वृत्तचित्रों की दुनिया पाठ के प्रश्नोत्तर Vrittchitron Ki Duniya Explanation गुंजन हिंदी पाठ्यपुस्तक सुरेश उनियाल वृत्तचित्रों की दुनिया पाठ का सारांश
वृत्तचित्रों की दुनिया
वृत्तचित्रों की दुनिया नूतन गुंजन पाठ के प्रश्नोत्तर Vrittchitron Ki Duniya Explanation गुंजन हिंदी पाठ्यपुस्तक सुरेश उनियाल वृत्तचित्रों की दुनिया पाठ का सारांश वृत्तचित्रों की दुनिया गुंजन कक्षा 7 मूल पाठ और सारांश
वृत्तचित्रों की दुनिया पाठ का सारांश
प्रस्तुत पाठ वृत्तचित्रों की दुनिया , लेखक सुरेश उनियाल जी के द्वारा लिखित है ⃒ सामान्य तौर पर देखा जाए तो वृत्तचित्र मूलतः जानकारी प्रेषित करने के लिए बनाए जाते हैं ⃒ देश की उन्नति, वैज्ञानिक प्रगति, बिगड़ते पर्यावरण, वैश्विक गतिविधियों और समस्याओं की जानकारी देने के साथ ही वृत्तचित्र समाज के अनजाने पक्ष सामने लाने का प्रयास करते हैं तथा गलत नीतियों व रीति-रिवाजों के प्रति समाज में चेतना भाव लाने का काम करते हैं ⃒ स्वतंत्रता पश्चात् जन-सूचना का सबसे बड़ा स्रोत बने वृत्तचित्र हमारे गौरवशाली अतीत की भी जानकारी देने का मध्यम हैं ⃒
लेखक के अनुसार, वृत्तचित्र दर्शकों पर विभिन्न प्रकार के दृष्टिकोण के माध्यम से प्रभाव डालते हैं ⃒ समाज में ऐसे अनगिनत अनजाने पक्ष हैं, जिन्हें ये वृत्तचित्र सामने लाने की कोशिश करते हैं ⃒ दर्शक के कानों में चुपके से ऐसा कुछ कह जाते हैं जो उनके जीवन को दूर तक प्रभावित करने में सक्षम होता है ⃒ ऐसा माना जाता है कि दुनिया में जहाँ से कथा फिल्मों का इतिहास शुरू होता है, दरअसल वहीं से वृत्तचित्रों का इतिहास भी शुरू माना जाता है ⃒ फ्रांस में लूमियर बंधुओं ने जो पहली चार फ़िल्में बनाई थीं, उनमें से अगर बगीचे में पानी देनेवाले माली की फ़िल्म को कथाचित्र मानें तो फैक्ट्री से निकलते मजदूरों या प्लेटफार्म पर आती रेलगाड़ी फ़िल्म को वृत्तचित्र की श्रेणी में रखा जा सकता है ⃒ लेकिन उस समय इन्हें तथ्यात्मक फ़िल्में ही कहा जा सकता था ⃒ भारत में ही बनी लघु फिल्मों को पहली बार 1898 में दिखाया गया था ⃒ फ़िल्में थीं – लखनऊ का इमामबाड़ा, हमारा भारतीय साम्राज्य और बम्बई स्टेशन पर रेलगाड़ी का आगमन ⃒ इन फिल्मों को तथ्यात्मक फिल्मों की श्रेणी में रख सकते हैं ⃒ इन फिल्मों का छायांकन एक अंग्रेज़ कैमरामैन ने किया था ⃒ भारत में तथ्यात्मक फिल्मों के जनक हरिश्चंद्र सखाराम भाटवडेकर थे जिन्हें लोग सावे दादा के नाम से भी याद करते हैं ⃒ हालाँकि, सावे दादा को ही भारत का पहला समाचार-चित्र बनाने का श्रेय भी हासिल है ⃒ तब वे नहीं जानते थे कि वे फ़िल्म की एक ऐसी विधा को जन्म दे रहे हैं जो जल्द ही नियमित रूप ले सकती है ⃒ वृत्तचित्रों के शुरुवाती दौर यानी 1920 में बाल गंगाधर तिलक की मृत्यु पर उनकी शवयात्रा और अंतिम संस्कार पर एक समाचार-चित्र बना था तथा इसके बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के खुले अधिवेशन पर भी एक समाचार-चित्र तैयार किया गया ⃒ इस तरह समाचार-चित्रों का सिलसिला शुरू हो गया ⃒ बाद में इसी तरह टाटा के जल विद्युत् संयंत्र के उदघाटन के मौके पर भी एक फ़िल्म बनी थी ⃒ एक फ़िल्म सूर्यग्रहण पर भी बनाई गई थी ⃒
