pratyaropan सुश्रुत एक महान शल्य चिकित्सक sushrut
सुश्रुत जीवनी पाठ
सुश्रुत ancient indian scientists sushrut sanhita नूतन गुंजन father of surgery in ayurveda indian scientists and their inventions in hindi भारतीय वैज्ञानिक जीवन परिचय एवं उपलब्धियां sushruta an ancient plastic surgeon Who is world's biggest ayurvedic doctor acharya shushrut ji ka jeevan parichay acharya shushrut ji ki jeevani Sushrut Samhita सुश्रुत पाठ के प्रश्नोत्तर Bhasha GyanSarlarth Pracheen Chikitsa Padhdhti sushruta question answer Ang pratyaropan सुश्रुत एक महान शल्य चिकित्सक
सुश्रुत पाठ का सारांश
प्रस्तुत पाठ से ऋषि सुश्रुत के शल्य चिकित्सा और विज्ञान के बारे में जानकारी मिलती है ⃒ भारतीय चिकित्सा तथा विज्ञान का इतिहास अत्यंत प्राचीन है ⃒ प्राचीन काल से ही भारत में जड़ी-बूटियों के गुणों को पहचाना गया तथा उपचार के लिए उनका प्रयोग किया गया ⃒ आजकल शल्य चिकित्सा के नए तरीके तलाशे जा रहे हैं ⃒ इस क्षेत्र में इतनी उन्नति हो चुकी है कि एक व्यक्ति के शरीर का कोई अंग अब दूसरे व्यक्ति के शरीर में लगाया जाना संभव हो गया है ⃒ आज से सैकड़ों वर्ष पूर्व संसार के वर्तमान विकसित कहलाए जानेवाले देशों को भी शल्य चिकित्सा की जानकारी नहीं थी ⃒ उन दिनों ऋषि विश्वामित्र के वंशज सुश्रुत ने शल्य चिकित्सा का ज्ञान संसार को दिया ⃒ शल्य चिकित्सा विज्ञान का इतिहास बहुत पुराना है ⃒ भारत में उस काल में भी वैद्य शल्य चिकित्सा करना जानते थे ⃒ वे जड़ी-बूटियों द्वारा तो रोगों का उपचार करते ही थे, साथ ही युद्ध में घायल हुए सैनिकों की शल्य चिकित्सा भी किया करते थे ⃒ कुचले या ज़ख़्मी अंग को काटकर उपचार किया जाता था ⃒ इसी को शल्य चिकित्सा कहते हैं ⃒
तत्कालीन सामाजिक परिस्थियाँ अलग थीं ⃒ शिकार उस समय जन-जीवन का अंग था ⃒ अतः मानव और पशु शरीर की जानकारी उन्हें सहज ही प्राप्त हो जाती थी ⃒ यही कारण है कि सुश्रुत ने न केवल स्वयं इस क्षेत्र में कुशलता प्राप्त की अपितु दूसरे लोगों को इसका ज्ञान दिया ⃒ ‘सुश्रुत संहिता’ में लगभग एक सौ बीस अध्याय हैं ⃒ इस ग्रन्थ का लेखन प्रश्नोत्तर रूप में किया गया है ⃒ प्रश्न सुश्रुत द्वारा किए गए हैं तथा धन्वंतरि ने उनके समाधान दिए हैं ⃒ कुछ विद्वानों का मत है कि हमारे देश में शल्य चिकित्सा करनेवाले लोगों को धन्वंतरि कहा जाता था, परन्तु संहिता से ज्ञात होता है कि धन्वंतरि काशी के राजा थे ⃒ संहिता में बताया गया है कि एक सफल चिकित्सक के लिए प्रयोग करना बहुत जरुरी है ⃒ सुश्रुत ने लिखा है कि शल्य चिकित्सा के विद्यार्थी को पहले छेद्य-भेद्य – कर्म सीखने चाहिए ⃒ फलों, सब्जियों, तरह-तरह के