जीवन जीने की कला सिखाता है योग योगिक सूची में ताजा फल अंकुरित चना मेथी अल्फा भीगे बादाम किशमिश खजूर ताजे फल भी प्रयोग कर सकते हैं दोपहर के खाने में ता
जीवन जीने की कला सिखाता है योग
30 जून को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान द्वारा अधिकृत यूनिवर्सल इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज एबीआई कोड 710 402 केंपस ऑफ यूनिवर्सल हॉस्पिटल अलीगढ़ के द्वारा योग के प्रमोशन हेतु जनपद अलीगढ़ के जिलाधिकारी श्री चंद्र भूषण सिंह को एनआईओएस द्वारा संचालित पैरामेडिकल कोर्सओं के बारे में अवगत कराते हुए उन्हें युवा टीचर ट्रेनिंग की पाठ्यक्रम भेंट करते हुए उनके उत्कृष्ट कार्यों को सर आते हुए स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर इंस्टीट्यूट की मान्यता की भी एक कॉपी प्रदान की गई इस दौरान भारत सरकार के ईएसआई के पूर्व संयुक्त निदेशक श्री क्षेत्रपाल शर्मा जी भी मौजूद रहे इंस्टिट्यूट के कोऑर्डिनेटर डॉ एच एस यादव ने यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भारत सरकार के ईएसआई के पूर्व संयुक्त निदेशक श्री क्षेत्रपाल शर्मा जी ने उक्त अवसर में योग के लाभ से परिचित कराते हुए विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार रखें। उनका कहना है कि योग जीवन की वह कला है जिससे जीवन के सभी पहलुओं का समान अध्ययन करते हुए सामान्य और अच्छा जीवन जिया जा सकता है हमारे पुराने ऋषि मुनि योग के माध्यम से ही अपने आप को स्वस्थ रखा करते थे जिन का निवास प्रकृति के साए में हुआ करता था और भोजन शास्त्र तो मैं डॉक्टर हरी सिंह यादव कोऑर्डिनेटर यूनिवर्सल इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंस अलीगढ़ इस बात को कहता हूं की योग जीवन के हर पहलू को छूता है आज बात करेंगे आपसे योगिता हार की तो योग का हाल मैं सर्वप्रथम सात्विक आहार को उच्च कोटि का हर माना गया है जिसमें ताजे फल शीघ्र पचने वाला भोजन होता है सात्विक आहार में मैं कभी राजसिक अथवा तामसिक आहार को जगह नहीं होती क्योंकि राज शिक आहार ताजा पर भारी होता है यह भोजन इंद्रियों में उत्तेजना पैदा करता है यह कट ऑफ आमली पोषण और तीक्ष्ण तथा उग्र भी होता है ऐसा हाल हमेशा सैनिक खिलाड़ी व्यापारी राजनेता और अधिक दौड़-धूप करने वालों के लिए लाभदायक होता है काम से कहार की बात करूं तो यह बासी रसीद दुर्गंध युक्त अपवित्र की श्रेणी में आता है योग के अनुसार मुख्य भोजन एक या दो छोटे भोजन अच्छे स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त होते हैं मिताहार के अनुसार 50% भोजन 25% पानी 25% खाली यानी आकाश तत्व के रूप में होना चाहिए खाना खाते वक्त विशेष ध्यान रखना होता है उचित स्थान पर बैठे शांतिपूर्ण वातावरण में खाना ले और खाना उस वक्त जब आपका मन पूरी तरह से शांत हो किसी भी तरह का कोई टेंशन ना हो उसके पीछे का सिर्फ इतना है जैसा खाओगे अन्न वैसा मन सात्विक आहार में तांबे के बर्तन में भरा हुआ पानी पी सकते हैं।
योगिक सूची में ताजा फल अंकुरित चना मेथी अल्फा भीगे बादाम किशमिश खजूर ताजे फल भी प्रयोग कर सकते हैं। दोपहर के खाने में ताजा सलाद खीरा गाजर चुकंदर पत्ता गोभी सलाद रोटी सब्जी चटनी का प्रयोग कर सकते हैं और शाम को ताजा नींबू पानी अथवा नारियल का पानी रात को 7:00 और 8:00 के बीच में सब्जी वाला दलिया ले सकते हैं।
योगिक सूची में ताजा फल अंकुरित चना मेथी अल्फा भीगे बादाम किशमिश खजूर ताजे फल भी प्रयोग कर सकते हैं। दोपहर के खाने में ताजा सलाद खीरा गाजर चुकंदर पत्ता गोभी सलाद रोटी सब्जी चटनी का प्रयोग कर सकते हैं और शाम को ताजा नींबू पानी अथवा नारियल का पानी रात को 7:00 और 8:00 के बीच में सब्जी वाला दलिया ले सकते हैं।
प्रातः काल गर्म पानी नींबू मैं शहद मिलाकर ले सकते हैं नाश्ते में चाय कॉफी गर्म दूध पराठा पूरी सब्जी अचार यह सकते हैं दोपहर के खाने में मसालेदार सब्जी अचार पापड़ पूरी पराठा दिवाली रोटी दाल लहसुन का तड़का लगाकर कच्ची प्याज या चावल पुलाव और शाम को चाय समोसा पकोड़ा रात के खाने में पुलाव बिरयानी रोटी पराठा मसालेदार आदि ले सकते हैं।
COMMENTS