लेखक कहते हैं कि 1930 के दशक में क्वेटा (अब पाकिस्तान में है) में भूकंप आया था ⃒ तब तक फिल्मों में ध्वनि का आगमन हो चुका था ⃒ बंबई की इम्पीरियल फ़िल्म कंपनी ने इसपर एक वृत्तचित्र बनाया और उसके साथ विभिन्न दृश्यों के बारे में बताती कमेंटरी भी जोड़ी गई, जिसके जरिए लोगों से अपील भी की गई कि भूकंप से पीड़ित लोगों को मदद के लिए दान करें ⃒ इसके पश्चात् नियमित रूप से वृत्तचित्र बनने लगे ⃒ आज़ादी के बाद वृत्तचित्र जन-सूचना का सबसे बड़ा माध्यम बना ⃒ इसका प्रभाव अखबार से ज्यादा इसलिए होता था, क्यूंकि जो कुछ हो रहा है, अखबार सिर्फ शब्दों में उसे बताता था, जबकि वृत्तचित्र उसे दर्शकों की आँखों के सामने घटता हुआ दिखाते थे ⃒ दर्शक यह समझता था कि जो कुछ वह देख रहा है, कथा फिल्मों की तरह काल्पनिक या आयोजित नहीं है, बल्कि सचमुच घट रहा है ⃒
वर्तमान में फ़िल्म प्रभाग देश का सबसे बड़ा वृत्तचित्र और समाचार-चित्र निर्माता और वितरक है ⃒ इस समय उसके अभिलेखागार में वृत्तचित्रों, लघु और एनीमेशन फिल्मों के हजारों टाइटल मौजूद हैं ⃒ ये फ़िल्में सामाजिक, सांस्कृतिक महत्व के विषयों से लेकर महत्वपूर्ण राजनितिक घटनाओं पर हैं ⃒ इनमें हमारे गौरवशाली अतीत की बहुत सारी यादें बंद हैं ⃒ फ़िल्म प्रभाग के पास वितरण के लिए कई रास्ते हैं ⃒ इनके द्वारा तैयार किए गए वृत्चितों को देशभर के सिनेमाघर दिखाते हैं ⃒ इन्हें राष्ट्रीय व स्थानीय टेलीविज़न नेटवर्क पर प्रसारित किया जाता है ⃒ ये फ़िल्में विदेशों के वीडियो और टी.वी. नेटवर्क पर प्रदर्शन के लिए भी भेजी जाती हैं... ⃒
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वृत्तचित्रों की दुनिया पाठ के प्रश्न उत्तर
प्रश्न-1 – वृत्तचित्र किसे कहते हैं ?
उत्तर- किसी घटना या कार्य की जानकारी देनेवाला चित्र या लघु फ़िल्मों को वृत्तचित्र कहते हैं ⃒
प्रश्न-2 – भारत में बनी पहली तथ्यात्मक फिल्मों के नाम बताइए ⃒
उत्तर- भारत में बनी पहली तथ्यात्मक फिल्मों के नाम हैं – लखनऊ का इमामबाड़ा, बंबई स्टेशन पर रेलगाड़ी का आगमन, हमारा भारतीय साम्राज्य ⃒
प्रश्न-3 – पहले फिल्मों का संपादन कैसे किया जाता था ?
उत्तर- जब कैमरामैन कोई दृश्य देखते तो उसे शूट कर लेते थे ⃒ बाद में खराब दृश्य हटा देते थे तथा बाकी दृश्यों को जोड़ कर संपादन कर दिया जाता था ⃒
प्रश्न-4 – भारत में नियमित रूप से वृत्तचित्र बनने की शुरुआत कब से हुई ?
उत्तर- 1930 के दशक में क्वेटा (अब पाकिस्तान में है) में भूकंप आया था ⃒ तब तक फिल्मों में ध्वनि का आगमन हो चुका था ⃒ बंबई की इम्पीरियल फ़िल्म कंपनी ने इसपर एक वृत्तचित्र बनाया और उसके साथ विभिन्न दृश्यों के बारे में बताती कमेंटरी भी जोड़ी गई, जिसके जरिए लोगों से अपील भी की गई कि भूकंप से पीड़ित लोगों को मदद के लिए दान करें ⃒ इसके पश्चात् नियमित रूप से वृत्तचित्र बनने लगे ⃒
प्रश्न-5 – वृत्तचित्र का प्रभाव अखबार से ज्यादा था "– कैसे ?