पुतलों, मरे हुए जानवरों की चीर-फाड़ करके अभ्यास करना चाहिए ⃒ सुश्रुत शव की त्वचा बेधकर अपने विद्यार्थियों को शरीर की मांसपेशियों, हड्डियों तथा भीतरी अंगों का अध्ययन कराते थे ⃒ सुश्रुत का मानना था कि यदि कोई इस तरह का अभ्यास नहीं करेगा तो वह शल्य चिकित्सा नहीं कर पाएगा ⃒ सुश्रुत के अनुसार, कुशल चिकित्सक बनने के लिए पुस्तकीय ज्ञान तथा व्यावहारिक प्रयोग, दोनों आवश्यक हैं ⃒
सुश्रुत ने अपने ग्रन्थ में शल्य चिकित्सा में काम आनेवाले लगभग सौ यंत्रों का वर्णन किया है ⃒ सुश्रुत ने शरीर के विभिन्न अंगों की शल्य चिकित्सा, पट्टियाँ बाँधने और मरहम लगाने की विस्तृत जानकारी दी है ⃒ शल्य चिकित्सा के लिए बारीक़ सूत और रेशम के धागों का प्रयोग किया जाता था ⃒ आधुनिक युग की प्लास्टिक सर्जरी का एक रूप उस काल में भी मिलता है ⃒ ग्रन्थ में घायल सैनिकों के अंगों को फिर से लगाने – प्रत्यारोपण की भी चर्चा है ⃒
सुश्रुत की ख्याति भारत में ही नहीं, दूसरे देशों में भी फैली ⃒ सन 800 ई. में सुश्रुत संहिता का अनुवाद अरबी भाषा में ‘किताब-ए-सुश्रुत’ के नाम से हुआ ⃒ अरब के प्रसिद्ध चिकित्सक ‘टेजिस’ ने अपनी पुस्तकों में सुश्रुत का उल्लेख किया तथा उसे शल्य विज्ञान का आचार्य माना ⃒ यह सत्य है कि सुश्रुत के जीवन के विषय में कोई ठोस जानकारी नहीं मिलती, परन्तु उनका काम निश्चित तौर पर महानता का प्रतीक है ⃒ नि:संदेह, भारतीय शल्य चिकित्सा के इतिहास में सुश्रुत का नाम सदैव आदर से स्मरण किया जाता रहेगा... ⃒ ⃒
सुश्रुत पाठ के प्रश्न उत्तर
प्रश्न-1 – वैज्ञानिक अनुसंधानों से मानव को क्या-क्या लाभ हुए हैं ?
उत्तर- वैज्ञानिक अनुसंधानों से मानव शल्य चिकित्सा द्वारा बड़े-बड़े रोगों पर सफलता पा लिया है तथा अपनी आयु में भी वृद्धि करने में सफल हुआ है ⃒
प्रश्न-2 – ‘सुश्रुत शल्य तंत्र’ की रचना कब हुई ?
उत्तर- छठी शताब्दी ईसा पूर्व में ‘सुश्रुत शल्य तंत्र’ की रचना हुई ⃒
प्रश्न-3 – टेजिस कौन थे ? उन्होंने सुश्रुत के लिए क्या कहा ?
उत्तर- प्रस्तुत पाठ के अनुसार, सुश्रुत अरब के प्रसिद्ध चिकित्सक थे ⃒ उन्होंने अपनी पुस्तकों में सुश्रुत को शल्य विज्ञान का आचार्य कहा है ⃒
प्रश्न-4 – प्राचीन काल में विद्यार्थियों को शल्य चिकित्सा कैसे सिखाई जाती थी ?
उत्तर- प्राचीन काल में विद्यार्थियों को शल्य चिकित्सा छेद्य-भेद्य विधि द्वारा सिखाया जाता था ⃒ उन्हें फलों, सब्जियों, तरह-तरह के पुतलों, मृत जानवरों को चीर-फाड़कर अभ्यास किया जाता था ⃒ शव की त्वचा बेधकर शरीर की मांसपेशियों, हड्डियों तथा भीतरी भागों का अध्ययन कराया जाता था ⃒
प्रश्न-5 – सुश्रुत ने किस ग्रन्थ की रचना की ? इसमें किस प्रकार की चिकित्सा और यंत्रों का वर्णन है ?
