आम पर निबंध Essay on Mango in Hindi आम पर निबंध हिंदी में my favourite fruit essay short essay on mango aam par 10 line hindi आम फलों का राजा है स्वाद
आम पर निबंध Essay on Mango in Hindi
आम पर निबंध हिंदी में my favourite fruit essay short essay on mango aam par 10 line hindi mein आम पर निबंध in hindi for class 1 आम पर निबंध in hindi for class 3 आम पर निबंध in hindi for class 4 आम पर निबंध - आम फलों का राजा है। इसे सत्य ही रसाल कहा गया है। इसमें रस खूब होता है। अन्य कोई भी फल इतना मीठा और स्वादिष्ट नहीं होता। आम दो प्रकार के होते हैं - बीजू और कलमी। बीजू आम का वृक्ष बहुत बड़ा होता है। इसका तना खूब मोटा और मजबूत होता है। आम के वृक्ष खूब छायादार होते हैं। पत्तियाँ हरी ,मोटी ,नोकदार होती हैं। कलमी आम के पेड़ अपेक्षाकृत छोटे होते हैं। बीजू आम का फल छोटा होता है ,किन्तु कलमी आम का फल अपेक्षाकृत काफी बड़ा होता है।स्वाद में बीजू आम अधिक मीठा और स्वादिष्ट होता है।
आम के प्रकार और प्राप्ति स्थान
स्वाद और फल के आकार - प्रकार एवं रंग के विचार से आम कई प्रकार के होते हैं। इनमें सिन्दुरिया ,सीताभोग ,मालदह ,गुलाबरस ,फजली ,हिमसागर ,मोहनभोग ,लंगड़ा ,बम्बैया ,दशहरी आदि अधिक प्रसिद्ध है।
बरसात के आरम्भ में आम की गुठली भुरभुरी मिट्टी में बो देने से शीघ्र ही उसमें अंकुर निकल आते हैं। आम के छोटे पौधे को अमोला कहते हैं। अमोला खोदकर दूसरी जगह लगा देने से शीघ्र बढ़ने लगता है। आम के पेड़ की डाली से कलम तैयार की जाती है।
हेमंत ऋतू के आरम्भ में अर्थात माघ मॉस में आम में बौर लगते हैं। भीनी भीनी मधुर गंध से सारा वातावरण गमक उठता है। भौरे गुंजार करने लगते हैं। कोयल आम की डाली पर बैठकर कुहू कुहू बोलती है और कानों में मिश्री सी घोलने लगती है। बसंत ऋतू के आरम्भ में अर्थात चैत में आम के बौर में टिकोरे लगते हैं। टिकोरे से चटनी बनायीं जाती है। चैत के अंत में और बैसाख में टिकोरे बढ़कर पूरा आम बन जाते हैं। वैशाख के अंत और जेठ में आम पकने लगते हैं। आम की फसल आषाढ़ के अंत तक चलता है।
आम प्रधानत: भारतवर्ष का ही फल है किन्तु संसार के अन्य गर्म देशों में भी पाया जाता है। बम्बई ,मद्रास ,उत्तर प्रदेश ,बिहार और पश्चिमी बंगाल आम के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
आम की उपयोगिता
आम स्वास्थ्यवर्धक ,बलवर्धक और अनेक प्रकार से गुणकारी होता है। कच्चे आम की चटनी ,खटाई ,आचार ,अमचूर ,अमझोल आदि कई चीज़ें बनायीं जाती है। चीनी का पाग देकर एक प्रकार का मीठा अचार भी आम से बनता है जो खाने में बड़ा स्वादिष्ट होता है। आम के गुदे या रस को पटरे पर फैलाकर सुखाते हैं। सूख जाने पर यह अमावट कहलाता है। अमावट खाने या दवाओं के काम आता है। कच्चे आम को भूनकर लू लगे हुए व्यक्ति को खिलाने या शरीर पर लेप करने से लू का प्रभाव दूर हो जाता है।
आम की लकड़ी और पत्ते का उपयोग अनेक कामों में किया जाता है। लकड़ी जलाने के काम तो आती ही है ,इसके अतिरिक्त चौकी ,आलमारी ,मेज़ ,कुर्सी ,खिड़की दरवाजे इत्यादि बनाने में विशेष रूप से उपयोग की जाती है। हवन में जलाने के लिए आम की ही लकड़ी उत्तम समझी जाती है। सूखी पत्ती से हवन आदि करते हैं। बंदनवार बनते हैं तथा कलशों पर रखते हैं।
आम का विशेष महत्व
भारत जैसे कृषि प्रधान देश में आम का वृक्ष और बाग़ का विशेष महत्व है। हमारा कर्तव्य है कि आम के वृक्ष की व्यवस्था करें। नए नए बाग़ लगाये एवं पुराने बागों की देखभाल ठीक से करें।
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