उत्तर- वृत्तचित्र का प्रभाव अखबार से ज्यादा इसलिए होता था, क्यूंकि जो कुछ हो रहा है, अखबार सिर्फ शब्दों में उसे बताता था, जबकि वृत्तचित्र उसे दर्शकों की आँखों के सामने घटता हुआ दिखाते थे ⃒ दर्शक यह समझता था कि जो कुछ वह देख रहा है, कथा फिल्मों की तरह काल्पनिक या आयोजित नहीं है, बल्कि सचमुच घट रहा है ⃒
प्रश्न-6 – पाठ के आधार पर हाँ / नहीं लिखिए –
उत्तर- निम्नलिखित उत्तर है -
• लुमियर बंधुओं की फिल्मों का प्रदर्शन 7 जुलाई, 1896 से होने लगा ⃒ (हाँ)
• सावे दादा को लोग दादा फाल्के के नाम से याद करते हैं ⃒ (नहीं)
• 1930 के दशक में फिल्मों में ध्वनि का आगमन हो चुका था ⃒ (हाँ)
• विदेश मंत्रालय वृत्तचित्रों के निर्माण और वितरण का कार्य करता है ⃒ (नहीं)
• फ़िल्म प्रभाग ने अपनी स्थापना के पहले ही वर्ष में 97 फिल्मों का निर्माण किया ⃒ (हाँ)
• वृत्तचित्र कथा-फिल्मों की तरह काल्पनिक होते हैं ⃒ (नहीं)
• फ़िल्म प्रभाग का कार्य केवल सभी फिल्मों को दूसरी भाषाओं में डब करना है ⃒ (नहीं)
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भाषा से
प्रश्न-7 - नीचे दिए शब्दों के विलोम लिखिए –
उत्तर- निम्नलिखित उत्तर है -
• उन्नति – अवनति
• अतीत – वर्तमान
• पक्ष – विपक्ष
• नियमित – अनियमित
• जीवन – मरण
• काल्पनिक – यथार्थ
• सामाजिक – असामाजिक
• राष्ट्रीय – अंतर्राष्ट्रीय
प्रश्न-8 – इन वाक्यों में आए रंगीन छपे शब्दों के लिंग लिखिए –
उत्तर- निम्नलिखित उत्तर है -
• सावे दादा एक अच्छे छायाकार थे ⃒ (पुल्लिंग)
• फ़िल्में लोगों को जागरूक करती हैं ⃒ (स्त्रीलिंग)
• उस समय संपादन की तकनीक विकसित नहीं थी ⃒ (स्त्रीलिंग)
• क्वेटा में भूकंप आया ⃒ (पुल्लिंग)
• वृत्तचित्र जन-सूचना का सबसे बड़ा माध्यम बना ⃒ (पुल्लिंग)
प्रश्न-9 – नीचे दिए वाक्यों में उचित प्रश्नवाचक शब्द लिखिए ⃒ इनके उत्तर ढूँढिए –
उत्तर- निम्नलिखित उत्तर है -
• जगदीश चन्द्र बसु ...कौन... थे ?
• ताजमहल ...कौन... बनवाया था ?
• चीन की दीवार ...कितनी... लंबी है ?
• नेपाल की राजधानी का नाम ...क्या... है ?
• सुब्रह्मण्य भारती के प्रसिद्ध रचना ...क्या... है ?
• कल्पना चावला का जन्म ...कब... हुआ ?
• भारत का प्रथम राष्ट्रपति ...किसे... बनाया गया ?
प्रश्न-10 – निम्नलिखित में से मूल शब्द और प्रत्यय अलग-अलग लिखए –
उत्तर- निम्नलिखित उत्तर है -
• वैश्विक – विश्व + इक
• प्रभावित – प्रभाव + इत
• राष्ट्रीय – राष्ट्र + ईय
• काल्पनिक – कल्पना + इक
• प्रसारित – प्रसार + इत
• सांस्कृतिक – संस्कृति + इक
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वृत्तचित्रों की दुनिया पाठ के शब्दार्थ
• वृत्तचित्र – किसी घटना या कार्य की जानकारी देनेवाला चित्र
• वैश्विक – पूरी दुनिया से संबंध रखने वाला
• अलबत्ता – बेशक, नि:संदेह
• तथ्यात्मक – प्रमाणों पर आधारित
• छायांकन – छाया चित्रण
• दैनंदिन – दैनिक, रोजमर्रा
• अधिवेशन – जलसा
• अपील – सार्वजनिक प्रार्थना
• वितरक – बाँटनेवाला
• अभिलेखागार – वह स्थान जहाँ सार्वजनिक लेख / आलेख रखे जाते हैं
• टाइटल – शीर्षक ⃒
© मनव्वर अशरफ़ी
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