उत्तर- सुश्रुत ने ‘सुश्रुत शल्य तंत्र’ की रचना की ⃒ इस ग्रंथ में शल्य चिकित्सा और चिकित्सा यंत्रों का वर्णन किया गया है ⃒ शल्य चिकित्सा के लिए बारीक़ सूत और रेशम के धागों का प्रयोग किया जाता था ⃒ विभिन्न अंगों की शल्य चिकित्सा, पट्टियाँ बाँधने और मरहम लगाने इत्यादि के साथ-साथ अंग-प्रत्यारोपण का भी इसमें वर्णन किया गया है ⃒
प्रश्न-6 – पाठ के आधार पर हाँ / नहीं में उत्तर दीजिए –
उत्तर- निम्नलिखित उत्तर है -
ऋषि विश्वामित्र के वंशज सुश्रुत ने शल्य चिकित्सा का ज्ञान संसार को दिया ⃒ हाँ
भारतीय चिकित्सा प्रणाली में शल्य चिकित्सा का वर्णन नहीं पाया जाता ⃒ नहीं
वैद्य शल्य चिकित्सा करना जानते थे ⃒ हाँ
सुश्रुत शल्यतंत्र ही अंतिम प्रमाणिक ग्रंथ है ⃒ नहीं
शल्य चिकित्सा करनेवालों को धन्वंतरि कहा जाता है ⃒ हाँ
सुश्रुत संहिता में लगभग बीस अध्याय हैं ⃒ नहीं
प्रश्न-7 – पाठ के आधार पर वाक्य पूरे कीजिए –
उत्तर- निम्नलिखित उत्तर है -
...छेद्य-भेद्य विधि... को शल्य चिकित्सा कहते हैं ⃒
युद्ध में घायल हुए सैनिकों की शल्य ...चिकित्सा... करते थे ⃒
शिकार उस समय ...जन-जीवन का अंग... था ⃒
ब्रह्मा ने आयुर्वेद शास्त्र का ज्ञान ...प्रजापति... दिया ⃒
इस ग्रंथ की रचना ...ईसा पूर्व छठी शताब्दी... में हुई ⃒
सुश्रुत की ख्याति भारत में ही नहीं, ...विदेशों... में भी फैली ⃒
सुश्रुत का नाम सदैव ...आदर से स्मरण किया जाता... रहेगा ⃒
भाषा से
प्रश्न-8 – नीचे लिखे शब्दों के विलोम लिखिए –
उत्तर- निम्नलिखित उत्तर है -
नवीन – प्राचीन
आदान – प्रदान
विनाश – निर्माण
रोगी – नीरोग
कठिन – सरल
अंतिम – आरंभिक
आधुनिक – पुरातन
ज्ञान – अज्ञान
प्रश्न-9 – इन शब्दों के अर्थ शब्दकोष से देखकर लिखिए और अंतर जानिए –
उत्तर- निम्नलिखित उत्तर है -
अनुसंधान – नई खोज
परीक्षण – जाँच के माध्यम से परिणाम जानना
रोपण – बोना (पौधा आदि)
प्रत्यारोपण – दोबारा लगाना (मानव अंग)
ज्ञान – जानकारी
विज्ञान – किसी चीज़ की क्रमबद्ध ज्ञान प्राप्त करना
प्रयोग – क्रियात्मक व्यवहार में लाना
उपयोग – इस्तेमाल करना
प्रश्न-10 – निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए –
उत्तर- निम्नलिखित उत्तर है -
चिकित्सा – शल्य चिकित्सा एक प्राचीन कारगार विधि है ⃒
सफल – हर एक व्यक्ति सफल होना चाहता है ⃒
प्राचीन – भारतीय संस्कृति अत्यंत प्राचीन है ⃒
सृष्टि – भारतीय संस्कृति में ब्रह्मा को सृष्टि का रचयिता माना जाता है ⃒
उमंग – मोहन परीक्षा उत्तीर्ण करके उमंग से भर गया ⃒
सुश्रुत पाठ के शब्दार्थ
चिकित्सा – इलाज
शल्य – चीर-फाड़
प्रत्यारोपण – दोबारा अंग बदलकर लगाना
विकसित – जिसका विकास हो चुका हो
वंशज – वंश में उत्पन्न
उपचार – इलाज
तत्कालीन – उस समय का
सहज – आसानी से, सरल
सृष्टि – संसार
रचयिता – रचना करनेवाला
प्रामाणिक – प्रमाण सहित
छेद्य-भेद्य – चीर-फाड़
घातक – नुक्सान पहुँचानेवाला .
विस्तृत – विस्तार से ⃒
COMMENTS