कोलकाता पर निबंध मेरा शहर कोलकाता निबंध My City Essay In Hindi My Favourite City Essay In Hindi my favourite city in india my favourite city kolkata
मेरा प्रिय शहर कोलकाता पर निबंध
कोलकाता पर निबंध मेरा शहर कोलकाता निबंध My City Essay In Hindi My Favourite City Essay In Hindi my favourite city in india my favourite city kolkata मेरा प्रिय शहर कोलकाता पर निबंध - कोलकाता महानगरी आज हमारे संसार के आकर्षण की वस्तु बन गयी है परन्तु आज से ढाई सौ वर्ष पहले यह दलदल जंगलों से भरी हुई थी। यहाँ पर कालीघाट ,गोविंदपुर और सूतानटी नाम के तीन छोटे - छोटे गाँव बसे हुए थे। इस नगर का वर्तमान नाम कोलकाता ,कलिकात्ता के आधार पर पड़ा है।
कोलकाता का विकास और नामकरण
कोलकाता पश्चिम बंगाल की राजधानी और एक बड़ा ही विशाल नगर है। इसके पूरब में सर्कुलर रोड ,पश्चिम में हावड़ा जिला ,उत्तर में मरहठों की खायी और दक्षिन में टोलीगंज का पुल है।
कोलकाता में भारत के ही नहीं बल्कि समस्त संसार के अनेक देशों और जातियों के लोग बसे हुए हैं। शायद भारत के और किसी शहर में इतनी अधिक आबादी न होगी। इनमें भी हिन्दुओं की ही संख्या अधिक है ,इसके बाद मुसलमानों की संख्या आती है। इन दोनों के अतिरिक्त जैन ,बौद्ध ,सिख ,पारसी ,ईसाई आदि अनेक धर्मों के मानने वाले भी काफी तादाद में बस गए हैं।
आधुनिक कोलकाता
वृहत्तर कोलकाता में क्षेत्रफल लगभग 80 मील और आबादी प्रायः 1 करोड़ से अधिक होगी। कोलकाता केवल एक बड़ा शहर ही नहीं ,बल्कि एक प्रसिद्ध बंदरगाह भी है। भारत के प्रत्येक भाग से रेल के द्वारा यह सम्बद्ध है। जल मार्ग द्वारा भी कई स्थानों से इसका लगाव है। कोलकाता की तंग गलियों और चौड़ी चौड़ी सड़कों पर बिजली या गैस की बत्ती द्वारा रौशनी का काफी प्रबंध है। रास्ते के दोनों ओर ऊँची - ऊँची आलिशान इमारते मानों आकाश से बातें कर रही हैं। रास्ते की मरमत ,रौशनी ,जल पाखाने की मोरियों और रास्तों की सफाई शहर में रहने वालों की स्वास्थ्य रक्षा आदि का भार कलकत्ता नगर निगम के ऊपर है। यह नए नए रास्तों के बनाने और शहर के विस्तार में पूर्ण सचेष्ट रहता है। ट्राम ,बस ,रिक्सा ,मोटर ,घोड़ागाड़ी और टैक्सी आदि सवारियों के कारण यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक आने जाने की विशेष सुविधा रहती है। लोरी ,बैलगाड़ी और ठेला गाडी आदि की सहायता से माल - असबाब ढ़ोने में आसानी होती है।
कोलकाता के स्मारक एवं दर्शनीय स्थल
कोलकाता में देखने योग्य अनेक स्थान या वस्तुएं हैं जिसने एक बार घूमकर कोलकाता की सैर नहीं की उसका कोलकाता का ज्ञान अधूरा ही रह गया। वास्तव में कालीघाट में माँ काली का मंदिर ,विक्टोरिया मेमोरियल हाल ,विरला तारामंडल ,विरला म्यूजियम ,किला का मैदान राजभवन ,हाईकोर्ट ,जादूघर ,चिड़ियाघर ,इडेन गार्डन ,पारसनाथ का मंदिर ,फोर्ट विलियम का किला ,बड़ा डाकघर ,लेक ,टकसाल ,हावड़ा का पुल ,कोलकाता विश्वविद्यालय ,वेधशाला ,चितरंजन अस्पताल और मनोरंजन स्थल हैं। आमोद - प्रमोद के लिए एक से बढ़कर चित्ताकर्षक और मनोरंजन स्थल हैं। आमोद - प्रमोद के लिए एक से बढ़कर सिनेमा गृह और नाट्य शालाओं में दर्शकों की भीड़ देखते ही बनती हैं। चित्तपुर में मुसलामानों का नाखुदा मस्जिद बहुत प्रसिद्ध है। शहर भर में जल पहुंचाने के लिए टाटा का जल प्रबंध और खिदिरपुर का डग भी देखने योग्य है। कोलकाता में गिरजाघर की भी भरमार है।
सन १६८६ ई. में जॉब चारनाक साहब की पैनी दृष्टि इस स्थान पर जब पड़ी तब से आजतक इसकी उन्नति और विस्तार का कार्य दिन दूना और रात चौगुना बढ़ता गया। व्यवसाय की दृष्टि से इस महानगरी का स्थान बहुत उच्च है। कौन कह सकता है ,भविष्य के गर्भ में क्या है ?
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